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वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एवं बिना तोडफोड के दोष निवारण---- आज के जमाने में वास्तु शास्त्र के आधार पर स्वयं भवन का निर्माण करना बेशक आसान व सरल लगता हो, लेकिन पूर्व निर्मित भवन में बिना किसी तोड फोड किए वास्तु सिद्धान्तों को लागू करना जहाँ बेहद मुश्किल हैं, वहाँ वह प्रयोगात्मक भी नहीं लगता. अब व्यक्ति सोचता है...
क्यों हैं गणपति अग्र पूज्य ? प्राचीन समय का प्रत्येक शास्त्र,प्रत्येक मन्त्र,विश्वास,ग्रन्थ या महावाक्य किसलिए महत्वपूर्ण है ओर किस तत्व को पाकर वह शक्तिशाली बना है? इस प्रश्न का उत्तर यही है कि उस शास्त्र,ग्रन्थ या विश्वास की अन्त:कुक्षी में सत्य का कोई न कोई बीज मन्त्र छिपा है.ये समूचा संसार वृ्क्ष सत्य का ही दूसरा रूप है,जिसके प्रत्येक...
विवाह पूर्व जन्मकुंडली मिलान...(चन्द आवश्यक बातें)--- भावी दम्पति का वैवाहिक जीवन वैचारेक्य, सुख समृ्द्धि एवं वंशवृ्द्धि से परिपूर्ण हो. इसके लिए हिन्दु वैवाहिक परम्परा एवं मान्यता के अनुसार वर-कन्या की जन्मकुंडली का सम्यक मिलान किया जाता है. जिसके आधार पर यह निर्धारित तथा सुनिश्चित किया जाता है कि विवाहोपरांत दम्पति के मध्य मैत्री, सामंजस्य तथा सुख-समृ्द्धि की कैसी स्थिति रहेगी....
भारतीय वास्तु शास्त्र तथा इसके विज्ञान आधारित मूल नियम----- आधुनिक युग में, आज वास्तु शास्त्र वैज्ञानिकता के आधार पर एक नया मोड ले चुका है, क्यों कि पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध नें मानव जाति को कुछ अधिक ही प्रभावित किया है, जिससे कि अपनी मूलभूत धरोहर प्राचीन ज्ञान को आज हम विज्ञान(साईंस) के नाम से संबोधित करने लगे हैं. किन्तु...
अक्सर अपने दैनिक जीवन में प्राय: हम एक कहावत विभिन्न अर्थों में सुनते हैं कि "नेकी कर दरिया में डाल" या नेकी करो और भूल जाओ. कभी-कभी अच्छे शब्दों में भी सुनते हैं, कि हम किसी के लिए कितना ही अच्छा क्यों न करें लेकिन बदले में हमेशा बुराई ही हाथ लगती है. एक व्यक्ति किसी गरीब को भोजन कराता...
"यत् पिंडे तत् ब्राह्मंडे"---- अर्थात जो ब्राह्मण्ड में है, वही इस हमारे शरीर में है. हम साढे तीन हाथ व्यास वाले इस मानव शरीर को अनन्त विस्तार वाले ब्राह्मण्ड का संक्षिप्त संस्करण कह सकते हैं. जैसे विस्तृत भूगोल का समस्त संस्थान छोटे से नक्शे में अंकित रहता है, ठीक उसी प्रकार ब्राह्मण्ड में विद्यमान समस्त वस्तुओं का मूल स्त्रोत हमारा...
गृह निर्माण एवं गृह प्रवेश में मुहूर्त विचार--- पिछली पोस्ट मुहूर्त विचार की अनिवार्यता पर हमारे एक समानीय पाठक द्वारा अपने निजी अनुभव को साँझा करते हुए सवाल उठाया गया था कि----यदाकदा ऎसा भी देखने को मिल जाता है कि अपने लिए किसी भवन आदि के निर्माण समय सभी कुछ विधिपूर्वक एवं शुभ मुहूर्तादि में किया गया, लेकिन उसके बावजूद...
1. JUPITER :- Respect and take care of Grandfather/Grandmother and old age person. It will make the "JUPITER" strong and positive for you. It helps in your study and to make your career. 2. SUN :- Respect and take care of your Father and Father like person. It will make the "SUN" strong and positive for you. It helps to...

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