Tag: दयानन्द शास्त्री
D-60 Chart and Moola Dasha– —Nikhil Gupta
D-60 Chart and Moola Dasha-- ---Nikhil Gupta
Moola dasha is the oldest and most accurate tool known to determine the timing of events from shastyamsa chart or D-60 Chart (for all matters).
Before...
”Is Someone Using Black Magic On You ?”
"Is Someone Using Black Magic On You ?"
Due to jealousy, heart burning or some base cause, the Tantriks use cheap tactics to overcome the adversaries, which ruins one's life. Are you...
VAASTU AND ASTROLOGY—-Nikhil Gupta
VAASTU AND ASTROLOGY----Nikhil Gupta
We all know that when lord of first house goes into 8th or in 6th house, it’s bad. Similarly when lord of 4th house placed in 12th or...
उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों के फल—–
उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों के फल-----
भारतवर्ष में अधिकतर ज्योतिषियों तथा ज्योतिष में रूचि रखने वाले लोगों के मन में उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों को लेकर...
नवग्रहों की जानकारी—सभी प्रकार के मंत्र,रत्न और धारण विधि—
नवग्रहों की जानकारी---सभी प्रकार के मंत्र,रत्न और धारण विधि---
नवग्रहों के मूल मंत्र-----
सूर्य : ॐ सूर्याय नम:
चन्द्र : ॐ चन्द्राय नम:
गुरू : ॐ गुरवे नम:
शुक्र : ॐ शुक्राय...
जरुरी सूचना / इन्फोर्मशन/ जानकारी —
जरुरी सूचना / इन्फोर्मशन/ जानकारी ---
आगामी 04 अगस्त ,2011 ( नागपंचमी के सुअवसर पर) मणि ज्योतिष एवं वास्तु अनुसन्धान केंद्र( पंडित शरद त्रिपाठी) द्वारा पित्र दोष और कालसर्प योग/ दोष निवारण...
जाने की वेद क्या है और क्या इसका रहस्य है—-
जाने की वेद क्या है और क्या इसका रहस्य है---
।।ॐ।। वेद 'विद' शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है ज्ञान या जानना, ज्ञाता या जानने वाला; मानना नहीं और न...
लक्ष्मी प्राप्ति हेतु आराधना क्यों, केसे और क्यूँ ????—-
लक्ष्मी प्राप्ति हेतु आराधना क्यों, केसे और क्यूँ ????----
(ऐश्वर्य,वशीकरहण,उच्चाटन,पुत्र प्राप्ति,राजसम्मान,सुख और संपत्ति की प्राप्ति के मार्ग)
हवन केसे और क्यों करें---
नवरात्रों के प्रारम्भ होने से पूर्व अपने सभी मित्रों को बताने का...
मनपंसद संतान-प्राप्ति के योग—
मनपंसद संतान-प्राप्ति के योग----
स्त्री के ऋतु दर्शन के सोलह रात तक ऋतुकाल रहता है,उस समय में ही गर्भ धारण हो सकता है,उसके अन्दर पहली चार रातें निषिद्ध मानी जाती है,कारण दूषित...
ॐकार रूद्राष्ट्क(भावार्थ सहित)—-
ॐकार रूद्राष्ट्क(भावार्थ सहित)----
परम शिव भक्त कागभुशुण्डि ने जब अपने गुरू की अवहेलना की तो वे शिव के क्रोध-भाजन हुए। अपने शिष्य के लिए क्षमादान की अपेक्षा रखने वाले सहृदय गुरू ने...