गणतंत्र दिवस …5 पर पेशे खिदमत हैं कवितरूपी कुछ विचार–
65वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2015 ) की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ और शुभ मंगल कामनाएं
आज 65 का हुआ अपना गणतंत्र
सोचो क्यों भ्रष्ट हुये इसके कुछ तंत्र
तिंरगा लहराना हमारी देशभक्ति का बोध है
तिंरंगा फहराना बना आज क्यों अपराध है
आज तिंरगा भारत में फिर लहरायेगा
सबको भारत आज खूब याद आयेगा
आज तिरेंगे की कहेगे सब एक नई कहानी
कभी कहेंगे अपनी तो कभी दूजे की जुबानी
बहुत पुराना है तिरंगे का इतिहास
ये रंग हैं शान्ति, प्रेम और साहस
भारत की सीमाओ का ये प्रहरी है
इससे प्रेम व सम्मान देना जरुरी है
राजनीति इसका मक्सद ना बन पाये
आओ देश हित मे सब एक हो जाये
जय हिंद !!!!!!जय हिंद !!!!!!जय हिंद !!!!!!जय हिंद !!!!!!
भारत माता की जय..वन्दे मातरम..वन्दे मातरम…
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खुशियों से हो भरा राष्ट्र यह,
गुंजित हो ‘जयहिंद’ सुनारा।
बढ़ें सुपथ पर, मिलकर सारे
राष्ट्र बने प्राणों से प्यारा।
ऐसा हो गणतंत्र हमारा॥
देशभक्ति की धार सुपावन,
जन-मन में हो पुनः प्रवाहित।
युवक हमारे निकलें, निर्भय,
प्राण हथेली पर लें, परहित।
आतंकों के, उग्रवाद के
हामी सारे करें किनारा।
ऐसा हो गणतंत्र हमारा॥
भीष्म-भीम व पार्थ सदृश हों,
वीर-जयी, सेनानी सारे।
अपराजित हो सैन्य वाहिनी,
विश्व-विजय के हित हुंकारे।
पथ प्रशस्त करें वसुधा का
जय ध्वज वाहक भारत न्यारा।
ऐसा हो गणतंत्र हमारा॥
कभी न मानव बने यहाँ का
मानवता का ही हत्यारा।
ऐसा हो गणतंत्र हमारा॥
समता-समरसता-समृद्धि का,
हो कण-कण में नव संचारण।
सभी समस्याओं का हो फिर,
आज राष्ट्रहित, शीघ्र निवारण।
निर्बलतम जो भारत जन हैं
उनको भी अब मिले सहारा।
ऐसा हो गणतंत्र हमारा॥
जय हिंद !!!!!!जय हिंद !!!!!!जय हिंद !!!!!!जय हिंद !!!!!!
भारत माता की जय..वन्दे मातरम..वन्दे मातरम…

गणतंत्र दिवस,26 जनवरी,GANTANTRA DIVAS,
गणतंत्र दिवस,26 जनवरी,GANTANTRA DIVAS,

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