ज्योतिष

क्या कहती हें..आपकी नाक (सामुद्रिक शास्त्र)-- जातक की नाक और प्रभाव तोते के समान नाक वाला व्यक्ति राजा या उच्च पद प्राप्त करने वाला होता हैं। बड़ी नाक वाला भोगी माना जाता हैं। सीधी नाक वाला धर्मात्मा माना जाता हैं। टेड़ी-मेढ़ी अथवा आगे से मोटी नाक वाला पाप कर्म करने वाला...
जे राम जी की हुकम..और केसी रही जी आप सभी की राखी/ रक्षासूत्र उत्सव...मुझे लगता हे जी की आप सभी ने खूब मजा किया होगा..खूब मिठाइयाँ खायी होंगी परिवार के साथ मिलकर..अजी हमने मिठाई तो नहीं खायी मगर घूमने का मजा लिया हे...आज हम मनाली में हें..अखंड प्रताप सिंह और उनकी पत्नी के साथ...घुमाना -फिरना..देखना-चोखाना हो रहा हे.. ====================================== मित्रों ..में...

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जे राम जी की हुकम..और केसी रही जी आप सभी की राखी/ रक्षासूत्र उत्सव...मुझे लगता हे जी की आप सभी ने खूब मजा किया होगा..खूब मिठाइयाँ खायी होंगी परिवार के साथ मिलकर..अजी हमने मिठाई तो नहीं खायी मगर घूमने का मजा लिया हे...आज हम मनाली में हें..अखंड प्रताप सिंह और उनकी पत्नी के साथ...घुमाना -फिरना..देखना-चोखाना हो रहा हे.. मित्रों ..में...
पुत्र संतान प्राप्ति के सरल उपाय —- प्रायः देखने में आया है की किसी को संतान तो पैदा हुए लेकिन वो कुछ दीन बाद ही परलोक सुधर गया या अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गया है… किसी को संतान होती ही नहीं है , कोए पुत्र चाहता है तो कोए कन्या … हमारे ऋषि महर्षियों ने हजारो साल पहले ही...
वास्तु अनुसार ऐसे और यहाँ पर रखिये जरुरी सामान---- वास्तु शास्त्र जीवन को सुखी और समृद्धिशाली बनाए रखने के लिए अचूक उपाय बताता है। इसी वजह से इन दिनों वास्तु का क्रेज बढ़ता जा रहा है। सभी अपने घरों में वास्तु के अनुसार बताए गए टिप्स का उपयोग करते हैं। सभी वस्तुओं के साथ ही घर में पैसा, सोना-चांदी आदि...
केसे रखें ब्रह्म स्थान/स्थल का रखे ध्यान ???? वास्तु प्राकृतिक ऊर्जाओं का सही उपयोग करने की कला हैं । कुछ वास्तु टिप्स अपनाकर अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निवास स्थान एवं उद्योग में विपरीत वास्तु होने पर स्वयं उसे ढूंढ़ कर सही कर सकते हैं । ऐसा ही एक सामान्य वास्तु दोष ब्रह्म स्थल से संबंधित अधिकांश स्थानों पर पाया जाता...
Trinetra Ganesh Temple in Ranthambore.
आइये जाने स्वस्तिक को??? अर्थ,प्रभाव, परिणाम एवं कारण.????—- स्वस्तिक अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्व अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। ‘सु’ का अर्थ अच्छा, ‘अस’ का अर्थ ‘सत्ता’ या ‘अस्तित्व’ और ‘क’ का अर्थ ‘कर्त्ता’...
बेसहारा बच्चियों/लड़कियों की शिक्षा /शादी-विवाह --- दोस्तों/मित्रों ..जेसा की आप सभी जानते हें की हमारे देश में अनेक संस्थाएं/व्यक्ति अपने-अपने स्तर पर अनके प्रकार से समाज सेवा करते हें जिनमे से एक हें अनाथ/लाचार/बेसहारा बच्चियों/लड़कियों की शिक्षा /शादी-विवाह जेसे नेक कार्य पर ... अभी-अभी मेने आप सभी से उनकी पढाई/शिक्षा में सहयोग हेतु निवेदन/अपि/प्रार्थना की...वेसे ही आप उनके विवाह/शादी जेसे कार्य...
अनाथ/बेसरा बच्चों की शिक्षा--- सुप्रभात मित्रो/दोस्तों. ..आज एक विशेष बात/कारण हेतु निवेदन /अपील/प्रार्थना ---जेसा की आप सभी जानते हें हमारे देश में अनेक अनाथ /लाचार/बेसहारा बच्चे हे और उनके अध्ययन( पढाई हेतु कोई माकूल/समुचित व्यवस्था नहीं होती..में कुछ इसे लोगों /ऐसी संस्थाओ से से जुड़ा हुआ हूँ जो इस तरह का नेक कार्य करने में लगी हुयी...

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