मनमोहन सिंह का जन्म पंजाब प्रान्त ( अविभाजित भारत ) में .6 सितम्बर, .9.2 को हुआ था। मन मोहन सिंह जी भारत के पूर्व प्रधान मंत्री रहे, साथ ही साथ वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। उनकी माता का नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था।
इनकी राशि कर्क है, मनमोहन सिंह की कुंडली में शुक्र ग्रह अकारक लग्न से अष्टम भाव में चंद्र के साथ स्थित है. कुंडली के अनुसार मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री के रूप में अंतिम पारी थी. इनकी कुंडली में भद्रक महापुरुष योग, सुनफा योग, शंख योग, नीच भंग राज योग चला रहा है जिसके चलते इस समय मनमोहन सिंह राहु की महादशा से गुजर रहे हैं.
 देश के विभाजन के बाद सिंह का परिवार भारत चला आया। यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है।
 डॉ॰ सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्राध्यापक रहे। मनमोहन सिंह जी की जन्म बुध की महादशा में 1932 मे हुआ। बुध की महादशा मे इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा उत्तम दर्जे की प्राप्त की। श्री मनमोहन सिंह जी की जन्म कुंडली मे बुध आदित्य योग की वजह से इनके पिता को तकलीफ़ों का सामना करना पड़ा, क्योंकि सूर्य इनकी कुंडली मे मरकेश का फल दे रहा है।
श्री मनमोहन सिंह जी की जन्म कुंडली मे जैसे ही केतु की महादशा 1946-1953 आयी इस समय मे इन्होने अपनी शिक्षा का लाभ प्राप्त किया। इसी समय इनके उच्च अधिकारियों से अच्छे संपर्क बने । इनकी कुंडली मे राहु पराक्रम क्षेत्र मे है, जिसने इनको विदेश यात्रा कराई और वैवाहिक जीवन का सुख भी प्रदान किया।
यह कुंडली हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह की है कुंडली मे शनि वक्री है और धन के भाव मे राज्य के कार्य वाली मकर राशि मे विराजमान है। शनि वक्री पर असर देने वाले ग्रह सूर्य बुध नवम पंचम योग से शुक्र चन्द्र मंगल अष्टम भाव से अपने अपने प्रभाव को प्रदान कर रहे है। कहा भी जाता है कि बुद्धिमान की बुद्धिमान से और पहलवान की पहलवान से ही पटती है वह चाहे मित्रता हो या दुश्मनी।
कन्या राशि का सूर्य और बुध श्री मनमोहन सिंह जी की कुंडली में गुप्त राजकीय भेदो बैंकिंग और फ़ायनेन्स वाली नीतियों के प्रति हमेशा सजगता से काम करने वाले माने जा सकते है
श्री मनमोहन सिंह जी एक धार्मिक व्यक्ति है इस बात के लिये उनके गुरु केतु को जो सिंह राशि मे होने से माना जा सकता है,गुरु जो जीव का कारक है और केतु जो जीव को मान अपमान देने का कारक है केतु जब गुरु की नजर मे आजाता है तो मान देने लगता है और जब शनि के घेरे मे आजाता है तो अपमान देने लगता है।केतु को सिख समुदाय से भी जोड कर देखा जाता है और सिख समुदाय के साथ जब गुरु की भाग्य और मोक्ष के प्रति धारणा होती है तो वह पंच प्यारों के रूप मे अपनी स्थिति को बना लेता है।
वक्री शनि के लिये एक बात और भी मानी जा सकती है कि जैसे जैसे व्यक्ति बुजुर्ग होता जाता है वक्री शनि की बुद्धि बहुत ही सक्षम होती जाती है और वह अपने अनुसार लोगो से काम करवाने के लिये अपनी बुद्धि को बुजुर्ग समय मे काफ़ी महत्व देने के लिये अपनी शक्ति को प्रकट करता है।
जैसे ही इनकी जन्म कुंडली मे शुक्र का आगमन 1953-1973 मे हुआ तो इस महा दशा मे इनके प्रसिद्ध राजनेताओं के साथ अच्छे संबंध बने, जहां से इन्हे राजनीति के अवसर मिले। शुक्र चन्द्र व मंगल की युति होने के कारण इनको जनता का पूरा सहयोग मिला। धनभाव के राहु की वजह से भाग्येश गुरु ने एक नया मंच इनको प्रदान किया।
श्री मनमोहन सिंह जी की जन्म कुंडली मे सूर्य की महादशा 1973-1979 तक रही। इस समय इनका जीवन सामान्य रहा। लेकिन जनता के बीच मे काफी चर्चित रहे, जिसका कारण बुध आदित्य योग और अष्टम का मंगल जोकि धन श्रेष्ठ योग बना रहा है। इस महादशा मे उनको काफी गौरव प्राप्त हुआ।
मनमोहन जी ने सोचा भी नहीं था की जैसे ही उनकी कुंडली मे चंद्रमा का समय आया 1979 -1989 इस समय मे इन्हे राजसभा का सदस्य बनाया। चन्द्र शुक्र की युक्ति और साथ मे कर्मश्रेष्ठ सूर्य ने रौबदार व्यक्तित्व दिया।
1989 – 1996 मे जब मनमोहन सिंह जी की जन्म कुंडली मे मंगल का समय आया, इन्होने सरकारी नौकरी छोड़ कर राजनीति मे कदम रखा और विपक्ष के नेता रहे। 2.04 मे इनको प्रधान मंत्री का पद सँभाला।
2007 मे जी.डी.पी. की उन्नति हुई क्योंकि इस समय राहु का समय चल रहा था जो जी इनकी जन्म कुंडली मे पराक्रम क्षेत्र मे अच्छा रहा। इसी समय इनको आतंकी हमलो का सामना भी करना पड़ा ।
मनमोहन सिंह जी की जन्म कुंडली मे 1996 – 2014 तक राहु ने इनको काफी पुरस्कार मिले साथ ही विपक्ष से काफी परेशान रहे । आज का समय इनको एक आदर्शवादी शिक्षक के रूप मे दर्शाता है। मनमोहन सिंह जी की जन्म कुंडली मे गुरु का समय शुरू हुआ जोकि 2014 -2030 तक इनको प्रभावित करेगा और यह  इनकी सेहत की खराबी के योग बनाता है ।
जिम्मेदारियों का सामना करते हुए मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद स्वीकार किया और लगातार 10 वर्ष तक कुशलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वाह किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। अब सवाल यह उठता है कि इस स्थिति में इस पद का कार्यभार कौन उठाएगा। वर्तमान में पर्दे के सामने प्रियंका गांधी सभी प्रमुख सभाओं का दायित्व निभाते नजर आ रही है। कुछ ओर नामों पर इस संबंध में विचार किया जा रहा है, अनेक नामों में से प्रियंका गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन जी को यह पद देने की चर्चाएं सूर्खियों में है। आईये ज्योतिष से देखते है कि प्रियंका और मनमोहन दोनों में से किसे यह पद दिया जा सकता है।

मनमोहन सिंह कुंडली

26 सितम्बर 1932, 14:00, झेलुम, पाकिस्तान..
  • धनु लग्न और कर्क राशि में मनमोहन सिंह का जन्म हुआ। इनकी कुंडली में 22 मई 2004 को इन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, उस समय इनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण प्रभावी था। उनकी कुंडली में उस समय राहु महादशा में शनि की अंतर्द्शा प्रभावी थी। इनकी कुंडली में भद्र योग, बुधादित्य योग, चंद्र-मंगल योग, शंख योग, श्रीनाथ योग, सरल योग, विपरीत राजयोग से युक्त है।
  • 2004 से लेकर 2014 के मध्य दो बार डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहें, प्रधानमंत्री पद का इनका सफर शनि साढ़ेसाती से शुरु हुआ और इस समय शनि धनु राशि इनके लग्न भाव पर गोचर कर रहे है। अप्रैल माह 2019 से गुरु महादशा में दशमेश बुध की अंतर्द्शा शुरु हुई है। कुंडली में दशमेश बुध दशम भाव में भाग्येश के साथ स्थित हो, सुंदर राजयोग बना रहा है। यह अंतर्द्शा इनके लिए शुभ और अनुकूल रहने वाली है। कुछ नए दायित्वों का कार्यभार इस अवधि में इनके कंधों पर आ सकता है।
  •  मार्च 2020 से शनि भी गोचर में राशि बदलकर इनके जन्म शनि पर वापसी करने वाले हैं, वहां से शनि जन्म चंद्र को भी प्रभावित करेंगे अत: एक बार फिर से इनके सक्रिय राजनीति में आने के योग बन रहे है। यह भी संभव है कि कमान इनके हाथ ना देकर इन्हें मुख्य सलाहकार के रुप में प्रयोग किया जाए। इनके अनुभव और योग्यता से लाभ उठाया जाए। 2020 से 2022 के मध्य की अवधि इनके करियर और आयु दोनों के लिए विशेष रहने वाली है।
  • मनमोहन सिंह की कुण्डली देखने से ज्ञात होता है कि इन दिनों मनमोहन सिंह शनि की ढैय्या के प्रभाव में हैं। और दूसरी ओर राहु में चन्द्रमा की दशा जुलाई महीने से शुरू हो गई। राहु और चन्द्रमा की दशा ज्योतिषशास्त्र में अनुकूल नहीं मानी जाती है। दोनों एक दूसरे से शत्रुता रखते हैं।
  • सबसे बड़ी बात यह कि दोनों ही ग्रह कुण्डली में मजबूत स्थिति में हैं जिससे इनके बीच आपसी टकाराव हो रहा है जिसका नुकसान मनमोहन सिंह को उठाना पड़ रहा है। इन दिनों मनमोहन सिंह मानसिक उलझन में रहेंगे।
  • विरोधी और विपक्षियों का दबाव बना रहेगा, अपनों से भी इन्हें सावधान रहना होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय अनुकूल नहीं है। अचानक स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव होने की आशंका प्रबल है। हड्डियों और पैरों में तकलीफ हो सकती है।

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