प्रिय पाठकों/मित्रों, कौन नहीं चाहता या जनता इन शब्दों को–प्रेम, प्यार, इश्क, मोहब्बत, नेह, प्रीति, अनुराग, चाहत, आशिकी, अफेक्शन, लव। ओह! कितने-कितने नाम। और मतलब कितना सुंदर, सुखद और सलोना। आज प्रेम जैसा कोमल शब्द उस मखमली लगाव का अहसास क्यों नहीं कराता जो वह पहले कराता रहा है? जो इन नाजुक भावनाओं की कच्ची राह से गुजर चुका है वही जानता है कि प्यार क्या है? कभी हरी दूब का कोमल स्पर्श, तो कभी चमकते चांद की उजली चांदनी।
एक समय हुआ करता था जब पति पत्नी के बीच का व्यवहार अपनत्व और विश्वास पर टिका रहता था । अब समय की व्यस्तता या जीवन की भागा दौड़ी या अधिक चाहत की इच्छा मै ये रिश्ता भी टूटता सा जा रहा है ।उस समय को याद करे जब ये रिश्ता कुछ नही होने पर भी सिर्फ साथ होने पर जिंदगी गुजर जाती थी।
एक गाना याद आ रहा है जिसके बोल थे ” तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है, अंधेरो से भी मिल रही रौशनी है” ।
उस समय पति पत्नी सीमितता मे भी खुश जिंदगी जी लिया करते थे और आज अधिकता होने पर भी जिंदगी का आनन्द नही लिया जा रहा ।
पूरे संसार मे भारत ही ऎसा देश है जहां अग्नि के सात फेरे लेते वक्त पति-पत्नी को सात जन्मों तक साथ रहने एवं एक-दूसरे के सुख-दुख मे भागीदार होने का वचन दिलाया जाता है। पति-पत्नी के बीच ऎसा भी नही होना चाहिए कि एक दूसरे की इच्छा-अनिच्छा जाने बिना दोनों मे से कोई एक किसी भी समय सेक्स का राग अलापना शुरू कर दे क्योंकि किसी एक की अनिच्छा से किया गया सेक्स वास्तव मे एक ऎसी मानसिक यातना होती है जिसका परेशान व्यक्ति न तो हर किसी से जिक्र कर सकता है और न ही वह उसे ज्यादा सहन कर सकता है। इसकी परिणति अलगाव या तलाक तक जा सकती है।
पवित्र अगि्न को साक्षी मानकर लिए गए सात फेरे जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं जिसमें प्यार, संयम, समझदारी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा होता है। इसलिए अगर आप भी विवाह के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे हैं तो इन वचनों का खास ध्यान रखें ताकि रिश्तों में नयापन, प्यार और विश्वास ताउम्र बना रहे। हमेशा से ही सात नंबर को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण और चिरायु प्रदान करने वाली संख्या माना जाता रहा है, क्यों कि सात नंबर अपने अंदर ब़डे गूढ़, आध्यात्मिक दर्शन और पारलौकिक अर्थ छिपाए हुए हैं। इस पुण्य संख्या के साथ ही जुडी है सप्तपदी यानि दो आत्माओं के मिलन के लिए मांगी गई ईश्वरीय स्वीकृ ति। इस रीति के बिना विवाह संपन्न नहीं हो सकता क्यों कि जब तक वर-वधू ये सात कदम नहीं चलते, विवाह अधूरा ही रहता है। सप्तपदी ही एक ऎसी रस्म है जहां साथ रखे हर कदम के साथ वर-वधू एक-दूसरे से सात जन्म तक का साथ साथ निभाने का वादा करते हैं, पर आज के बदलते परिवेश में ये सात वचन कब टूट जाते हैं पता ही नही चलता, इसलिए अगर आप चाहते हैं कि सात जन्मों का साथ वाकई सात जन्मों तक बना रहे तो सात फेरों के साथ जरूरी है इन बातों का ख्याल रखना ||
सेक्स अपने जीवन साथी से समर्पण व सहयोग चाहता है जिसमे पति-पत्नी दोनों में अपनी इच्छा से समर्पित होकर आपस मे ज्यादा से ज्यादा आनंद लेने व देने की कोशिश रहती है। सेक्स के समय किसी भी पार्टनर में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तनाव नही होना चाहिए क्योंकि सेक्स का उद्देश्य तभी सफल व सुखकारी होता है, जब इसे तन-मन की गहराई से संपादित किया जाए। इसके लिए जरूरी होता है कि आपसी मिलन के समय सारे तनाव, चिंता या आपसी गीले शिकवों को दूर ही रखा जाए ताकि दोनों तरफ से पूरा सहयोग हो। सेक्स वास्तव में एक प्राचीन काम कला है जिसके माध्यम से स्त्री-पुरूषों को शारीरिक तृçप्त के साथ दिन भर की थकान से मुक्ति एवं मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है।
भारतीय संस्कृति में ऋतुराज वसंत की अपनी महिमा है। वेदों में भी प्रेम की महिमा गाई गई है। यह अलग बात है कि हम जब तक किसी चीज पर पश्चिमी सभ्यता का ओढ़ावा नहीं ओढ़ा लेते, उसे मानने को तैयार ही नहीं होते। ‘योग‘ की महिमा हमने तभी जानी जब वह ‘योगा‘ होकर आयातित हुआ। ऋतुराज वसंत और इनकी मादकता की महिमा हमने तभी जानी जब वह ‘वेलेण्टाइन‘ के पंखों पर सवार होकर अपनी खुमारी फैलाने लगे।
प्रेम एक बेहद मासूम अभिव्यक्ति है। मशहूर दार्शनिक ख़लील जिब्रान एक जगह लिखते हैं-‘‘जब पहली बार प्रेम ने अपनी जादुई किरणों से मेरी आंखें खोली थीं और अपनी जोशीली अंगुलियों से मेरी रूह को छुआ था, तब दिन सपनों की तरह और रातें विवाह के उत्सव की तरह बीतीं।‘‘ अथर्ववेद में समाहित प्रेम गीत भला किसको न बांध पायेंगे। जो लोग प्रेम को पश्चिमी चश्मे से देखने का प्रयास करते हैं, वे इन प्रेम गीतों को महसूस करें और फिर सोचें कि भारतीय प्रेम और पाश्चात्य प्रेम का फर्क क्या है?
प्यार को और क्या नाम दिया जाए, वह तो बस प्यार है, उसे पनपने के लिए ‘स्पेस’ दीजिए। वेलेंटाइन डे तक ही नही वरन हर मौके पर प्यार जैसी खूबसूरत अनुभूति के अहसास को जीये। कल नही बल्कि आज के दिन से इस कोमल भावना के सम्मान का संकल्प लीजिए। इसे खेलने की चीज नहीं बनाएं बल्कि खुशी और खिलखिलाहट की वजह बने रहने दीजिए। जिंदगी को हर पल जीया जा सकता है, बस शर्त ये है की प्यार कभी शर्तों पर न हो ।
जानिए उन बातों को जिनसे आपके रिश्तों में प्यार की मिठास और खुशियां बनी रहे—
.- दाम्पत्य की अटूट कडी है ” विश्वास ” और विश्वास पर ही पति-पत्नी का रिश्ता टिका होता है, इसलिए इसमें शक न लाएं क्योंकि अगर यह एक बार आ जाता है तो पूरी जिंदगी लग जाती है टूटी कडी जोडने में, इसलिए जरूरी है कि विश्वास की नींव हिलने न दें बल्कि इतनी मजबूत बनाएं कि प्रचंड आंधी भी इसे हिला न सके।
.-विवाह के बाद अपनी गृहस्थी, बचत व निवेश की योजनाएं बनाएं और इसके साथ फैमिली प्लानिंग भी करके चलें ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सके और अपनी सुविधानुसार फैमिली बढाई जा सके। .-कोई इंसान परफेक्ट नही होता है, इसलिए एक-दूसरे में गलतियां न निकालें बल्कि गलतियों को सुधारने का मौका दें। अपने प्यार में इतनी ताकत लाएं कि सामने वाला अपनी कमियों को आपके कहे बिना ही सुधार लें।
4-उनकी पसंद के अनुरूप कार्य करें, मतलब ये नियम अपनाएं “जो तुमको हो पसंद वही बात कहेगें” फिर चाहे वह टीवी देखने का हो या फिर घूमने का, उनकी पसंद को अपनी पसंद बनाएं।
5-अगर पार्टनर खर्चीली प्रवृत्ति वाला है तो कोशिश करें कि खर्चे की सफाई ना मांगे, क्यों कि उनके अपने भी खर्चे होते हैं जिन्हें पूछना व बताना, झग़डे को बढ़ावा देने जैसा होता है, क्यों कि खर्चे करने का हक दोनों का होता है।
6-एक-दूसरे को सरप्राइज जरूर दें। पर झटके वाले ना हों, मतलब जिससे आपका बजट ना बिगडे और पार्टनर भी सरप्राइज देखकर खुश हो जाए।
7-आप चाहें कितने भी व्यस्त क्यों ना हों, पर एक-दूसरे को समय जरूर दें क्यों कि कई बार समय की कमीं के कारण रिश्ते बिखरने लगते हैं, इसलिए अपने पार्टनर के लिए समय जरूर निकालें।
8-रिश्ते में एक-दूसरे के घर की कमियां जरूर गिनाई जाती हैं, इसलिए ऎसे समय पर बुराई तो करें पर बुराई को झगडे का रूप ना दें।
9-गलती होने पर माफी जरूर मांगे, क्यों कि सॉरी कहना बुरी बात नहीं है और ना ही माफ करना मुश्किल काम है,साथ ही माफी मांगने से झगडा आगे नही बढता, इसलिए माफी मांगने में कंजूसी ना करें।
1.-कहते हैं रिश्ते में स्पेस जरूरी होता है क्यों कि दूरी से प्यार झलकता है। इसलिए अपने रिश्ते में थोडी दूरी बनाए रखें ताकि आपको उनकी कमी का एहसास हो।
11-सेक्स दाम्पत्य की धुरी है इसलिए एसे अनदेखा ना करें और हर रोज इसमें कुछ नया करने की कोशिश करें। पर जो भी क्रिया करें उसमें पार्टनर की सहमति जरूर होनी चाहिए।
12-अपने पार्टनर के लिए हमेशा ईमानदार रहें और कोई भी ऎसी बात ना छुपाएं जो बाद में पता चलने पर दिल को ठेस पहुंचाए।
13-घर का फैसला हो या फिर अपने लिए कोई भी फैसला अकेले ना लें, बल्कि एक,दूसरे के सलाह-मशविरा लेकर ही फैसला करें।
14- कहते हैं कि खुशियां हमारे आस-पास ही होती हैं,बस उन्हें ढूंढने की जरूरत होती है इसलिए जीवन के हर पल में खुशियां ढूंढे।
15-पति-पत्नि का रिश्ता एक दूसरे के लिए समर्पित होता है,इसलिए अगर आपको लगता है कि आपके पार्टनर व घर के लोगों की जिसमें खुशी है वो आपसे ही पूरी हो सकती है तो उसके लिए कुर्बानी देने में जरा भी संकोच ना करें।
16-अपने साथी की खूबियों की तारीफ करें और इस तारीफ को हो सके तो घर वालों के सामने भी कहें। इससे आत्मविश्वास बढता है।
17-थैंक्यू शब्द जादू का काम करता है, इसलिए अगर आपके पार्टनर ने आपके घर व आपके लिए कुछ किया है तो थैंक्यू जरूर कहें। आपके द्वारा कहा गया थैंक्यू उनको कितनी खुशी देगा उसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते।
18- कभी-कभी हार मान लेना गलत नहीं होता है, इसलिए अगर आपकी गलती नहीे है तो भी हार मान लें। आपका ये व्यवहार देखकर वो आपके आभारी हो जाएंगे।
19-अगर किसी बात को लेकर बहस हो रही है तो उस बात का बतंग़ड ना बनाएं बल्कि तुरन्त खत्म करने की काशिश करें।
20-माना आपकी शादी हो गई है और आप चाहते हैं कि आपका साथी हमेशा आपके साथ रहे तो इस जिद को छोडे और उन्हें दोस्तों के साथ घूमने का मौका भी दें।
21-अगर आपका किसी बात पर झगडा हो गया है तो बिस्तर पर जाने से पहले झगडे को खत्म कर लें ताकि बिस्तर पर बातें हों तो सिर्फ प्यार की।
22-शादी के बाद अगर आपके साथी का कोई शौक पूरा नहीं हो पाया हैे तो उसे पूरा करने का मौका व सहयोग दें और उसके शौक व रूचियों को बरकरार रखें। शौक को पूरा करने में मददगार बनें न कि दीवार।
23-अगर आपकी कोई फरमाइश है तो उसे साथी को बताएं ना कि फरमाइशों को चाय के प्याले के साथ परोसें।
24-शादी के बाद डेटिंग जैसी चीजों को खत्म ना करें बल्कि मौका मिलते ही डेटिंग पर जाएं ताकि पुरानी यादें ताजा हो सकें।
25-“आई लव यू” ये तीन शब्द सारे गुस्से और झगडे को खत्म कर देता है इसलिए इसे कहने से ना चूकें।
26-अगर आपके पार्टनर ने कुछ नया किया है तो उसे कॉम्पलीमेंट जरूर दें,उससे उसका हौसला बढता है।
27-माना ईगो इंसानी व्यक्तित्व का गुण है,जो समाज में आपकी पहचान के साथ अपने आप विकसित होने लगता है, पर इसका मतलब ये नहीं कि रिश्ते में ईगो लाएं।
28-आपसी तालमेल के दौरान हमेशा अदब व शिष्टाचार रखें। कभी भी अपशब्द का इस्तेमाल ना करें। तर्क-वितर्क करते समय आपा ना खोएं।
29-बार-बार अपने पार्टनर को छोड देने की धमकी ना दें,इससे रिश्ते की डोर कमजोर होती है। 30-आमतौर पर ये माना जाता है कि शादी के बाद प्रेम और परिपक्व हो जाता है,इसलिए प्रेम को और बढाएं ना कि कम होने दें।
31-एक -दूसरे को सम्मान दें, क्यों कि आपके द्वारा दिया गया सम्मान तीसरे की नजर में भी आता है, इसलिए गरिमा बनाए रखें।
32-विवाहित जीवन का भविष्य बनाने के लिए जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे के प्रशंसनीय पक्ष पर ध्यान दें।
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पति-पत्नी के रिश्ते की नाज़ुक डोर प्यार, विश्वास, भरोसे व अपनेपन जैसे मज़बूत धागों से बंधी होती है. इनमें ज़रा-सी भी उलझन दिलों में दरार डाल देती है और रिश्ते दरकने लगते हैं. कहीं आपकी शादीशुदा ज़िंदगी में भी तो कोई रिलेशनशिप प्रॉब्लम नहीं? अगर है, तो आइए जानें, रिलेशनशिप की 5 लेटेस्ट प्रॉब्लम्स व उनके स्मार्ट हल—
1. कम्युनिकेशन गैप—-
हर सफल रिश्ते की नींव कम्युनिकेशन यानी बातचीत व सही व्यवहार पर टिकी होती है. जॉन ग्रे की क़िताब ङ्गमेन आर फ्रॉम मास, वुमन आर फ्रॉम वीनसफ में लेखक ने लिखा है, ङ्गस्त्री और पुरुष दोनों का संबंध अलग-अलग ग्रहों से है, इसलिए उनमें रिलेशन प्रॉब्लम्स होती हैं, जिससे महिलाएं चाहती हैं कि कोई उन्हें ध्यान से सुने, उनकी बातों परध्यान दे, पर पुरुष उन्हें समझ नहीं पाते और अपनी व्यस्तता के कारण उन्हें समाधानों की एक लंबी-चौड़ी लिस्ट थमा देते हैं.
अक्सर महिलाएं कहना कुछ चाहती हैं, पर वे कहती कुछ और हैं, जैसे- ङ्गकोई बात नहीं, मैं ये काम कर लूंगी,फ तो पुरुषों को समझ जाना चाहिए कि कुछ बात है और वह चाहती है कि आप उनसे कहें कि नहीं, नहीं मैं वो काम कर लूंगा, पर पुरुष इसे समझ ही नहीं पाते. इसी वजह से पत्नी को लगता है कि उसके पति उसे समझते ही नहीं, जिससे उनके रिश्ते में प्रॉब्लम्स आने लगती हैं.
ऐसी ही न जाने कितनी बातों की वजह से पति-पत्नी के रिश्ते में ख़ामोशी आने लगती है, जो धीरे-धीरे उनके रिश्ते को ख़ामोश करने लगती है, इसलिए अपने रिश्ते को बचाने के लिए उसमें कभी भी ख़ामोशी को न आने दें.
स्मार्ट हल—
* कम्युनिकेशन यानी बातचीत का अर्थ केवल बोलना नहीं है, बल्कि सामनेवाले की बातों को ग़ौर से सुनना और समझना भी है.
* माना घर-गृहस्थी और करियर के चक्कर में आप एक-दूसरे के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं, पर आपके पार्टनर के बिना कैसी घर-गृहस्थी?
* पार्टनर के बीच बातचीत बहुत ज़रूरी है. एक-दूसरे की मजबूरियों और समस्याओं को समझने की कोशिश करें और कोई भी फैसला लेने से पहले खुलकर उस विषय पर बात करें.
* कितनी भी नाराज़गी क्यूं न हो, बात करना बंद न करें.
* इसके लिए किसी न किसी को तो पहल करनी ही होगी, तो उनके पहल करने का इंतज़ार न करें और अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त कर दें.
* हमेशा याद रखें कि ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका हल बातचीत से नहीं निकल सकता. बड़ी से बड़ी समस्या का हल बैठकर निकाला जा सकता है.
2. नो टाइम फॉर सेक्स—
शादीशुदा ज़िंदगी को सफल बनाने में सेक्सुअल रिलेशन अहम् भूमिका अदा करती है. आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, जल्दी से जल्दी सब कुछ पा लेने की होड़ में अक्सर रिश्ते कहीं पिछड़ जाते हैं, ख़ासकर शहरों में, जहां दोनों ही पार्टनर्स कामकाजी हैं, एक-दूसरे के लिए क्वालिटी टाइम निकालना मुश्किल हो जाता है, जिसका असर उनके शादीशुदा जीवन पर पड़ता है.
स्मार्ट हल—
* चाहे कितने भी बिज़ी हों, एक-दूसरे के लिए समय ज़रूर निकालें. ध्यान रखें, सेक्स शादीशुदा ज़िंदगी के लिए टॉनिक की तरह है.
* इसके लिए ज़रूरी है कि दोनों ही खुलकर अपनी भावनाएं एक-दूसरे से व्यक्त करें.
* वीकेंड पर या छुट्टी के दिन ऑफ़िस को भूल जाएं. पूरा दिन साथ-साथ बिताएं. रोमांटिक बातें करें. आउटिंग पर जाएं.
* एक-दूसरे को छोटे-छोटे गिफ्ट्स देकर भी आप अपनी भावनाओं को ज़ाहिर कर सकते हैं.
* शादीशुदा ज़िंदगी में ताज़गी बनाए रखने के लिए हर छह महीने पर या साल में कम से कम एक बार स़िर्फ आप दोनों घूमने जाएं. ऐसे में सारे गिले-शिकवे भी दूर हो जाते हैं और आपकी सेक्सुअल लाइफ भी रिन्यू हो जाती है.
3. फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स—
अक्सर पैसे ख़र्च करने के मामले में दोनों पार्टनर अलग होते हैं. एक को बहुत ख़र्च करना पसंद होता है, तो दूसरे को बचत करने की या कम ख़र्च करने की आदत होती है. कई बार तो पार्टनर के बीच इस बात को लेकर झगड़े हो जाते हैैं कि कौन कितना ख़र्च करेगा. व्यक्तिगत ख़र्च को प्राथमिकता देकर घर ख़र्च को अनदेखा करना भी इसका एक प्रमुख कारण है.
स्मार्ट हल—
* दोनों पार्टनर्स बैठकर फाइनेंशियल प्लानिंग करें. इन्वेस्टमेंट आदि के अलावा घरेलू ख़र्चों में दोनों मिलकर सहयोग करें.
* हर महीने का बजट बनाएं, ताकि फ़िज़ूलख़र्ची न हो.
* अपने पार्टनर से अपने व्यक्तिगत ख़र्चों को छुपाए नहीं.
4. नो टाइम फॉर किड्स—
कहते हैं, बच्चा पति-पत्नी के बीच के सभी गिले-शिकवे दूर कर उन्हें और क़रीब ले आता है, लेकिन आज कपल्स के पास इतना समय ही नहीं रहता कि वे बच्चे प्लान कर सकें. करियर बनाने और भविष्य को सुरक्षित करने के चक्कर में दोनों ही पार्टनर अपने रिश्ते से ज़्यादा काम को अहमियत देते हैं. बच्चे की ज़िम्मेदारी लेने के लिए उनके पास समय ही नहीं होता. लेकिन उम्र के एक पड़ाव पर उन्हें जब बच्चे की कमी का एहसास होता है, तब अपनी झुंझलाहट वो एक-दूसरे पर ही निकालते हैं और एक-दूसरे को दोषी ठहराते हैं, जिससे रिश्तों में खटास आने लगती है.
स्मार्ट हल—-
* दोनों को ही यह बात समझनी होगी कि करियर उनके रिश्ते से बढ़कर नहीं है और हर चीज़ की एक सही उम्र होती है, अगर उसी उम्र में वह हो जाए, तो ज़्यादा बेहतर है. इसलिए बच्चा प्लान करने में देरी न करें.
* ध्यान रखें कि बच्चे जीने के मक़सद होते हैं. पति-पत्नी के रिश्ते की कड़ी होते हैं, जो उन्हें स्नेह के बंधन से जोड़े रखते हैं.
* माना कि बच्चों की परवरिश एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, लेकिन दोनों
के सहयोग से इसे आसान बनाया जा सकता है.
5. ऑफिस रोमांस—
कॉम्पटीशन के इस दौर में हर कोई आगे निकलना चाहता है. ऐसे में ज़्यादा समय तक काम करना हमारी आदत में शुमार हो जाता है. घर से ज़्यादा वक़्त हम ऑफिस में गुज़ारते हैं, जिसकी वजह से कलीग्स में एक भावनात्मक लगाव हो जाता है. ऐसी कई बातें होती हैं, जो हम अपने पार्टनर से न शेयर करके अपने कलीग्स से शेयर करने लगते हैं. कभी-कभी यह लगाव अफेयर का रूप ले लेता है, जिसका असर उनकी शादीशुदा ज़िंदगी पर भी पड़ता है. यह स़िर्फ पुरुषों तक ही सीमित नहीं है, महिलाएं भी इसमें उतनी ही भागीदार हैं, इसलिए दोनों को ही अपने रिश्तों पर ग़ौर करने की ज़रूरत है.
स्मार्ट हल—
* अगर आपको ऐसा एहसास हो रहा है कि आप अपने कलीग्स के साथ कुछ ज़्यादा ही इन्वॉल्व हो रहे हैं, तो वहीं पर अपने क़दम पीछे खींच लें.
* अपने पार्टनर के साथ ज़्यादा से ज़्यादा क्वालिटी समय बिताने की कोशिश करें.
* अपने पार्टनर से बेवफ़ाई की भावना आपको आत्मग्लानि से भर देगी और आपकी ख़ुशहाल ज़िंदगी ख़ुशहाल नहीं रह जाएगी, इसलिए अपने रिश्ते में ईमानदारी बनाए रखें.
* रिश्तों की अहमियत को समझने की कोशिश करें और साथ ही अपने पार्टनर को भी समझने की कोशिश करें.
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जानें स्वस्थ रिश्तों के लक्षण—-
1. दो व्यक्तियों के बीच की आपसी समझ ही स्वस्थ रिश्ते का सबसे बड़ा लक्षण है. पति-पत्नी बिना बोले एक-दूसरे की भावनाओं को समझ जाते हैं, तो स्वस्थ रिश्ते का इससे बड़ा उदाहरण नहीं है.
2. पति-पत्नी दोनों ही ख़ुश व तनावमुक्त होते हैं.
3. दोनों ही अपनी ज़िम्मेदारियां दूसरे पर नहीं थोपते, बल्कि उन्हें बांटने का पूरा प्रयास करते हैं.
4. दोनों में मन-मुटाव कम ही होते हैं, क्योंकि दोनों हर समस्या का समाधान मिलकर निकालते हैं. हर अहम् ़फैसलों में दोनों की सहमति होती है.
5. दोनों न स़िर्फ एक-दूसरे के काम में हाथ बंटाते हैं, बल्कि उनके काम का सम्मान भी करते हैं और उनके तनाव को समझते हैं.
6. ऐसे कपल्स एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होते, बल्कि हर क़दम पर एक-दूसरे का साथ निभाते हैं.
7. स्वस्थ रिश्तों में पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ भरपूर क्वालिटी समय बिताते हैं. एक-दूसरे को ख़ुश रखने की हर संभव कोशिश करते हैं.
8. दोनों ही एक-दूसरे पर इतना विश्वास करते हैं कि दूसरों के बहकावे में कभी नहीं आते.
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क्या न करें पोस्ट सेक्स बिहेवियर में?
– सेक्स के बाद कोई भी पार्टनर तुरंत अपना मोबाइल चेक करने, मैसेज भेजने या लैपटॉप लेकर बैठने आदि जैसी ग़लतियां न करें.
– रोमांटिक बातों के बाद ब्रेकफास्ट/लंच में क्या बनेगा… घर के ख़र्चे जैसे- बिल कैसे भरेंगे… आदि बातों के अलावा पार्टनर से कोई बहस या सवाल पूछने जैसी भूल न करें.
– रियल सेक्स लाइफ की तुलना पोर्नोग्राफी से न करें.
– कोई भी पार्टनर किसी दोस्त की सेक्स लाइफ की तुलना अपनी सेक्स लाइफ से कभी न करे, क्योंकि सबकी सेक्सुअल ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं.
गलत हैं पुरुषों का मुंह फेर कर सो जाना —
– सेक्स के बाद अक्सर महिलाओं को यह शिकायत रहती है कि उनके पार्टनर सेक्स के बाद तुरंत मुंह फेर कर सो जाते हैं. पुरुषों की यह आदत महिला पार्टनर को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती. उनका ऐसा व्यवहार पार्टनर को आहत करता है.
– सेक्सोलॉजिस्ट का मानना है कि पुरुषों का ऐसा व्यवहार पार्टनर के प्रति बिल्कुल भी सही नहीं है. उनके ऐसे व्यवहार से वह पूर्णत्व का अनुभव नहीं करती. कई बार महिलाएं पुरुष पार्टनर द्वारा आफ्टरप्ले या सही ढंग से पोस्ट सेक्स बिहेवियर न किए जाने पर नाराज़ या ग़ुस्सा हो जाती हैं. यहां तक कि पुरानी बातों को लेकर पुरुष पार्टनर से झगड़ा भी करती हैं.
पार्टनर के पोस्ट सेक्स बिहेवियर के बारे में कुछ ज़रूरी बातें—
सेक्स में ऑगैऱ्ज्म की अनुभूति होने के बाद पुरुष पार्टनर के जल्दी सो जाने की एक वजह हार्मोंस भी हो सकते हैं, लेकिन सेक्स के बाद कुछ रोमांटिक पल बिताना रिश्तों की मज़बूती के लिए अच्छा होता है. इसलिए महिलाएं पुरुषों से अच्छे पोस्ट सेक्स बिहेवियर की अपेक्षा करती हैं. पोस्ट सेक्स बिहेवियर के बारे में दोनों पार्टनर को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-
– सेक्स के तुरंत बाद अधिकतर पुरुष बिना कुछ कहे बेड से उठकर चले जाते हैं. उनका ऐसा व्यवहार सेक्स ऐटिकेट्स के विरुद्ध है. इससे महिला पार्टनर को बुरा महसूस होता है. इस स्थिति से बचने के लिए पुरुष पार्टनर बेड से उठने से पहले ‘एक्सक्यूज़ मी’ कहकर जाएं और वापस आने पर पार्टनर को ‘हग’ या ‘किस’ करें.
– दोनों पार्टनर अपनी शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें.
– सेक्स के बाद तुरंत सोने की बजाय पार्टनर्स कुछ पल रोमांटिक बातचीत में बिताएं.
– पार्टनर्स आफ्टरप्ले करें, जैसे- हग या किस करना, एक-दूसरे को सहलाना, बालों में हाथ फेरना आदि.
– रिलेशनशिप के बाद पार्टनर्स आपस में पिलो टॉक करें. पिलो टॉक करने से पार्टनर्स भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के क़रीब आते हैं.
– पुरुष अपने पार्टनर से पूछें कि वह क्या चाहती है, ताकि वह अगली बार उसकी इच्छाओं और पसंद-नापसंद का ध्यान रखें.
– भावनात्मक स्तर पर रिश्तों को मज़बूत बनाने के लिए ज़रूरी है कि महिलाएं अपने पार्टनर से अपने मन की बात शेयर करें.
– यदि पार्टनर को ऑर्गैज़्म की अनुभूति न हुई हो और वह दोबारा रिलेशन बनाना चाहता/चाहती है, तो दूसरा पार्टनर उसकी इच्छा का सम्मान करे.
– आफ्टरप्ले करने के बाद भी पार्टनर्स एक-दूसरे को स्पर्श करते हुए सोएं.
– दोनों पार्टनर सारी ज़िम्मेदारियों और बातों को भूलकर थोड़ी देर रोमांटिक माहौल बनाए रखें.
– यदि पार्टनर्स अच्छी सेक्सुअल लाइफ चाहते हैं, तो सेक्स के दौरान एक-दूसरे की आलोचना करने से बचें. इससे दांपत्य जीवन में दरार आ सकती है.
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पूरे संसार मे भारत ही ऎसा देश है जहां अग्नि के सात फेरे लेते वक्त पति-पत्नी को सात जन्मों तक साथ रहने एवं एक-दूसरे के सुख-दुख मे भागीदार होने का वचन दिलाया जाता है।
पति-पत्नी के बीच ऎसा भी नही होना चाहिए कि एक दूसरे की इच्छा-अनिच्छा जाने बिना दोनों मे से कोई एक किसी भी समय S*x का राग अलापना शुरू कर दे क्योंकि किसी एक की अनिच्छा से किया गया S*x वास्तव मे एक ऎसी मानसिक यातना होती है जिसका पी�़डत व्यक्ति न तो हर किसी से जिक्र कर सकता है और न ही वह उसे ज्यादा सहन कर सकता है। इसकी परिणति अलगाव या तलाक तक जा सकती है। S*x अपने जीवन साथी से समर्पण व सहयोग चाहता है जिसमे पति-पत्नी दोनों में अपनी इच्छा से समर्पित होकर आपस मे ज्यादा से ज्यादा आनंद लेने व देने की कोशिश रहती है।
आज हम आपको इसी काम कला के कुछ खास रोमांटिक तरकीबें बताने जा रहे हंै जो आपकी रातों को और मादक व मदभरी बनाकर आपकी वैवाहिक जिंदगी मे खुशी के रंग भर देंगे।
1. रात के खाने के बाद वनीला फ्लेवर की पुडिंग,आइस्क्रीम या चाय पिए। शोध बताते है। कि वनीला की खुशबू इतनी कामोत्तेजक होती है कि नपुंसक व्यक्ति भी दीवाना हो जाता है।
2. मस्तिष्क में मौजूद पीयूष और पीनियल ग्रंथियो का सीधा संबंध पैर के अंगूठे से होता है। फोरप्ले के दौरान साथी एक-दूसरे के अंगूठो को सहलाए, तन-मन मस्ती से झूम उठेगा।
3. मुताबिक स्त्री व पुरूष के ऊपरी और निचले होठों का शरीर से अलग-अलग तरह से संबंध होता है। स्त्री के ऊपरी होठों का संबंध भगशिशनिका और पुरूष के निचले होठों का संबंध शिशन से होता है, तो ध्यान रहे कि इस बार कौन किसके होंठ चूमेगा।
4. इत्र को रूई के फोए मे लगा कर अपनी नाभि और कानो के पीछे लगाएं और खुश्बू का कमाल देखिए।
5. बादाम या केनोला तेल की कुछ बूंदे, लेवेंडर तेल मे मिला कर साथी के बदन की मालिश करे। संभोग से पहले तन की मालिश ऊर्जा बढाती है।
6. स्त्री और पुरूष के छाती के ऊपरी भाग मे थाईमस ग्लेंड होता है, जो हल्के दबाब और सहलाने पर काफ़ी जल्दी उत्तेजित हो जाता है। अगली बार उन्हें हल्के दबाब के साथ गले लगाकर देखें,यकीनन एक दूसरे के गुनगुने आगोश मे सिमटते चले जाएंगे।
7. जब आप पूरी उत्तेतना मे हो, चरम सुख से पहले अपने सिर को बेड की साइड से नीचे लटका दें। सिर मे रक्तसंचार तीव्र होने के कारण प्यार का आनंद दुगुना महसूस करेंगे।
8. घर मे कहीं भी फुल साइज़ शीशा लगाएं। बेड पर नही आईने के सामने प्यार करे। आप दोनों प्यार का एक अलग ही लुफ्त उठाएंगे।
9. खूब कपडे और गहने पहन कर भी प्यार करे। प्यार की कडी गहनों और कपडों से भी जु़डी होती है। कडियां जैसे-जैसे खुलेगी,प्यार का रहस्य समझने में आनंद आएगा।
10. बेड या कुर्सी मे अपने साथी की गोद में उसकी और फेस करके बैठे। ध्यान अपने तन की ओर केंद्रित करे और समझें कि आपके अंदर एक रोशनीभरी गेंद है। आप दोनो लंबी-लंबी सांसे लें, साथ ही कल्पना करे कि रोशनी से भरी यह गेंद आप एक अपने साथी को दे रहे हो। यह प्रक्रिया दोनो दोहराएं। जब वे सांस छो़डे, तब आप सांस लें। संसर्ग से पहले इस व्यायाम को सिर्फ पांच मिनिट के लिए करे। फिर देखे आपके प्यार की कल्पना कैसे साकार हो उठेगी। स्त्री व पुरूष दोनों के लिए सेक्स के दौरान चरम उत्तेजना हासिल करना सबसे सुखद अनुभव होता है। जितनी ज्यादा देर तक सेक्स किया जाए वह मस्तिष्क और शरीर दोनों के लिए ही बेहतर है। अब आप भी अपनी हर रात की स्याही को आंखो का काजल व नीरावता को दिल की आवाज बनाकर इन तरकीबों से अपने यौन जीवन मे वास्तविक सुख का अनुभव प्राप्त कर सकतें है।