>आप और आपका घर--खुद बदलें अपनी रसोई---पहले के समय में महिलाओं के गुणों को उसकी रसोई से आँका जाता था क्योंकि ज्यादातर महिलाएँ घर पर रहती थीं। भले ही आज महिलाएँ कामकाजी हैं फिर भी यह विचार आज भी मौजूद है। इसीलिए महिलाओं और रसोई के संबंध से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता। हर महिला रसोई अपनी सुविधा अनुसार...
>मांगलिक चिन्ह स्वास्तिक--- पं. दयानन्द शास्त्रीपुरातन वैदिक सनातन संस्कृति का परम मंगलकारी प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक अपने आप में विलक्षण है। इसे हमारे सभी व्रत, पर्व, त्यौहार, पूजा एवं हर मांगलिक अवसर पर कुंकुम से अंकित किया जाता है। यह मांगलिक चिन्ह अनादि काल से सम्पूर्ण सृष्टि में व्याप्त रहा है। स्वस्तिक का अर्थ इसका सामान्य अर्थ शुभ, मंगल एवं...
>आप और आपका घर--घर के लिए वास्तु टिप्स---मकान बनाते समय उपरोक्त पंच तत्वों के लिए जो प्रकृति जन्य दिशाएँ निर्धारित हैं, उन्हीं के अनुरूप दिशाओं में कक्षों का निर्माण किया जाना चाहिए। नए भवन के निर्माण कराते समय आप अपने शहर के किसी अच्छे वास्तु के जानकार से सलाह अवश्य लें। वास्तु का प्रभाव भवन के रहने वाले व्यक्तियों...
>फ्लैट सुविधा व सुरक्षा दोनों में उत्तम--छोटा सा घर है ये मगर---महानगरों की तर्ज पर अब छोटे शहरों में भी फ्लैट संस्कृति का चलन है। आपको अगर अब कम जगह में सर्वसुविधायुक्त घर चाहिए तो आपके लिए फ्लैट एक बेहतर विकल्प है। आजकल फ्लैट में मिलने वाली बेहतर सुविधाएँ व सुरक्षा केवल मध्यमवर्गीय परिवारों को ही नहीं बल्कि पूँजीपतियों...
>कैसा हो आपका किचन-किचन संबंधित खास वास्तु टिप्स----महिलाओं का अधिकतम समय किचन में ही बीतता है। वास्तुशास्त्रियों के मुताबिक यदि वास्तु सही न हो तो उसका विपरीत प्रभाव महिला पर, घर पर भी पड़ता है। किचन बनवाते समय इन बातों पर गौर करें। किचन की ऊँचाई 10 से 11 फीट होनी चाहिए और गर्म हवा निकलने के लिए वेंटीलेटर...
>शयन कक्ष का निर्माण वास्तु आधार पर करना चाहिए। शयन कक्ष का निर्माण एवं उसको व्यवस्थित करते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे भवन स्वामी और उसका परिवार सुखी रहे और गहन नींद का आनन्द ले सके जिससे अच्छे स्वास्थ्य के रहने पर कर्मक्षेत्र में पूर्ण क्षमता को प्रयोग कर सके। किस दिशा में शयन...
>ऑफिस बनाते समय वास्तु का ध्यान रखें!-पं. दयानन्द शास्त्रीवास्तु सम्मत ऑफिस हो तो उसमें कार्य करने में मन लगता है और कार्य भी भली-भांति होता है। अपने ऑफिस को बनाते समय वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए क्योंकि वास्तु सम्मत ऑफिस में कार्य करने से सम्यक कार्य और सम्यक निर्णय लेने की शक्ति मिलती है जिससे उन्नति पथ प्रशस्त...
>।।दोहा।। श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार |बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि |बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार |बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार ||जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर |रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार...
>आज के मुहूर्त और राशिफल- 24 मार्च, 2011----26 मार्च, 2011: शनिवार, 5:50 * तक कृष्ण अष्टमी, 21:06 तक Moola, जब तक 6:49 योग Vyatipata, 5:55 * तक Variyan योग, जब तक 17:37 करण Balava, 5:50 * तक Kaulava करण, RahuK: 7:53 GulikaK: YamaG, 6:23: 9:23-10:53 - 13:52-15:22, 18:32 पर सूर्योदय पर 6:22 सूर्यास्त, *, * 01:42 Moonrise पर, 11:22...
जीवन-यात्रा
>प्यार और हस्तरेखा का संबंध–प्रेमी-प्रेमिका के बारे में बताती है हस्तरेखा–fingly
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>प्यार और हस्तरेखा का संबंध--प्रेमी-प्रेमिका के बारे में बताती है हस्तरेखा---अधिकतर लोगों के मुँह से यह सुनने में आता है कि हमारे तो गुण मिल गए थे परन्तु हमारे (पति-पत्नि) विचार नहीं मिल रहे हैं या हम लोगों ने एक-दूसरे को देखकर समझ-बूझकर शादी की थी। परन्तु बाद में दोनों में झगड़े बहुत होने लगे हैं। आप हस्तरेखा के...