जीवन-यात्रा
ADVANCED COURSE ON “NEW SCIENTIFIC TECHNOLOGIES IN VASTU” FOR VASTU EXPERTS ONLY.————
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ADVANCED COURSE ON “NEW SCIENTIFIC TECHNOLOGIES IN VASTU” FOR VASTU EXPERTS ONLY.---------------
What is going to be taught on 15th , 16th and 17th April 2011
1. Dowsing, principles and use.
2. Dowsing in general and applications in everyday life.
3. Dowsing in vastu.
4. What is vastu in real terms? The cosmic forces and how they work.
5. Effect of causative factor SUN and...
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जीवन-यात्रा
नव संवत्सर में ग्रह स्थतियां एवं संवत्सर परिचय—- नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’
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नव संवत्सर में ग्रह स्थतियां एवं संवत्सर परिचय----
नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’
विक्रम वर्ष – विक्रम संवत 2068 , शक संवत 1933, यह नवीन वर्ष श्री क्रोधी एवं विश्वावसु नामकीय संवत्सर की गणना से प्रभावशील है । इस वर्ष के अधिपति सूर्य नारायण हैं तथा उपेश पद प्रभार चंद्र देव को मिला है । वर्ष का प्रधानमंत्री पदभार देवगुरू बृहस्पति को...
Gopal Raju----The 11th is a VERY deadly day , the worst DAY EVER.-----
Look what it has caused.
September, 11th = World Trade Center Crash
January, 11th = Haiti Earthquake March,
11th = Japan Earthquake.
End of the first world war, November 11th... on the 11th hour...
And 2011 = so many natural disasters and major problems around the world
On December 11th 1939 the new...
धड़कन की तरह एक दिन मेरे दिल में आ जाओ
ख्वाबो में तो आते हो कभी दिल में भी आ जाओ
एक उम्र हुई तुम बिन बिखरा सा रहा हूँ मैं
बस सूखे पत्तों सा उड़ता ही रहा हूँ मैं
चुपके से कभी आकर तुम मुझको सजा जाओ
ख्वाबो में तो आते हो कभी दिल में भी आ जाओ
कभी तन्हाई दिन में, कहीं रात...
प्रिय मित्रो और स्वजनों, आप सभी का आभार और धन्यवाद...आप सभी के सहयोग और इश्वर कृपा से अंततः " विनायक वास्तु टाईम्स " का आरम्भ/ प्रसारण हो पाया हे/ गया हे... यह एक प्रयास के वास्तु, ज्योतिष,हस्तरेखा/ लालकिताब /पल्मिस्ट्री/ कविताओ व् सूचनाओ और कर्मकांड/ मंत्र सम्बन्धी लेखो के संग्रह का../ संकलन का .....में उन सभी विद्वान् लेखकों. प्रकाशकों और संपादको...
आज के मुहूर्त और राशिफल ---28 मार्च, 2011
28 मार्च, 2011: सोमवार, जब तक 6:48 नवमी कृष्णा,
* 00:22 Uttarashadha तक, 5:42 * जब तक शिव योग,
जब तक 6:48 करण Garija, जब तक 19:31 करण Vanija,
RahuK: * 7:52-9:21 *, GulikaK: 13:51 * - * 15:21, YamaG: 10:51 * - 0:21 *,
18:33 पर सूर्योदय पर 6:19 सूर्यास्त, *,
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March 28, 2011: Monday, Krishna...
>कालसर्प योग के सफल होने की कहानी----भले ही सुनने में अजीब लगे, लेकिन एक बात पहले स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ऐसा कोई योग होता ही नहीं हैज्योतिष की किसी भी शाखा में कभी भी कालसर्प जैसा योग नहीं बताया गया है। पिछले दो-तीन दशक में इस योग का जन्म हुआ और इसका असर इतना अधिक व्यापक बताया...
>ज्योतिष में शोध की संभावनाएं----कुण्डली देखने के दौरान कई बार ऐसा लगता है कि पूर्व में दिए गए सिद्धांत अब पुराने पड़ने लगे हैं। लोगों कीकई जरूरतें और दिए गए सिद्धांतों से परे नजर आती है। हो सकता है ज्योतिष की बहुत सी विधाएं औरबिंदुओं से मैं अनभिज्ञ होउं, लेकिन फिर भी एक बात दावे से कही जा सकती है वह यह कि इस विज्ञान में अबभी शोध की अनन्त संभावनाएं मौजूद है।स्त्रियों के लिएज्योतिष में मूल रूप से जो योग दिए गए हैं उनमें से अधिकांश शुभ-अशुभ योग पुरुषों को ध्यान में रखकरदिए गए हैं। स्त्रियों के लिए महज कुछ योग हैं वे भी पुरुषों को यह बताने के लिए है कि स्त्री कैसी हो। मेरी एकपोस्ट में मैनें स्त्री की सुंदरता पर लिखा तो कई महिला ब्लॉगरों ने न केवल मुझे गालियां निकाली बल्कि यहजिज्ञासा भी प्रकट की कि क्या ऐसी ही कोई कसौटी पुरुषों के लिए भी बनी है क्या?मुझे खेद के साथ बताना पड़ेगा कि पुरुषों को विवाह के योग्य जांचने के लिए ऐसी किसी कसौटी को मैं ढूंढनहीं पाया हूं। हां लेकिन किसी पुरुष की कुण्डली देखकर यह बताया जा सकता है कि वह जिन्दगी में कितनासफल होगा और विकास की क्या संभावनाएं हैं। प्रेम करता है या नहीं, अपनी स्त्री से इसकी कैसी बनेगीजैसी कुछ बातें बताई जा सकती है लेकिन कोई तय पैमाने नहीं छोड़े गए हैं जैसे कि स्त्रियों के लिए दिए गएहैं।ज्योतिष में अब तक हुए अधिकांश शोधों का आधार तात्कालिक आवश्यकताओं के अनुरूप होता है। ऐसे मेंप्राचीन काल में ‘शिकारी पुरुष’ और ‘घोंसला संभालने वाली स्त्री’ अपन-अपने काम कर रहे थे। सभ्यता केविकास के साथ लाइफ स्टाइल बदली और कम शारीरिक क्षमता वाले सार्वजनिक कामों में स्त्रियों कीभागीदारी बढ़ी। अब भी स्त्रियों का मुख्य काम बच्चे पैदा करना और घर संभालना था। विलासिता में हुईबढ़ोतरी का परिणाम यह रहा कि बेहतर संतान के लिए बेहतर स्त्रियों की खोज होने लगी। ताकतवर वंश काअधिपति वंश की वृद्धि के लिए एक से अधिक स्त्रियों का वरण करने लगा ताकि उसे श्रेष्ठतम संतान प्राप्त होसके। इसे कुछ-कुछ अच्छी नस्ल की गाएं पालने जैसा काम कह सकते हैं। बस यहां चुनाव करने वाला खुदश्रेष्ठ सांड ही होता था।युग बदला और भौतिक सुविधाएं और बढ़ी। कल के युग (कलयुग) में मशीनें ताकत का पर्याय बन चुकी है।शारीरिक क्षमताएं महज खेलों का हिस्सा है। अब वह हर काम जो पुरुष कर सकता है स्त्रियां भी कर सकतीहैं। ऐसे में बेहतर का चुनाव दोनों पक्षों की च्वाइस बन चुका है। ऐसे में स्त्री की सुंदरता के साथ पुरुष कीजनन क्षमता और काबिलियत की जांच जैसी आवश्यकताएं भी पैदा हुई है। किसी ज्योतिषी के पास इसकावाजिब जवाब न भी हो तो इसके हल्के फुल्के संकेत मिल सकते हैं। बाकी विशद शोध किया जाए तो पुरुषों केलिए भी ऐसे नॉर्म्स बन सकेंगे जैसे स्त्रियों के लिए बने हैं।कौन बनेगा राजा?यह तो हुई स्त्री और पुरुष&n
bsp;की बात मुझे अन्य कई बिंदुओं पर भी शोध की आवश्यकता महसूस होती है।इनमें से एक है राजयोग। यानि राजा बनने की संभावना, व्यापक रूप में राजसी जीवन यापन की संभावना।पूर्व में हुए शोध बतलाते हैं कि मोटे तौर पर कुण्डली में सूर्य की बेहतर स्थिति राजा बनने की संभावना पैदाकरती है। इसी तरह गुरु से राजपुरोहित, मंगल से सेनापति, शुक्र से ऐश्वर्य और शनि से भृत्य। समय के साथशासन प्रणाली में हुए बदलाव का नतीजा यह है कि राजा दैवीय होने के बजाय प्रजा द्वारा चुना गया वह व्यक्तिहोता है जो जनता की सेवा करता है। यानि जो जितना अधिक अच्छा सेवक होगा वह उतनी ही ऊंची गद्दी परबैठेगा। यकीन मानिए ऐसा ही हो रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लग्न में शनि था। मैंने उनकीकुण्डली नहीं देखी लेकिन ऐसा ही बताया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की कुण्डली मेंलग्न में शनि था। और अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की कुण्डलीमें भी लग्न में शनि है। यानि शनि की प्रमुखता शासन की प्रमुखता दिलाती है। इस बारे में अब तक तो कोईशोध मैंने नहीं देखा है, लेकिन ऐसे अन्य लोगों का विश्लेषण किया जाए तो पता चलेगा कि पूर्व में दिए गएअधिकांश नियम समय के साथ बदलते जा रहे हैं। तो मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि सूर्य की बजाय शनिताकत और अधिकार का पर्याय बन रहा है। कैसे? इस सवाल का जवाब जानने के लिए ही शोध कीआवश्यकता है।
>यह समझ का खेल है---शेयर बाजार की नब्ज-----ज्योतिष में मैंने निजी तौर पर अनुभव किया है कि कई बार ज्योतिषी गलत होता है तो कई बार जातक भी समझने में चूक कर जाता है। अधिकांशत: ऐसा होता है कि जातक वही सुनना चाहता है जो वह सोचकर आया है। ज्योतिषी तो उसके लिए महज एक बहाना होता है। उसकी...