शुभ फलदायक बुधादित्य योग--फलदायक है बुध-सूर्य युति----- बुध व्यावहारिकता व ज्ञान को दर्शाता है और सूर्य तेज का कारक है। गोचर में सूर्य-बुध साथ-साथ या आगे पीछे ही होते हैं। यदि यह युति शुभ भावों में हो तो व्यक्ति को व्यावहारिक वृत्ति का बनाती है। ऐसे व्यक्ति अपना काम निकालने में चतुर होते हैं, वाकपटु भी होते हैं। इनकी...
ईशान में बना शौचालय हानिकारक-- सकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र में न बनाएँ शौचालय---- शौचालय बनाते वक्त काफी सावधानी रखना चाहिए, नहीं तो ये हमारी सकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देते हैं और हमारे जीवन में शुभता की कमी आने से मन अशांत महसूस करता है। इसमें आर्थिक बाधा का होना, उन्नति में रुकावट आना, घर में रोग घेरे रहना जैसी...
कर्ज चुकाने के आसान उपाय-- वास्तु में फेरबदल कर पाएँ कर्ज से मुक्ति--- कर्ज चुकाने की स्थिति आदमी को अत्यंत दुविधा में डाल देती है। आदमी के मन में रात-दिन सिर्फ उसे चुकाने के लिए मानसिक उद्वेग बने रहते हैं। कुछ परिस्थितियों के कारण कर्ज लेने की स्थिति बन जाती है। न चाहते हुए भी कर्ज खत्म होने का नाम नहीं...
मंगल ही देता है शुभ फल... मंगल से मिलती है आर्थिक संपन्नता---- एक तरफ मंगल जहाँ दाम्पत्य जीवन के लिए सबसे खराब ग्रह कहा गया है। तथा मांगलिक दोष के कारण वैवाहिक जीवन को तहस-नहस करने वाला कहा गया है वहीं पर यह मंगल आर्थिक सम्पन्नता एवं भूमि-भवन, वाहन आदि की समृद्धि को भी दर्शाता है। इसमें कोई संदेह...
आग्नेय में स्थापित करें रसोईघर--- दक्षिण-पूर्व में रखें डाइनिंग टेबल---- रसोईघरः आग्नेय कोण में अथवा पूर्व व आग्नेय के मध्य या फिर पूर्व में रसोईघर स्थापित करें। आग्नेय कोण सर्वश्रेष्ठ है। अगर आपका खाना पकाना आग्नेय कोण में नहीं हो रहा हो, तो चूल्हा या गैस आग्नेय कोण में जरूर रखें। भोजन बनाने वाली का मुँह पूर्व दिशा...
जब मंगल की हो अशुभ दृष्‍टि--साहस में कमी लाता है नीच का मंगल और मंगल ग्रह की औषधियाँ--- जब मंगल की हो अशुभ दृष्‍टि--साहस में कमी लाता है नीच का मंगल-- मंगल ग्रह से साहस, ऊर्जा, शक्ति, गुस्सा, रक्त, पराक्रम, आक्रामक शैली, युद्ध, राजयोग, शत्रु, लाल रंग, हानि, गर्मी, राजसेवा, रोग, प्रसिद्धि, हड्डी, युवावस्था, भाई, वन क्षेत्र, पुलिस-सेना, आई.पी.एस.,...
गणेश पूजन से शांत करें वास्तुदोष --- वास्तु पुरुष की प्रार्थना पर ब्रह्माजी ने वास्तुशास्त्र के नियमों की रचना की थी। इनकी अनदेखी करने पर उपयोगकर्ता की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक हानि होना निश्चित रहता है। वास्तुदेवता की संतुष्टि गणेशजी की आराधना के बिना अकल्पनीय है। गणपतिजी का वंदन कर वास्तुदोषों को शांत किए जाने में किसी प्रकार का...
सुखी जीवन के लिए वास्तु-अनमोल मंत्र ----- - उत्तर दिशा जल तत्व की प्रतीक है। इसके स्वामी कुबेर हैं। यह दिशा स्त्रियों के लिए अशुभ तथा अनिष्टकारी होती है। इस दिशा में घर की स्त्रियों के लिए रहने की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। - उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र अर्थात्‌ ईशान कोण जल का प्रतीक है। इसके अधिपति यम देवता हैं। भवन...
विविध राशियों में स्थित केतु का प्रभाव--कुंडली में मौजूद केतु से जानें फलादेश:::---- प्रत्येक ग्रह परिभ्रमण करते हुए द्वादश राशियों पर विराजमान रहते हैं। मेष से मीन तक। केतु किस राशि पर स्थित है तो क्या प्रभाव देगा, जानिए। मेष : यदि केतु जातक की कुंडली में मेष राशि पर विराजमान है तो भौतिकवादी, धन संग्रह करने वाला, स्वार्थी, लोभी,...
चौघिड़या देखने की सुविधा--- किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त या समय पर प्रारंभ किया जाए तो परिणाम अपेक्षित आने की संभावना ज्यादा प्रबल होती है। यह शुभ समय चौघड़िया में देखकर प्राप्त किया जाता है। यहां हमने चौघिड़या देखने की सुविधा उपलब्ध कराई है। दिन का चोघडिया -- से तक ...