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Tag: पंडित दयानन्द शास्त्री

ज्योतिष और उससे जुड़े भ्रम—-मोनिका जैन

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ज्योतिष और उससे जुड़े भ्रम----मोनिका जैन  ज्योतिष शास्त्र उस विद्या का नाम है जो ब्रह्मांड में विचरने वाले ग्रह - नक्षत्रों की गति, दूरी और स्थिति का गणितीय आधार पर गणना करता...

सुख और दुख—

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--सुख और दुख---- हो सकता है कि मेरे इस लेख में आप को मेरी बातें किताबी बातों की तरह लगें, यह भी हो सकता है कि आप को ऐसा भी लगे कि...

चुनाव जीतने का फ़ार्मूला

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चुनाव जीतने का फ़ार्मूला --- चुनाव को जीतने का तंत्रचुनाव के अन्दर प्रत्याशी बनने और चुनाव को जीतने मे बहुत जद्दोजहद करनी पडती है,कोई धन का बल लेकर चुनाव जीतना चाहता है कोई...

My Blogs & Websites–

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My Blogs & Websites--  1.-http://www.vinayakvaastutimes.mywebdunia.com//;;;;  2.- https://www.vinayakvaastutimes.wordpress.com///;;;     --- 3.- http://www.vinayakvaastutimes.apnimaati.com//;;;;     ---4.- http://www.mediaclubofindia.com/profile/PtDAYANANDASHASTRI ;;;;;///     ---5.--http://www.vinayakvaastutimes.apnimaati.com/..;;     ---6.--http://www.jyoteeshpragya.blogspot.com/...;;;    ---7.---http://www.vinayak.merabhavishya.in/..;;;    ---8.---http://www.vinayakvastutimes.webs.com/...;;;;

” श्री कृष्ण जन्माष्टमी “—

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|| श्री कृष्ण शरणं मम || "जीवन सार्थक करने का पावन पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी " हरे कृष्ण ! हरे कृष्ण ! कृष्ण ! कृष्ण ! हरे हरे ! हरे राम ! हरे...

शाबर मन्त्रों के भावार्थ —-

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शाबर मन्त्रों के भावार्थ ---- ओम वक्रतुण्डाय हूं--- जब स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर हो या लोग आपके बारे में नकारात्मक विचार रखते हों या आप हताश और निराश हों तो इस मंत्र...

आइये जाने वर्तमान में शब्दों के अर्थों को—–

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आइये जाने वर्तमान में शब्दों के अर्थों को-----‎1. वास्तविक आशावादी : ऐसा गंजा जो बाल उगाने वाला वो ही तेल खरीदता है जिसके साथ कंघी फ्री हो. 2.आदर्श शिक्षक :जो स्वंय ना...

आनंद क्या है?

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आनंद क्या है?  सुख तो एक उत्तेजना है और दुख भी। प्रीतिकर उत्तेजना को सुख और अप्रीतिकर को हम दुख कहते हैं। आनंद दोनों से भिन्न है। वह उत्तेजना की नहीं, शांति...

श्री दुर्गासप्तशती में माँ भगवती ने कहा है —

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श्री दुर्गासप्तशती में माँ भगवती ने कहा है --  नन्दगोपगृहेजाता यशोदागर्भसंभवा ततस्तौ नाशयिश्यामि विंध्याचलनिवासिनी  यह महातीर्थ भारत के उन ५१ शक्तिपीठों प्रथम और अंतिम शक्तिपीठ है जो गंगातट पर स्थित है.-----  निशुम्भ शुम्भ गर्जनी, प्रचन्ड...

श्री श्री विन्ध्यनिवासिनी : SHRI SHRI VINDHY NIVAASINI——INFORMATION===

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जय माता की--जय माँ दुर्गा देवी------ --- श्रीश्री विन्ध्यनिवासिनी..... श्री श्री वनदुर्गा हैं दुर्गतिनाशिनी..... श्री श्री विन्ध्यनिवासिनी : SHRI SHRI VINDHY NIVAASINI---- विन्ध्यस्थाम विन्ध्यनिलयाम विंध्यपर्वतवासिनीम योगिनीम योगजननीम चंदिकाम प्रणमामि अहम् VINDHYACHAL IS A SHAKTI-PEETH IN THE DISTRICT MIRZAPUR...

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