ज्योतिष

भवन निर्माण/रखरखाव में (वास्तु सम्मत)सावधानियां---- वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन निर्माण के लिए चुना गया भूखण्ड आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए। जिसकी सभी चारों दीवारें 90 अंश का कोण बनाती हों। ऐसा प्लाट वास्तु नियमानुसार उत्तम श्रेणी का प्लाट माना जाता है। अगर हम वास्तु के नियमों को ध्यान में रखकर काफी हद तक वास्तु के द्वारा अपने जीवन को...
कालसर्प योग एवं भ्रान्तियां ----- कालसर्प योग जातक में जीवटता, संघर्षशीलता एवं अन्याय के प्रति लड़ने के लिए अदम्य साहस का सृजन करता हैं । ऐसे जातक अपने ध्येय की सिद्धी के लिए अद्भुत संघर्षशक्ति पाकर उसका दोहन कर सफल होते हैं एवं लोकप्रियता प्राप्त करते हैंे । अध्यात्मिक महापुरूषों एवं राजनैतिज्ञों को यह योग अत्यंत रास आता हैं ।...
कालसर्प योग एवं भ्रान्तियां ----- कालसर्प योग जातक में जीवटता, संघर्षशीलता एवं अन्याय के प्रति लड़ने के लिए अदम्य साहस का सृजन करता हैं । ऐसे जातक अपने ध्येय की सिद्धी के लिए अद्भुत संघर्षशक्ति पाकर उसका दोहन कर सफल होते हैं एवं लोकप्रियता प्राप्त करते हैंे । अध्यात्मिक महापुरूषों एवं राजनैतिज्ञों को यह योग अत्यंत रास आता हैं ।...
बुध का राशि परिवर्तन--सत्येन्द्र दाधीच--- ज्योतिष में बुध को वाणी और बुद्धि का स्वामी ग्रह माना जाता है। बुध व्यापार का कारक ग्रह है। बुध के अशुभ प्रभाव के कारण व्यापार में धन संबंधित नुकसान होने के योग बनते हैं। बुध के अशुभ होने के कारण व्यक्ति अपनी वाणी से बने बनाए काम बिगाड़ लेता है। वहीं अगर बुध शुभ...
बुध का राशि परिवर्तन--सत्येन्द्र दाधीच--- ज्योतिष में बुध को वाणी और बुद्धि का स्वामी ग्रह माना जाता है। बुध व्यापार का कारक ग्रह है। बुध के अशुभ प्रभाव के कारण व्यापार में धन संबंधित नुकसान होने के योग बनते हैं। बुध के अशुभ होने के कारण व्यक्ति अपनी वाणी से बने बनाए काम बिगाड़ लेता है। वहीं अगर बुध शुभ...
श्रावण माह महत्व----- वैसे तो प्रत्येक तिथि, वार, नक्षत्र एवं माह अपना विशेष महत्व रखते हैं किन्तु श्रावण माह का अपना अलग ही महत्व है। इस माह में ग्रहराज सूर्यदेव चन्द्रमा की राशि कर्क में विचरण करते हैं। जैसा कि विविध पौराणिक कथाओं से यह बात स्पष्ट है कि चन्द्रमा को 'सुधांशु' भी कहा गया है अर्थात चन्द्रमा अमृतमय...
श्रावण माह महत्व----- वैसे तो प्रत्येक तिथि, वार, नक्षत्र एवं माह अपना विशेष महत्व रखते हैं किन्तु श्रावण माह का अपना अलग ही महत्व है। इस माह में ग्रहराज सूर्यदेव चन्द्रमा की राशि कर्क में विचरण करते हैं। जैसा कि विविध पौराणिक कथाओं से यह बात स्पष्ट है कि चन्द्रमा को 'सुधांशु' भी कहा गया है अर्थात चन्द्रमा अमृतमय...
श्रावण मास में शिव पूजन की विधि ---- भगवान शिव का प्रिय माह श्रावण मास को ध्यान में रखते हुए संक्षिप्त किन्तु पर्याप्त शिव पूजन की विधि निम्न प्रकार पूर्ण की जा सकती है। - श्रावण मास की किसी भी तिथि या दिन को विशेषतः सोमवार को प्रातःकाल उठकर शौच स्नानादि से निवृत्त होकर त्रिदल वाले सुन्दर, साफ, बिना...
श्रावण मास में शिव पूजन की विधि ---- भगवान शिव का प्रिय माह श्रावण मास को ध्यान में रखते हुए संक्षिप्त किन्तु पर्याप्त शिव पूजन की विधि निम्न प्रकार पूर्ण की जा सकती है। - श्रावण मास की किसी भी तिथि या दिन को विशेषतः सोमवार को प्रातःकाल उठकर शौच स्नानादि से निवृत्त होकर त्रिदल वाले सुन्दर, साफ, बिना...
सावन माह में सोमवार का महत्व--- श्रावण माह में भी सोमवार का विशेष महत्व है। वार प्रवृत्ति के अनुसार सोमवार भी हिमांषु अर्थात चन्द्रमा का ही दिन है। स्थूल रूप में अभिलक्षणा विधि से भी यदि देखा जाए तो चन्द्रमा की पूजा भी स्वयं भगवान शिव को स्वतः ही प्राप्त हो जाती है क्योंकि चन्द्रमा का निवास भी भुजंग भूषण...

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