पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाता है यह मंत्र—–
पति-पत्नी में अनबन होना आम बात है क्योंकि जहां प्रेम होता है वहीं तकरार भी होती है। लेकिन कभी-कभी यह छोटी सी तकरार बढ़ा रूप ले लेती है। ऐसे में पति-पत्नी के बीच मनमुटाव अधिक हो जाता है और कई बार इसका परिणाम पति-पत्नी के रिश्ते को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस समस्या से बचने के लिए नीचे एक मंत्र दिया गया है। यदि इसका विधि-विधान से जप किया जाए तो पति-पत्नी के बीच कभी अनबन नहीं होती साथ ही प्रेम और प्रगाढ़ होता जाता है।
मंत्र—–
अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्।
अंत: कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति।।
जप विधि—-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर एकांत स्थान पर कुश का आसन लगाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर बैठ जाएं। अब सामने मां पार्वती का चित्र स्थापित कर उसका पूजन करें। इसके बाद इस मंत्र का यथाशक्ति या कम से कम .. बार जप करें। कुछ ही दिनों में आपको इस मंत्र का असर दिखने लगेगा। अगर किसी कारणवश आप इस मंत्र का जप नहीं कर सकते तो यह जप किसी ब्राह्मण द्वारा भी करवाया जा सकता है।
पति-पत्नी में अनबन होना आम बात है क्योंकि जहां प्रेम होता है वहीं तकरार भी होती है। लेकिन कभी-कभी यह छोटी सी तकरार बढ़ा रूप ले लेती है। ऐसे में पति-पत्नी के बीच मनमुटाव अधिक हो जाता है और कई बार इसका परिणाम पति-पत्नी के रिश्ते को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस समस्या से बचने के लिए नीचे एक मंत्र दिया गया है। यदि इसका विधि-विधान से जप किया जाए तो पति-पत्नी के बीच कभी अनबन नहीं होती साथ ही प्रेम और प्रगाढ़ होता जाता है।
मंत्र—–
अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्।
अंत: कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति।।
जप विधि—-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर एकांत स्थान पर कुश का आसन लगाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर बैठ जाएं। अब सामने मां पार्वती का चित्र स्थापित कर उसका पूजन करें। इसके बाद इस मंत्र का यथाशक्ति या कम से कम .. बार जप करें। कुछ ही दिनों में आपको इस मंत्र का असर दिखने लगेगा। अगर किसी कारणवश आप इस मंत्र का जप नहीं कर सकते तो यह जप किसी ब्राह्मण द्वारा भी करवाया जा सकता है।