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मंगली दोष--विकास नागपाल मंगल उष्ण प्रकृति का ग्रह है.इसे पाप ग्रह माना जाता है. विवाह और वैवाहिक जीवन में मंगल का अशुभ प्रभाव सबसे अधिक दिखाई देता है. मंगल दोष जिसे मंगली के नाम से जाना जाता है इसके कारण कई स्त्री और पुरूष आजीवन अविवाहित ही रह जाते हैं.इस दोष को गहराई से समझना आवश्यक है ताकि इसका भय...
घर की जमीन में दबाना चाहिए भोजन की थाली क्योंकि... हर घर वास्तुदोष से पूरी तरह मुक्त नहीं होता है। पूरा घर वास्तु के अनुरूप बनाने के बावजुद भी छोटे-छोटे वास्तुदोष रह ही जाते हैं जो घर के वास्तु को पूरी तरह ठीक नहीं रहने देते हैं। इसीलिए घर बनाने से पहले भूमि पूजन व मकान बनने के बाद गृहप्रवेश...
घर में यदि ऐसा हो तो महिलाएं अक्सर रहती हैं बीमार ---- Vikas Nagpal जैसे-जैसे सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी हो रही है उसी तरह बीमारियों में भी बढ़ोतरी हो रही है। आज की लड़कियां या महिलाएं पुराने समय की महिलाओं की तुलना में अधिक अस्वस्थ रहती हैं। सही खान-पान और असंयमित दिनचर्या के चलते आज की महिलाएं अधिक बीमार रहती हैं।...
राशि के हिसाब से जानिए कैसे खुश करें शनिदेव को---राजेश शर्मा शनि ग्रह वैदूर्यरत्न अथवा बाणफ़ूल या अलसी के फ़ूल जैसे निर्मल रंग से जब प्रकाशित होता है,तो उस समय प्रजा के लिये शुभ फ़ल देता है यह अन्य वर्णों को प्रकाश देता है,तो उच्च वर्णों को समाप्त करता है,ऐसा ऋषि महात्मा कहते हैं. शनि ग्रह के प्रति अनेक कथाऐ...
नागदेवता--खींवराज शर्मा---- हिन्दू धर्म मान्यता है कि पृथ्वी शेषनाग के सिर पर रखी है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि पाप कर्म बढ़ते हैं तो शेषनाग क्रोधित होकर फन हिलाते हैं और इससे पृथ्वी भी डगमगा जाती है। इस पुरातन मान्यता में छुपे भय से भी नाग पूजा की पंरपरा आगे बढ़ी। वास्तव में इस मान्यता का व्यावहारिक रुप यही...
क्या इशारा करता है बार-बार घड़ी का खराब होना.. by Vikas Nagpal क्या आपके ऑफिस, घर या हाथ की घड़ी बार बार खराब हो जाती है? तो इसे अनदेखा न करें। ये शनि के बुरे असर का भी परिणाम हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार मशीनें और चुंबक शनि की वस्तुएं मानी गई हैं इसलिए शनि को घड़ी का भी कारक...
वास्तु-शास्त्र : उपयोगी सुझाव--- वास्तु-शास्त्र वह विधा है जिसके माध्यम से चेतन-पुंज मनुष्य जड़बाह्य संसार से अपना तारतम्य बैठाता है और सकारात्मक सामंजस्य स्थापित करता है। वास्तुशास्त्र वास्तव में प्रकृतिचर्या का एक अंग है। इसके द्वारा हम प्रकृति से अपने अटूट नाते को सुदृढ़ बनाते हैं। तथाकथित सभ्यता की दौड़ में हम प्रकृति से बहुत दूर आ गए हैं और...
हस्तरेखा में शनि रेखा का प्रभाव-दुष्प्रभाव आकाश में भ्रमण कर रहे शनि ग्रह की रेखा भी विशिष्ट है। यह बल्यधारी ग्रह अपने नीलाभवर्ण और चतुर्दिक मुद्रिका-कार आभायुक्त बलय के कारण बहुत ही शोभन प्रतीत होता है। यह ग्रह अपनी अशुभ स्थिति में मनुष्य को ढाई वर्ष, साढे सात वर्ष, अथवा उन्नीस वर्षों तक अत्यधिक पीडा देता है परंतु शुभ स्थिति...
संतान और कालसर्प योग---- संतानहीनता दाम्पत्य जीवन का दुःखद पहलू हैं । ज्योतिष शास्त्र में संतान सुख के लिए जातक की जन्म कुण्डली में पंचम भाव, पंचमेश एवं गुरू की स्थिति का आंकलन कर विचार किया जाता हैं । संतान सुख से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू कालसर्प योग जो कि संतान सुख से वंचित रखने में अपनी भूमिका अदा करता...
चाईनीज क्योर क्यों ? भारतीय क्यों नहीं ? चीनी वास्तु कला और भारतीय वास्तु शास्त्र वास्तु शास्त्र आज बहुत ही प्रचलित है। भारतीय वास्तु शास्त्र को हम वास्तु शास्त्र के नाम से जानते हैं। इसके अनुसार भवन निर्माण से पहले वास्तु शास्त्र के नियमों पर ध्यान देना चाहिए। परन्तु चीनी वास्तु कला जिसे हम ‘फैंगशुई’ के नाम से जानते हैं जिसमें निर्मित भवन वास्तु...

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