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वास्तु निर्माण से सम्बंधित शास्त्रीय नियम—

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वास्तु निर्माण से सम्बंधित शास्त्रीय नियम--- प्राचीन एवम सर्वमान्य संहिता व वास्तु ग्रंथो में प्रतिपादित कुछ शास्त्रीय वास्तु नियमों का उल्लेख किया जाता है | वास्तु निर्माण में इनका प्रयोग करने पर...

विज्ञान एवं आध्यात्म—

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विज्ञान एवं आध्यात्म--- संसार वास्तव में ईश्वर का आभास हैं और यह आभास इस कारण उत्पन्न होता हैं कि हमने अज्ञानता वश संसार को सत्य समझ लिया हैं जो क्षण भंगुर...

मांगलिक दोष में भ्रान्तियों का निवारण —

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मांगलिक दोष में भ्रान्तियों का निवारण  विवाह के समय वर एवम कन्या की जन्म कुंडली मिलान करते हुए अष्टकूट के साथ -साथ मांगलिक दोष पर भी विचार किया जाता है |परन्तु खेद है कि...

हस्तरेखा–हथेली पढ़ने कि कला..(सामुद्रिक शास्त्र / PALMISTRY)—–

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हस्तरेखा--हथेली पढ़ने कि कला..(सामुद्रिक शास्त्र / PALMISTRY)----- हथेली को पढ़कर लक्षण का वर्णन और भविष्य बताने की कला है जिसे हस्तरेखा अध्ययन या हस्तरेखा शास्त्र भी कहा जाता है. इस कला का...

ज्योतिष और आध्यात्म विज्ञानं का सम्बन्ध—(ज्‍योतिष अर्थात अध्यात्म)

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ज्योतिष और आध्यात्म  विज्ञानं का सम्बन्ध---(ज्‍योतिष अर्थात अध्यात्म) जगत में न मालूम कितनी घ्‍वनियां है जो चारों तरफ हमारे गुजर रही है। भंयकर कोला हाल है—वह पूरा कोलाहल हमें सुनाई नहीं पड़ता,...

चिकित्सकीय ज्योतिषशास्त्र..( MEDICAL ASTROLOGY)–

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चिकित्सकीय ज्योतिषशास्त्र..( MEDICAL ASTROLOGY)---प्राचीन समय में सभी पीयूषपाणि आयुर्वेदीय चिकित्सक ज्योतिषशास्त्र के ज्ञाता होते थे और वे किसी भी गम्भीर रोग की चिकित्सा से पूर्व ज्योतिष के आधार पर रोगी के...

कैसे बनाये ग्रहों को अपने अनुकूल ..????

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 कैसे बनाये ग्रहों को अपने अनुकूल ..????  कहा जाता हैं ’’ ग्रहा धिंन जगत सर्वम ’’ अर्थात प्रत्येक मनुष्य ग्रह के अधीन रहकर कार्य करता हैं और सांसारिक सुख एवं दुखः को...

जन्मपत्रिका आईना हैं आपके जीवन का …!!!!!!!!!!!!

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जन्मपत्रिका आईना हैं आपके जीवन का ...!!!!!!!!!!!! समय एक सा कभी नहीं रहता । ग्रह नक्षत्र बतलते रहते हैं और परिस्थितियां भी । दशाएं अपना प्रभाव दर्शाती हैं तो आकाश में...

मंगल हमेशा अमंगल नहीं करता..!!!

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मंगल हमेशा अमंगल नहीं करता..!!! मंगल एक पापी एंव क्रुर ग्रह हे इसे भुमि पुत्र, कुज आदी नामों से भी पुकारा जाता हे। कुज का अर्थ होता हे कु अर्थात खराब या...

हस्तरेखा में अंगूठे की जानकारी और महत्त्व-

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हस्तरेखा में अंगूठे की जानकारी और महत्त्व- अंगूठे से होती है व्यक्तित्व की पहचान--- अगूठा मानव स्वभाव और उसकी मानसिक भावनाओं के समझने में उतना ही उपयोगी है जितनी मुहँ के लिए नाक। महाभारत...

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