भोजन द्वारा करें अपने ग्रहों को बलवान--
नवग्रहों को STRONG करता है इस तरह का खाना लेकिन जिन लोगों के ग्रह नीच के हो वह उस ग्रह के दिन उस चीज का सेवन ना करें तो बेहतर होगा
सूर्य- रवि की अनुकूलता के लिए व्यक्ति को अपने आहार में केसर, गेहूं, आम सहजन की फली, चिकने पदार्थ तथा शहद का उपयोग...
समझें विष योग - चांडाल योग को
विषयोग चन्द्र शनि की युति दृष्टि सम्बन्ध से बनने वाला योग है तो चांडाल योग बृहस्पति के साथ राहु/केतु की युति होने से बनने वाला योग है।यह दोनों ही योग अशुभ है लेकिन अशुभ होने पर इन दोनों...
समझें ज्योतिष विज्ञान में शनि और केतु का प्रभाव एवम संयोग
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ज्योतिषशास्त्र में सबसे दुर्लभ संयोग में से एक शनि और केतु एक साथ एक ही चिन्ह में बैठे हैं क्योंकि दोनों ग्रह धीमे गति से चल रहे हैं इसलिए यह दुर्लभ संयोग 10 से 11वर्ष में एक बार होता है। केतु जब एक राशि पर स्थित होता है तो...
केतू --
केतु का जीवन पर क्या प्रभाव ?।
केतू क्यों रहस्यमई है
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केतु के बुरे असर को कम करते हैं ये 8 आसान उपाय --
अनुभव आया है कि राहू हमारा पूर्व जन्म का हिसाब लेकर आता है । तीसरे छटे ग्यारवें घर का राहू शुभ फल दायक होता है ओर कन्या या मिथुन का हो ओर जादा शुभ फल देता है...
जानिए जून 2020 महीने के दौरान ग्रह गोचर और प्रभाव :
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बुध ग्रह मिथुन राशि में : ---
वर्तमान समय में बुध ग्रह का गोचर मिथुन राशि में है, पूरे जून महीने में बुध ग्रह मिथुन राशि में ही गोचर करेंगे । इस दौरान 18 जून से 12 जुलाई दरमियान वक्री रहेंगे, और 20 जून से 15 जुलाई दरमियान अस्त रहेंगे...
निस्संतान योग..
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यह जान लें कि जिस प्रकार विवाह बिना जीवन
अधूरा है उसी प्रकार विवाह के उपरान्त सन्तान न
होना एक अभिशाप है। समाज में रहते हुए वंश वृद्धि न
हो तो लोग टोकने लगते हैं और हेय दृष्टि से देखते हैं।
सन्तान वंश वृद्धि के लिए आवश्यक है। सन्तान
की उत्पत्ति न हो या बहुत विलम्ब से हो तो वैवाहिक
जीवन नीरस हो जाता...
5 जुलाई 2020 को चन्द्र ग्रहण – शिव चालीसा का पाठ करना रहेगा उत्तम---
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5 जुलाई 2020 (रविवार) को सुबह 8 बजकर 37 मिनट से शुरु होगा और 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इस दिन धनु राशि एवम पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र मे यह ग्रहण होगा। गुरु पूर्णिमा पर्व,आषाढ पूर्णिमा एवम सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की...
जाने और समझें हिन्दू धर्म मे ( पूजा पाठ में) दीपक का महत्व को---
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हमारे शास्त्रों में लिखा गया है ‘तमसो_मा_ज्योतिर्गमय’, अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर चलने से ही जीवन में यथार्थ तत्वों की प्राप्ति सम्भव है। अंधकार को अज्ञानता, शत्रु भय, रोग और शोक का प्रतीक माना गया है। देवताओं को दीप समर्पित करते समय भी ‘त्रैलोक्य तिमिरापहम्’...
जानिए नजर दोष क्या होता हैं एवम समझें नजर उतारने के सरल उपाय---
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जब घर का कोई सदस्य बार-बार बीमार पड़ जाता है, मन चिड़चिड़ा रहता है, काम में मन नहीं लगता, बनते काम बिगड़ते हैं, बच्चा दूध नहीं पीता है..ऐसे में आमतौर पर यही कहा जाता है कि नजर लग गई है। नजर उतारने के लिए कई तरह के...
जाने एवम समझें क्या होता हैं "हवन" या "यज्ञ"..??
हवन का अर्थ है अग्नि में आहुति प्रदान करना भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है "अन्नाद भवति भूतानि, पर्जन्याद अन्न सम्भव। यज्ञाद भवति पर्जन्य यज्ञ कर्म समुद्भव।। अर्थात अन्न से भूत अर्थात शरीर पुष्ट होता है, पुष्ट अन्न की उत्तपत्ति पर्जन्य अर्थात वर्षा से होती है और वर्षा पुष्ट...