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।। श्री अमृत-मृत्युञ्जय-मन्त्र प्रयोग ।।

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।। श्री अमृत-मृत्युञ्जय-मन्त्र प्रयोग ।। (रोग एवं अपमृत्यु-निवारक प्रयोग)------किसी प्राचीन शिवालय में जाकर गणेश जी की “ॐ गं गणपतये नमः” मन्त्र से षोडशोपचार पूजन करे । तदनन्तर “ॐ नमः शिवाय” मन्त्र से महा-देव जी की पूजा...

Sarvarishth_Nivaran_Stotra(सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र)—–

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Sarvarishth_Nivaran_Stotra(सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र)------ॐ गं गणपतये नमः । सर्व-विघ्न-विनाशनाय, सर्वारिष्ट निवारणाय, सर्व-सौख्य-प्रदाय, बालानां बुद्धि-प्रदाय, नाना-प्रकार-धन-वाहन-भूमि-प्रदाय, मनोवांछित-फल-प्रदाय रक्षां कुरू कुरू स्वाहा ।।ॐ गुरवे नमः, ॐ श्रीकृष्णाय नमः, ॐ बलभद्राय नमः, ॐ श्रीरामाय नमः,...

अमोघ शिव कवच—

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अमोघ शिव कवच----भगवान् शङ्कर का नाम लेने से ही प्राणियों के सब दुःख दूर हो जाते हैं, फिर उनकी विधिवत् उपासना करने से क्या नहीं हो सकता ! निश्चय ही भगवान्...

क्लीं-बीज का अनुभूत प्रयोग—-

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क्लीं-बीज का अनुभूत प्रयोग---- एक फुट व्यास के गोल सफेद कागज पर पेंसिल से कागज के मध्य में लगभग चार अंगुल ऊँचा “क्लीं” बीजाक्षर लिखें । कागज के खाली भाग में कामनानुसार...

राशि के अनुसार हो शिव पूजा——

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राशि के अनुसार हो शिव पूजा------ शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी, इसीलिए इस दिन किया गया शिव पूजन, व्रत और उपवास अनंत फल दायी होता...

अक्षय तृतीया व्रतानुष्ठान पर्व—–

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अक्षय तृतीया व्रतानुष्ठान पर्व----यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है । इस तिथि को किया गया दान, स्नान, जप, यज्ञादि शुभ कार्यों का फल अनन्त...

Narayanastram–।। नारायणास्त्रम् ।।

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Narayanastram--।। नारायणास्त्रम् ।। हरिः ॐ नमो भगवते श्रीनारायणाय नमो नारायणाय विश्वमूर्तये नमः श्री पुरुषोत्तमाय पुष्पदृष्टिं प्रत्यक्षं वा परोक्षं अजीर्णं पञ्चविषूचिकां हन हन ऐकाहिकं द्वयाहिकं त्र्याहिकं चातुर्थिकं ज्वरं नाशय नाशय चतुरशितिवातानष्टादशकुष्ठान् अष्टादशक्षय रोगान्...

दश-महा-विद्या-स्तोत्रम्

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दश-महा-विद्या-स्तोत्रम्---- नमस्ते चण्डिके ! चण्डि ! चण्ड-मुण्ड-विनाशिनि । नमस्ते कालिके ! काल-महा-भय-विनाशिनी ! ।।१शिवे ! रक्ष जगद्धात्रि ! प्रसीद हरि-वल्लभे ! प्रणमामि जगद्धात्रीं, जगत्-पालन-कारिणीम् ।।२जगत्-क्षोभ-करीं विद्यां, जगत्-सृष्टि-विधायिनीम् । करालां विकटा घोरां, मुण्ड-माला-विभूषिताम्...

Pati_Stavan–पति-स्तवनम् :::—

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Pati_Stavan--पति-स्तवनम् :::---नमः कान्ताय सद्-भर्त्रे, शिरश्छत्र-स्वरुपिणे ।नमो यावत् सौख्यदाय, सर्व-देव-मयाय च ।।नमो ब्रह्म-स्वरुपाय, सती-सत्योद्-भवाय च ।नमस्याय प्रपूज्याय, हृदाधाराय ते नमः ।।सती-प्राण-स्वरुपाय, सौभाग्य-श्री-प्रदाय च ।पत्नीनां परनानन्द-स्वरुपिणे च ते नमः ।।पतिर्ब्रह्मा पतिर्विष्णुः, पतिरेव महेश्वरः...

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