यहाँ कुछ ऐसे उपाय बताये जा रहे हैं जिनके करने से विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं|यदि किसी अन्य कारण से विवाह नही हो पा रहा है तो आप इन उपायों के माध्यम से लाभ उठा सकते हैं|इससे सबसे पहली बात यह है की आपकी पत्रिका में विवाह योग होना आवश्यक है|आप सर्वप्रथम किसी ज्ञानी से बारीकी से अपनी पत्रिका का अध्यन करवा लें|उनसे यह पता करें आपकी पत्रिका में विवाह योग हैं भी या नहीं|यदि है तो विवाह क्यूँ नही हो पा रहा है |अगर कोई गृह रूकावट डाल रहा है तो सर्वप्रथम उस गृह की शान्ति आवश्यक है|यदि आपकी पत्रिका के अनुसार कोई गृह ही समस्या दे रहा है,विवाह योग भी है और विवाह नहीं हो पा रहा है तो आप आगे दिए जा रहे उपाय कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं|अगर आपकी बेटी की शादी न हो रही हो, दिनो दिन विलंब हो रहा हो तो देख लें कहीं लड़की मांगलिक तो नही? अगर किसी लड़की की कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में होता है तो वह लड़की मांगलिक कहलाती है। ऐसी लड़कियों पर मंगल का दोष और अशुभ प्रभाव बने रहते हैं। जिसके कारण की शादी में दिनो दिन विलंब होता रहता है और उनका वैवाहिक जीवन भी परेशानियों से भरा जाता है।
“ॐ पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।”
“हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम।।”
“कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोप सुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः।।”
“ॐ सुभगामै च विद्महे काममालायै धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात्।।”
उक्त मन्त्र की ११ दिन तक लगातार १ माला रोज जप करें। दीपक और धूप जलाकर ११वें दिन एक मिट्टी के कुल्हड़ का मुंह लाल कपड़े में बांध दें। उस कुल्हड़ पर बाहर की तरफ ७ रोली की बिंदी बनाकर अपने आगे रखें और ऊपर दिये गये मन्त्र की ५ माला जप करें। चुपचाप कुल्हड़ को रात के समय किसी चौराहे पर रख आवें। पीछे मुड़कर न देखें। सारी रुकावट दूर होकर शीघ्र विवाह हो जाता है।
“सिन्दूरपत्रं रजिकामदेहं दिव्ताम्बरं सिन्धुसमोहितांगम् सान्ध्यारुणं धनुः पंकजपुष्पबाणं पंचायुधं भुवन मोहन मोक्षणार्थम क्लैं मन्यथाम।
महाविष्णुस्वरुपाय महाविष्णु पुत्राय महापुरुषाय पतिसुखं मे शीघ्रं देहि देहि।।”
यह प्रयोग एक मास करना चाहिए। गणेशजी पर चढ़ये गये दूर्वा लड़की के पिता अपने जेब में दायीं तरफ लेकर लड़के के यहाँ विवाह वार्ता के लिए जायें।
—-विवाह योग्य लोगों को प्रत्येक गुरूवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए|केसर का भी प्रयोग करना चाहिए|
—-यदि ऐसे लोग गुरूवार को गाय को भोग अर्थात दो आटे के पेड़े पर थोड़ी हल्दी लगाकर थोडा गुड तथा चने की गीली दाल का भोग देना चाहिए|
—-भूलकर भी बजुर्गों का अपमान न करें|बजुर्ग व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए|
—यह प्रयोग शुकल पक्ष के प्रथम गुरूवार से करना चाहिए|गुरूवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई के साथ हरी इलाइची का जोड़ा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिए|यह लगातार तीन गुरूवार करना चाहिए|
—गुरूवार को केले के वृक्ष के समक्ष गुरु के १०८ नामों के उच्चारण के साथ शुद्ध घी का दीपक तथा जल अर्पित करना चाहिए|
—–यदि मंगल दोष के कारण बेटी के विवाह में बाधा हो तो उसे मकान के वायव्य कोण में सोना चाहिए।
—–यदि किसी कन्या की पत्रिका में मंगली योग होने के कारण विवाह में बाधा आ रही है तो व कन्या मंगल चंडिका स्त्रोत का मंगलवार तथा शनिवार को सुंदर काण्ड का पाठ करे|इससे भी विवाह बाधा दूर होती है|
——शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात:स्नान करने के बाद किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें|यह प्रयोग भी चमत्कारी है|
—-शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को १२०० ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चा दूध दान करें|जब तक विवाह न हो ,तब तक यह प्रयोग करते रहना है|इस प्रयोग में आपका विवाह होना आवशयक है|
– —लड़की के पिता जब जब लड़के वाले के यहाँ विवाह प्रस्ताव लेकर जाए तो लड़की अपनी चोटी खुली रखे और जब तक पिता लौटकर घर न आ जाए तब तक चोटी नहीं बाँधनी चाहिए।
– —मांगलिक लड़की को अपनी शादी के लिए मंगल यंत्र की पूजा करनी चाहिए।
—- अगर लड़की गुरुवार को अपने तकिए के नीचे हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में लपेट कर रखें तो विवाह में आ रही परेशानियां खत्म हो जाएगी।
– –पीपल की जड़ में लगातार .. दिन लड़की या लड़का जल चढ़ाए तो शादी की रुकावट दूर हो जाती है।
– —-कुत्तों को मिठी रोटीयां खिलाएं।
—– रेवडिय़ां और बताशे पानी में बहाएं।
– —-प्रतिदीन रामायण के बालकाण्ड का पाठ करें।
—- कन्या का विवाह हो चुका हो और वह विदा हो रही हो तो एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी-सी हल्दी, एक सिक्का डाल कर लड़की के सिर के ऊपर 7 बार घुमाकर उसके आगे फेंक दें। उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
—–कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे|यदि विवाह में बुध रूकावट दे रहा हो तो खरगोश को हरी घास खिलाएं|
—–कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से,लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे|विवाह की चर्चा सफल होगी|
—–पूर्णिमा को वाट वृक्ष की १०८ परिक्रमा देने से भी विवाह बाधा दूर होती है|गुरूवार को वाट,पीपल,केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती
—-जिन लडकों का विवाह नहीं होता है, उन्हें निम्नलिखित मंत्र का नित्य 11 माला जप करना चाहिए- ओम् क्लीं पत्नी मनोरम देहि मनोवृत्तानुसारिणीम। तारणी दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भावाम ||
—-विवाह योग्य लडके और लडकियां प्रत्येक गुरूवार को स्नान के जल में एक चुटकी पिसी हल्दी डालकर स्नान करें। गुरूवार के दिन आटे के दो पेडों पर थोडी-सी हल्दी लगाकर, थोडी गुड और चने की दाल गाय को खिलाएं। इससे विवाह का योग शीघ्र बनता है।
—- बृहस्पतिवार को केले के वृक्ष के समक्ष गुरूदेव बृहस्पति के 108 नामों के उच्चारण के साथ शुद्ध घी का दीपक जलाकर, जल अर्पित करें।
—यदि आपके विवाह में विलंब हो रहा है तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जप करें। आपका विवाह शीघ्र होगा और आपको मनपसंद जीवनसाथी भी मिलेगा।
मंत्र——
स देवि नित्यं परितप्यमानस्त्वामेव सीतेत्यभिभाषमाण:।
दृढ़वतो राजसुतो महात्मा तवैव लाभाय कश्तप्रयत्न:।।
जप विधि——
– अपने सामने मां भगवती का चित्र रखकर विधिवत पूजन-अर्चना करें व पुष्प चढ़ाएं।
– इसके बाद इस मंत्र का 108 बार (एक माला) जप करें।
– जप के दौरान गाय के घी का दीपक जलता रहे, इस बात का ध्यान रखें।
– आसन कुश का व माला लाल चंदन की हो तो बेहतर रहता है।
– यह प्रयोग 45 दिन तक करें। इससे तुरंत लाभ होगा।
—- यदि किसी कन्या की कुंडली में मंगली योग होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह मंगलवार को “मंगल चंडिका स्तोत्र” का तथा शनिवार को “सुंदरकांड” का पाठ करें।
—– किसी भी शुक्लपक्ष की प्रथमा तिथि को प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर राम-सीता के संयुक्त चित्र का षोडशोपचार पूजन कर अग्रलिखित चौपाई का 108 जाप करे। यह उपाय 40 दिन किया जाता है। कन्या को उसके अस्वस्थ दिनों की छूट है। जब तक वह पुन: शुद्ध न हो जाए, तब तक यह प्रयोग न करें। अशुद्ध तथा शुद्ध होने के बाद के दिनों को मिलाकर ही दिनों की गिनती करनी चाहिए। कुल 40 दिनों में कहीं न कहीं रिश्ता अवश्य हो जाएगा। चौपाई इस प्रकार है- सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पुरहि मनकामना तुम्हारी।|
—– जो कन्या पार्वती देवी की पूजा करके उनके सामने प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र का एक माला जप करती है, उसका विवाह शीघ्र हो जाता है- कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोपसुतं देवं पतिं मे कुरू ते नम:।।
– —शनिवार को शिव मंदिर में जाकर काले तिल चढ़ाएं।
—– काली गाय को नियमित रूप से चारा खिलाएं।
– —-सिरहाने सौंफ रखकर सोएं।
—- भूरा या काला कुत्ता पालें और उसे अपने हाथों से खाना खिलाएं।
– —सूर्य के कारण विवाह में विलंब हो रहा हो, तो प्रात:काल भगवान को नियमित रूप से अघ्र्य देना चाहिए।
– —ऊँ सूर्याय नम: का नियमित रूप से जप करें।
ऊपर लिखे उपायों को अपनाकर विवाह में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सकता है और शीघ्र ही विवाह के बंधन में बंध सकता है।