गोरे-गोरे मुखड़े पर काला-काला तिल चेहरे की सुंदरता बढ़ा देता है। आइए, जानते हैं कि चेहरे पर या शरीर के किसी भी भाग पर तिल का क्या अर्थ है। तिल के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग परिणाम होते हैं। तिल काला व कत्थई रंग का होता है, काले तिल का गाल पर होना या ऊपरी अधर पर होना जहाँ सुंदरता में चार चाँद लगा देता है, वहीं यह कामुकता का प्रतीक भी बन जाता है। ऊपरी अधर पर तिल व्यक्ति को कामुक बनाने वाला होता है, उसी प्रकार निचले होंठ पर तिल दरिद्रता का सूचक होता है।
– दोनों भौंहों के मध्य तिल हो तो एसा जातक परोपकारी और उदार होगा।
– सिर के राइट साइड में पाया जाने वाल तिल समाज में मान-प्रतिष्ठा दिलाने वाला होगा।
– मस्तक पर बीच में पाया जाने वाला तिल उस जातक की फाइनेंशियल कंडीशन को मजबूत बनाता है।
– गले पर दिखाई पड़ने वाला तिल उस जातक को तेज दिमाग का, पैसा कमाने में सफल व सेल्फ मेड बनाता है।
– ठोड़ी पर पाया जाने वाला तिल व्यक्ति को स्वार्थी व समाज से कटा हुआ बनाता है।
– राइट गाल पर तिल उन्नतिशील और मेघावी होने की सूचना देता है।
– लेफ्ट गाल पर तिल शुभ नहीं माना जाता है, ऐसा तिल गृहस्थ जीवन में धन का अभाव बताता है।
– नाक के सीधे भाग पर तिल सुखी, धन संपन्न और नाक के लेफ्ट हिस्से पर तिल परिश्रमी, कठिनाई से सफलता का सूचक होता है।
– नाक के मध्य तिल हो तो ऐसा जातक स्थिर न रहकर इधर-उधर भटकता रहने वाला होता है।
– दाएँ हाथ पर तिल शुभ व बाएँ हाथ की हथेली में तिल अति व्यय का सूचक होता है।
इस प्रकार तिल भी शुभ-अशुभता के संकेत देते हैं। महिलाओं में लेफ्ट साइड पर तिल शुभ होता है जबकि पुरुषों में राइट साइड पर तिल शुभ होता है।