May 4, 2011: Wednesday, Sukla Pratipat till 13:59,
Krittika (whole day), Soubhagya yoga till 18:04,
Bava karana till 13:59, Balava karana till 2:40*,
RahuK: 11:42 - 13:12, GulikaK: 10:12 - 11:42, YamaG: 7:13 - 8:42,
Sunrise at 5:42*, Sunset at 18:54,
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विवाह के तीन सूत्र ग्रह : गुरु, शुक्र व मंगल------
आइये जाने की जब किसी व्यक्ति की कुण्डली से दांपत्य का विचार किया जाता है, तो उसके लिये गुरु, शुक्र व मंगल का विश्लेषण किया जाता है. इन तीनों ग्रहों कि स्थिति को समझने के बाद ही व्यक्ति के दांपत्य जीवन के विषय में कुछ कहना सही रहता है. आईये...
पंचक - Panchak----
धनिष्ठा का उतरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद व रेवती इन पांच नक्षत्रों ( सैद्धान्तिक रुप से साढेचार) को पंचक कहते है. पंचक का अर्थ ही पांच का समूह है. सरल शब्दों में कहें तो कुम्भ व मीन में जब चन्द्रमा रहते है. तब तक की अवधि को पंचक कहते है. इन्ही को कहीं-कहीं पर धनिष्ठा पंचक...
आज का पंचांग और राशिफल--(03 मई,2011 -मंगलवार )----
3 मई, 2011:मंगलवार, 12:21 तक अमावस्या,
* 04:26 Bharani तक, जब तक 17:50 योग Ayushman,
जब तक 12:21 करण नगा, 1:12 * तक Kimstughna करण,
RahuK: * 14:44-16:14 *, GulikaK: 11:44 * - * 13:14, YamaG: 8:44 * - 10:14 *,
18:53 पर सूर्योदय पर 5:43 सूर्यास्त, *,
* 06:10 Moonrise पर, 19:08 पर Moonset,) दिन में...
हर सपना कुछ-न कुछ कहता है।
कुछ सपने निराशा देते हैं, तो कुछ जीवन में खुशियों की लहरभर देते हैं। सपनों का संबंध आत्मा से होता है। जब व्यक्ति नींद में होता है, तब उसका शरीर आत्मा से अलग होता है, क्योंकि आत्मा कभी सोती नहीं। जब मानव निद्रावस्था में होता है तो उसकी पाँचों ज्ञानेंद्रियाँ उसका मन और...
घर में मन्दिर की साज-सज्जा का भी रखें विशेष ख्याल---
पूजा घर, घर का वो कक्ष होता है जहाँ हम ईश्वर का ध्यान करते हैं तथा दुनियादारी से दूर कुछ देर के लिए ईश्वर की आराधना में खो जाते हैं। आजकल स्थान की कमी के कारण कई बार हम रसोईघर या शयनकछ में ही भगवान के कुछ चित्र लगाकर वहीं...
हिन्दू विवाह के प्रकार-----
हिन्दू धर्म ग्रंथों में विवाह के आठ प्रकार का वर्णन है जो निम्नलिखित हैं :
1. ब्राह्म विवाह : हिन्दुओं में यह आदर्श, सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित विवाह का रूप माना जाता है। इस विवाह के अंतर्गत कन्या का पिता अपनी कन्या के लिए विद्वता, सामर्थ्य एवं चरित्र की दृष्टि से सबसे सुयोग्य वर को...
||ॐ || ॐ गं गणपतये नमो नमः ||
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः ||
अष्टविनायक नमो नमः ||
गणपति बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नमः ||
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः || ॐ ||
ॐ र्भूभुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
“श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनी-देवी सरस्वति, मम जिह्वाग्रे वासं कुरु कुरु स्वाहा
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सपने क्यूँ आते हैं?
इन्सान मे...
जानिए महाशक्तियों के मंत्र और उनके फल----
महाकाली मंत्र
ऊं ए क्लीं ह्लीं श्रीं ह्सौ: ऐं ह्सौ: श्रीं ह्लीं क्लीं ऐं जूं क्लीं सं लं श्रीं र: अं आं इं ईं उं ऊं ऋं ऋं लं लृं एं ऐं ओं औं अं अ: ऊं कं खं गं घं डं ऊं चं छं जं झं त्रं ऊं टं ठं डं ढं णं...
कृष्ण-मंत्र और उनके प्रयोग----
यहां हमने श्रीकृष्ण के विभिन्न मंत्र दिए हैं। ये मंत्र मंत्रों के जाप से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शुभ प्रभाव बढ़ाने व सुख प्रदान करने में ये मंत्र अत्यन्त प्रभावी माने जाते हैं। आपकी सुविधा के लिए हमने मंत्र से संबंधित जानाकारी भी यहां दी है।
भगवान श्रीकृष्ण का मूलमंत्र :
'कृं कृष्णाय नमः'
यह श्रीकृष्ण का मूलमंत्र...