Tag: वास्तु
आपके ग्रह निर्धारित करते हैं आजीविका—
आपके ग्रह निर्धारित करते हैं आजीविका----
प्रत्येक मनुष्य की शिक्षा ही आजीविका संसाधन वृद्धि का कारण बनती है। आजीविका के बेहतर संसाधन तभी जुटाए जा सकते हैं, जब आपकी शिक्षा रोजगार परक...
जहां यह रेखा टूटी वहां मौत का खतरा—
जहां यह रेखा टूटी वहां मौत का खतरा-----life_line_in_the_palm1हस्त रेखा का ज्योतिष काफी सटिक रहता है। हाथों की रेखाओं के अध्ययन से किसी भी व्यक्ति के भूत-भविष्य और वर्तमान की जानकारी प्राप्त...
गृह योग और सितारों का रोगों से संबंध-
गृह योग और सितारों का रोगों से संबंध----ग्रह-नक्षत्रों का असर समाज, मनुष्य, प्रकृति पशु-पक्षी तक देखा जा सकता है। जहां आपके जन्मांक में ग्रह स्थिति बेहतर होने से आपको बेहतर फल...
किस्मत और भाग्य—
किस्मत और भाग्य----HAND
किसी ने सत्य ही कहा है कि किस्मत और कुछ नहीं बल्कि कामचोर लोगों का पसंदीदा बहाना है। कुछ लोग होते हैं जो पूरी तरह से भाग्य पर ही...
शनि—-लावण्यता,सौम्यता,हठधर्मिता एवं गंभीरता के प्रतीक
शनि----लावण्यता,सौम्यता,हठधर्मिता एवं गंभीरता के प्रतीक ....
शनि राजा को रंक व रंक को राजा बना सकते हैं। मान्यता है कि सूर्य पुत्र जिस घर को मित्रवत देखते हैं, उसे सुंदर तथा अधिकाधिक...
हस्तरेखा में शनि रेखा का प्रभाव-दुष्प्रभाव—
हस्तरेखा में शनि रेखा का प्रभाव-दुष्प्रभाव---astrology-signs-6आकाश में भ्रमण कर रहे शनि ग्रह की रेखा भी विशिष्ट है। यह बल्यधारी ग्रह अपने नीलाभवर्ण और चतुर्दिक मुद्रिका-कार आभायुक्त बलय के कारण बहुत ही...
शनि अमावस्या शुभ हो—-
शनि अमावस्या शुभ हो---- शनि अमावस्या है तो क्यों न शनिदेव से अपने बुरे कर्मों के लिए माफ़ी मांग लें ---
शनिमंत्र व स्तोत्र सर्वबाधा निवारक वैदिक गायत्री मंत्र---- 'ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरुपायधीमहि,...
शनि वज्र पञ्जर कवच—
शनि वज्र पञ्जर कवच---
विनियोगः- ॐ अस्य श्रीशनैश्चर-कवच-स्तोत्र-मन्त्रस्य कश्यप ऋषिः, अनुष्टुप् छन्द, शनैश्चरो देवता, शीं शक्तिः, शूं कीलकम्, शनैश्चर-प्रीत्यर्थं जपे विनियोगः।।
नीलाम्बरो नीलवपुः किरीटी गृध्रस्थितस्त्रासकरो धनुष्मान्।चतुर्भुजः सूर्यसुतः प्रसन्नः सदा मम स्याद्वरदः प्रशान्तः।।१
ब्रह्मोवाच-
श्रृणुषवमृषयः सर्वे...
अघनाशक गायत्री स्तोत्रम्—
अघनाशक गायत्री स्तोत्रम्---
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
मूल पाठ
अघनाशकगायत्रीस्तोत्रम्
आदिशक्ते जगन्मातर्भक्तानुग्रहकारिणि। सर्वत्र व्यापिकेऽनन्ते श्रीसंध्ये ते नमोऽस्तु ते॥
त्वमेव संध्या गायत्री सावित्रि च सरस्वती। ब्राह्मी च वैष्णवी रौद्री रक्ता...
ASTRO-RESEARCH- HOW DO YOU REACH ORGASM AND HOW OFTEN?–Astrologer Vind Goel
ASTRO-RESEARCH- HOW DO YOU REACH ORGASM AND HOW OFTEN?--Astrologer Vind Goel Aries --Man--Most of his sexual encounters end in orgasm, usually achieved through a combination of foreplay, oral sex, and intercourse.
Aries-- Woman---She...