सिद्धी का भूत ===साधनाओ का संसार ==
स्वामी आनंद शिव मेहता—.99.60770.0 

 hanuman sadhna==स्वामी आनंद शिव मेहता—09926077010 

== किसी व्यक्ति को साधनाओ को संपन्न करने का और प्रसिद्ध होने को शोक लगा = व पूजा पाठ करने लगा बहुत ज्यादा समय इसमें लगाने लगा == किसी ने उसको हनुमान जी की विधि बताई और यह भी बताया की इसमें संयम से रहते हे , उनकी पत्नी भी थी , कुछ ही दिनों में उन्हें एक संयमी प्रेत ने पकड़ लिया = उनकी भाषा में लिखे तो उन्हें सिद्धी हो गयी == अक्सर अनेको प्रेत-भुत अपनी सेवा के लिए लोगो को पकड़ लेते हे , और वह व्यक्ति उन्हीं की सेवा पूजा में लगा रहता हे \ वह जो कहता हे वह होता हे उसको भविष्यवाणी का शोक लग जाता हे , उसकी वाणी में चमत्कार भी होते हे , आनेको रहस्यमय बातें भी वह बताता हे , और फिर होता हे इसका व्यापर आरम्भ = पहले वह साधक सेवा भावी ही होता हे फिर वह व्यापारी बनता जाता हे , उसके पास जुवारियो – सटोरियों की और आज के समय में वायदा बाजार वालों की लाइन लगती हे और बस == यह कुछ ही दिन चलता हे , फिर भविष्य बताने से उसका सत तेज नस्ट हो जाता हे \ == इस तरह का व्यक्ति किसी प्रकार का कार्य या व्यवसाय नहीं करता हे = भगवन के नाम पर ही लोगो का दिया खाता हे , यदि व्यापर करें भी तो वह चलता नहीं हे , हाँ यदि नौकरी हो तो बात अलग हे ,== अब उनके संयम से पत्नी व्यथित उनका मन तो वह जाता नहीं और पत्नी की व्यथा – उसकी विरह वेदना और साहचर्य की चेस्टा बड़ी विलक्षण स्थिति == अब वह महाशय अलग कमरे में सोने लगे = कारण था की किसी दिन संयम जवाब दे गया और वह कुछ दिनों तक शक्ति विहीन से हो गए = फिर क्या नारी नरक का द्वार नजर आने लगी और क्या …….. पत्नी अन्यत्र …..== अब यह महिलावों से भुत दूर रहते = उन्हें अपने पास भी नहीं आने देते = और बात किसी महिला से नहीं करते = किसी स्त्री को पैर भी नहीं छूने देते == इसका भी कारन था की स्त्री के पैर को हाथ लगाने के बाद उनकी काम चेस्टा तत्काल बाद जाती कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता और वह विचलित हो जाते और पत्नी से साहचर्य कर नहीं सकते सो हस्ताचार से ऊर्जा को नस्ट करने से ही शांति मिलती यह भी दुःख \== अब पत्नी के हाथ का बनाया खाना भी नहीं खाए स्वयं ही बनाये = परिवार भी और रिस्तेदार भी दुःखी मगर वह बड़े ही प्रशन्न की लोग तारीफ करते हे \== और इस तरह साधना ने उनका जीवन ही बदल दिया == स्वर्ग था यह या नरक समझ नहीं आता उन्हें किन्तु वह जानते थे की वह मोक्षगामी हे और परमात्मा के पास जायेंगे \== किन्तु वास्तव में यह एक बीमारी ही हे जो ठीक हो सकती हे , यह प्रेत बाधा ही हे , जो की किसी पूजा पति की आत्मा का प्रवेश हे \ इस तरह यदि किसी बेवड़े की आत्मा लग जाये तो वह आदमी शराबी हो जाता हे , और यदि आत्मा किसी नीच आदमी की लग जाये तो वह नीच ही बन जता हे \ किसी ज्योतिष की आत्मा लग जाये तो वह ज्योतिष हो जाता हे \ किसी पंडित की आत्मा लग जाये तो आदमी पूजा पाठी बन जाता हे \ जब भी कोई व्यक्ति अपनी आदत के विपरीत कार्य करने लग जाये तो समझो की किसी अन्य के असर में यह आ चूका हे \ और यह कभी कभी नहीं होता हे यह उसकी महादशा के बदलने या अंतर दशा बदलने पर ही होता हे , यह यदि राहु के प्रभाव से हो तो वह शराबी = कबाबी सिद्ध , गुरु से हो तो अत्यंत धार्मिक पूजा पाठी , सूर्य से हो तो अत्यंत प्रभावशाली तेजस्वी गुरु , मंगल से हो तो हिंसक गुस्सेल सिद्ध , शुक्र से होतो धनात्मक संत या सिद्ध जिसका मन धन में लगा रहे , बुध से हो तो ज्ञानी विद्वान और ज्योतिष संत साधु या सिद्ध , शनि से हो तो नपुंसक ,त्यागी,तपस्वी,संत,सिद्ध प्रसिद्ध सन्यासी,वस्त्र विहीन संत बनता हे या इसी तरह की आत्मा उसको लगती हे \ यह एक बीमारी ही हे जो ठीक हो जाती हे , \ किन्तु आसानी से ठीक नहीं होती हे \ इसका इलाज आधुनिक विज्ञानं के पास नहीं हे , और न ही कोई इलाज इनके पास हे , इस तरह की बीमारी को वह मानसिक रोग और डिप्रेशन कहते हे और उनके पास इसका एक ही इलाज हे , नींद की गोली या दवाई , इनका मन्ना हे की यह सो जायेगा तो ठीक हो जायेगा , किन्तु महीनो के इलाज से भी यह ठीक नहीं होते हे == इनको किसी जानकर , सिद्ध को दिखया जय तो यह कुछ ही समय में ठीक हो जाते हे == इस तरह की बीमारी अस्त केतु के समय या भीत अवस्था के समय प्रभावकारी होती हे \ राम राम \=== यहाँ तक पड़ने पर जो भी विचार आपको आये , वह अपनी स्वतंत्र पोस्ट बनाकर ही व्यक्त करे , कोई कॉमेंट , सलाह , विद्वत्ता या खुशी=दुःख व्यक्त नहीं करे , इससे लोग भटकते हे == यह भी संभव हे की आप हमसे ज्यादा ही जानते हे , और विद्वान भी आप हे ही \ 
== जिन्हे केवल सरदर्द का झाड़ा आता हो उन्हें उनके भगत बहुत पहुंचा ही मानते हे , और वह भी कानिया राजा बना रहता हे \और जिसमे योग्यता हो प्रतिभा हो वह चमक ही जाते हे \
==सेकड़ो की तादाद में लोग सट्टा निकालने , गडा धन खोदने में , अपने पास का भी धन गवां बैठे हे \ और अनेको लोगो के कहानी किस्सों को सुनकर आज भी बर्बाद ही हो रहे हे ,इस कारन किसी के मन में यह बात बैठना की इस जगह इस तरह के लोग यह कार्य करते हे गलत हे \ होना तो कुछ हे नहीं \ फ़ोकट किसी को लालच देना हम उचित नहीं मानते \
==कभी कभी कुछ आत्माएं स्वयं ही किसी तत्काल में मृत हुवे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाती हे , इसमें मृत व्यक्ति के , आदत आचरण , हावभाव ,खानपान , और कार्य व्यव्हार भी बदलजाते हे , यह बहुत ही कम होता हे ,कभी कभी यह आदत के विपरीत आत्मा के प्रवेश से सम्पूर्ण रूप से भी बदल जाता हे \
==कभी कभी यह सुनने में आता हे की आमुख गुरु ने अपने युवा शिष्य के असमय मृत्यु होने पर अपनी विशिष्ट सिद्धियों दवारा उसे पुनः जीवित कर दिया किन्तु , उसकी आदते बदल गयी हे , यह होने का मुख्या कारण उसके शरीर में अन्य आत्मा का होना हे \ और इस तरह के कार्य को वाही सिद्ध पुरुष करता हे , जिसके अधीन आत्माएं हो , आत्माएं तो अनेको के अधीन होती हे किन्तु पूर्ण चैतन्य नहीं केवल नाम मात्र की , जो की उसके कार्यों का निष्पादन करती हे \
== किसी के शरीर में आत्मा को प्रविष्ट करना आसान भी नहीं हे की पड़ा और के लिया , यह करोडो में ही कोई इस तरह का हो जो यह संभव कर सके == किन्तु यह करने वाला भी बहुत महान नहीं हो जाता हे यह तंत्र की क्रिया हे , जिसे साधक करते हे \
== आत्माओं को भगाने वाले तो हर गाव – शहर में सेकड़ो की तादाद में होते हो हे ==हर अमावस्या को पुण्यदायिनी नदियों में यह स्नान करने आते ही == भूतडि आमावस्यां को तो इस तरह के लोग हजारों की तादाद में स्नान करते ही हे \ और अपने भक्तों के कस्टों का निवारण भी करते ही हे \

== किसी के शरीर में आत्मा को प्रविष्ट करना आसान भी नहीं हे की पड़ा और के लिया , यह करोडो में ही कोई इस तरह का हो जो यह संभव कर सके == किन्तु यह करने वाला भी बहुत महान नहीं हो जाता हे यह तंत्र की क्रिया हे , जिसे साधक करते हे \ 
== आत्माओं को भगाने वाले तो हर गाव – शहर में सेकड़ो की तादाद में होते हो हे ==हर अमावस्या को पुण्यदायिनी नदियों में यह स्नान करने आते ही == भूतडि आमावस्यां को तो इस तरह के लोग हजारों की तादाद में स्नान करते ही हे \ और अपने भक्तों के कस्टों का निवारण भी करते ही हे \
=== अब प्रश्न हे की श्री रामदेव जी को देखते ही क्या होता हे मन में \
=== आशारम जी की तस्वीर से 
===राम पल जी 
=== श्री रावी शंकर को देखते ही मन में 
=== जगद्गुरु स्वरूपानंदजी को देखते ही मन में 
===किसी विवाद के पहले तो सभी महान थे ही , और यह भगवन भी बन चले थे , बड़ा ही विश्मय की किशे क्या माने == इसकी भी साधना होती हे की लोग देखे और प्रभावित हो जाये = किन्तु जब असर जाता हे तब वहीं लोग विपरीत हो जाते हे \
स्वामी आनंद शिव मेहता
== यह इतना ही बुरा होता तो प्रकृति इन अंगो को ही नहीं बनाती , इंसान पेड़ों में लटकते फसल की तरह , मगर प्रकृति ने जो भी किया हे , और जो रचना हे , उसको अच्छा या बुरा प्रवचन करने वाले कहे यह ठीक नहीं लगता हे , उनके कहने में उनका मतलब ही हे , इनका ज्ञान तो बहुत बुजुर्ग ही सुनते हे , शायद उन्हीं से कहते हो त्याग दो , मालूम नहीं यह क्यों कहते हे \ हाँ कोई नपुंसक हो तो बात अलग हे \ कोई त्यागी हो जाये तो बात अलग किन्तु सभी तो नहीं त्याग सकते हे \ जो कहे की त्यागा हे \ उन्हें यह भी नहीं कह सकते हे की प्रकृति ने आपको वह सुख दिया ही नही या आपके भाग्य में हे ही नहीं \ आप अपने दुर्भाग्य को दूसरे पर क्यों थोपते हो क्या भगवन से बड़े आप हे जो नियंत्रण की बात करते हो \
कोई कॉमेंट यह भी करे की आसाराम बनने चले हो तो यह बतावो की दुनिया कैसे चलेगी \
जबकि शरीर की ऊर्जा को गर्मी को सामान किया जाये == किन्तु हमारे तथाकथित काम वर्धक दवाई बेचने वलो ने इसका मौसम ठण्ड को बना दिया हे जबी यह मौसम तो शक्ति के संचय का हे , इसको उन्होंने शक्ति नष्ट करने का बना दिया हे , इस कारण शुगर की बीमारी , ठण्ड की बीमारी आस्थमा ज्यादा फेल रहा हे \ जब शक्ति का संचय ही शरीर में अभी नहीं हुवा तो गर्मी में यह तो और ज्यादा नुकसान दायक हे \ आपकी मर्जी , यह सत्यता हे , आप शास्त्र का अध्यन करें , मालूम होगा की क्या हे आचरण मौसम अनुसार \
सभी व्यवस्थाये ठीक चले तो किसी को भी गुरु और ज्योतिष की आवस्यकता ही नहीं हे \
== किन्तु समझदार व्यक्ति समय को जानकर ही कार्य व्यापार करते हे == जोश में आकर नहीं \
== भगवन की याद भी मुसीबत ही करवाती हे === जिस तरह बीमार को डाक्टर – ओषधी जब अच्छा समय हो खूब कमाओ और जब नुकसान का समय हो ज्यादा रिश्क नहीं लो सुरक्षित कार्य सम्पादित करों \ यही तो ज्योतिष हे \ रोडछाप सड़क पर पनढे देखकर अन्दाज का भविष्य बताने वाले असली शास्त्र का ज्योतिष कथन नहीं करते हे बस मन गढ़ंत जो मनोविज्ञान हे बस == और आप भी खुश == बाद में दुःख \
=== कितने लोगो ने सरकार के विरुद्ध आंदोलन किये == किन्तु pm तो श्री मोदी जी ही बने क्यों भाग्य
== और भाग्य जब चलता हे तो आपकी रह अनेको आसान बनाते हे , जब रुकता हे तो आनेको रह रोकते हे \

=== कितने लोगो ने सरकार के विरुद्ध आंदोलन किये == किन्तु pm तो श्री मोदी जी ही बने क्यों भाग्य 
== और भाग्य जब चलता हे तो आपकी रह अनेको आसान बनाते हे , जब रुकता हे तो आनेको रह रोकते हे \
हम हर बात के अनुभवी नहीं बन सकते हे == आठ जो दूसरों का अनुभव हे उसको ही अपना अनुभव बनाना समयोचित हे \ अपना अनुभव बनाये दूसरों के अनुभव को \ और हमें माफ़ करें \
== आपका नाराज होना स्वभाविक भी हो =


स्वामी आनंद शिव मेहता—09926077010 

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हमारी आदत हे , भागते के साथ भागते और हगते के साथ हगते == जो भी विचार अपने पोस्ट पड़ते समय आये उन्हें अलग पोस्ट बनाकर ही लिखे –कोई fb पर आता या नहीं इससे कुछ नहीं होता हे \
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==आत्मा = का प्रवेश – मृत के अंदर अन्य का \



== सही संत की एक विशेष पहचान है ! अगर आप किसी सच्चे संत के दर्शन करते हैं तो पूरा मन आनन्द से भर जाता है सिर्फ दर्शन मात्र से ! ये मेरा अनुभवगत है === किसी अन्य की पोस्ट हे यह 
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= काम को त्याग दो == वाह —स्वामी आनंद शिव मेहता—09926077010 


== इसके बिना तो दुनिया नहीं चलती हे , यह संभव नहीं हे \
पुरुष के साहचर्य का वास्तविक मौसम तो गर्मी ही हे \


व्यक्ति == ज्योतिष के पास बर्बाद होने के बाद ही आता हे \ और नंदिर जाता हे \


किसी का मन मेरी पोस्ट से दुखी हो व्यथित हो वह हमें क्षमा करे == किन्तु सच्ची बात जानना और ठोकर खाने के पहले ही सम्हाल जाना उचित हे \

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