अगर हो कुंडली के अशुभ घर में शनि? ये उपाय करें…—


शनि वैसे तो न्याय के देवता है परंतु इन्हे बहुत क्रुर ग्रह माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति से कोई गलत और अधार्मिक कार्य हो गया है तो शनि उसके पाप का बुरा फल जरूर देता है। यह फल शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के समय व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह प्रभावित करता है।


कुंडली के दूसरे, तीसरे, सातवें और बारहवें घर में शनि शुभ फल देने वाला होता है। वहीं कुंडली में शनि का अशुभ घर पहला, चौथा, पांचवां, छठा और आठवां होता है। अगर कुंडली के इन अशुभ फल देने वाले घर में शनि अपनी शत्रु या नीच राशि मेष में होता है तो अशुभ फल देने वाला, नुकसान और परेशानी देने वाला हो जाता है।


कुंडली में अशुभ शनि हो तो कुंडली के घर के अनुसार उपाय करें जिससे आप शनि के अशुभ प्रभाव से बच जाएंगे।


कुंडली में शनि पहले भाव में हो तो…


– अच्छे स्वास्थ्य के लिए बड़ के पेड़ की जड़ों में दूध अर्पित करें और दूध से गीली हुई मिट्टी का तिलक करें।


– व्यवसाय की प्रगति के लिए काला सूरमा यानि काजल जमीन में गाड़ें।


– किसी जरूरतमंद को या ब्राह्मण या साधु-संत को तवा दान करें।


– नशा आदि से दूर रहें।


– बंदरों को चने आदि खिलाएं।


कुंडली में शनि चतुर्थ भाव में हो तो…


– कौओं या भैंस को दूध-चावल या खीर बनाकर खिलाएं।


– सांप को दूध पिलाएं


– शनि का दान तेल, उड़द, काले कपड़े का दान करें।


– हरे रंग से दूर रहे। काले वस्त्र ना पहने।


– मछली को चावल खिलाएं।


– किसी कुएं में दूध और चावल अर्पित करें।


कुंडली में शनि पंचम भाव में हो तो…


– घर के अंधेरे कमरे में हरे मूंग रखें।


– किसी मंदिर में .. बादाम लेकर जाएं और 5 वहां चढ़ाकर 5 अपने घर में सुरक्षित स्थान पर रखें।


– पंचम भाव में शनि हो तो 48 वर्ष की उम्र तक मकान न बनाए।


– मांस-मदिरा या बादाम का सेवन बिल्कुल ना करें।


कुंडली में शनि षष्ठम भाव में हो तो…


– एक बर्तन में तेल भरकर उसमें अपना मुंह देखें और पानी में बहा दें।


– संतान नहीं हो रही हो तो कुत्ता पालें।


– सांप को दूध पिलाएं।


– नारियल या बादाम नदी में बहाएं।


– व्यवसाय की प्रगति के लिए बुध का उपाय करें।


– शनि की वस्तु खरीदने से पहले केतु की वस्तु खरीदें।


कुंडली में शनि अष्टम भाव में हो तो…


-चांदी धारण करें।


– नशा आदि बिल्कुल ना करें।


– किसी जरूरतमंद को तवा, चिमटा, अंगीठी का दान करें।


– 8 बादाम नदी में बहाएं।


– राहु और शनि की विशेष पूजा कराएं।

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