गुंजा यह एक ऐसा बीज है जो बहुत ही दुर्लभता सा मिल पाता है, अगर संयोग से जिसे मिल गया और वह उसका उपयोग जानता हो तो उपयोग करने वाले के जीवन में कभी किसी भी चीज का शायद ही अभाव होगा।
साधारण नाम
रत्ती / गुंजा / घुमची / घुंघुची / चिर्मिठी (Coral beads, jequirity bean or rosary pea)
वैज्ञानिक नाम:– Abrus precatorius
पारम्परिक उपयोग
- गूंजा के पौधे का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है।
- गूंजा के सफेद किस्म का उपयोग कामोत्तेजक तेल तैयार करने के लिए किया जाता है।
- पत्तियों से बनी चाय का उपयोग बुखार, खांसी और जुकाम के लिए किया जाता है।
- इसके बीज जहरीले होते हैं इसलिए तकनीकी उपचार के बाद ही उपयोग किया जाता है।
- पत्तियों को शहद के साथ मिलाकर सूजन में उपयोग किया जाता है।
- जमैका में चाय के विकल्प के रूप में इसका उपयोग होता है।
- “जेकिरिटी” के नाम से बीज का उपयोग नेत्र रोग के मामलों में किया गया है।
- भारतीय बाल उत्पादों में इसका उपयोग बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
- .889 में प्रकाशित ‘ऑस्ट्रेलिया के उपयोगी मूल निवासी’ पुस्तक में दर्ज है कि “भारत में इस पौधे की जड़ों को शराब के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है।
- गठिया (Rheumatism), ल्यूकोरिया (Leucorrhoea) और साइटिका (Sciatica) में गूंजा के पौधे के अलग अलग भाग का उपयोग किया जाता है ।
अनेक लाभकारी गुणों से भरपूर गुंजा जो कि एक फल्ली का बीज है। इसको धुंघची, रत्ती आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी बेल काफी कुछ मटर की तरह ही होती है किन्तु अपेक्षाकृत मजबूत कड़क तने वाली होती है। इसे कहीं कहीं आप सुनारों की दुकानों पर देख सकते हैं। कुछ वर्ष पहले तक सुनार इसे सोना तोलने के काम में लेते थे क्योंकि इनके प्रत्येक दाने का वजन लगभग बराबर होता है करीब 1.. मिलीग्राम। ये हमारे जीवन में कितनी बसी है इसका अंदाज़ा मुहावरों और लोकोक्तियों में इसके प्रयोग से लग जाता है।
गुंजा बीज तांत्रिकों के लिए तंत्र शास्त्र में जितना मशहूर है उतनी ही आयुर्वेद में भी उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में श्वेत (सफेद) गूंजा का अधिक प्रयोग होता है औषधि रूप में साथ ही इसके मूल का भी जो मुलैठी के समान ही स्वाद और गुण वाली होती है। इसी कारण कई लोग मुलैठी के साथ इसके मूल की भी मिलावट कर देते हैं। वहीं रक्त (लाल) गूंजा बेहद विषैली होती है और उसे खाने से उलटी दस्त पेट में मरोड़ और कभी कभी मृत्यु तक हो जाती है। आदिवासी क्षेत्रों में पशु पक्षी मारने और जंगम विष निर्माण में अब भी इसका प्रयोग होता है।
गुंजा का प्रयोग तांत्रिकों के उपयोग में आता है। तांत्रिक अघोड़ कहते हैं की गुंजा का उपयोग दीपावली, ग्रहण काल, होली, पूर्णिमा, अमावस्या पर करना सबसे ज्यादा प्रभावकारी होता है। गुंजा में बहुत ही ज्यादा आकर्षक शक्तियां होती है। जिससे की वयक्ति को अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है। कभी सोने की तौल में उपयोग की जाने वाली गुंजा यानी गुंचू के बीजों में बहुत ही गजब की वशीकरण शक्ति होती है। इसके उपयोग से दुश्मनों को वश में किया जा सकता है। गुंजा का प्रयोग प्राचीन काल से तांत्रिक क्रियाओं में किया जा रहा है।
- यदि आपको नजरदोष की दिक्कत है और आपको बार-बार नजर लग जाती है तो आप गुंजा का ब्रेसलेट पहल लें, इससे नज़र नहीं लगती है।
- शायद आप ये बात नहीं जानते होंगे की गुंजा आप पर आने वाली मुसीबतों का संकेत देता है। जब भी व्यक्ति पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो इसका रंग अपने आप ही बदलने लगता है। काली गुंजा की माला पहनकर रखने से जैसे ही मुसीबत आने वाली होती है, उसका रंग बदलने लगता है। इससे व्यक्ति को आने वाली समस्याओं का पहले से ही पता लग जाता है।
- तांत्रिक क्रियाओं में काम आने वाले गुंजा को पहनकर आप अपने दुश्मन को शांत व वश में कर सकते है। किसी को वश में करने के लिए गंजा का प्रयोग कैसे किया जाता है आइए जानते हैं…
- अगर कोई स्त्री और पुरुष अपने पति या पत्नी को अपने कहने अनुसार काम करवाना चाहते हैं तो आप गुंजा का उपयोग कर सकते हैं। जी हां, इसके लिए आपको पति का नाम अन्यथा पत्नी का नाम लेकर मिट्टी के एक दीपक में शहद डालकर उसमें गुंजा के पांच दाने डालकर रख दें।
- अभिमंत्रित किए हुए गुंजा के दानों को रूमाल में बांधकर उस व्यक्ति के कपड़ों में रख दें जिसे आप वश में करना चाहते हैं। व्यक्ति पर वशीकरण का प्रभाव होने लगेगा।
- लाल और काले गुंजा की माला को पहनकर उस व्यक्ति के पास जाएं और अपने गले से माला उतारकर जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं उसके गले में पहना दें। माला पहनने के कुछ समय बाद ही व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा। इन उपायों को करने से पहले आप किसी जानकार से सलाह जरुर लें, इसके साथ ही ये बात ध्यान रखें की किसी बुरी नियती से इसका प्रयोग ना करें।
गुंजा फल्ली के बीजों की तीन प्रजातियां मिलती हैं –
जानिए लाल गुंजा, सफेद गुंजा ओर काली गुंजा के महत्व को
- आज आपको गूंज के चमत्कारी उपाय से अवगत करवा रहा हु ।
- गुंजा का उपाय जिसको प्राचीन काल से ही काम मे लिया जा रहा ह ।किन्तु जानकारी के अभाव में हम प्राचीन उपायो को भूल चुके ह ।।
- ऐसा कहा जाता हैं गुंजा की माला भगवान राम के प्रिय आभूषणों में एक था लोक कथा प्रचलित ह लाल गुंजा बहुत सुंदर था ओर बहुत प्रभावशाली था पर भगवान राम ने गुंजा को श्राप दिया जिस से उसका प्रभाव कुछ कम हो गया ।।
- ठाकुर जी का 50 लाख का श्रगार किया गया हो तो वो भी गुंजा बिना वो व्यर्थ ही माना जाता ह भगवान को भी ये अतिप्रिय ह ।।
- आप भगवान की भक्ति करते ह तो गुंजा के माध्यम से करे लाभ होगा ईश्वर की कृपा आपको प्राप्त होगी ।।
- एक कथा में ये भी कहा गया ह महाभारत में पांडवों ने काली गुंजा को धारण किया था कर्षण जी के इसी उपाय से वो विजय हुए काली गुजा को धारण करने वाला बड़े से बड़े संकट को आसानी से हल कर लेता ह।
- वैसे गुंजा धारी पर कोई संकट आता ही नही ह । आप इसके बारे में ज्यादा जानकारी गूगल ओर यूट्यूब से भी ले सकते ह ।।
लाल गुजा और सफेद गुजा के कुछ लाभ
- गुंजा विशेष तौर पर वशीकरण या सम्मोहन के लिए काम आता ह बंगाल में इसका प्रयोग वशीकरण के लिए बहुत किया जाता ह आप भी अगर इसको धारण करते ह तो सामने वाला कुछ हद तक आपके प्रभाव में रहेगा ।
- पति पत्नी के बीच बनती न हो तो दोनों इसको धारण करे आपके लिए ये रामबाण ह ।
- वयापार में संस्य्या ह तो वयापार की जगह इसको रखे लाभ होगा ।
- आप बार बार intarview देते ह ओर रिजेक्ट हो जाते ह तो गुजा धारण कर के जाए सफलता मिल जाएगी ।
- घर का माहौल खराब ह तो घर मे जरूर रखे ।
- मानसिक रूप से आप परेशान रहते ह तो धारण करे दिमाग शांत रहेगा ।।
- घर मे वास्तु दोष ह तो गुजा वास्तु को भी खत्म करने की शक्ति रखता ह ।
- पति पत्नी में तकाल की इस्थति ह तो गुजा के माध्यम से उसको रोका जा सकता ह ।
- गुंजा में लष्मी का वास होता ह अगर आप पैसे से परेशान ह तो गुंजा से लष्मी जी की पूजा करे आपकी सभी समस्याए धीरे धीरे खत्म हो जाएगी ।
- आप गुंजा के माध्यम से गुंजा की पूजा कर आपका कोई भी कार्य करवा सकते ह ।
- आप अगर किसी माला से ग्रहों के जाप करते ह तो गुंजा से करे आप जाप ओर गुंजा से अपनी परेशानी दूर करने के लिए कहे ।
- गुंजा से जबरदस्त वशीकरण भी होता ह आप किसी को भी अपने वश में कर सकते ह पर में आपको इस तरह के गलत काम इस माला से न करने की सलाह दूँगा ।
- अगर इस माला को लेकर इसको गलत काम मे लोगे तो आपका अंत भी नजदीक ही मान ना ।
- घर मे छोटे बच्चे ह ओर उनको बार बार नजर लगती ह तो गुंजा के उपाय से उनको कभी नजर लगने जैसी समस्या नही होगी ।
- आपको लगता ह की आप पर किसी ने कुछ करवा दिया भूत प्रेत का साया ह तो गुंजा ऐसे लोगो के लिए राम बाण का काम करेगी ।
- आप पूजा पाठ करते ह तो ये गुजा आपके लिए राम बाण का काम करेगी अगर आप ग्रहों के जप करते ह तो गुंजा से करे ऐसा करने से ये सिद्ध हो जाएगी । ईश्वर की कृपा रही तो ये आपके लिए सहायक होगी ।
में कोई भी पोस्ट करता हू या किसी के बारे में भी लिखता हूं तो पूरी तरह आश्वस्त होकर ही लिखता हूं अगर ईश्वर में आस्था ह तो आप इस उपाय को जरूर आजमाए ।
एक माला की कीमत ऑनलाइन 500 से 1000 रुपये तक होती ह पर वहा नकली माल ही मिलता ह तो सावधान रहें ।।
- लाल गुंजा – लाल काले रंग की ये प्रजाति भी तीन तरह की मिलती है जिसमें लाल और काले रंगों मिश्रण का भी मिलता है। इस वाले गुंजा का अधिकतर तंत्र क्रियोओं में ही प्रयोग किया जाता है। ( लाल गुंजा की माला सिद्ध करके गले में धारण करने से हर कोई वशीकरण का प्रभाव में होता है।)
- सफेद गुंजा – सफेद गुंजा में भी एक सिरे पर कुछ कालिमा रहती है। यह आयुर्वेद उपचार और तंत्र क्रियाओं दोनों में ही सामान रूप से प्रयोग होता है। ये लाल प्रजाति की अपेक्षा दुर्लभता से मिलता है।
- काली गुंजा – काली गुंजा दुर्लभ होती है, आयुर्वेद में भी इसके प्रयोग लगभग नहीं ही मिलता हैं, लेकिन तंत्र प्रयोगों में ये बेहद महत्वपूर्ण माना जाता हैं।
इन तीन के अलावा एक अन्य प्रकार की गुंजा भी पायी जाती है जो पीली गुंजा है, ये दुर्लभतम है क्योंकि ये कोई विशिष्ट प्रजाति नहीं है किन्तु लाल और सफ़ेद प्रजातियों में कुछ आनुवंशिक विकृति होने पर उनके बीज पीले हो जाते हैं। इस कारण पीली गूंजा कभी पूर्ण पीली तो कभी कभी लालिमा या कालिमा मिश्रित पीली भी मिलती है।
मशहूर चमत्कारी गुंजा के अदभुत टोटके –
- संतान की प्राप्ति – शुभ मुहुर्त में सफेद गुंजा की जड़ लाकर गाय के दूध से धोकर, सफेद चन्दन, पुष्प, धुप दीप से पूजा करके सफेद धागे में पिरोकर। “ऐं क्षं यं दं” मंत्र के ग्यारह हजार जाप करके स्त्री या पुरूष धारण करे तो निश्चिं ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- वशीकरण – आप जिस व्यक्ति का वशीकरण करना चाहते हों उसका अपने मन में चिंतन करते हुए मिटटी का दीपक लेकर अभिमंत्रित गुंजा के 5 दाने लेकर उन्हें शहद में डुबोकर रख दें, इस प्रयोग से शत्रु भी वशीभूत हो जाते हैं। यह प्रयोग ग्रहण काल, होली, दीवाली, पूर्णिमा, अमावस्या आदि की अर्ध रात्रि में यह प्रयोग में करने से बहुत फलदायक होता है।
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- अगर गुंजा के दानों को अभिमंत्रित करके जिस किसी भी व्यक्ति के पहने हुए कपड़े या रुमाल में बांधकर रख दिया जायेगा तो वह हमेशा के लिए आपका हो जायेगा। जब तक कपड़ा खोलकर गुंजा के दाने नहीं निकलेंगे तब तक वह व्यक्ति वशीकरण के प्रभाव में रहेगा।
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- जीवन भर सम्मान मिलेगा – शुद्ध जल (गंगाजल, कुएं का जल या अन्य तीर्थों का जल ) में गुंजा की जड़ को चंदन की भांति घिसें। अगर संभव हो तो किसी वेदपाठी ब्राह्मण या कुंवारी कन्या के हाथों से घिसवायें। यह लेप माथे पर चंदन की तरह लगायें। ऐसा व्यक्ति सभा-समारोह आदि जहां भी जायेगा, उसे वहां विशिष्ट मान सम्मान मिलेगा।
1. गुंजा के प्रयोग से आयेगी दाम्पत्य जीवन में खुशहाली, व्यवसाय, कारोबार में होगी बरकत
अपने प्यार को पाने की लालसा हर व्यक्ति मे होती है परन्तु हर किसी को अपना मनचाहा साथी नहीं मिल पाता परन्तु लाल/काली गुंजा एकमेव ऐसा उपाय है जिसके प्रयोग से आप अपना मनचाहा साथी पा सकते है तंत्र शास्त्र के चमत्कारिक उपाय के लिए लाल और काली गुंजा आपकी मदद कर सकती हैं। इसमे वशीकरण करने की अद्भुत शक्ति होती है। गुंजा एक प्रकार का दुर्लभ बीज है, जिसका प्रयोग प्राचीन काल से तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता रहा है। गुंजा मे वशीकरण की अद्भुत शक्ति होती है। इससे आप अपने शत्रु तक को वश में कर सकते हैं।
गुंजा के लाल और काले रंग के बीज होते हैं और इसके अलावा गुंजा की जड़ भी उपयोगी होती है। लाल गुंजा माला से आपकी लव लाइफ में खुशियां आ सकती है और आप अपने शत्रुओं को वश में भी कर सकते हैं।
आइए जानते हैं लाल गुंजा के लाभ
- अगर आपके बच्चे को बार-बार नज़र लग रही है तो आपको उसे बुरी नज़र से बचाने के लिए उसके हाथ में गुंजा का ब्रेसलेट पहना देना चाहिए। इससे बच्चों पर किसी की बुरी नज़र का असर नहीं होता है।
- इसके प्रभाव से कामकाज तथा व्यवसाय में आने वाली रूकावटे अपने आप समाप्त होने लगती है तथा घर में धन-धान्य की कमी कभी नहीं होती।
- विवाह के समय वर के हाथों में लाल गुंजा पिरोकर पहनाई जाती है जिसके कारण वर-वधू को किसी की नजर नहीं लगती।
काली गुंजा का महत्व
- काले रंग की गुंजा को बहुत खास माना गया है। कहते हैं कि जिस व्यक्ति के पास ये गुंजा होती है अगर उस पर कोई विपत्ति या परेशानी आने वाली हो तो इसका रंग अपने आप ही बदल जाता है।
- अपने जीवनसाथी को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भी काली गुंजा का प्रयोग किया जाता है।
- कुष्ठ रोगियों के घाव पर गुंजा के मूल को अलसी के तेल में घिसकर लगाने से फायदा होता है।
- अगर आपकी आँखों की रोशनी कमजोर है, तो आप गाय के देसी घी में गुंजा घिसकर प्रतिदिन लगाने से आँखों की रोशनी आती है, अन्धकार दूर हो जाता है।
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इस दिन करें उपाय
अगर आप किसी को वशीभूत करना चाहते हैं या किसी से अपनी बात मनवाना चाहते हैं तो उसके कपड़ों में गुंजा के दाने अभिमंत्रित करके रख दें। जब तक ये दाने उस व्यक्ति के कपड़े में बंधे रहेंगें तब तक वह आपका विरोध नहीं करेगा या आपके ऊपर मोहित रहेगा। आपको ये उपाय किसी भी शुभ दिन तथा दीवाली, ग्रहण, होली, पूर्णिमा और अमावस्या के दिन करने से फायदा होता है।
काली गुंजा का उपाय
अपने जीवनसाथी को आकर्षित करने के लिए भी काली गुंजा का प्रयोग किया जा सकता है। जिसे आप प्यार करते हैं उसका नाम लेते हुए मिट्टी के एक दीपक में शहद डालकर उसमें गुंजा के पांच दाने रख दें। अब जिस व्यक्ति को आप अपने वश में करना चाहते हैं या जिसे आकर्षित करना चाहते हैं उसे कपड़ों में गुंजा के दाने अभिमंत्रित करके रख दें। सामूहिक वशीकरण के लिए गुंजा की माला का प्रयोग किया जाता है।
गुंजा के बारे में विशेष बात
गुंजा की सबसे खास बात ये है कि साफ मन और सकारात्मक भाव से इसका प्रयोग किए जाने पर संतान सुख की प्राप्ति होती है तथा किसी के अनिष्ट की आकांक्षा रखने पर ये बुरा असर दिखाने लगती है। इसके प्रयोग से ज्ञान और बुद्धि का विकास होता है।
2. व्यवसाय, कारोबार या नौकरी में होगी बरकत
किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार के दिन 1 तांबे का सिक्का, 6 लाल गुंजा बीज कोरे लाल कपड़े में बांधकर सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच में किसी सुनसान जगह में अपने ऊपर से 11 बार उतार कर 11 इंच गहरा गङ्ढा खोदकर उसमें दबा दें। ऐसा 11 बुधवार करें। दबाने वाली जगह हमेशा नई होनी चाहिए। इस प्रयोग से व्यवसाय कारोबार या नौकरी में बरकत होगी, घर में धन का कभी भी अभाव नहीं होगा।
.. ज्ञान-बुद्धि प्रदायक
- गुंजा-मूल को लाल या काली बकरी के दूध में घिसकर हथेलियों पर लेप करे, रगड़े कुछ दिन तक यह प्रयोग प्रतिदिन करते रहने से व्यक्ति की बुद्धि, स्मरण-शक्ति तीव्र होने लगती है, चिंतन, धारणा आदि शक्तियों में प्रखरता व तीव्रता आने लगेगी।
- यदि सफेद गुंजा के 11 या 21 दाने अभिमंत्रित करके विद्यार्थियों के कक्ष में उत्तर पूर्व में रख दिया जाये तो एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति में गजब का लाभ होता है।
4. वर-वधू की रक्षा के लिए
- विवाह के समय लाल गुंजा वर के कंगन में पिरोकर पहनायी जाती है। यह तंत्र का एक प्रयोग है, जो वर की सुरक्षा, समृद्धि, नजर-दोष निवारण एवं सुखद दांपत्य जीवन के लिए है। गुंजा की माला आभूषण के रूप में पहनी जाती है।
5. विष-निवारण
- गुंजा की जड़ को गंगाजल से धोने के बाद सुखाकर रख लें। यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार के जहर विष –के प्रभाव से अचेत हो रहा हो तो उसे पानी में गुंजा की जड़ को घिसकर पिलायें। इसको पानी में घिस कर पिलाने से हर प्रकार का विष जहर उतर जाता है।
6. दिव्य दृष्टि की प्राप्ति
- अलौकिक तामसिक शक्तियों के दर्शन- भूत-प्रेतादि शक्तियों के दर्शन करने के लिए मजबूत हृदय वाले व्यक्ति, गुंजा मूल को रवि-पुष्य योग में या किसी भी मंगलवार के दिन- शुद्ध शहद में घिस कर आंखों में अंजन (सुरमा/काजल) की भांति लगायें तो, आपको भूत, चुडैल, प्रेतादि के दर्शन होने लगेंगे।
7. गुप्त धन दर्शन-
- अंकोल या अंकोहर के बीजों के तेल में गुंजा-मूल को घिस कर आंखों पर अंजन की तरह लगायें। यह प्रयोग रवि-पुष्य योग में, रवि या मंगलवार को ही करें। इसको आंजने से पृथ्वी में गड़ा खजाना तथा आस पास रखा धन दिखाई देने लगता है।
8. शत्रु में भय उत्पन्न
- गुंजा-मूल (जड़) को किसी स्त्री के मासिक स्राव रक्त में घिस कर आंखों में सुरमे की भांति लगाने से शत्रु उसकी आंखों को देखते ही भाग खड़े होने लगेंगे।
9. रोग – बाधा
- कुष्ठ निवारण – गुंजा मूल को अलसी के तेल में घिसकर लगाने से कुष्ठ (कोढ़) के घाव ठीक हो जाते हैं।
- अंधापन समाप्त – गुंजा-मूल को देशी गाय के घी में घिसकर प्रतिदिन लगाते रहने से अंधत्व कुछ ही में दूर हो जाता है।
10. नौकरी में बाधा
- राहु के प्रभाव के कारण व्यवसाय या नौकरी में बाधा आ रही हो तो लाल गुंजा व सौंफ को कोरे लाल वस्त्र में बांधकर अपने कमरे में रखें।
गुंजा के चमत्कारिक प्रयोंग
गुंजा को सामान्यतः चिरमिटी, घुंघची एवं रत्ती आदि नामों से जाना जाता हैं। गुंजा एक जंगली बेल की फली का बीज है। गुंजा की पत्तियाॅं इमली के समान होती है तथा इसमें मटर के समान फूल आते हैं, जो गुलाबी होने के कारण ओैर सुन्दर प्रतीत होते है।
गुंजा की बेल की फली फाल्गुन ’’मार्च’’ माह में पककर चटक जाती है तथा फली के अन्दर के दाने दिखाई देने लगते हैं। कभी-कभी फली के अधिक चटक जाने पर दाने फली से निकलकर जमींन पर गिर पड़़ते है। गुंजा के बीज एवं जड़ का भी तांत्रिक प्रयोग किया जाता है। गुंजा की दो प्रजातियाॅं पाई जाती हैं। लाल और सफेद गुंजा का प्रयोग प्राचीन काल से बीज का प्रयोग माप तौल कीर सूक्ष्म इकाई के रूप में किया जाता है। सोने-चाॅदीं के व्यवसायी बाट के रूप में जिस रत्ती का प्रयोग करते थे, वह यही गुंजा होती है।
सुरक्षा कारक प्रयोग
- जिन व्यक्तियों को अपनी सुरक्षा के प्रति भय रहता हो तथा अकारण ही जीवन के प्रति मन सषंकित रहता हो, उन्हें लाल या सफेद गुंजा पीले वस्त्र में बाॅधकर अपने पास रखनी चाहिए।
- अनेक परिवारों में विवाह के समय वर को एक कंगन पहनाया जाता है, जिसमें लाल अथवा सफेद रत्ती पिरोई गई होती हैं। इसको पहनने से वर की सुरक्षा होती हैं तथा उसका जीवन सुखमय एवं समृद्ध होता हैं। एक प्रकार से यह एक तांत्रिक टोटका होता हैं, जो एक सामाजिक परम्परा का रूप ले चुका है।
- जिन बच्चों को बार-बार नजर लगती हो, उनके गले में तीन, पाॅच या सात गुंजा के दाने लाल वस्त्र में बाॅधकर पहना देना चाहिए। इससे बुरी नजर से वे बचे रहेंगे।
- यदि आपके घर के सामने कोई टोना-टोटका करता हो तो अपने घर के मुख्य द्वार पर पाॅच अथवा सात गुंजाएॅ नए लाल वस्त्र में बाॅधकर लटका देनी चाहिए।
- यदि किसी षत्रु से सामना होने की संभावना हो अथवा किसी विरोधी व्यक्ति से कोई महत्वपूर्ण बातचीत करनी होतो सफेद गुंजा के 11 दाने अपनी जेब में डालकर ले जाएॅं।
वषीकरण प्रयोग
- काली गुंजा के तीन या पाॅच दाने शहद में डुबोकर रख दें तथा इस प्रक्रिया के समय जिस व्यक्ति का वशीकरण करना हो उसका मन ही मन ध्यान करते रहें।
- वर्षा का जल एकत्रित करके रख दें तथा उसमें काली गुंजा के 2 दाने डाल दें। एक दिन रखने के बाद वर्षा के जल एवं काली गुंजा को कुछ मिट्टी खोदकर दबा दे तथा इस प्रक्रिया के दौरान जिस व्यक्ति को वशीभूत करना हो उसका मन ही मन चिन्तन करते रहें। यदि वह बेल बनकर उग आएॅ। तो संबंधित व्यक्ति आपकी और आकर्षित होने लगेगा। जैसे-जैसे वह बेल बढ़ती जाएगी, वह पूर्ण रूप से आपके वश में हो जाएगा।