Tag: -पवन तलहन
आइये जाने *जड़ (मूल) माला द्वारा वास्तु-दोष उपचार –पवन तलहन—
आइये जाने *जड़ (मूल) माला द्वारा वास्तु-दोष उपचार --पवन तलहन---
घर, भवन और उद्योग में दिशाओं में यदि वास्तु-दोष आ जाये तो, हमारे ऋषियों ने दिशाओं के अनुसार उपाय बताये हैं! ---
१--पूर्व में...
आइये जाने कब करें गृह निर्माण-पवन तलहन—–
आइये जाने कब करें गृह निर्माण-पवन तलहन-----
वैशाख "मेष" फाल्गुन, "कुम्भ, श्रवन, "कर्क" पौष "धन" और मार्गशीर्ष "वृश्चिक" इनमें सूत्र का आरम्भ करके सूट से घर की भूमि को मापना शिला का...
***हमारा अंधविश्वास और ज्योतिष!**—सच क्या हे..???? -पवन तलहन
***हमारा अंधविश्वास और ज्योतिष!**---सच क्या हे.. -पवन तलहन????
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क्या ज्योतिष भाग्य को बदल देता है और विधाता के लिखे लिख को बदल देता है!
क्या कोई विधाता के लेख को मिटा सकता है?
क्या कोई गति...
**धी–अथवा— विज्ञान– पवन तलहन ***
*****धी--अथवा--- विज्ञान--पवन तलहन *** ********---------------------------------------------------------
.....................सत्य को जानो.....................
विज्ञान को समझाते हुए अष्टावक्र-गीता में बताया है-----
मोक्षो विषयवैरस्यं बन्धो वैषयिको रस:!
एतावदेव विज्ञानं यथेच्छसि तथा कुरु!!
विषयों में से रस का चला जाना ही मोक्ष है और विषयों...
*लघुरुद्र, महारुद्र और अतिरुद्र तथा उनका ज्ञान-हेतुत्व –पवन तलहन****
*लघुरुद्र, महारुद्र और अतिरुद्र तथा उनका ज्ञान-हेतुत्व --पवन तलहन *****
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रुद्र्पाठके तीन मुख्य प्रभेदों का उल्लेख मेरुतंत्र में पाया जाता है------
रुद्रीभरेकादशभि: लघुरुद्र: प्रकीर्तित:!
अनेन सिक्तं येर्लिंग ते न भास्करम !!
रुद्रैकादशिनी के एक बार...
रुद्राक्ष के वर्ण और धारण में अधिकार, रुद्राक्ष के मुख और धारण विधि—पवन तलहन–
रुद्राक्ष के वर्ण और धारण में अधिकार, रुद्राक्ष के मुख और धारण विधि---पवन तलहन--
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#######जो लोक २७--दानों से कम रुद्राक्ष के दाने धारण करते हैं,
उनको शिव-दोष लगता है!
तथा किसी भी प्रकार का...
**ज्ञान-विद्या जिस से भी मिले ले लो*****पवन तलहन**
****ज्ञान-विद्या जिस से भी मिले ले लो*****पवन तलहन*******
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यदि अपने से हीन वर्ण के पास कोई विद्या हो तो उसे भी श्रद्धालु बनकर सीख लेना चाहिये! किसी चाण्डाल आदि अन्त्यज के पास...
**राहु स्तोत्रम*–पवन तलहन
********राहु स्तोत्रम***--पवन तलहन **
राहुर्दानवमत्री च सिन्हिकाचित्तनंदन!अर्धकाय सदाक्रोधी चन्द्रादित्यविमर्दन!!१!!
रौद्रो रुद्राप्रियो दैत्य स्वर्भानुर्भानुभीतिद!
ग्रहराज:सुधापायी राकातीथ्यामीलाषुक!!२!!
काल दृष्टि: कालरूप: श्रीकंठ हृदयाश्रय:!
विधुंतुद सैहिकेयो घोररूपो महाबला:!!३!!
ग्रहपीड़ाकरो दंद्री रक्तनेत्रो महोदर:!
पञ्चविंशतिनामानि स्मृत्वा राहुं सदा नर:!!४!!
य: पठेन्महती पीड़ा तस्य चश्यती केवलम!
आरोग्यं पुत्रमतुलां...
**कलियुग को शूद्र और स्त्रियों को साधु-साधु क्यों कहा है?*****पवन तलहन—**
**कलियुग को शूद्र और स्त्रियों को साधु-साधु क्यों कहा है?*****पवन तलहन---**
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******कलियुग को शूद्र और स्त्रियों को साधु-साधु क्यों कहा है?*******
गंगा में डुबकी लगाकर ऊपर उठे और शूद्र: साधु: , कलि: साधु:'...