गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्‍वरः ।
गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥”
” गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी गुरुजनों को सादर चरण वंदन.. नमन.. अभिनन्दन ..”
आप सभी को’गुरु पूर्णिमा’ के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाये एवं बधाईयाँ…..

अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में ‌‌‌‌
है जीत तुम्हारे हाथों में, है हार तुमहारे हाथों में ‌‌‌‌॥

मेरा निश्चय है एक यही, इक बार तुम्हें पाऊं मैं |
अर्पण कर दूं जगती भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथों में ‌॥

अब सौंप दिया ….

अब तो मैं जग से दूर रहूँ, और जग में रहूं तो ऐसे रहूं ‌‌
इस पार तुम्हारे हाथों में, उस पार तुम्हारे हाथों में ‌॥

अब सौंप दिया …

यदि मानुष ही तुझे जन्म मिले, तब तो चरणों का पुजारी रहूं |
मुझ पूजक कि इक रग रग का, हो तार तुम्हारे हाथों में ॥

अब सौंप दिया …….

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