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संतान और कालसर्प योग—-
संतान और कालसर्प योग----
संतानहीनता दाम्पत्य जीवन का दुःखद पहलू हैं । ज्योतिष शास्त्र में संतान सुख के लिए जातक की जन्म कुण्डली में पंचम भाव, पंचमेश एवं गुरू की स्थिति...
बुध का राशि परिवर्तन–सत्येन्द्र दाधीच—
बुध का राशि परिवर्तन--सत्येन्द्र दाधीच---
ज्योतिष में बुध को वाणी और बुद्धि का स्वामी ग्रह माना जाता है। बुध व्यापार का कारक ग्रह है। बुध के अशुभ प्रभाव के कारण व्यापार में...
श्रावण माह महत्व—–
श्रावण माह महत्व-----
वैसे तो प्रत्येक तिथि, वार, नक्षत्र एवं माह अपना विशेष महत्व रखते हैं किन्तु श्रावण माह का अपना अलग ही महत्व है। इस माह में ग्रहराज सूर्यदेव चन्द्रमा की...
श्रावण मास में शिव पूजन की विधि —-
श्रावण मास में शिव पूजन की विधि ----
भगवान शिव का प्रिय माह श्रावण मास को ध्यान में रखते हुए संक्षिप्त किन्तु पर्याप्त शिव पूजन की विधि निम्न प्रकार पूर्ण की जा...
सावन माह में सोमवार का महत्व—
सावन माह में सोमवार का महत्व----
श्रावण माह में भी सोमवार का विशेष महत्व है। वार प्रवृत्ति के अनुसार सोमवार भी हिमांषु अर्थात चन्द्रमा का ही दिन है। स्थूल रूप में अभिलक्षणा...
दारिद्रयदहन शिवस्तोत्रम्—
दारिद्रयदहन शिवस्तोत्रम्-----
विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय
कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय।
कर्पूरकांतिधवलाय जटाधराय
दारिद्रयदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥1॥
गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय
कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय।
गङ्गाधराय गजराजविमर्दनाय ॥दारिद्रय. ॥2॥
भक्तिप्रियाय भवरोगभयापहाय
उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय।
ज्योतिर्मयाय गुणनामसुनृत्यकाय ॥ दारिद्रय. ॥3॥
चर्माम्बराय शवभस्मविलेपनाय
भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय।
मञ्जीरपादयुगलाय जटाधराय ॥ दारिद्रय. ॥4॥
पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रयमण्डिताय।
आनंतभूमिवरदाय तमोमयाय ॥दारिद्रय. ॥5॥
भानुप्रियाय भवसागरतारणाय
कालान्तकाय...
देवी लक्ष्मी और यंत्र राज”श्रीयंत्र”—
देवी लक्ष्मी और यंत्र राज"श्रीयंत्र"---
लक्ष्मी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं । वो भगवान विष्णु की पत्नी हैं और धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं ।...
अघनाशक गायत्री स्तोत्रम् और गायत्री मन्त्र महिमा (gayatri mantr)—-
अघनाशक गायत्री स्तोत्रम् और गायत्री मन्त्र महिमा (gayatri mantr)----
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
मूल पाठ-----
अघनाशकगायत्रीस्तोत्रम्-----
आदिशक्ते जगन्मातर्भक्तानुग्रहकारिणि। सर्वत्र व्यापिकेऽनन्ते श्रीसंध्ये ते नमोऽस्तु ते॥
त्वमेव संध्या गायत्री सावित्रि च...
सरस्वती प्रार्थना (हिन्दी अनुवाद सहित) —–
सरस्वती प्रार्थना (हिन्दी अनुवाद सहित) -----
माँ सरस्वती हमारे जीवन की जड़ता को दूर करती हैं, सिर्फ हमें उसकी योग्य अर्थ में उपासना करनी चाहिए। सरस्वती का उपासक भोगों का गुलाम नहीं...
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अपराधक्षमापणस्तोत्रं---
ॐ अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत् ।
यां गतिं समवाप्नोति न तां ब्रह्मादयः सुराः ॥ १ ॥
सापराधोऽस्मि शरणं प्राप्तस्त्वां जगदम्बिके ।
इदानीमनुकम्प्योऽहं यथेच्छसि तथा कुरु ॥ २ ॥
अज्ञानाद्विस्मृतेर्भ्रोन्त्या यन्न्यूनमधिकं कृतम् ।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद...