चुनाव जीतने का फ़ार्मूला —
चुनाव को जीतने का तंत्र
चुनाव के अन्दर प्रत्याशी बनने और चुनाव को जीतने मे बहुत जद्दोजहद करनी पडती है,कोई धन का बल लेकर चुनाव जीतना चाहता है कोई अपने बल और दादागीरी पर चुनाव जीतना चाहता है,किसी के पास दादागीरी और धन दोनों ही नही है तो वह भलमन्साहत से चुनाव जीतने की कवायद करता है। लेकिन सभी कुछ होने के बाद भी जब व्यक्ति चुनाव हार जाता है,तो उसकी जनता ही नही अपनी खुद की आत्मा भी धिक्कारती है कि अमुक कारण का निवारण अगर हो जाता तो चुनाव जीता जा सकता था। चुनाव का जीतना और राज करना दोनो ही अलग अलग बातें है,एक साधारण और कम पढा लिखा आदमी भी चुनाव जीत सकता है,और बहुत पढा व्यक्ति भी किसी नेता की चपरासी के अलावा कुछ नही कर सकता है,यह सब आदमी के बस की बात नहीं,यह सब होता है सितारों का खेल,अगर सितारे माफ़िक हों तो सभी कुछ हो सकता है,और अगर सितारे बस में नही है और खिलाफ़ है तो वह बना बनाया काम भी बरबाद होते देर नहीं लगती है। कोई भी ज्योतिषी सितारे खराब है या अच्छे है बता सकता है,खिलाफ़ सितारों के लिये उपाय के अन्दर सितारों को माफ़िक करने का रत्न धारण करवा सकता है टोटका करवा सकता है,लेकिन सितारे तो ठहरे सितारे,अगर किसी प्रकार के टोटके से सितारे बस में हो जायें तो आदमी की मृत्यु भी आती है,ज्योतिषी की भी आती है,अगर कोई रत्न या टोटका काम करता होता तो मौत तो आती ही नहीं,महर्षियों ने मृत्यु पर विजय प्राप्त की थी,लेकिन किसी रत्न या टोटके से नही की थी,उन्होने सितारों पर बिना किसी यान के यात्रा की थी,उन्होने आज से हजार साल पहले बता दिया था कि अमुक सितारा किस प्रकार का है,अमुक सितारे का मालिक कौन है आदि।
कौन खिलाफ़ है और कौन माफ़िक
जन्म कुंडली से पता किया जा सकता है कि सितारे माफ़िक है,या खिलाफ़,और खिलाफ़ है तो किस कारण से है,राज करने का सितारा अगर खराब है तो किस कारण से खराब है,खराबी सितारे के बैठने के स्थान पर है,या सितारा जहां बैठा है वहां पर किसी खराब सितारे की निगाह है,या पडौस में कोई खराब सितारा अपनी नजर रखकर की जाने वाली सभी हरकतें दुश्मनों को सप्लाई कर रहा है,अथवा समय आने पर कोई दुश्मन सितारा अपने राज करने के सितारे से आकर टकराने वाला है,अथवा सितारा जिस स्थान पर बैठा है,वहां पर राज करने के लिये ठंडे माहौल की जरूरत है,और राज करने के लिये टकराने के समय में कोई गर्म सितारा आकर अपने अनुसार गर्मी का माहौल पैदा करने वाला है।
चुनाव जीतने के तीन बल
इन सब कारणों का पता करने के बाद तीन बलों का सामजस्य बैठाना जरूरी है,वैसे तो यह तीन बल सभी काम के लिये उत्तम माने जाते है लेकिन राज करने वाले के लिये यह तीनो बल हमेशा जरूरी है,इन तीन बलों को पहिचानना बहुत जरूरी होता है,जो इन तीन बलों का सामजस्य बनाकर चल दिया है वह सबसे अधिक तरक्की के रास्ते पर चला गया,और जिसे इन तीनों बलों का सामजस्य नहीं करना आता है वह सब कुछ होते भी बरबाद होता चला जाता है,आइये आपको इन तीनों बलों का ज्ञान करवा देते हैं,अपनी कुन्डली को खोल कर देखिये कि यह तीनों बल आपके किस किस भाव में अपनी शोभा बढा रहे है,और यह तीनो बल आपकी किन किन सफ़लता वाली कोठरियों के बंद तालों को खोल सकते है।
मानव बल
मानव बल संसार का पहला बल है,किसी भी स्थान पर आपको देखने से पता चलता है,कि जिसके साथ जितने हाथ ऊपर हो जाते वह ही अपनी प्रतिष्ठा को कायम कर लेता है,लेकिन मानव बल भी दो प्रकार का होता है,एक देह बल होता है और दूसरा जीव बल होता है,देह बल की गिनती की जाती है लेकिन जीव बल की गिनती नहीं की जा सकती है,दबाब में आकर देह बल तो साथ रहने की कसम खा लेता है,लेकिन जीव बल का ठिकाना नहीं होता है कि वह अपनी चाहत किसके साथ रखे है,शरीर का किस्सा है कि इसके अन्दर बारह प्रकार के जीव बल विद्यमान है,और जो जीव बल आपके जीव बल से सामजस्य रखता है वही आपको किनारे पर ले जा सकता है,देह बल तो कभी भी बिना जीव बल के दूर हो सकता है