यात्रा में दिशाशूल का महत्व..--- प० अनिल जी शर्मा सहारनपुर
यात्रा एक ऐसा शब्द है जो कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में प्रयोग होता है. यात्रा कभी सुखदायी होती है तो कभी इतनी यातनाएं यात्रा में मिलती है कि व्यक्ति सोचता है कि यह यह यात्रा, यात्रा नहीं यातना थी. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि हम कभी...
Palmistry: Heart and Fate Line--Shanker Adawal
A cross on the line indicates that a tragedy has be fallen someone dear to the subject. If the cross touches the head line, there could have been disappointment and tragedy in the life of the subject, due to separation, broken engagement or actual loss through death of one very close to the subject....
महिलाओं को कमर दर्द----Vikas Nagpal
कमर दर्द, वैसे तो आज यह एक आम समस्या है। अधिकांश महिलाओं को कमर दर्द की परेशानी झेलना पड़ती है। घर में ज्यादा काम करने के बाद यह समस्या होती है लेकिन इस बीमारी का संबंध वास्तु से भी है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि किचन में वास्तुदोष हो तो वहां खाना बनाने और गलत दिशा...
किन ग्रहों की वजह से होते हैं पिंपल्स...?--- Vikas Nagpal
सभी को सुंदर दिखाने का शौक होता है। हर कोई चाहता है लोग उनकी सुंदरता की तारीफ करें। यदि आप सुंदर है, आपके नाक-नक्ष आकर्षक हैं परंतु चेहरे पर कील-मुंहासे हैं तो हर बात बेकार हो जाती है। कील-मुंहासे चेहरों पर भद्दे दाग के समान होते हैं।
सामान्यत: माना जाता है...
आज का पंचांग ओर राशिफल--(27- April- 2011) विक्रम संवत 2068----
27 अप्रैल, 2011: बुधवार, कृष्ण, 0:55 Dasami तक *
11:49 तक Dhanishtha, जब तक 13:06 योग Sukla,
जब तक 11:47 करण Vanija, 0:55 * तक Vishti करण,
RahuK: 11:48 GulikaK: YamaG, 10:18: 11:48-13:18 - 7:18-8:48,
18:50 पर सूर्योदय पर 5:48 सूर्यास्त, *,
----------------------------------------------------------------------------------
April 27, 2011:Wednesday, Krishna Dasami till 0:55*,
...
श्रीसुदर्शन-कवच---
‘श्रीसुदर्शन-चक्र’ भगवान् विष्णु का प्रमुख आयुध है, जिसके माहात्म्य की कथाएँ पुराणों में स्थान-स्थान पर दिखाई देती है। ‘मत्स्य-पुराण’ के अनुसार एक दिन दिवाकर भगवान् ने विश्वकर्मा जी से निवेदन किया कि ‘कृपया मेरे प्रखर तेज को कुछ कम कर दें, क्योंकि अत्यधिक उग्र तेज के कारण प्रायः सभी प्राणी सन्तप्त हो जाते हैं।’ विश्वकर्मा जी ने सूर्य को...
बुद्धि-वर्धक सरस्वती विधान---
१॰ गाय का घी १ सेर, सहिजन की जड़ १ तोला, ब्राह्मी १५ ग्राम, मीठी वच १५ ग्राम, सेंधा नमक, धवई का फूल, लोध-सबको पीसकर ४ सेर बकरी के दूध में घी डाल मन्द आँच में पकाएँ। जब दूध व दवा जल जाए, तो घी छान लें-एक तोला घी का सेवन, सरस्वती-मन्त्र से करे, तो बुद्धि, स्मृति,...
।। नारायण हृदयम् ।।
भगवान् लक्ष्मी-नारायण की प्रसन्नता के लिए “लक्ष्मी-हृदय” के साथ इसका पाठ करने से धन-धान्य व ऐश्वर्य की वृद्धि होती है ।
आचम्य प्राणानायम्य देशकालौ स्मृत्वा। अस्मद्गुर्वन्तर्गत – श्रीभारतीरमणमुख्यप्राणान्तर्गत – श्रीलक्ष्मीनारायणप्रेरणया श्रीलक्ष्मीनारायणप्रीत्यर्थं ममाभीष्टसिद्ध्यर्थं सङ्कलीकरणरीत्या सम्पुटीकरणरीत्या वा नारायणहृदयस्य सकृदावर्तनं करिष्ये ।
विनियोगः- ॐ अस्य श्रीनारायण-हृदय-स्तोत्र-मन्त्रस्य भार्गव ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीलक्ष्मीनारायणो देवता, ॐ बीजं, नमः शक्तिं, नारायणायेति कीलकं, श्रीलक्ष्मीनारायण प्रीत्यर्थे पाठे...
श्रीसूक्तः साधना के आयाम---
‘श्री-सूक्त’ में 15 ऋचाएँ है । यह सूक्त ऋग्वेद संहिता के अष्टक 4, अध्याय 4, वर्ण के अन्तिम मण्डल 5 के अन्त में ‘परिशिष्ट’ के रुप में आया है । इसी को ‘खिल-सूक्त’ भी कहते हैं । निरुक्त एवं शौनक आदि ने भी इसका उल्लेख किया है । ‘खिल′ शब्द का अर्थ है – ‘अन्य शाखा...
महा-लक्ष्मी महा-मन्त्र प्रयोग---
विनियोगः- ॐ अस्य श्रीपञ्च-दश-ऋचस्य श्री-सूक्तस्य श्रीआनन्द-कर्दम-चिक्लीतेन्दिरा-सुता ऋषयः, अनुष्टुप्-वृहति-प्रस्तार-पंक्ति-छन्दांसि, श्रीमहा-लक्ष्मी देवताः, श्रीमहा-लक्ष्मी-प्रसाद-सिद्धयर्थे राज-वश्यार्थे सर्व-स्त्री-पुरुष-वश्यार्थे महा-मन्त्र-जपे विनियोगः।
ऋष्यादि-न्यासः- श्रीआनन्द-कर्दम-चिक्लीतेन्दिरा-सुता ऋषिभ्यो नमः शिरसि। अनुष्टुप्-वृहति-प्रस्तार-पंक्ति-छन्दोभ्यो नमः मुखे। श्रीमहा-लक्ष्मी देवताय नमः हृदि। श्रीमहा-लक्ष्मी-प्रसाद-सिद्धयर्थे राज-वश्यार्थे सर्व-स्त्री-पुरुष-वश्यार्थे महा-मन्त्र-जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे।
कर-न्यासः- ॐ हिरण्मय्यै अंगुष्ठाभ्यां नमः। ॐ चन्द्रायै तर्जनीभ्यां स्वाहा। ॐ रजत-स्त्रजायै मध्यमाभ्यां वषट्। ॐ हिरण्य-स्त्रजायै अनामिकाभ्यां हुं। ॐ हिरण्य-स्त्रक्षायै कनिष्ठिकाभ्यां वौषट्। ॐ हिरण्य-वर्णायै कर-तल-करपृष्ठाभ्यां फट्।
अंग-न्यासः-...