इन सरल और साधारण उपायों से कीजिये अपने घर की वास्तु शुद्धि —
शुभ वास्तु के लिए फेंग शुई आदि विदेशी उपाय अपनाने के बजाये हमारे इन स्वदेशी उपाय को आजमाए ।।
चाइनीज़ लोग स्वयं तामसिक आहार जैसे कीड़े मकोड़े , कुत्ते , घोड़े सब खाते है तो वे वास्तु शुद्धि के सात्विक उपाय कैसे दे सकते है ?
पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार चाईंनिज ऊपाय अक्सर महंगे होते है और इनसे लाभ कितना मिलता है ये भी संदेहास्पद है इसलिए हमारे स्वदेशी , सस्ते और टिकाऊ प्रभावी उपाय आजमाए —
—घर में तुलसी के पौधे लगायें |
—घर एवं आसपास के परिसर को स्वच्छ रखें |
— घर में यथा संभव नियमित गौ मूत्र का छिड़काव करें |
—–घर के अंदर सप्ताह में दो दिन कच्चे नीम पत्ती की धूनी जलाएं | साथ में पोंछा लगते समय पानी में नमक और फिटकड़ी मिलकर पोंछा लगाएं।।
— घर में सुबह शाम कंडे को प्रज्ज्वलित कर गूगल और कपूर का धुना एवं लोबान से धूप करें |
—–घर के चारों दीवार पर वास्तु शुद्धि की सात्त्विक नाम जप की पट्टियाँ लगाएँ |
—– संतों के भजन, स्त्रोत्र पठन या मंत्रो की मशीन अथवा C.D. या सात्त्विक नाम जप की ध्वनि चक्रिका (C.D) चलायें |
—— घर में अपने मृत पित्रों के चित्र अपनी दृष्टि के सामने न रखें |
—– घर में कलह-क्लेश टालें, वास्तु देवता “तथास्तु” कहते रहते हैं अतः क्लेश से कष्ट और बढ़ता है एवं धन का नाश होता है |
—- घर में सत्संग प्रवचन का आयोजन करें |रामायण पाठ, सत्यनाराण कथा, सुन्दरकाण्ड आदिक आयोजन करते रहें।। अतिरिक्त स्थान घर में हो, तो धर्म-कार्य हेतु या साप्ताहिक सत्संग हेतु, उस स्थानको किसी संत या गुरु के कार्य हेतु अर्पण करें |
—– संतों महात्माओं के चरण घरमें पड़ने से, घरकी वास्तु काफी हद तक शुद्ध हो जाती है अतः संतो के आगमन हेतु अपनी अपनी भक्ति बढ़ाएं |
—–प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें, घर के सदस्यों के मात्र प्रसन्नचित्त रहने से घर की ऊर्जा तक शुद्धि हो जाती है |
—–घर में अधिक से अधिक समय, सभी कार्य करते हुए नामजप , स्तोत्र आदि का पाठ करें |
— सुबह और संध्या समय घर के सभी सदस्य मिलकर पूजा स्थलपर आरती करें |
—- घर के पर्दे, दीवार, चादर इत्यादि के रंग हल्के रखें।।। घर के चादर, पर्दे या दीवारों का रंग काले, बैंगनी या गहरे रंग के न हों यह ध्यान अवश्य रखें ।।
—घर एवं आसपास के परिसर को स्वच्छ रखें |
— घर में यथा संभव नियमित गौ मूत्र का छिड़काव करें |
—–घर के अंदर सप्ताह में दो दिन कच्चे नीम पत्ती की धूनी जलाएं | साथ में पोंछा लगते समय पानी में नमक और फिटकड़ी मिलकर पोंछा लगाएं।।
— घर में सुबह शाम कंडे को प्रज्ज्वलित कर गूगल और कपूर का धुना एवं लोबान से धूप करें |
—–घर के चारों दीवार पर वास्तु शुद्धि की सात्त्विक नाम जप की पट्टियाँ लगाएँ |
—– संतों के भजन, स्त्रोत्र पठन या मंत्रो की मशीन अथवा C.D. या सात्त्विक नाम जप की ध्वनि चक्रिका (C.D) चलायें |
—— घर में अपने मृत पित्रों के चित्र अपनी दृष्टि के सामने न रखें |
—– घर में कलह-क्लेश टालें, वास्तु देवता “तथास्तु” कहते रहते हैं अतः क्लेश से कष्ट और बढ़ता है एवं धन का नाश होता है |
—- घर में सत्संग प्रवचन का आयोजन करें |रामायण पाठ, सत्यनाराण कथा, सुन्दरकाण्ड आदिक आयोजन करते रहें।। अतिरिक्त स्थान घर में हो, तो धर्म-कार्य हेतु या साप्ताहिक सत्संग हेतु, उस स्थानको किसी संत या गुरु के कार्य हेतु अर्पण करें |
—– संतों महात्माओं के चरण घरमें पड़ने से, घरकी वास्तु काफी हद तक शुद्ध हो जाती है अतः संतो के आगमन हेतु अपनी अपनी भक्ति बढ़ाएं |
—–प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें, घर के सदस्यों के मात्र प्रसन्नचित्त रहने से घर की ऊर्जा तक शुद्धि हो जाती है |
—–घर में अधिक से अधिक समय, सभी कार्य करते हुए नामजप , स्तोत्र आदि का पाठ करें |
— सुबह और संध्या समय घर के सभी सदस्य मिलकर पूजा स्थलपर आरती करें |
—- घर के पर्दे, दीवार, चादर इत्यादि के रंग हल्के रखें।।। घर के चादर, पर्दे या दीवारों का रंग काले, बैंगनी या गहरे रंग के न हों यह ध्यान अवश्य रखें ।।