एसेंशियल ऑयल के फायदे, प्रकार, उपयोग और नुकसान सभी लोगों को पता नहीं हैं। जबकि एसेंशियल आयल विभिन्‍न प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं, त्‍वचा और बालों से संबंधित समस्‍याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। एसेंशियल ऑयल को सामान्‍य रूप से आवश्‍यक तेल भी कहा जाता है। प्राचीन समय से ही आवश्‍यक तेलों का उपयोग दवा, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र, भोजन और विभिन्‍न प्रकार चिकित्‍सा प्रणाली में उपयोग किया जा रहा है। यदि नियमित रूप से इन तेलों का उपयोग किया जाए तो यह हमारी बहुत सी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।
     यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। “अरोमा” का अर्थ होता है “खुशबु” यानी अरोमाथैरेपी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें बहुत सारे रोगों का इलाज़ विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक खुशबुओं का प्रयोग करके किया जाता है। अरोमाथेरेपी में जिन एसेंशियल ऑइल्स का इस्तेमाल किया जाता है जो कि प्लांट्स, हर्ब्स, पेड़ों, फूलों आदि का तत्व होता है जिनसे होने वाले फायदों के कायल हो  जाएंगे। क्या हैं फायदे?
– बंद नाक खोले
इन दिनों बदलते मौसम में जुकाम की समस्या बहुत ही आम है, जिसमें बंद नाक परेशानी का कारण बन जाता है। ऐसे में अगर आप नीलगिरी के तेल की कुछ बुंदें डाल कर स्टीम लें तो आपको बंद नाक से फ़ौरन मुक्ति मिल जाएगी।
– सिर दर्द भगाएं 
आज हर इंसान अपनी लाइफ में इतना बिजी हो गया है। आजकल लोगों की दिनचर्या ऐसी है कि उनको आए दिन सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में रोजमेरी ,लैवेंडर व पुदीने की खुशबु सिरदर्द की समस्या से जल्दी निजात दिला सकती है।
– डाइजेशन सुधारे 
जिन लोगों को डाइजेशन की से सम्बंधित कोई समस्या है तो इसमे अरोमाथैरेपी रामबाण का काम करता है। तुलसी और चंदन की खुशबु डाइजेशन से सम्बंधित समस्या को दूर करने में बहुत ही प्रभावी है।
 – अनिद्रानाशक 
कई लोगों को नींद ना आने की भी समस्या होती है ऐसे में लैवेंडर , कैमोमाइल , नारंगी आदि खुशबुए भी नींद लेने में बहुत ही कारगर सिद्ध होती हैं। फिर चाहे आप इनके लिए अरोमालैम्प का प्रयोग करें  या फिर ऑइल का। इसके अलावा अच्छी नींद के लिए आप तकिये के नीचे लैवेंडर रख कर भी सो सकते हैं।
– डिप्रैशन से मुक्ति 
जैस्मिन और कैमोमाइल की खुशबु ना सिर्फ डिप्रेशन जैसी समस्या से राहत दिलाती है बल्कि यह मूड पर भी बहुत सकारात्मक प्रभाव डालती है।
– खूबसूरती बढ़ाएं 
रोज़ और जैरेनियम ऑयल में यह गुण होता है जो धुप से झुलसी हुई त्वचा को ठीक कर के उसे एक चमक देती है।  इसके अलावा ट्री ऑयल पिम्पल को ठीक करता है तो वहीं रोज़ ऑयल त्वचा को ग्लो दे कर उसकी खूबसूरती बढ़ता है।
– सैक्स लाइफ को बेहतर बनाएं 
चन्दन ,चमेली और गुलाब की खुशबु से शरीर में सेक्स से सम्बंधित हार्मोन में तेज़ी आती है और सेक्स से सम्बंधित समस्याएं भी दूर होती हैं। इसके अलावा लौंग का तेल भी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाता है।
– फर्टिलिटी बढ़ाएं
शायद आपको सुन कर अजीब लग सकता है जीरे के तेल का प्रयोग फर्टिलिटी बढ़ने के काम में आता है।
आइए जाने एसेंशियल ऑयल के फायदे और नुकसान क्‍या हैं।
  1. आवश्‍यक तेल क्‍या है – What Is Essential Oil in Hindi
  2. आवश्‍यक तेल के उपयोग – Essential Oil Use in Hindi
  3. आवश्‍यक तेल के पोषक तत्‍व – essential oil nutrition Value in Hindi
  4. आवश्यक तेलों की सूची – Essential Oil List in Hindi
  5. आवश्यक तेल के लाभ – Essential Oil Health Benefits in Hindi
  6. लौंग आवश्यक तेल के फायदे – Clove Essential Oil in Hindi
  7. लेमन एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – Lemon Essential Oil Benefits in Hindi
  8. लैवेंडर आवश्‍यक तेल के फायदे – Lavender Essential Oil Benefits in Hindi
  9. नीलगिरी एसेंशियल आयल के फायदे – Eucalyptus Essential Oil Benefits in Hindi
  10. पेपरमिंट एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – Peppermint Essential Oil Benefits in Hindi
  11. टी ट्री एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – Tea Tree Essential Oil Benefits in Hindi
  12. ओरेगेनो एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – Oregano Essential Oil Benefits in Hindi
  13. रोज एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – Rose Essential Oil Benefits in Hindi
  14. कैमोमाइल एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – Chamomile Essential Oil Benefits in Hindi
आवश्यक तेल क्‍या है – (What Is Essential Oil in Hindi)
     हम और आप अक्‍सर एसेंशियल ऑयल के बारे में सुनते और पढ़ते हैं। यह भी जानते हैं कि आवश्‍यक तेल के फायदे हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत अधिक हैं। लेकिन आवश्‍यक तेल है क्‍या यह बहुत ही कम लोगों को पता होता है। एसेंशियल ऑयल या अस्थिर तेल पौधों से प्राप्‍त अर्क होता है। जिन्‍हें अलग-अलग निष्‍कर्षण विधियों द्वारा प्राप्‍त किया जाता है। आवश्‍यक तेल प्राप्ति के आधार पर पौधों के अलग-अलग हिस्‍सों का उपयोग किया जा सकता है। आमतौर पर सबसे ज्‍यादा और सुगंधित तेल प्राप्‍त करने के लिए पौधों के फूलों का उपयोग किया जाता है। लेकिन फूलों के अलावा भी अन्‍य हिस्‍से जैसे पत्तियां, छाल, जड़ों, फलों कि छिल्‍के आदि का भी उपयोग किया जाता है।
     आवश्‍यक तेल इसलिए फायदेमंद माने जाते हैं क्‍योंकि ये आमतौर पर जड़ी-बूटीयों के मुकाबले 75 प्रतिशत अधिक शक्तिशाली और प्रभावी होते हैं। आवश्‍यक तेल पूर्ण रूप से प्राकृतिक उत्‍पाद होता है इसलिए ऐसा माना जाता है कि यह बहुत अधिक प्रभावी होता है। लेकिन इसका यह मतबलब बिल्‍कुल नहीं है कि इसके नुकसान नहीं होते हैं। यदि सावधानी से उपयोग न किया जाए तो इसके दुष्‍प्रभाव भी होते हैं क्‍योंकि ये बहुत ही शक्तिशाली होते हैं। आइए जाने आवश्‍यक तेल के उपयोग के बारे में।
आवश्‍यक तेल के उपयोग – (Essential Oil Use) 
     अक्‍सर यह लोगों के मन में ये प्रश्‍न उठता है कि आवश्‍यक तेल का उपयोग कैसे किया जा सकता है। क्‍या हम इस तेल को सामान्‍य तेल की तरह उपयोग कर सकते हैं। क्‍या हम इसे अपनी त्‍वचा पर सीधे उपयोग कर सकते हैं या यह किस रूप में हमारे लिए फायदेमंद है। इन सभी लोगों के प्रश्‍नों का जबाब हां है। पर यह भी ध्‍यान रखें कि यह जिस वनस्‍पति से प्राप्‍त किया गया है उसके गुणों का 75 प्रतिशत होता है जो कि बहुत ही शक्तिशाली होता है। यदि आप इसे अपनी त्‍वचा पर उपयोग करना चाहते हैं तो इसे पतला करके ही उपयोग करें। आप इसे अपने आहार में भी शामिल कर सकते हैं। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि आवश्‍यक तेलों का उपयोग तब तक न करें जब तक आपको पूरी तरह से समस्‍या और आवश्‍यक तेल के गुणों की जानकारी न हो।  मौखिक रूप से इस प्रकार के तेलों का उपयोग अपने डॉक्‍टर की सलाह के बिना न करें क्‍योंकि इन तेलों में फाइटोकेमिकल्‍स की अच्‍छी मात्रा होती है। आइए जाने आवश्‍यक तेलों में पाए जाने वाले पोषक तत्‍वों के बारे में।
आवश्‍यक तेल के पोषक तत्‍व –
     वैसे तो सभी आवश्‍यक तेलों के अपने अलग-अलग गुण और पोषक तत्‍व होते हैं। ये पोषक तत्‍व उन पौधों के आधार पर होते हैं जिनसे आवश्‍यक तेलों को प्राप्त किया जाता है। लेकिन फिर भी एसेंशियल तेलों के कुछ ऐसे सामान्‍य गुण होते हैं जो सभी तेलों में उपलब्‍ध होते हैं। आवश्‍यक तेलों में एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इनके अलावा इनमें विभिन्‍न प्रकार के विटामिन, पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थ मौजूद रहते हैं जो हमें स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। आवश्‍यक तेलों में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण भी होते हैं जो हानिकारक फ्रीरेडिकल्‍स से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। आइए जाने आवश्‍यक तेल के फायदे और प्रकार क्‍या हैं।
आवश्यक तेलों की सूची – (Essential Oil)
     विभिन्‍न प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और अन्‍य प्रकार के फायदे पहुंचाने वाले आवश्‍यक तेलों की सूची बहुत लंबी है। हालांकि ये सभी तेल हमारे लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। लेकिन कुछ आवश्‍यक तेल उत्‍पादन, परिवेश और उपयोगिता के आधार पर सभी जगह उपलब्‍ध नहीं हो पाते हैं। आइए जाने अन्‍य आवश्‍यक तेलों कौन-कौन से हैं।
  • जोजोबा आवश्‍यक तेल (Jojoba Essential Oil)
  • जैस्मीन तेल (Jasmine Oil)
  • कोपाबा तेल (Copaiba Oil)
  • बर्गमोट ऑयल (Bergamot Oil)
  • नेरोली तेल (Neroli Oil)
  • नींबू बाम तेल (Lemon Balm Oil)
  • अनार का तेल (Pomegranate Oil)
  • फ्रैंकेंसेंस ऑयल (Frankincense Oil)
  • रोजमेरी तेल (Rosemary Oil)
  • चंदन का तेल (Sandalwood Oil)
  • साइप्रेस तेल (Cypress Oil)
  • अदरक का तेल (Ginger Oil)
आवश्यक तेल के लाभ —
     यदि सही तरीके से आवश्‍यक तेलों का उपयोग किया जाए तो यह हमें कई प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं। लेकिन यदि इन तेलों का उपयोग करते समय सावधानी न रखी जाए तो इसके कुछ दुष्‍प्रभाव भी हो सकते हैं। कुछ आवश्‍यक तेल हमारी गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने में मदद करते हैं। कुछ आवश्‍यक तेल हमारे बालों और त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं को हल करते हैं। आवश्‍यक तेल हानिकारक जीवों के खिलाफ प्रभावी होते हैं। कुछ आवश्‍यक तेल आपकी मनोदशा को सुधारने और मस्तिष्‍क की कार्य क्षमता में वृद्धि करने में मदद करते हैं। कुछ तेलों में आपकी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं जैसे सिरदर्द, मतली, उल्‍टी आदि की भावनाओं को कम करने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा कुछ तेल अरोमाथेरेपी के दौरान दुष्‍प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। आइए विस्‍तार से जाने आवश्‍यक तेल के फायदे और प्रकार के बारे में।
लौंग आवश्यक तेल के फायदे – 
दांत दर्द का अचूक इलाज लौंग के तेल को माना जाता है। दांत का दर्द होने पर कपास की रूई में लौंग का तेल लें और दर्द वाले दांत के आस-पास मसूढ़ों में लगाएं। प्राचीन समय से ही दांतों के दर्द का उपचार करने के लिए लौंग तेल का उपयोग किया जा रहा है। इसमें शक्तिशाली एंटी-फंगल गुण होते हैं जो विशेष रूप से कैंडिडा अल्बिकांस बैक्‍टीरिया के विकास को कम करने में मदद करते हैं। लौंग तेल के अन्‍य फायदे इस प्रकार हैं।
  • मुंह के छालों के लिए – लौंग तेल में एंटी-वायरल गुण होते हैं विशेषतौर पर हर्पस सिम्‍प्‍लेक्‍स (herpes simplex) से हमारी रक्षा करते हैं। इसके साथ ही दर्द को कम करने और उपचार प्रक्रिया को तेज करते हैं। मुंह के छालों में लौंग तेल की . बूंद का उपयोग करें। 
  • एठिया के दर्द के लिए – लौंग तेल के दर्द निवारक गुण संधिशोथ और गठिया के लिए फायदेमंद होते हैं। आप प्रभावित क्षेत्र में लौंग तेल से मालिश कर सकते हैं। 
  • बैक्‍टीरिया नष्‍ट करे – आप अपने रसोई और घर के आस-पास बैक्‍टीरिया को नष्‍ट करने के‍ लिए लौंग तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह एक प्राकृतिक एंटी-बैक्‍टीरिया है जो ई.कोलाई, साल्‍मोनेला, हेलिकोबैक्‍टर पिलोरी (पेट के अल्‍सर से जुड़ा) आदि बैक्‍टीरिया को नष्‍ट कर सकता है जो हमारे लिए हानिकारक होते हैं। आप अपनी रसोई, टेलिफोन, टॉयलेट सीट, कम्‍प्‍यूटर की बोर्ड और ऐसी जगहों जहां अधिक से अधिक लोगों के हाथ लगें वहां 1 बूंद लौंग तेल का उपयोग करें।
लेमन एसेंशियल आयल बेनिफिट्स –
आप अपने भोजन को पकाते समय नींबू से निकाले गए आवश्‍यक तेल की 1 से . बूंदों को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा आप केक, सीफूड व्‍यंजन, सलाद आदि में भी नींबू तेल का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। लेमन आयल अपनी अच्‍छी खुशबू के लिए बहुत ही लोकप्रिय है। लेकिन इसमें कई चिकित्‍सकीय गुण भी होते हैं जो एकाग्रता में वृद्धि करने, पाचन को सुधारने और गठिया के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
  • बैक्‍टीरिया हटाने में –  आप अपने बर्तनों को साफ करने वाले साबुन में नींबू तेल की 1 से 2 बूंदों को मिलाएं। यह आपके बर्तनों में मौजूद बैक्‍टीरिया को नष्‍ट करने और बर्तनों को स्‍वच्‍छ और खुशबूदार बनाने में मदद करता है। 
  • रूम फ्रेश्‍नर के रूप में – नींबू में साइट्रिक एसिड की अच्‍छी मात्रा होती है। इसके अलावा आप अपने घर में मनमोहक खुशबू के लिए नींबू तेल का उपयोग कर सकते हैं। नींबू तेल की खुशबू आपकी थकान को दूर कर आपको ताजगी दिलाने में मदद करती है। इसके अलावा आप अपने शरीर में भी परफ्यूम की तरह नींबू के तेल को अन्‍य तेलों के साथ मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। आप अपने नहाने के पानी में भी नींबू तेल की कुछ बूंदें मिलाएं। 
  • बालों के लिए – नींबू के तेल का उपयोग बालों के अच्‍छे विकास के लिए कर सकते हैं। इस तेल की 2-. बूंदों को किसी अन्‍य तेल के साथ मिलाकर अपने सिर की मालिश करें। इस तेल के गुण सिर की तेल ग्रंथियों पर संतुलन प्रभाव डालती हैं। रात में सोने से पहले इस तेल से सिर की मालिश करने पर आपको अच्‍छी नींद आती है इसके साथ ही यह आपके बालों को पर्याप्‍त पोषण उपलब्‍ध कराता है
लैवेंडर आवश्‍यक तेल के फायदे – 
ताजा लैवेंडर के फूलों से निकाले गए लैवेंडर आवश्‍यक तेल सबसे प्रसिद्ध तेलों में से एक है। इसका उपयोग कर अनिद्रा, एकाग्रता की कमी, बालों के झड़ने की समस्‍या आदि के उपचार के लिए किया जाता है।
  • तनाव को दूर करे – मानसिक तनाव, नींद की कमी, थकान आदि से परेशान लोगों की समस्‍या को दूर करने के लिए लैवेंडर तेल का उपयोग बहुत ही प्रभावी होता है। इस प्रकार की समस्‍या को दूर करने के लिए लैवेंडर तेल को पतला करके उपयोग किया जा सकता है। इस तेल की खुशबू मन को शांत करने में मदद करती है। आप इसे अपने हाथों या गर्दन में लगा सकते हैं। इसके अलावा आप अपने नहाने के पानी में भी लैवेंडर तेल को मिला सकते हैं। 
  • खुजली – किसी कीड़े के काटने या त्‍वचा संक्रमण के कारण होने वाली खुजली को शांत करने में लैवेंडर तेल मदद करता है। यह मच्‍छर, मधुमक्‍खी के काटने पर होने वाले दर्द, खुजली, सूजन को ठीक कर सकता है। 
  • सनबर्न से राहत – तेज धूप के कारण होने वाली त्‍वचा की जलन को ठीक करने के लिए लैवेंडर तेल की 2 से 3 बूंदों का उपयोग करें। इसके अलावा रसोई में खाना पकाते समय हाथ जलने या ज्यादा गर्म लगने पर भी लैवेंडर तेल का उपयोग किया जा सकता है। सनबर्न के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप एलोवेरा जेल और लैवेंडर तेल के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं। 
  • भोजन को स्‍वादिष्‍ट बनाए – अपने अनूठे स्‍वाद के कारण इसका कई प्रकार के व्‍यंजनों में उपयोग किया जा सकता है। आप इसे चॉकलेट, मीठे व्‍यंजनों और सलाद आदि में भी उपयोग कर उनका स्‍वाद बढ़ा सकते हैं।
इसके अन्‍य फायदे इस प्रकार हैं :
शरीर और दिमाग को शांत रखता है।
अच्‍छी नींद लाने में मदद करता है।
शुष्‍क त्‍वचा को मॉइस्‍चराइज करता है।
नाक से बह रहे खून को बंद करता है।

नीलगिरी एसेंशियल ऑयल के फायदे – 

यूकेलिप्‍टस तेल नीलगिरी के पेड़ की पत्तियों से प्राप्‍त किया जाता है। इस तेल में एंटीमाइक्रोबायल, कीटनाशक गुण होते हैं। इसलिए इसे विभिन्‍न प्रकार के संक्रामक जीवाणुओं को नष्‍ट करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा यह विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को भी ठीक करता है।
  • श्वसन स्वास्थ्यके लिए – जिन लोगों को सांस से संबंधित परेशानी होती हैं उन्‍हें नियमित रूप से नीलगिरी तेल का उपयोग करना चाहिए। खांसी का उपचार करने के लिए नीलगिरी तेल की वाष्‍प लेना फायदेमंद होता है यह सर्दी का भी इलाज कर सकता है। यह नाक में और फेफड़ों में जमे हुए कफ को निकालने में मदद करता है। 
  • मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देता है – एक अध्‍ययन से पता चलता है कि नीलगिरी तेल और पुदीना तेल के मिश्रण का उपयोग करने से यह संज्ञानातमक प्रदर्शन को बढ़ावा देता है। एक अन्‍य अध्‍ययन यह भी बताता है कि इन दोनों तेलों की मिश्रित खुशबू लेने पर यह सिरदर्द को कम कर सकता है। 
  • बुखार को कम करे – बुखार को कम करने के लिए पानी में 1 या 2 बूंद नीलगिरी तेल मिलाएं और एक कपड़े को इस पानी में गीला करें। रोगी के पूरे शरीर को इस गीले कपड़े से पोंछें। इस कपड़े से रोगी की छाती, गर्द, पीठ, पैर और तलवे आदि को पोंछें यह बुखार को कम करने में मदद कर सकता है। 

                                  इसके अलावा नीलगिरी तेल के अन्‍य लाभ इस प्रकार हैं :

मानसिक तनाव से राहत।
अरोमाथेरेपी में उपयोगी।
मांसपेशियों में दर्द को कम करने में।
सिर की जूँ का इलाज करने में।
पेपरमिंट एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – 
पुदीना तेल मतली को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह सिरदर्द, पेट दर्द गैस, अपचन, चिंता और तनाव का भी प्रभावी उपचार कर सकता है। पेपरिमिंट तेल मेन्‍थॉल की उपस्थिति के कारण बहुत ही प्रभावी होता है।
  • हॉट फ़्लैश को शांत करे – पेपरमिंट की उच्‍च मेन्‍थॉल सामग्री से भरपूर पुदीना तेल महिलाओं को होने वाले हॉट फ़्लैश को शांत करने में मदद करता है। आपको जब अधिक मात्रा में गर्मी महसूस हो तो आप पुदीना तेल से अपने सिर की मालिश करें या अपने सर्ट की कॉलर पर इस तेल की कुछ बूंदें डालें। इस तेल की खुशबू आपके शरीर को ठंड़ा करने में मदद करती है।
  • सतर्कता बढ़ाए – आप अपनी और अपने बच्‍चों की सतर्कता को बढ़ाने के लिए पुदीना तेल का उपयोग कर सकते हैं। विशेष रूप से यह उन ड्राइवरों के लिए आवश्‍यक है जो लंबी दूरी तक गाड़ीयां चलाते हैं। तंत्रिका तंत्र को जागने और मस्तिष्‍क को सचेत रखने में यह तेल बहुत ही प्रभावी होता है। इस तेल की खुशबू बच्चों में एकाग्रता को बढ़ाने के लिए भी उपयोग की जा सकती है।
  • मांसपेशीय दर्द के लिए – पेपरमिंट तेल मांसपेशियों को आराम दिला सकता है जिससे आपके शरीर के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। आप पुदीना तेल को किसी दूसरे तेल के साथ मिलाकर पतला करें और प्रभावित क्षेत्र की मालिश करें। यह तुरंत दर्द से राहत दिला सकता है। इस तेल का उपयोग गठिया के दर्द को कम करने के लिए भी किया जाता है।
  • एलर्जी के लिए – पुदीना तेल केवल मांसपेशीय दर्द को ही ठीक नहीं करता है बल्कि यह श्वसन तंत्र की मांसपेशियों को भी राहत दिलाता है। पुदीना की खुशबू लेने से एलर्जी को भी दूर किया जा सकता ।

टी ट्री एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – 

इस आवश्‍यक तेल में एंटीमाइक्रोबायल गुण बहुत अच्‍छी मात्रा में होते हैं। इसके एंटी-इंफ्लामेटरी गुण के कारण टी ट्री आयल का उपयोग सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से एक्जिमा और सोरायसिस से छुटकारा पाने में मदद करता है। इस प्रकार की समस्‍या होने पर इस तेल को पतला करके प्रभावित क्षेत्र में प्रतिदिन दो बार उपयोग करना चाहिए।
  • टी ट्री आयल डिओडोरेंट के रूप में – गर्मीयों के मौसम जब आपका डिओडोरेंट विफल हो जाता है तो आप इस तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके शरीर में मौजूद बैक्‍टीरिया को नष्‍ट करने में मदद करता है। अध्‍ययनों से पुष्टि भी हो चुकी है कि टी ट्री आयल में जीवाणुरोधी गुण होते हैं।
  • उस्‍तरे या ब्‍लेड की जलन को कम करे – अक्‍सर देखा जाता है कि सेव करने के बाद चेहरे में छोटे-छोटे कट लग जाते हैं और चेहरे की त्‍वचा में जलन होने लगती है। इस समस्‍या से बचने के लिए नारियल के तेल में टी ट्री आयल की 1 बूंद मिलाएं और अपने चेहरे पर लगाएं। यह जलन को शांत करने में मदद करता है।
  • त्‍वचा संक्रमण – यदि त्‍वचा पर कोई दोष या कोई चोट या कट लगा हो तब भी टी ट्री आयल का उपयोग किया जा सकता है। यह आवश्‍यक तेल एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक होता है।
  • प्राकृतिक कीट नाशक – यह मच्‍छरों और कीट पतंगों के काटने से होने वाली समस्‍याओं को रोकता है। इस तेल का उपयोग करने पर कीट और मच्‍छर पास में नहीं आते हैं। इसके अलावा मच्‍छरों के काटे हुए स्‍थान पर इस तेल को लगाने से सूजन नहीं होती है। 
टी ट्री आयल के अन्‍य लाभ
फंगल संक्रमण का इलाज करता है।
गले के दर्द को ठीक करता है।
माउथ फ्रेश्‍नर और मुंह की अन्‍य समस्‍याओं को दूर करता है।
मुंहासों का इलाज करता है।
ओरेगेनो एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – (Oregano Essential Oil )
     ओरेगेनो तेल में कारवाक्रोल होता है इस कारण यह हानिकारक जीवाणुओं से हमारी रक्षा करता है। यह एक शक्तिशाली कार्बनिक यौगिक है। 2.16 में किये गए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि इसका उपयोग बैक्‍टीरिया के विकास को रोकने में प्रभावी होता है।
  • ओरेगेनो तेल एंटीऑक्‍सीडेंट के रूप में – इस तेल में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट गुण उम्र बढ़ने संबंधि लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। क्‍योंकि यह फ्री रेडिकल्‍स को रोकने और इनसे हमारे शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं।
  • गले को आराम दिलाता है – गले की खराश, गले का दर्द आदि समस्‍याओं के लिए इस एसेंशियल तेल का उपयोग बहुत ही लाभकारी होता है। 1 गिलास पानी में इस तेल की 1 बूंद डालें और इस पानी से गरारे करें। यह सर्दी और बुखार के लक्षणों को भी कम करता है।
  • एथलीट फुट संक्रमण के लिए – इस प्रकार की समस्‍या होने पर आप इस तेल से अपने पैरों और उंगलियों के बीच मालिश करें। इसके एंटी-फंगल गुण प्रभावित क्षेत्र में मौजूद बैक्‍टीरिया को नष्‍ट करने में मदद करते हैं। ओरेग्नो तेल का इस्‍तेमाल रिंगवार्म और अन्‍य त्‍वचा संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता है।

रोज एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – (Rose Essential Oil )

गुलाब का तेल इस फूल की कई प्रजातियों से निकाला गया एक सुगंधित तेल है। यह पूर्ण रूप से आवश्‍यक तेल नहीं है क्‍योंकि इसको प्राप्‍त करने के लिए बहुत से केमिकलों का उपयोग किया जाता है। अन्‍य आवश्‍यक तेलों की तरह गुलाब आवश्‍यक तेल भी दिमाग को शांत करने में मदद करता है। इसके अलावा यह भी विभिन्‍न प्रकार के संक्रामक जीवाणुओं से हमारे शरीर की रक्षा करता है। इस तेल में टोकोफेरोल (विटामिन ई का एक यौगिक), कैरोटीन और फेनोलिक यौगिकों के उच्‍च स्‍तर होते हैं। गुलाब का तेल आपकी त्‍वचा को निखारने में मदद कर सकता है।

कैमोमाइल एसेंशियल आयल बेनिफिट्स – (Chamomile Essential Oil)

ब्‍लू कैमोमाइल तेल जर्मन कैमोमाइल से निकाला जाता है। नीले कैमोमाइल तेल का रंग भाप निष्‍कर्षण प्रक्रिया का परिणाम है। अनिद्रा, बुखार और त्‍वचा संक्रमणों के लिए कैमोमाइल तेल का उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है। इसके अलावा कैमोमाइल तेल का उपयोग एक्जिमा, घाव, चोट, जलन, कैंसर से बने घाव और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के लिए उपयोग किया जा रहा है।
  • इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण के कारण यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। एक अध्‍ययन से पता चलता है कि कैमोमाइल तेल शरीर में रासायनिक प्रक्रियाओं को रोकता है जो सूजन का कारण होती हैं। इसके अलावा यह पेट के अल्‍सर को भी रोकने में सक्षम होता है।
  • कैमोमाइल चाय अनिद्रा को दूर कर सकती है। इस तेल की शांतिदायक खुशबू मस्तिष्‍क को शांत करने और आपको अच्‍छी नींद लेने में मदद करती हैं। इसके अलावा यह चिंता और तनाव को भी ठीक करता हैं।
  • असेंशियल या अरोमा आयल, भाप के इस्तेमाल से पेड़-पौधों की जड़ों, तने, फूल और पत्तियों से निकाले जाने वाला अर्क है | इसे विभिन्न थेरेपीज़, स्पा, आयुर्वेदिक दवाओं और मेंटल रिलेक्सेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है | इन तेलों की खुशबू मस्तिष्क के लिंबिक सिस्टम पर असर डालती है, जिससे एंड्रोफिस, न्यूरोट्रांसमिटर्स व अच्छा महसूस कराने वाले रसायन जारी होते हैं |
  • एरोमा थेरेपी प्राकृतिक ढंग से चेहरे की सुंदरता बढ़ाती है, साथ ही इसकी सुगंध से यह उच्च रक्तचाप, हाइपरटेंशन और ग्लैंड संबंधित बीमारियां भी दूर होती हैं।
  • जैसे की चेहरे पर दाग धब्बे हटाने के लिए व जले के निशान को मिटाने के लिए लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। एक्ने व पिंपल के लिए पचोली ऑयल, टेंशन अवसाद के लिए नरोली ऑरेंज ब्लॉसम ऑयल का इस्तेमाल करते हैं।
  • जैसमीन का तेल सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि एरोमा ऑयल को कभी भी डाइरेक्ट इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसमें आलमंड, कोकोनट व जोजोबा तेल में मिलाकर लगाना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को लैवेंडर, नरोली व कैमोमील के अलावा कोई और एरोमा नहीं उपयोग करना चाहिए। होम्योपैथिक दवा खा रहे मरीज भी इसका उपयोग न करें। नहाने के पानी में भी कुछ बूंदे डालकर इसे यूज कर सकते हैं।

समझें असेंशियल या अरोमा आयल के लाभ —

असेंशियल या अरोमा आयल से मानसिक सुकून मिलता है, तनाव कम होता है, इम्युनिटी में सुधार होता है, श्वसन और रक्त संचार प्रक्रिया पर अच्छा असर होता है | इसके अलावा त्वचा रोगों में भी फायदेमंद है |

इन समस्याओं में मिलती है राहत—

  1. त्वचा का रुखापन – लंबे समय तक त्वचा का रुखापन सोरायसिस और एग्जिमा का कारण बन सकता है | लैवेंडर, रोजमेरी, गुलाब, चंदन, कैमोमाइल, गाजर के बीज सूखी त्वचा पर अच्छा असर डालते हैं, शुद्ध असेंशियल आयल्स को गैर सुगंधित क्रीम और लोशन में मिला कर लगाया जाता है |
  2. डिप्रेशन की स्थिति में – दालचीनी, लैवेंडर, चमेली, चंदन और गुलाब के तेल को मानसिक व्याकुलता व घबराहट को दूर करने में प्रभावी माना गया है | इन्हें मसाज और स्नान के समय पानी में डाल कर इस्तेमाल किया जाता है | कमरे में छिड़काव भी कर सकते हैं | नियमित उपयोग मन पर सकारात्मक असर डालता है |
  3. गर्भावस्था से जुड़ी परेशानियां – गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं लेने की मनाही होती है | ऐसी स्थिति में कमर, गर्दन या पैरों में दर्द होने पर नारियल या सरसों के तेल में लैवेंडर या चंदन का तेल मिला कर मसाज करने की सलाह दी जाती है | ब्रेस्ट में सूजन होने पर बादाम के तेल में गुलाब और संतरे का तेल मिला कर लगाने से भी फायदा होता है | घुटनों पर सूजन होने पर बेंज, इन, गुलाब व ऑरेंज ऑयल को नारियल तेल में मिला कर लगाएं |
  4. शरीर में इम्युनिटी बढ़ाए – रोजमेरी, टी ट्री, मौसमी और अजवायन के असेंशियल ऑयल का इम्युनिटी पर अच्छा असर देखने को मिलता है | हमारे पूरे शरीर में लिंफेटिक नोड्स होते हैं | गले छाती और बाजू के अंदरूनी हिस्से में भी ये होते हैं | ऐसे में इन तेलों को बाजुओं पर और अंडर आर्म वाले हिस्से पर लगाना चाहिए | गर्दन के नीचे लगाना भी असरकारी होता है |
विभिन्न असेंशियल ऑयल के विशेष गुण–
  1. लैवेंडर ऑयल – मन खुश होता है | ठंडक देता है | घावों और त्वचा संबंधी परेशानियों में भी फायदा मिलता है |
  2. पेपरमिंट – याददाश्त और मानसिक सतर्कता बढ़ाने में असरकारी है | पाचन प्रक्रिया में भी सुधार होता है | सिर दर्द और मांसपेशियों का खिंचाव दूर होता है |
  3. लैमन ऑयल – उदासी और निराशा दूर होती है | मूड तरोताजा होता है | ठंडक मिलती है | लैमन असेंशियल ऑयल को एकाग्रता बढ़ाने में खास असरकारी पाया गया है |
  4. रोजमेरी – संतुष्टि देता है, कार्यकुशलता और मूड दोनों पर सकरात्मक असर पड़ता है | मांसपेशियों का तनाव कम होता है | पाचन तंत्र पर भी असर पड़ता है |
  5. कैमोमाइल – यानी बबूने का तेल | तनाव और चिंता में कमी होती है | अनिद्रा और व्याकुलता में राहत मिलती है | मांसपेशियों का दर्द भी कम होता है |
  6. युकलिप्ट्स – श्वसन प्रणाली में सुधार होता है | इम्यून सिस्टम दुरुस्त होता है |
  7. टी ट्री ऑयल – यह त्वचा के लिए खास उपयोगी है | इसमें एंटीफंगल गुण अधिक होते हैं | मुहांसे के उपचार में भी इन्हें इस्तेमाल किया जाता है |
जानिए आवश्‍यक तेलों का प्रयोग करने के तरीके–
कुछ तेल का हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत उपयोग होता है, क्‍योंकि इन तेलों में रोगों को दूर करने का गुण होता है साथ ही इनके औषधीय और एंटीबैक्‍टीरियल गुण स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को भी दूर करते हैं।…
आवश्‍यक तेल का प्रयोग
कुछ तेलों का प्रयोग हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत उपयोग होता है, क्‍योंकि इन तेलों में रोगों को दूर करने का गुण होता है। इनके औषधीय और एंटीबैक्‍टीरियल गुण हमारी स्‍वास्‍थ्‍य की कई समस्‍याओं को दूर करते हैं। नींबू का तेल, मिंट, वैनीला, गुलाब, लौंग और लैवेंडर के तेल हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। तो इन आवश्‍यक तेलों का प्रयोग कर इनका फायदा उठाइये।
आवश्‍यक तेल का गुण —
ये तेल कई गुणों से भरपूर होते हैं, इनमें जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, आदि कई औषधीय गुण पाये जाते हैं। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि ये आसानी से उपलब्‍ध हो जाते हैं। नींबू, अंगूर, नीलगिरी, पुदीना, चाय के पेड़, लैवेंडर, रोजमेरी के तेल इनमें प्रमुख हैं।
 
1. रोजमैरी ऑयल..
रोजमैरी यानी दौनी का तेल एक प्रकार का ऊर्जावर्धक तेल है। इसके प्रयोग से मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ती है और ध्यान में सुधार होता है। यह दिमागी ताकत के बढ़ाकर शरीर को ऊर्जावान बनाता है। इसमें आयरन, कैल्शियम और विटामिन बी-6 पाया जाता है।
2. तुलसी का तेल..
यह तेल सर्दी और खांसी के विरूद्ध दवाओं के लिए प्रयोग किये जाने वाले अच्‍छे विकल्‍पों में से एक है। कोल्‍ड और खांसी की समस्‍या होने पर इसकी एक छोटी सी बूंद फायदा करती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, विषाणुरोधी एवं रोगाणुरोधी गुण पाये जाते है।
3. वनिला का तेल..
इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण पाये जाते हैं। इसका प्रयोग कैंसर के उपचार में और चिंता तथा अनिद्रा जैसी मानसिक समस्याओं से राहत पहुंचाने में भी किया जाता है। इसका जायका दुनिया के सबसे पसंदीदा जायकों में से एक है।
4. गुलाब का तेल…
इसकी खुश्‍बू तन और मन को रोमांचित करने वाली होती है। इसके अलावा इसका तेल कई बीमारियों के खिलाफ शरीर की रक्षा करने में मदद कर सकता है। चिंता, तनाव और डर को दूर करने में गुलाब का तेल मदद करता है, क्योंकि इसका उपयोग शरीर और दिमाग को आराम पहुंचाता है।
5. लौंग का तेल..
लौंग का तेल नैचुरल गुणों से भरपूर है। यह एक एनाल्जेसिक एवं एन्टीसेप्टिक तेल है जो मुख्य तौर पर दांत की समस्‍याओं को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह दांत दर्द जैसी समस्‍याओं को आसानी से दूर करता है। इसमें आयरन, विटामिन ए और सी पाया जाता है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
6. पुदीने का तेल..
पाचन की समस्‍या दूर करने के लिए पुदीने के तेल का प्रयोग कीजिए। पेट में सूजन, पेट फूलना और आंत की अन्य समस्याओं से यह छुटकारा दिलाता है। पिपरमेंट माहवारी की ऐंठन तथा सिर दर्द में भी आराम पहुंचाता है।
7. लैवेंडर का तेल..
लैवेंडर के तेल का प्रयोग बहुत पहले से होता आया है। एरोमाथेरेपी में भी इसका प्रयोग होता है, क्‍योंकि यह दिमाग को सुकून पहुंचाता है। इसमें एंटीसेप्टिक व दर्दनिवारक गुण हैं, जलने, कीड़े के काटने, डंक लगने की समस्‍या को इस तेल से दूर किया जा सकता है।
 
8. नींबू का तेल–
स्वाद को बेहतर बनाने के अलावा, यह उन विटामिन और खनिजों से युक्त है, जो शरीर के विकारों को दूर करते हैं। यह शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को भी दूर कर तन-मन को शांति पहुंचाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here