ज्योतिष एवं शिक्षा----
प्रायः हम देखते हैं कि जिन व्यवसाय/पदों को प्राप्त करके भी हम छोड़ देते हैं या किसी अन्य व्यवसाय से जुड़ जाते हैं अथवा अनेक व्यवसाय एक साथ करने लग जाते हैं। इसका मुख्य कारण जातक की कुण्डली में ग्रहों की स्थिती होती हैं।
एक सभ्य, सुसंस्कृत एवं जिम्मेदार नागरिक बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका हैं आर्थिक...
दिल लगाने से पहलेगुण अवश्य मिलायें..!!!!---
वर्तमान आधुनिम परिवेष खुला वातावरण एवं टी.वी. संस्कुति के कारण हमारी युवा पीढी अपने लक्ष्यों से भटक रही है। विना सोच विचार किये गये प्रेम विवाह शीघ्र ही मन मुटाव के चलते तलाक तक पहुंच जाते हैं। टी.वीत्र धारावाहिकों एवं फिल्मो की देखादेखी युवक युवती एक दूसरे को आकर्षित करने प्रयास करते हैं। रोज...
दिल लगाने से पहलेगुण अवश्य मिलायें..!!!!---
वर्तमान आधुनिम परिवेष खुला वातावरण एवं टी.वी. संस्कुति के कारण हमारी युवा पीढी अपने लक्ष्यों से भटक रही है। विना सोच विचार किये गये प्रेम विवाह शीघ्र ही मन मुटाव के चलते तलाक तक पहुंच जाते हैं। टी.वीत्र धारावाहिकों एवं फिल्मो की देखादेखी युवक युवती एक दूसरे को आकर्षित करने प्रयास करते हैं। रोज...
बेडरूम में झगड़ा होने के कारण ---
आज के भौतिकवादी एवं जागरूक समाज में पति-पत्नी दोनों पढ़े लिखे होते हैं और सभी अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सजग होते हैं। परन्तु सामान्य सी समझ की कमी...
बेडरूम में झगड़ा होने के कारण ---
आज के भौतिकवादी एवं जागरूक समाज में पति-पत्नी दोनों पढ़े लिखे होते हैं और सभी अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सजग होते हैं। परन्तु सामान्य सी समझ की कमी...
आभूषण एवं महिला जातक ---
भारतीय संस्कृति में गहने पहनना एक रस्म और मर्यादा के अन्तर्गत आते हैं। आभूषण एवं गहनों से केवल शारीरिक सौन्दर्य ही नहीं निखरता वरन् इससे स्वास्थ्य रक्षा भी होती हैं। शरीर को सजाने के साथ-साथ अनजाने में गहने हमारे शरीर के लिए चिकित्सा का कार्य भी करते हैं। आभूषण पहनने का चलन उतना ही पुराना...
आभूषण एवं महिला जातक ---
भारतीय संस्कृति में गहने पहनना एक रस्म और मर्यादा के अन्तर्गत आते हैं। आभूषण एवं गहनों से केवल शारीरिक सौन्दर्य ही नहीं निखरता वरन् इससे स्वास्थ्य रक्षा भी होती हैं। शरीर को सजाने के साथ-साथ अनजाने में गहने हमारे शरीर के लिए चिकित्सा का कार्य भी करते हैं। आभूषण पहनने का चलन उतना ही पुराना...
भगवन शिव शंकर की शाबर मंत्र द्वारा स्तुति / प्रार्थना---
ॐ स्थिरः स्थाणुः प्रभुर्भीमः प्रवरो वरदो वरः ।
सर्वात्मा सर्वविख्यातः सर्वः सर्वकरो भवः ॥ १॥
जटी चर्मी शिखण्डी च सर्वांगः सर्वभावनः ।
हरश्च हरिणाक्षश्च सर्वभूतहरः प्रभुः ॥ २॥
प्रवृत्तिश्च निवृत्तिश्च नियतः शाश्वतो ध्रुवः ।
श्मशानवासी भगवान् खचरो गोचरोऽर्दनः ॥ ३॥
अभिवाद्यो महाकर्मा तपस्वी भूतभावनः ।
उन्मत्तवेषप्रच्छन्नः सर्वलोकप्रजापतिः ॥ ४॥
महारूपो महाकायो वृषरूपो महायशाः ।
महात्मा सर्वभूतात्मा विश्वरूपो महाहनुः...
भगवन शिव शंकर की शाबर मंत्र द्वारा स्तुति / प्रार्थना---
ॐ स्थिरः स्थाणुः प्रभुर्भीमः प्रवरो वरदो वरः ।
सर्वात्मा सर्वविख्यातः सर्वः सर्वकरो भवः ॥ १॥
जटी चर्मी शिखण्डी च सर्वांगः सर्वभावनः ।
हरश्च हरिणाक्षश्च सर्वभूतहरः प्रभुः ॥ २॥
प्रवृत्तिश्च निवृत्तिश्च नियतः शाश्वतो ध्रुवः ।
श्मशानवासी भगवान् खचरो गोचरोऽर्दनः ॥ ३॥
अभिवाद्यो महाकर्मा तपस्वी भूतभावनः ।
उन्मत्तवेषप्रच्छन्नः सर्वलोकप्रजापतिः ॥ ४॥
महारूपो महाकायो वृषरूपो महायशाः ।
महात्मा सर्वभूतात्मा विश्वरूपो महाहनुः...
श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम – Sri AshtaLaxmi Stotram (Hindi Version)---
अदि लक्ष्मी---
सुमनसा वन्धिथा, सुन्धारी, माधवी,चन्द्र सहोधारी हेममये,
मुनिगना मंदिथा, मोक्ष प्रधयिनी,मंजुला भाषिणी, वेदा नुठे,
पंकजा वासिनी देवा सुपूजिथासद्गुना वर्षानी, संथियुठे,
जाया जाया हे मधुसूधना कामिनी अधिलक्ष्मी सदा पालय माम.
धान्य लक्ष्मी
ईओ कलि कल्मषा नासिनी, कामिनी,वैधिका रूपिणी, वेदा माये,
क्षीर समुध्भावा मंगला रूपिणी,मंत्र निवासिनी, मन्थ्रानुठे,
मंगला धयिनी, अम्बुजा वासिनी,देवा गणर्चिथा पदयुठे,
जाया जाया हे मधुसूधना कामिनी धान्यलक्ष्मी सदा पालय...