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कृष्ण-मंत्र और उनके प्रयोग—-

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कृष्ण-मंत्र और उनके प्रयोग----- यहां हमने श्रीकृष्ण के विभिन्न मंत्र दिए हैं। ये मंत्र मंत्रों के जाप से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शुभ प्रभाव बढ़ाने व सुख प्रदान करने में ये...

Pitar Dosha and its remedies.( पितृदोष और उसके उपाय)–Vijay Goel

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Pitar Dosha and its remedies.( पितृदोष और उसके उपाय)--Vijay Goel--- मै यहां पर पितृदोष को दूर करने का एक बढिया उपाय बता रहा हूँ,यह एक बार की ही पूजा है,और यह पूजा...

अक्षय तृतीया / Akshaya Tritiya—-

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अक्षय तृतीया / Akshaya Tritiya---- वैशाखी शुक्ल 3 को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) कहते हैं। वृन्दावन में चरण दर्शन इसी दिन होते हैं। अक्षय तृतीया को सामान्यतया अखतीज के नाम से भी...

सोमवती अमावस्या (02-04-2011)/ Somvati Amavasya–

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सोमवती अमावस्या (02-04-2011)/ Somvati Amavasya-- जिस अमावस्या को सोमवार हो उसी दिन इस व्रत का विधान है। प्रत्येक मास एक अमावस्या आती है। और प्रत्येक सात दिन बाद एक सोमवार। परन्तु ऐसा...

।। श्री अमृत-मृत्युञ्जय-मन्त्र प्रयोग ।।

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।। श्री अमृत-मृत्युञ्जय-मन्त्र प्रयोग ।। (रोग एवं अपमृत्यु-निवारक प्रयोग)------किसी प्राचीन शिवालय में जाकर गणेश जी की “ॐ गं गणपतये नमः” मन्त्र से षोडशोपचार पूजन करे । तदनन्तर “ॐ नमः शिवाय” मन्त्र से महा-देव जी की पूजा...

Sarvarishth_Nivaran_Stotra(सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र)—–

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Sarvarishth_Nivaran_Stotra(सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र)------ॐ गं गणपतये नमः । सर्व-विघ्न-विनाशनाय, सर्वारिष्ट निवारणाय, सर्व-सौख्य-प्रदाय, बालानां बुद्धि-प्रदाय, नाना-प्रकार-धन-वाहन-भूमि-प्रदाय, मनोवांछित-फल-प्रदाय रक्षां कुरू कुरू स्वाहा ।।ॐ गुरवे नमः, ॐ श्रीकृष्णाय नमः, ॐ बलभद्राय नमः, ॐ श्रीरामाय नमः,...

अमोघ शिव कवच—

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अमोघ शिव कवच----भगवान् शङ्कर का नाम लेने से ही प्राणियों के सब दुःख दूर हो जाते हैं, फिर उनकी विधिवत् उपासना करने से क्या नहीं हो सकता ! निश्चय ही भगवान्...

क्लीं-बीज का अनुभूत प्रयोग—-

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क्लीं-बीज का अनुभूत प्रयोग---- एक फुट व्यास के गोल सफेद कागज पर पेंसिल से कागज के मध्य में लगभग चार अंगुल ऊँचा “क्लीं” बीजाक्षर लिखें । कागज के खाली भाग में कामनानुसार...

Narayanastram–।। नारायणास्त्रम् ।।

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Narayanastram--।। नारायणास्त्रम् ।। हरिः ॐ नमो भगवते श्रीनारायणाय नमो नारायणाय विश्वमूर्तये नमः श्री पुरुषोत्तमाय पुष्पदृष्टिं प्रत्यक्षं वा परोक्षं अजीर्णं पञ्चविषूचिकां हन हन ऐकाहिकं द्वयाहिकं त्र्याहिकं चातुर्थिकं ज्वरं नाशय नाशय चतुरशितिवातानष्टादशकुष्ठान् अष्टादशक्षय रोगान्...

श्रीसुदर्शन-कवच—

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श्रीसुदर्शन-कवच---‘श्रीसुदर्शन-चक्र’ भगवान् विष्णु का प्रमुख आयुध है, जिसके माहात्म्य की कथाएँ पुराणों में स्थान-स्थान पर दिखाई देती है। ‘मत्स्य-पुराण’ के अनुसार एक दिन दिवाकर भगवान् ने विश्वकर्मा जी से निवेदन किया कि ‘कृपया मेरे...

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