ये हैं रानी पद्मिनी का सच्चा इतिहास—
इन फ़िल्मी भाण्डों को वर्षों से समझाया जा रहा है कि हमारे इतिहास से छेड़छाड़ कर हमारे स्वाभिमान पर चोट मत करो, लेकिन ये बाज नहीं आते, उल्टा हमारा विरोध अपनी टीआरपी बढ़ाने में इस्तेमाल करने की सोचते है|कभी रानी जोधा तो कभी रानी पद्मिनी…
ये लड़ाई अब राजपूत समाज के साथ मिलकर पूरा हिन्दू समाज लड़ेगा, वो भी सड़क पर उतरकर क्योकि तुम भांडो को प्यार की भाषा समझ नही आती, तूमको अब लठ से समझाया जाएगा…
महाराजा बाजीराव भल्लाड जैसे वीर योद्धा को तुमने देवदास बनाकर छोड़ दिया जिसे हम लोगो ने सहन कर लिया लेकिन अब रानी पद्मावती के वीर और बलिदानी इतिहास के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी हमें मंजूर नही अब समग्र हिन्दू समाज तुम्हे जवाब देगा तूम लोगो की औकात तुम्हे बताई जायेगी ,
सुन ले अनुष्का शर्मा,दीपिका पादुकोण,आलिया भट्ट जैसी नचनियाये भी….
कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर हमारे इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी ……… संघर्ष जारी रहेगा !!!! ………
हिंदुओं अपने सोये हुए स्वाभिमान को जगाओ देखो कुते शेरों को भौंक रहे है और शेर गहरी निद्रा में सोया है उठो और एक दहाड़ दो , दहाड़ दो कि आग हूं मैं ,दहाड़ दो की इतिहास ही नही वर्तमान में भी हमारी नसो में वही साहस, वीरता आज भी है…
हर हर महादेव के नारे का संहार करो मां काली सा।।।
उठो वीर सपूतों ये धरती तुम्हें पुकार रही।।।
आज नही तो कभी नही, राजस्थान से उठी चिंगारी को पूरे देश में आग की तरह फैला दो..
आखिर राजपूत समाज को हो क्यों बनाया जाता हैं निशाना…??
क्यों नहीं दिखाते कठमुल्लों और कटुओं के दुष्कृत्य…???
उनके इसी कुकृत्य के चलते आज करणी सेना ने जयपुर में संजय लीला भंसाली को अच्छी तरह लतियाया दिया, आज के घटनाक्रम और देश के युवाओं के आक्रोस को देखते हुए इन फ़िल्मी भाण्डों को सबक लेकर ऐसे कुकृत्यों से बाज आना चाहिए वरना आज एक भांड लतियाया गया है भविष्य में ऐसा ही चलता रहा तो देश के युवाओं का आक्रोस लतियाये जाने से आगे भी बढ़ सकता है|
ये हैं रानी पद्मिनी का सच्चा इतिहास—-
रानी पद्मिनी अद्भुत सुन्दर थी, उनकी सुन्दरता के चर्चे हर ओर थे.
रानी पद्मिनी की शादी के लिए उनके पिता ने स्वयंवर आयोजित किया था.
इसी स्वयंवर में चित्तौड़ के राजा रत्न सिंह के साथ रानी पद्मिनी की शादी हुई थी.
पद्मिनी की सुन्दरता के बारे में सुनकर अलाउद्दीन खिलजी, रानी पद्मिनी को पाने के लिए बेचैन हो उठा था. और उसने रानी को पाने के लिए चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया.
उसने चितौड़ के किले को कई महीनों तक घेरे रखा. लेकिन चित्तौड़ के वीर सैनिकों के कारण वह चित्तौड़ पर विजय नहीं पा सका.
तब उसने छल से काम लेने की बात सोची. उसने राजा रत्न सिंह के पास संदेश भेजा कि हमने चित्तौड़ के रानी की सुन्दरता के बारे में बहुत सुना है, आप एक बार हमें रानी को देखने दीजिए. तो हम किले से हट जायेंगे.
राजा-रानी यह प्रस्ताव सुनकर बहुत क्रोधित हुए. लेकिन इतनी छोटी सी बात के कारण चित्तौड़ के सैनिकों का खून वे नहीं बहाना चाहते थे. इसलिए उन्होंने कहा कि खिलजी आईने में रानी का चेहरा देख सकता है.
आईने में रानी का चेहरा दिखाया गया, लेकिन रानी को देखने के बाद उसके मन में छल समा गया. अलाउद्दीन खिलजी ने राजा रत्न सिंह को धोखे से बन्दी बना लिया.
अलाउद्दीन खिलजी ने रानी के सामने शर्त रखी कि अगर रानी पद्मिनी खुद को उसे सौंप दे, तो राजा रत्न सिंह को वो छोड़ देगा.
रानी ने खिलजी को कहा कि, वह अपनी सात सौ दसियों के साथ खिलजी के सामने आने से पहले अपने पति से एक बार मिलना चाहती है.
खिलजी ने रानी का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया.
रानी ने सात सौ पालकियों में राजपूत सैनिकों को बिठाया, और पालकी उठाने का काम भी उन्होंने वीर सैनिकों से हीं करवाया.
अलाउद्दीन खिलजी के शिविर के पास पहुँचने पर वे सभी वीर सैनिक, यवन सेना पर टूट पड़े. खिलजी को इस हमले की उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसके सैनिक विचलित हो गए.
रानी ने राजा रत्न सिंह को आजाद करवा लिया.
इसके बाद रानी पद्मिनी ने जौहर करने का निश्चय किया. रानी के साथ .6,.00 वीरांगनाओं ने जौहर करने का निश्चय किया.
एक विशाल चिता सजाई गई, रानी पद्मिनी और 16,000 वीरांगनाओं ने अपने परिवार वालों से अंतिम बार मुलाकात की. फिर वे वीरांगनाएं जलती चिता में कूद पड़ी । रानी पद्मिनी और 16,000 वीरांगनाओं के जौहर ने चित्तौड़ की मिट्टी को हमेशा के लिए पावन बना दिया.
इसके बाद .0,000 वीर सैनिक अलाउद्दीन की सेना पर टूट पड़े. भयंकर लड़ाई हुई, अंत में खिलजी चित्तौड़ के किले में प्रवेश करने में सफल हुआ. लेकिन किले के भीतर उसे कोई नहीं मिला. स्त्रियाँ जौहर कर चुकी थी और पुरुष शहीद हो चुके थे.
रानी पद्मिनी के जौहर की जीत हुई थी, और यह जौहर हमेशा भारतवासियों को इस बात की याद दिलाती रहेगी कि भारत की स्त्रियों के लिए उनका सम्मान सर्वोपरी है ।
अब बोलिये दोस्तों ऐसी वीरांगना के बलिदान की खिल्ली उडाने वाले #लीचड़ निर्माता निर्देशक #संजय #लीला #भंसाली के बारे में आप क्या कहेंगे ???
अपना विरोध उनके नंबरों पर दर्ज करवाएं—
0.226235470 संजय लीला भंसाली का फोन नंबर
अनुराग कश्यप का ये👉098 70810008 है
लीला भंसाली personal mob. 09820512452
इन फ़िल्मी भाण्डों को वर्षों से समझाया जा रहा है कि हमारे इतिहास से छेड़छाड़ कर हमारे स्वाभिमान पर चोट मत करो, लेकिन ये बाज नहीं आते, उल्टा हमारा विरोध अपनी टीआरपी बढ़ाने में इस्तेमाल करने की सोचते है|कभी रानी जोधा तो कभी रानी पद्मिनी…
ये लड़ाई अब राजपूत समाज के साथ मिलकर पूरा हिन्दू समाज लड़ेगा, वो भी सड़क पर उतरकर क्योकि तुम भांडो को प्यार की भाषा समझ नही आती, तूमको अब लठ से समझाया जाएगा…
महाराजा बाजीराव भल्लाड जैसे वीर योद्धा को तुमने देवदास बनाकर छोड़ दिया जिसे हम लोगो ने सहन कर लिया लेकिन अब रानी पद्मावती के वीर और बलिदानी इतिहास के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी हमें मंजूर नही अब समग्र हिन्दू समाज तुम्हे जवाब देगा तूम लोगो की औकात तुम्हे बताई जायेगी ,
सुन ले अनुष्का शर्मा,दीपिका पादुकोण,आलिया भट्ट जैसी नचनियाये भी….
कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर हमारे इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी ……… संघर्ष जारी रहेगा !!!! ………
हिंदुओं अपने सोये हुए स्वाभिमान को जगाओ देखो कुते शेरों को भौंक रहे है और शेर गहरी निद्रा में सोया है उठो और एक दहाड़ दो , दहाड़ दो कि आग हूं मैं ,दहाड़ दो की इतिहास ही नही वर्तमान में भी हमारी नसो में वही साहस, वीरता आज भी है…
हर हर महादेव के नारे का संहार करो मां काली सा।।।
उठो वीर सपूतों ये धरती तुम्हें पुकार रही।।।
आज नही तो कभी नही, राजस्थान से उठी चिंगारी को पूरे देश में आग की तरह फैला दो..
आखिर राजपूत समाज को हो क्यों बनाया जाता हैं निशाना…??
क्यों नहीं दिखाते कठमुल्लों और कटुओं के दुष्कृत्य…???
उनके इसी कुकृत्य के चलते आज करणी सेना ने जयपुर में संजय लीला भंसाली को अच्छी तरह लतियाया दिया, आज के घटनाक्रम और देश के युवाओं के आक्रोस को देखते हुए इन फ़िल्मी भाण्डों को सबक लेकर ऐसे कुकृत्यों से बाज आना चाहिए वरना आज एक भांड लतियाया गया है भविष्य में ऐसा ही चलता रहा तो देश के युवाओं का आक्रोस लतियाये जाने से आगे भी बढ़ सकता है|
ये हैं रानी पद्मिनी का सच्चा इतिहास—-
रानी पद्मिनी अद्भुत सुन्दर थी, उनकी सुन्दरता के चर्चे हर ओर थे.
रानी पद्मिनी की शादी के लिए उनके पिता ने स्वयंवर आयोजित किया था.
इसी स्वयंवर में चित्तौड़ के राजा रत्न सिंह के साथ रानी पद्मिनी की शादी हुई थी.
पद्मिनी की सुन्दरता के बारे में सुनकर अलाउद्दीन खिलजी, रानी पद्मिनी को पाने के लिए बेचैन हो उठा था. और उसने रानी को पाने के लिए चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया.
उसने चितौड़ के किले को कई महीनों तक घेरे रखा. लेकिन चित्तौड़ के वीर सैनिकों के कारण वह चित्तौड़ पर विजय नहीं पा सका.
तब उसने छल से काम लेने की बात सोची. उसने राजा रत्न सिंह के पास संदेश भेजा कि हमने चित्तौड़ के रानी की सुन्दरता के बारे में बहुत सुना है, आप एक बार हमें रानी को देखने दीजिए. तो हम किले से हट जायेंगे.
राजा-रानी यह प्रस्ताव सुनकर बहुत क्रोधित हुए. लेकिन इतनी छोटी सी बात के कारण चित्तौड़ के सैनिकों का खून वे नहीं बहाना चाहते थे. इसलिए उन्होंने कहा कि खिलजी आईने में रानी का चेहरा देख सकता है.
आईने में रानी का चेहरा दिखाया गया, लेकिन रानी को देखने के बाद उसके मन में छल समा गया. अलाउद्दीन खिलजी ने राजा रत्न सिंह को धोखे से बन्दी बना लिया.
अलाउद्दीन खिलजी ने रानी के सामने शर्त रखी कि अगर रानी पद्मिनी खुद को उसे सौंप दे, तो राजा रत्न सिंह को वो छोड़ देगा.
रानी ने खिलजी को कहा कि, वह अपनी सात सौ दसियों के साथ खिलजी के सामने आने से पहले अपने पति से एक बार मिलना चाहती है.
खिलजी ने रानी का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया.
रानी ने सात सौ पालकियों में राजपूत सैनिकों को बिठाया, और पालकी उठाने का काम भी उन्होंने वीर सैनिकों से हीं करवाया.
अलाउद्दीन खिलजी के शिविर के पास पहुँचने पर वे सभी वीर सैनिक, यवन सेना पर टूट पड़े. खिलजी को इस हमले की उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसके सैनिक विचलित हो गए.
रानी ने राजा रत्न सिंह को आजाद करवा लिया.
इसके बाद रानी पद्मिनी ने जौहर करने का निश्चय किया. रानी के साथ .6,.00 वीरांगनाओं ने जौहर करने का निश्चय किया.
एक विशाल चिता सजाई गई, रानी पद्मिनी और 16,000 वीरांगनाओं ने अपने परिवार वालों से अंतिम बार मुलाकात की. फिर वे वीरांगनाएं जलती चिता में कूद पड़ी । रानी पद्मिनी और 16,000 वीरांगनाओं के जौहर ने चित्तौड़ की मिट्टी को हमेशा के लिए पावन बना दिया.
इसके बाद .0,000 वीर सैनिक अलाउद्दीन की सेना पर टूट पड़े. भयंकर लड़ाई हुई, अंत में खिलजी चित्तौड़ के किले में प्रवेश करने में सफल हुआ. लेकिन किले के भीतर उसे कोई नहीं मिला. स्त्रियाँ जौहर कर चुकी थी और पुरुष शहीद हो चुके थे.
रानी पद्मिनी के जौहर की जीत हुई थी, और यह जौहर हमेशा भारतवासियों को इस बात की याद दिलाती रहेगी कि भारत की स्त्रियों के लिए उनका सम्मान सर्वोपरी है ।
अब बोलिये दोस्तों ऐसी वीरांगना के बलिदान की खिल्ली उडाने वाले #लीचड़ निर्माता निर्देशक #संजय #लीला #भंसाली के बारे में आप क्या कहेंगे ???
अपना विरोध उनके नंबरों पर दर्ज करवाएं—
0.226235470 संजय लीला भंसाली का फोन नंबर
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