प्रिय पाठकों/मित्रों, आजकल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। निश्चित रूप से यह देश का भविष्य तय करने वाले हैं। सारी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रहीं हैं। राजनीति के पंडित अपने अनुभव के आधार पर अनुमान लगा रहे हैं। मीडिया कंपनियां गली गली जाकर रायशुमारियां कर रहीं हैं। जानने की कोशिश की जा रही है कि जनता के दिल में क्या चल रहा है। फिर सब अपने अपने तई दावे भी कर रहे हैं।
2 बड़ी कंपनियों के सर्वे रुझान सामने आ चुके हैं लेकिन ज्योतिष कहती है कि ये सारे सर्वे धरे रह जाएंगे। मतदान के दिन जो माहौल दिखाई देगा, परिणाम उससे उलट भी हो सकते हैं। एक बार फ़िर जनता जनार्दन खुद को लोकतंत्र का सिकंदर घोषित कर दिग्गज नेताओं को दाँतों तले अँगुली दबाने पर मजबूर कर देगी।
प्रिय पाठकों/मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की ज्योतिषीय सिद्धांत व अब तक के अनुभव से जो परिणाम सामने आए हैं कि चुनाव के समय राजनैतिक दल और विभिन्न दल के शीर्ष नेता के जन्मकालीन चन्द्रमा व गोचर में शनि की आपसी दूरी प्रकट करती है कि कौन सत्ता के नजदीक है और कौन दूर। वर्तमान दशा अन्तर्दशा प्रत्यन्तर दशा भी बताती है कि सितारें, दल और नेता के कितने साथ हैं और कितनी दूर।
आईये जानते हैं क्या हैं योग और क्या आएंगे परिणाम 11 मार्च 2017 को।
11 मार्च 2017 को माघ नक्षत, फाल्गुन महीने की चतुर्दशी (होलिका दहन), वार शनिवार रहेगा |चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा |
शनिवार सुबह 9 बजकर 40 मिनट से 11 बजे तक राहु काल प्रभावी रहेगा| इस अवधि में अनेक रोचक/अद्भुत/अविश्वसनीय परिणाम सुनने -देखने को मिल सकते हैं |
भारतीय जनता पार्टी : वर्तमान ग्रहों की स्थिति, भाजपा को बहुत मजबूती से ताकत प्रदान कर रही है। चन्द्रमा की स्थति ही दो राजयोग बना रही है। पार्टी के गठन के समय का चन्द्रमा व फरवरी मार्च 2017 में गोचर का शनि डिग्री में इतने नजदीक चल रहे हैं कि बहुतम की सरकारें बनाने के योग प्रबल हैं। क्रमशः उत्तराखण्ड, गोवा, उ0प्र0, पंजाब में पार्टी को लाभ मिलेगा ही। पंजाब में भा.ज.पा को आशा से अधिक सीटें मिलेंगी, किन्तु गठबंधन का अकाली दल के योग अनुकूल नहीं हैं। प्रकाश सिंह बादल की शनि की अष्टम ढैय्या सत्ता प्राप्ति में विरोध पैदा कर रही है।
दरअसल, चुनाव की घोषणा, पर्चा दाखिली की तारीखें, प्रचारक की कालावधि और परिणाम की घोषणा वाले दिन आकाशमंडल में गृह नक्षत्रों की स्थिति काफी भिन्न भिन्न बन रहीं हैं। यह बहुत कम होता है। ज्यादातर चुनाव एक ही गृह के प्रभाव में पूरे हो जाते हैं। ऐसे हालात में एक आंधी चलती है जो अंत तक बनी रहती है। चुनाव परिणाम भी वैसे ही आते हैं, जैसी सभाओं में भीड़ थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। आपको बता दें की इन चुनावों में छोटे दलों की भूमिका काफी अहम् रह सकती है। उत्तर प्रदेश के पिछले चुनाव में आरएलडी के 8,पीस पार्टी के 4, कौमी एकता दल के 2 और एनसीपी, अपना दल, इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल, तृणमूल कांग्रेस के 1 विधायक की जीत हुई थी। इसके अलावा छह निर्दलीय विधायकों ने भी बाज़ी मारी थी। देखना दिलचस्प होगा की छोटी पार्टियां किसे समर्थन देती है और किसके कितने उम्मीदवार विधानसभा में जाते है।
11 मार्च 2017 को जब मतगणना व चुनाव परिणाम की घोषणा होगी उस समय चंद्र राहु का ग्रहण योग चल रहा होगा। सूर्य और चंद्र दोनों राहु केतु की गिरफ्त तथा ग्रहण योग के प्रभाव में होंगे। उस समय दिनभर केतु का नक्षत्र होगा जो उस समय विशेष रूप से प्रभावी होगा केतु आकस्मिक और अनुमान से परे होने वाली घटनाओं के कारक है। इसलिये इस दिन चुनाव के सम्बन्ध में कोई अनुमान पूर्वानुमान से परे रहकर शांति से इस दिन का आनंद ले क्योंकि इस दिन कुछ भी हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी : इन दिनों चन्द्र की दशा में शनि की अन्तर्दशा व चन्द्रमा की प्रत्यन्तर दशा बहुत बड़ी उपलब्धियाँ, जीत व यश, प्रतिष्ठा दिलाएगी। भाजपा उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आएगी।नरेंद्र मोदी वृश्चिक राशि के हैं स्वामी यम ग्रह (प्लूटो) है। इस राशि में पैदा होने वाले अक्सर अनिच्छुक और शर्मीले होते हैं। किंतु अपने अजबूत इरादों की वजह से श्रेष्ठ होते हैं। इस वर्ष काम में उन्नति की उम्मीद की जा सकती है। खुद के व्यक्तित्व का विकास और कुछ चीज़ों की परख से आप और भी ज्याद परिपक्वा और पहले से ज़्यादा संतुलित हो जायेंगे। रिश्तों के मामले में आप निष्क्रिय और स्थिर रहेंगे। इस दौरान अगर वृश्चिक राशि ने अपना सारा ध्यान कॅरियर पर केंद्रित किया तो इसे बेहतर कुछ नही हो सकता। कुछ भी, हालांकि मुफ़्त नही है। इन्हे कई बाधाओं को दूर करना होगा। इस वर्ष आप किसी पुरस्तार के भी हकदार हो सकते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों और सहयोगियों के प्रति एक दोस्ताना रवैया कुछ नही तो कम से कम आपको यश दिलाएगी।
अमित शाह—
मेष राशि के अमित शाह को उत्तर प्रदेश विशेष रूप से फलित हुआ है। बिहार चुनाव के समय शनि के अडैया ने उन्हे अच्छे परिणाम नही दिये। उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम जब आयेंगे तब तक शनि भाग्य भाव से भ्रमण करेगा। अडैया की समाप्ति अच्छा फल दें सकती है। उनको चल रही गुरु की दशा अच्छे परिणाम दें सकती है वैसे भी गुरु उत्तर दिशा का स्वामी है। उत्तराखंड , उत्तरप्रदेश तथा पंजाब की दिशा भी उत्तर है इसलिये इन राज्यों से उन्हे अनुकूल परिणाम मिल सकते है।
अरविंद केजरीवाल : 26 जनवरी 2017 से लघु कत्याणी शनि की ढैय्या में उनके निर्णय इन पर ही उल्टे पडेंगे। जिससे जनता का विरोध सहित कई कठिनाइयां झेलने के योग हैं। पंजाब में चुनाव के समय गुरू में चन्द्र प्रत्यन्तर राहु धन लाभ तो खूब करा देंगे किन्तु उतना राजनैतिक लाभ नहीं होगा। दिल्ली में भी उनकी समस्याएं बढ़ेंगी ही।
कांग्रेस : कांग्रेस शनि की ढैय्या से पीड़ित चल रही है। विंशोत्तरी दशा भी अनुकूल नहीं है। राहु की दशा में शनि का अन्तर दशा व चन्द्र का प्रत्यन्तर, फरवरी मार्च 2017 में हर राज्य में असफलता दिलाने का योग बना रहे हैं। उधर, पार्टी गठन के समय का चन्द्र वर्तमान गोचर के शनि से अधिक दूरी होने के कारण कांग्रेस की सत्ता से भी दूरी के योग बन रहे हैं।
राहुल गांधी : कांग्रेस शीर्ष नेता राहुल गाँधी इस समय मंगल की दशा में चल रहे है। शनि के धनु में जाते ही उन्हे साडेसाति ख़त्म हो जायेगी लेकिन उनकी कुंडली मॆ सूर्य और मंगल मिथुन राशि में बैठे है जो शनि महाराज के धनु में आते ही तकलीफ देह हो जायेंगे। आगे उनका समय ठीक नही।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह : पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री घोषित उम्मीदवार कैप्टन अमरिन्दर सिंह के जन्म के चन्द्रमा से चुनाव समय गोचर में शनि नजदीकी बनाए होने कारण सत्ता के निकट होने के योग बनाए हुए हैं। किन्तु कांग्रेस के योग ठीक न होने की वजह से सत्ता हासिल के योग नहीं हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू : भा.ज.पा से खिन्न होकर हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए सिद्धू के योग 26 जनवरी से जन्म के मंगल से शनि हट जाने के कारण फरवरी मार्च 2017 में योग ठीक ठाक हो गए हैं।
हरीश रावत : कुण्डली बलवान होने पर भी चुनाव काल से हरीश रावत के जन्म के चन्द्रमा से गोचर के शनि से दूरी बनाए होने कारण सत्ता से दूरी कर देंगे।
समाजवादी पार्टी : फरवरी मार्च 2017 में सपा की मंगल की दशा में शुक्र व प्रत्यन्तर शनि का होने के कारण सत्ता से हटने के योग बन रहे हैं। पार्टी के गठन कालीन चन्द्र चुनाव काल में गोचर का शनि से आपसी दूरी बनाए हुए हैं। इसलिए सपा के भी सत्ता से दूरी के योग बन रहे हैं। पार्टी के गठन का मंगल व वर्तमान में गोचर के शनि दृष्टि योग बनाए हुए है जिसके कारण सपा शीर्ष नेताओं में आपसी तनातनी चलती रहेगी।
अखिलेश यादव : चुनाव के समय धनु राशि के शनि व कन्या राशि के बृहस्पति चुनाव में व्यक्तिगत स्थिति अच्छी करने में मदद कर रहे हैं किन्तु बृहस्पति की वक्रीय स्थिति और सपा के प्रतिकूल योग सत्ता प्राप्ति की सफलता न दिला सकेंगे। यदि अखिलेश यादव सपा और साइकिल का मोह छोड़कर अपनी पार्टी अलग से बनाते तो सफलता के योग अधिक बन पाते।जब तक चुनाव परिणाम आयेंगे तब तक उनकी कारक दशा बुध ख़त्म हो जायेगी। ग्रहण योग में कारक केतु की दशा शुरू हो जायगी जो बाजी पलट भी सकती है। कुंडली के अनुसार आगे दशा ठीक नही।
बहुजन समाज पार्टी : चुनाव काल में बसपा पर राहु महादशा में चन्द्र का अन्तर और चन्द्र का ही प्रत्यन्तर दशा, सत्ता से दूरी के योग बना रही है।
मायावती : बसपा सुप्रीमो मायावती अपनी राज़योगकारी दशा भोग चुकी है। शनि के धनु में आते ही उन्हे साडेसाति प्रारम्भ हो जायेगी जो उन्हे संकटों में फँसा सकती है। इस समय उन्हे बुध की दशा चल रही है जो उन्हे बड़ी जाँच मॆ फँसा सकती है। कुल मिलाकर इनका समय ठीक नही है। बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्म के चन्द्र व चुनाव कालीन गोचर के शनि 60 अंशों के अन्तर दूरी बनाए हुए हैं जो अगले 4 वर्ष तक तो सत्ता के नजदीक जाने ही नहीं देंगे। बुध की महादशा में शुक्र का अन्तर दशा और सूर्य की प्रत्यन्तर दशा अपमानजनक स्थिति पैदा कर रहे हैं। चुनाव काल में शनि उनके जन्म लग्न से छठे और चन्द्र जब लग्न से 12वें घर में आ चुकेंगे इसलिए व्यक्तिगत रूप से चुनाव में लाभ प्राप्त होगा किन्तु बुध दशांश कुण्डली में दशमेश होते हुए भी नीच राशि में स्थित होने के कारण शासन सत्ता प्राप्ति में प्रबल बाधाएं हैं।