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जानकारी उज्जैन सिंहस्थ कुम्भ 2016  के बारे में ---- मध्य प्रदेश में इंदौर से 55 किमी दूर शिप्रा नदी के तट पर 'उज्जैन' (विजय की नगरी)  स्थित है. यह भारत के पवित्रतम शहरों तथा मोक्ष प्राप्त करने के लिए पौराणिक मान्यता प्राप्त सात पवित्र या सप्त पुरियों (मोक्ष की नगरी) में से एक माना जाता है. मोक्ष दायिनी अन्य पुरियां...
आइये जाने की क्या हैं महाकुम्भ..??? क्यों करें कुम्भ स्नान...?? कुम्भ का पौराणिक महत्त्व और इतिहास..??? कुम्भ हमारी संस्कृति में कई दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। पूर्णताः प्राप्त करना हमारा लक्ष्य है, पूर्णता का अर्थ है समग्र जीवन के सात एकता, अंग को पूरे अंगी की प्रतिस्मृति, एक टुकड़े के रूप में होते हुए अपने समूचे रूप का ध्यान करके अपने छुटपन...
मासिक राशिफल (भविष्यफल) फरवरी-2015 --- मेष राशि - चू, चे, चो, ला, ली, लू, लो, अ-- इस मास में कारोबार में लाभ मिलेगा। परिवार में कोई उत्साहवर्धक कार्य बनेगा। बुद्धि मैं विकास द्वारा उन्नति का मार्ग प्रस्शत होगा। संतान सुख से प्रसन्नता होगी। भाई बहन से वाद विवाद बना रह सकता है।छोटे से छोटे काम के लिए भी आपको किसी की...
महाशिवरात्रि का पर्व 17 फरवरी 2015 के दिन (मंगलवार) मनाया जायेगा-- ( जानिए महाशिवरात्रि पर्व का महत्त्व और इस दिन किये जाने वाले उपाय)-- शिवपुराण के अनुसार सृष्टि के निर्माण के समय महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि में शिव का रूद्र रूप प्रकट हुआ था। महाशिवरात्रि के विषय में मान्यता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ का अंश प्रत्येक शिवलिंग में पूरे दिन और...
जानिए विक्रम संवत् 2072 केसा रहेगा और क्या हैं विक्रम संवत् ..??? जानिए विक्रम संवत् 2072 केसा रहेगा और क्या हैं विक्रम संवत् ..??? हिन्दू नव वर्ष 2072 का प्रारम्भ शनिवार को होने से वर्ष का राजा शनि होगा जो की देश दुनिया में न्याय दिलाएंगे व कानून का पालन सख्ती से होगा नया साल 2015 जैसी करनी वैसी भरनी वाला...
मासिक राशिफल (भविष्यफल)----जनवरी--2015  ----इस वर्ष  2015  का पहला महीना कुछ राशिवालों के लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है। वहीं कुछ लोगों को पहले ही महीने में परेशान भी होना पड़ सकता हैं। इस महीने में सूर्य, बुध, मंगल और शुक्र ये चार ग्रह अपनी राशियां बदल रहे हैं। इन ग्रहों की चाल बदलने से कुछ लोगों पर शुभ प्रभाव होगा।...
जानिए की नए वस्त्र (ड्रेस/वस्त्र/पोशाक) कब और किस नक्षत्र में धारण कारण होगा लाभकारी--- कब और किस नक्षत्र में धारण करें नए वस्त्र----- नामकरण, मुंडन तथा विद्यारंभ जैसे संस्कारों के लिए तथा दुकान खोलने, सामान खरीदने-बेचने और ऋण तथा भूमि के लेन-देन और नये-पुराने मकान में प्रवेश के साथ यात्रा विचार और अन्य अनेक शुभ कार्यों के लिए शुभ नक्षत्रों के...
जानिए गुप्त रोग के  कारण ( ज्योतिष एवं वास्तुदोषों के अनुसार)-- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न कुण्डली के प्रथम भाव के नाम आत्मा, शरीर, होरा, देह, कल्प, मूर्ति, अंग, उदय, केन्द्र, कण्टक और चतुष्टय है। इस भाव से रूप, जातिजा आयु, सुख-दुख, विवेक, शील, स्वभाव आदि बातों का अध्ययन किया जाता है। लग्न भाव में मिथुन, कन्या, तुला व कुम्भ...
जानिए विवाह में बाधा के कारण और निवारण के उपाय----- जानिए की विवाह बाद कष्ट क्यों और उनका निवारण ----- हमारे हिन्दू संस्कारों में विवाह को जीवन का आवश्यक संस्कार बताया गया है. विवाह के योग प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में होते हैं लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं जो उसमें विलंब कराते हैं. ज्योतिषशास्त्र में मंगल, शनि, सूर्य, राहु और केतु...
संतान सुख में बाधा (गर्भपात) का ज्योतिषीय कारण एवं  निवारण----- हम सभी जानते हैं की शादी के बाद प्रत्येक व्यक्ति ना सिर्फ वंश पंरपरा को बढ़ाने हेतु अपितु अपनी अभिलाषा तथा सामाजिक जीवन हेतु संतान सुख की कामना करता है। शादी के दो-तीन साल तक संतान का ना होना संभावित माना जाता है किंतु उसके उपरांत सुख का प्राप्त ना होना...

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