जानिए अपने घर में चाकू कैसे रखें ???
जानिए चाकू और वास्तु का सम्बन्ध-
वास्तुशास्त्र में सिर्फ रसोई संबंधित नियम ही नहीं बताए गए बल्कि खाना खाने का भी अपना फार्मूला होता है। भोजन करने से पूर्व हाथ−पैरों को स्वच्छ जल से धोएं। भोजन करते समय मन को प्रसन्न और शांत रखना उचित माना जाता है। क्रोध, लोभ, मोह तथा काम का चिंतन करते हुए किया गया भोजन शरीर को लाभ पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचाता है। ऐसा माना जाता है कि भोजन के समय भगवान का चिंतन करने व उनका नाम जपते हुए संतुष्ट भाव से भोजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं तथा ग्रह की सकारात्मक स्थिति से मनुष्य के शारीरिक−मानसिक दोष भी खत्म होते हैं।
वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार घर की हर वस्तु हमारा जीवन प्रभावित करती है। सामान्यत: सभी के घरों में चाकू और कैंची तो होती हैं। इनका दिन में कई बार उपयोग भी किया जाता है। चाकू रसोई में अधिक इस्तेमाल होने वाला औज़ार है और इसके बिना रसोई का सारा काम अधूरा है। इनकी उपयोगिता को देखते हुए इन्हें कैसे रखना चाहिए इस संबंध में वास्तु में बताया गया है कि नुकीले औजार जैसे कैंची, चाकू आदि कभी भी इस प्रकार नहीं रखे जाने चाहिए कि उनका नुकीला हिस्सा बाहर की ओर हो।
जी हां एक चाकू भी आपके घर की सुख,समृद्धि और वैभव की बर्बादी कर सकता है, इसलिए जरा चाकू से सावधान रहिए ! वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यहां बात हो रही है सब्जी काटने के चाकू की, जिसे महिलाओं सब्जी काटने के उपयोग के बाद कीचन की दीवार पर कील मंे लटका देती है। दरअसल ऐसा करना वास्तु शास्त्र के हिसाब से गलत है, इसलिए कीचन की दीवार की कील पर सब्जी काटने का चाकू बिल्कुल न लटकाए।चाकू या कैंची जैसे नुकीले जैसे कई औजार सभी के घरों में होते हैं। इन औजारों का दिनभर में कई बार उपयोग किया जाता है। वास्तु शास्त्र में इनके संबंध में भी कई विशेष बातें बताई गई हैं, जिन्हें अपनाने से कई सकारात्मक लाभ प्राप्त होते हैं।माॅर्डन रसोई में कई चीजे वास्तु के विपरित रख दी जाती है, जिसका प्रभाव जिंदगी पर धीरे- धीरे पड़ने लगता है। घर में रसोई को बनाते समय वास्तु का ध्यान रखें, क्योकि अनजानें में कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं।
वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार कम जगह होने के कारण चाकू जैसी अन्य चीज को रसोई की दिवार पर लटका देते हैं। वास्तु के अनुसार इसे अशुभ माना जाता हैं। कैंची या चाकू के नुकीले सिरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं इसलिए भूलकर भी आपके रसोई की दीवार पर कभी ना लटकाएं चाकू क्योंकि इसके प्रभाव स्वरूप आती है कंगाली | नुकीले औजार जैसे- कैंची, चाकू आदि कभी भी इस प्रकार नहीं रखे जाने चाहिए कि उनका नुकीला बाहर की ओर हो।
वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार पांच तत्वों के विध्वंक चक्र के अनुसार धातु काष्ठ को काट (नष्ट कर) डालती है और दक्षिण-पूर्व दिशा का तत्व काष्ठ है, इस कारण घर में इस क्षेत्र में चाकू या कैंची जैसी धारदार इस क्षेत्र की ऊर्जा के लिए हानिकारक है। इन वस्तुओं का नकारात्मक प्रभाव बनता है, क्योंकि इस क्षेत्र से जुड़ी हुई जीवन की अभिलाषा संपत्ति है और संपत्तिशाली बनना हरेक का सपना होता है। अपने ऑफिस या घर में यदि इस तरह की वस्तु रखी हुई हो या सजी हुई हो तो उसे तुरंत हटा दें। वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार चाकू, केँची जैसी वस्तुएं वक्त पड़ने पर हिसात्मक रूप धारण कर लेती है जो की हमारे लिए दुर्भाग्य के द्वार खोलती है। इन चीज़ो का प्रयोग करने के बाद इन्हे उचित स्थान पर बन्द करके रखना चाहिए| धातु की होने की वजह से इन्हें घर के पूर्व और दक्षिण पूर्व दिशा मे नही रखना चाहिए क्योंकि इन दिशाओं का तत्व लकडी है|
वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार धातु लकड़ी को नष्ट कर देती है| जिसकी वजह से हमारा स्वास्थ्य खराब रहता है और धन हानि होती है| हो सकता है कि इस तरह से करने से आपके रसोई घर में परिजनों के बीच कीचकीच भी हो या फिर भोजन बरकत की बर्बादी भी शुरू हो जाए। इसलिए सब्जी काटने के तुरंत बाद ही सब्जी काटने के चाकू को या तो गैस स्टैंड पर ही रख दे या फिर सब्जी की टोकरी में पटक दें, लेकिन चाकू को कीचन की दीवार पर तो हरगिज न लटकाए…!
वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार नुकीले चीजों का नुकीला हिस्सा हमेशा अंदर की ओर ही रखना चाहिए। इससे जहां किसी को चोट या कट लगने की संभावनाएं कम हो जाती हैं वहीं कई अन्य फायदे भी हैं। नुकीला हिस्सा बाहर रखने पर वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को बल मिलता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो जाता है। इससे परिवार के सदस्यों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से नुकीला हिस्सा हमेशा अंदर की ओर रखना चाहिए और चाकू या कैंची जैसे धारदार औजार बच्चों की पहुंच से दूर रखने चाहिए।
वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार पूर्व दिशा और उत्तर दिशा, ज्यादा ऊर्जावान दिशाएं मानी जाती हैं। इन्हीं दिशाओं से स्वास्थ्य समृद्धि और रचनात्मक शक्ति का विकास होता है। फेंगशुई के अनुसार काष्ठ तत्व को घर या दफ्तर के पूर्व दिशा में स्थापित करने से यह दिशा ऊर्जावान होती है। ऐसी मान्यता है कि यदि घर, कार्यालय, शोरूम आदि के पूर्वी हिस्से में लकड़ी का फर्नीचर या लकड़ी से निर्मित वस्तुएं आलमारी, शो पीस, पेड़-पौधे या फ्रेम जड़े हुए चित्र लगाए जाएं, तो अपेक्षित लाभ होता है। यदि आप अपने घर और दुकान कार्यालय में कुछ अच्छी ऊर्जाओं को संचारित करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित काष्ठ और लकड़ी के पेड़ पौधे या वस्तुएं रखकर इन्हें सुधार सकते हैं। जिन चीजों का विरोध होता है, ऐसी वस्तुएं घर या कारोबार के स्थल पर नहीं लगानी चाहिए।अपने शयनकक्ष में अचार,कैंची और चाकू न रखें क्योंकि ये आपके रिश्ते में खटास ला सकती है l