बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोष दूर करने के वास्तु-फेंगशुई के टिप्स-उपाय(एक संकलन) -------
घर में नहीं होगी धन-धान्य की कमी---
खिड़कियों की आवाज अशुभ क्यों? वास्तु के अनुसार घर में खिड़कियां होना आवश्यक है। इनसे नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है तथा सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है।
घर की सुंदरता में भी खिड़कियां का अहम योगदान होता है। घर में...
क्या करें वास्तुसम्मत उपाय जब हो घर के सामने अवरोध(टेलीफोन या बिजली का खंभा) -----
आमतोर पर जब भी किसी भवन/मकान का निर्माण किया जाता हें तो वहां पर यथासंभव वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाता हें किन्तु कभी कभी अज्ञानतावश / परिस्थिति के कारण फिर भी कुछ वास्तुदोष रह ही जाते हें...
जेसे किसी भी गली या रोड के अंत...
क्या करें वास्तुसम्मत उपाय जब हो घर के सामने अवरोध(टेलीफोन या बिजली का खंभा) -----
आमतोर पर जब भी किसी भवन/मकान का निर्माण किया जाता हें तो वहां पर यथासंभव वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाता हें किन्तु कभी कभी अज्ञानतावश / परिस्थिति के कारण फिर भी कुछ वास्तुदोष रह ही जाते हें...
जेसे किसी भी गली या रोड के अंत...
क्या करें वास्तुसम्मत उपाय जब हो घर के सामने अवरोध(टेलीफोन या बिजली का खंभा) -----
आमतोर पर जब भी किसी भवन/मकान का निर्माण किया जाता हें तो वहां पर यथासंभव वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाता हें किन्तु कभी कभी अज्ञानतावश / परिस्थिति के कारण फिर भी कुछ वास्तुदोष रह ही जाते हें...
जेसे किसी भी गली या रोड के अंत...
वफ़ा और बेवफाई..!!!!
प्यार कहते हैं जिसे एक हसीं धोख़ा है ।
पूरी शिद्दत से जो इंसान को छल जाता है ॥
राह चलते हुए कोई अज़नबी क़रीब आकर ।
चाहे अनचाहे ही कब दिल में "विशाल"उतर जाता है ॥
हसरतें दिल की फ़ना होती हैं जिसकी ख़ातिर ।
बस उसी शख्स को कुछ भी न समझ आता है ॥
ज़िन्दगी लाश, कभी बोझ, कभी पागलपन...
वफ़ा और बेवफाई..!!!!
प्यार कहते हैं जिसे एक हसीं धोख़ा है ।
पूरी शिद्दत से जो इंसान को छल जाता है ॥
राह चलते हुए कोई अज़नबी क़रीब आकर ।
चाहे अनचाहे ही कब दिल में "विशाल"उतर जाता है ॥
हसरतें दिल की फ़ना होती हैं जिसकी ख़ातिर ।
बस उसी शख्स को कुछ भी न समझ आता है ॥
ज़िन्दगी लाश, कभी बोझ, कभी पागलपन...
वफ़ा और बेवफाई..!!!!
प्यार कहते हैं जिसे एक हसीं धोख़ा है ।
पूरी शिद्दत से जो इंसान को छल जाता है ॥
राह चलते हुए कोई अज़नबी क़रीब आकर ।
चाहे अनचाहे ही कब दिल में "विशाल"उतर जाता है ॥
हसरतें दिल की फ़ना होती हैं जिसकी ख़ातिर ।
बस उसी शख्स को कुछ भी न समझ आता है ॥
ज़िन्दगी लाश, कभी बोझ, कभी पागलपन...
एक लड़की--बेटी,बहु और माँ..!!!!
एक लडकी ससुराल चली गई,
कल की लडकी आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लडकी,
अब ससुराल की सेवा करती बन गई.
कल तक तो ड्रेस और जीन्स पहनती लडकी,
आज साडी पहनती सीख गई.
पियर मेँ जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लडकी,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED...
एक लड़की--बेटी,बहु और माँ..!!!!
एक लडकी ससुराल चली गई,
कल की लडकी आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लडकी,
अब ससुराल की सेवा करती बन गई.
कल तक तो ड्रेस और जीन्स पहनती लडकी,
आज साडी पहनती सीख गई.
पियर मेँ जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लडकी,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED...
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एक लडकी ससुराल चली गई,
कल की लडकी आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लडकी,
अब ससुराल की सेवा करती बन गई.
कल तक तो ड्रेस और जीन्स पहनती लडकी,
आज साडी पहनती सीख गई.
पियर मेँ जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लडकी,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED...