जानिए ज्योतिष की सच्चाई को !!
क्या और क्यों हैं ज्योतिष लाभकारी ??


प्रिय पाठकों/मित्रों, जहाँ विज्ञानं का क्षेत्र समापत होता है वहां से ज्योतिष विज्ञान की शुरुआत होती है !


हम रोज अख़बारों में पढ़ते है की आज किसी बेटे ने पिता को मार डाला अथवा माता को मार डाला ! और कभी यह भी की पिता ने बेटे को मार डाला ! कितना भयानक होता होगा यह मंज़र ! उफ़ ! वो पिता जो कभी बेटे की एक किलकारी सुनते ही ख़ुशी से मदहोश हो जाता हो …और वह बेटा जो पिता के आने की एक आहट से ही झूम उठता हो फिर क्यों हो जाते हैं मजबूर इस भयानक मंज़र को अंजाम देने के लिए !जिस माँ की छवि जीवन भर जिस बेटे ने मन में बसा रखी हो वह फिर ऐसा कर दे कितना भयानक सा लगता है ! कुछ लोग कहते हैं खून तो पानी होता जा  रहा है आज ! और कुछ कहते  हैं की खून तो आज सफ़ेद होता जा रहा है ! इस भयानक अंजाम के तात्कालिक कारण कुछ   भी हों पर कहीं न कहीं इस सब की जिम्मेवार तो है मनो दशा ! 


जब मानव के जीवन में राहु जैसे ग्रहों का भूचाल आता है तो मनो दशा तो बिगड़ ही जाती है मानव की ! फिर वह चाहे रावण जैसा ज्ञानी ही क्यों न हो ! ग्रहों के इस असर पर ओशो ने तो यह कहा है की मानव का जब जनम होता है तो ग्रहों की जिस धुन को वह जनम लेते ही सुनता है वही धुन जीवन भर उस पर अपना प्रभाव रखती है ! ज्यों ही इस में विपरीत धुन शामिल होती है तो शुरू होता है जीवन में भयानक बदलाव ! और ज्यों ही पक्ष में यह धुन पैदा होती है तो मूर्खों को भी ज्ञानी होते देखा गयाहो है! ओशो के मुताबिक जब इस संगीत में बदलाव आता है तो इस का सब से अधिक असर इंसान के दिमाग पर होता है ! आगे वह उदाहरण देते हैं पागलख़ानो की ! वहां सबसे ज्यादा उत्पात पागल तब  मचाते हैं जब आकाश में पूर्ण चाँद होता है ! फिर यदि चाँद से मानव दिमाग पर इतना प्रभाव हो सकता है तो बाकी ग्रहों का तो कहना ही क्या ! वह तो चाँद से हज़ारों गुना बड़े हैं !तो इस का कोई हल है भी या नहीं ? मेरे ख्याल से इस का जवाब ज्योतिष में है ! एक बचे को सभी डाक्टरों ने जवाब दे दिया की इस का बचना मुश्किल है ! पर वह बचा बच गया ! आज भी वह तंदरुस्त है.! आप यकीन माने या न माने पर यह  सत्य है ! जहाँ विज्ञानं का क्षेत्र समापत होता है वहां से ज्योतिष की शुरुआत होती है ! उस बचे को एक ज्योतिषी ने एक छोटे से उपाए से बचा  लिआ !  पर हाँ न तो हर बार डाक्टर ही सफल होने की गरंटी दे सकता है और न ही कोई ज्योतिषीयह तो बस प्रभु का रचा हुआ खेल है


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ज्योतिष के अनुसार आप के जीवन को हिला देने वाला सत्य ..!


कुछ चीजें  दान करने से आप कंगाल हो सकते हैं ..!
लाल किताब कहती है कि चन्द्र  यदि आप कि कुंडली में छटे घर में है और  आप   पानी या दूध का दान करते रहते हैं तो आप कि माता को भारी कष्ट का सामना करना पड सकता है और आप के खुद के जीवन में कष्ट आने शुरू हो जाएंगे ! और यही चन्द्र यदि बाहरवें घर में हो तो साधु को नित्य रोटी खिलाने,बच्चों को निशुल्क  शिक्षा देने अथवा पाठशाला खुलवा दे तो उसको अंतिम समय में पानी भी नसीब नहीं होता ! 


शनि आठवें हो तो नया मकान शुरू करते ही मौत सर पर मंडराने लगती है ! ऐसे लोगों को बना बनाया मकान लेना ही ठीक रहेगा ! अगर बनाना चाहते ही हैं तो पुराने मकान का थोड़ा सरिया रोड़ी अथवा काठ नए मकान में जरूर इस्तेमाल करें !


देखा ,अब लोग कहते हैं कि हम ने तो जीवन में साधुओं को भिखारिओ को बहुत रोटी खिलाई , गरीब बच्चों कि फीस भरी , पानी कि छबीलें लगवाईं, फिर भी हम दुखी और कष्ट में हैं और जिन्हों ने कभी ऐसा कुछ किया ही नहीं ,वह लोग हम से आगे हैं !
है न कमाल की बात ?


जिस तरह हमारी पृथ्वी गोल है इसी तरह पूरा ब्रह्माण्ड गोल है ! और आप सभी जानते है कि प्रत्येक गोल वास्तु   .6. डिग्री या अंश की होती है ! ज्योतिष में ब्रह्माण्ड को 360   डिग्री या अंश का मानते हुए ..  भागों में बांटा गया है ! प्रत्येक भाग 30 अंश का हुआ ! और इसी 30 अंश के एक भाग को हम राशि कहते हैं ! इन 1 2 राशियों अथवा भागों को अलग अलग नामों से जाना जाता है ! 


जैसे मेष ,बृष ,मिथुन ,कर्क ,इत्यादि ! सूर्य स्थिर है ! वह नहीं घूमता ! सारा ब्रह्माण्ड ,और ग्रह उस के इर्द गिर्द घूमते हैं ! यह 12 रशिया या ब्रह्माण्ड के भाग सूर्य के सामने से बारी बारी घूम जाते हैं ! सभी राशियों को सूर्य के सामने से हो कर गुजरने में 24 घंटे लग जाते हैं ! यानि औसत एक राशि सूर्य के सामने से गुजरने में 2 घंटे लेगी ! इन्हीं 2 घंटे का नाम है लग्न !


जब कोई बच्चा पैदा होता है तो सब से पहले हम लोग यह देखते हैं कि बचे के जन्म कौन सी लग्न में हुआ है अथवा यूँ कह लेते हैं कि बच्चे के जन्म के वक़्त सूर्य के सामने से कौन सी राशि या ब्रह्माण्ड का कौन सा भाग गुजर रहा था ! ज्योतिष में सब से महत्व पुराण कार्य है ज्योतिषी के लिए लग्न का सही निर्णय लेना ! यहाँ गलती हुई तो जन्म कुंडली ही गलत हो जाएगी ! अब आप जान गए होंगे कि ज्योतिषी लोग बच्चे के जन्म का सही वक़्त क्यों पूछते हैं !         


जन्म  कुंडली के 12 भाग होते हैं जो कि ब्रह्माण्ड के 12 भागों को ही दर्शाते हैं ! सब से ऊपर वाले खाने में बच्चे के जन्म वक़्त की लग्न का नाम यानि अंक लिख दिया जाता है ! फिर सभी भागों में ग्रह लिख दिए जाते हैं ! यह देख कर कि बच्चे के जन्म के वक़्त कौन सा ग्रह कौन से भाग में चलता हुआ अपना सफर कर रहा था ! बस दोस्तों इस प्रकार से जो नक्शा तैयार होता है  उसी का नाम ही जन्म कुंडली है ! आगे ज्योतिष का दूसरा चरण शुरू होता है जिस का नाम है फलित ! फलित यानि भविष्य को बतलाना ! अब कौन सा ग्रह कौन से भाग से गुजरता हुआ उस बच्चे को क्या फल देगा इसी का नाम ज्योतिष है ! 


किसी भी जन्म कुंडली में हम सामान्यतः राज योगों  की ही खोज करते हैं, किन्तु कई बार स्वयं ज्योतिषी व कई बार जातक  इन दुर्योगों को नजरअंदाज कर जाता है,जिस कारण बार बार संशय होता है की क्यों ये राजयोग फलित नहीं हो रहे.आज ऐसे ही कुछ दुर्योगों के बारे में बताने का प्रयास कर रहा हूँ,जिनके प्रभाव से जातक कई योगों से लाभान्वित होने से चूक जाते हैं.सामान्यतः पाए जाने वाले इन दोषों में से कुछ इस प्रकार हैं—
                                                                                  
01 ग्रहण योग:-– कुंडली में कहीं भी सूर्य अथवा चन्द्र की युति राहू या केतु से हो जाती है तो इस दोष का निर्माण होता है.चन्द्र ग्रहण योग की अवस्था में जातक डर व घबराहट महसूस करता है.चिडचिडापन उसके स्वभाव का हिस्सा बन जाता है.माँ के सुख में कमी आती है.किसी भी कार्य को शुरू करने के बाद उसे सदा अधूरा छोड़ देना व नए काम के बारे में सोचना इस योग के लक्षण हैं.अमूमन किसी भी प्रकार के फोबिया अथवा किसी भी मानसिक बीमारी जैसे डिप्रेसन ,सिज्रेफेनिया,आदि इसी योग के कारण माने गए हैं.यदि यहाँ चंद्रमा अधिक दूषित हो जाता है या कहें अन्य पाप प्रभाव में भी होता है,तो मिर्गी ,चक्कर व मानसिक संतुलन खोने का डर भी होता है.    सूर्य द्वारा बनने वाला ग्रहण योग पिता सुख में कमी करता है.जातक का शारीरिक ढांचा कमजोर रह जाता है.आँखों व ह्रदय सम्बन्धी रोगों का कारक बनता है.सरकारी नौकरी या तो मिलती नहीं या उस में निबाह मुस्किल होता है.डिपार्टमेंटल इन्क्वाइरी ,सजा ,जेल,परमोशन में रुकावट सब इसी योग का परिणाम है||


02. चंडाल योग:-– गुरु की किसी भी भाव में राहू से युति चंडाल योग बनती है.शरीर पर घाव का एक आध चिन्ह लिए ऐसा जातक भाग्यहीन होता है.आजीविका से जातक कभी संतुष्ट नहीं होता,बोलने में अपनी शक्ति व्यर्थ करता है व अपने सामने औरों को ज्ञान में कम आंकता है जिस कारण स्वयं धोखे में रहकर पिछड़ जाता है.ये योग जिस भी भाव में बनता है उस भाव को साधारण कोटि का बना देता है.मतान्तर से कुछ विद्वान् राहू की दृष्टी गुरु पर या गुरु की  केतु से युति को भी इस योग का लक्षण मानते हैं ||


03.दरिद्र योग:–– लग्न या चंद्रमा से चारों केंद्र स्थान खाली हों या चारों केन्द्रों में पाप ग्रह हों तो दरिद्र योग होता है.ऐसा जातक अरबपति के घर में भी जनम ले ले तो भी उसे आजीविका के लिए भटकना पड़ता है,व दरिद्र जीवन बिताने के लिए मजबूर होना पड़ता है ||


04. शकट योग:-— चंद्रमा से छटे या आठवें भाव में गुरु हो व ऐसा गुरु लग्न से केंद्र में न बैठा हो तो शकट योग का होना माना गया है.  ऐसा जातक जीवन भर किसी न किसी कर्ज से दबा रहता है,व सगे सम्बन्धी उससे घृणा करते हैं.वह अपने जीवन में अनगिनत उतार चढ़ाव देखता है.ऐसा जातक गाड़ी चलाने वाला भी हो सकता है ||


05.उन्माद योग:– 
(a) यदि लग्न में सूर्य हो व सप्तम में मंगल हो, 
(b) यदि लग्न में शनि और सातवें ,पांचवें या नवें भाव में मंगल हो 
(c) यदि धनु लग्न हो व लग्न- त्रिकोण में सूर्य-चन्द्र  युति हों साथ ही गुरु तृतीय भाव या किसी भी केंद्र में हो तो गुरुजनों द्वारा उन्माद योग की पुष्टि की गयी है.जातक जोर जोर से बोलने वाला ,व गप्पी होता है.ऐसे में यदि ग्रह बलिष्ट हों तो जातक पागल हो जाता है||


06. कलह योग:– यदि चंद्रमा  पाप ग्रह के साथ राहू से युक्त हो १२ वें ५ वें या ८ वें भाव में हो तो कलह योग माना गया है.जातक के सारे जीवन भर किसी न किसी बात कलह होती रहती है व अंत में इसी कलह के कारण तनाव में ही उसकी मृत्यु हो जाती है||
नोट:लग्न से घड़ी के विपरीत गिनने पर चौथा-सातवां -दसवां भाव केंद्र स्थान होता है.पंचम व नवं भाव त्रिकोण कहलाते हैं. साथ ही लग्न की गिनती केंद्र व त्रिकोण दोनों में होती है ||
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भविष्य बताने और भविष्य बदलने के नाम पर बलात्कार करने वालों को आप स्वयं पहचानिए !
   ज्योतिषियों के ज्योतिष डिग्री ,प्रमाणपत्रों तथा उन्हें जारी करने वाले सरकारी विश्वविद्यालयों की प्रमाणिकता से कीजिए ज्योतिषियों के ज्योतिष पढ़े लिखे होने की पहचान !अन्यथा वो ज्योतिषी किस बात के! ज्योतिष और आयुर्वेद में घुसने वाले फ्रॉड लोगों को रोकने के लिए ही तो डिग्रियों की व्यवस्था की गई थी वैसे पहले तो राज ज्योतिषी और राजवैद्य आदि हुआ ही करते थे !  
       बंधुओ !घर जो बनाता है घर से लगाव उसी का होता है !इसलिए वो अपने घर को उजाड़ता नहीं है चोरों  डकैतों को क्या वो तो मिनटों में ताला  तोड़ देते हैं दरवाजे तोड़ देते हैं आग लगा देते हैं इसमें उनका अपना नुक्सान क्या है !इसी तरह ज्योतिषशास्त्र को जिन्होंने पढ़ा ही न हो उन्हें शास्त्र से लगाव कैसे हो सकता है !और  वो ज्योतिष शास्त्र की बदनामी से डरें क्यों ?
    यदि किसी ज्योतिषी के कुकर्मों से ज्योतिष शास्त्र की यदि बदनामी भी होती है तो इसमें फर्जी ज्योतिषियों का क्या नुक्सान !वो तो जैसे चोरी चोरी आज ज्योतिष में घुस आए हैं ऐसे ही कल डॉक्टर इंजीनियर बन जाएँगे !
इसलिए विद्वान ज्योतिषी लोग ऐसा कुछ कभी नहीं करेंगे जिससे ज्योतिषशास्त्र  की बदनामी हो !क्योंकि ज्योतिष के सम्मान से ही उनका भी सम्मान है और ज्योतिष से ही उनका जीवन है !और अपने जीवन से खिलवाड़ कोई कैसे कर सकता है !


भाग्य बताने एवं बदलने के नाम पर हो रहा है भारी भ्रष्टाचार !
    संतान पैदा करने के नाम पर बाबा कर रहे हैं बलात्कार ! फर्जी ज्योतिषियों के धोखाधड़ी वाले कारोबार !उपायों के नाम पर कितने आडम्बर कितने पाखंड ! कौवे कुत्ते चीटी चमगादड़ पुजा रहे हैं लोग! नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीजों का भारी भरकम कारोबार !बारे ज्योतिषव्यापारी बारे भाग्य व्यापार !

      ऐसी सभी प्रकार की धोखाधड़ी समाप्त करने की हमारी सशक्त पहल से आप जुड़ें औरों को भी जोड़ें !सबका रुख शास्त्रों की ओर मोड़ें जहाँ बिना किसी विश्वासघात  के आप पा सकते हैं ईमानदार ज्योतिष सेवाएँ और उचित सलाह उचित मूल्य पर ||
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किसी भी कुंडली में शरीर आठवें घर के साथ जुड़े हिस्सा जननांगों है, निजी भागों, के रूप में आठवें घर है जहाँ हम सबसे कमजोर और उजागर महसूस. अभी तक, यह इन अंगों कि जीवन ही पैदा होता है. कई मायनों में, जीवन हम अपने भय और असुरक्षा की गहराई से उत्पन्न पैदा कर रहे हैं, और क्षमता उन्हें ताकत में बदलना.
आठवें घर लोग— इसके अलावा हम खोने से डरते हैं. इसके अलावा हम सामान्य रूप से डर लगता है. हत्यारा. इसके अलावा हम नियंत्रित नहीं कर सकते. ज्योतिषी. कृत्रिम निद्रावस्था में लानेवाला. चिकित्सक. बीमा एजेंट.
क्रियाएँ:– हमारे असुरक्षा को मजबूत बनाना और सामना करना पड़ रहा है जीवन की गहरी रहस्यों आठवें घर कर रहे हैं. hypnotherapy, परामर्श, जादू, किसी भी प्रकार का परिवर्तनकारी काम आठवें घर से संबंधित है. मौत.
वातावरण: शवगृह, कब्रस्तान, दिवाला न्यायालय, आपदा क्षेत्र, कालकोठरी, अंधेरी जगह. परामर्शदाता, मानसिक या ज्योतिषियों कार्यालय.
वस्तुओं: हथियार और अन्य खतरनाक चीजों, भविष्य बताने वाला कार्ड, ज्योतिष चार्ट. बीमा नीति. विरासत.
ग्रहों संकेतक: शनि आठवें घर का सूचक है क्योंकि वह घटाने और बातों को गंभीरता से लेते हैं और सावधान रहने की जरूरत से पता चलता है.
ताकि / सबक: भावनात्मक लिबरेशन
सामान्य विवरण:
छुपा हुआ, चौंका देने वाला, लज्जाजनक, जीवन में भ्रामक और अप्रत्याशित घटनाओं आठवें घर के माध्यम से आया. यह अंत करने के लिए संबंधित है, कमजोरी और हमारी गहरी आशंका. यह दूसरा मुक्ति का घर है और पता चलता है जहां हम सामान्य रूप में अन्य लोगों के प्रभाव से किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से स्वतंत्रता और भी स्वतंत्रता की तलाश.
यह एक गहरा रचनात्मक घर है, अगर हम साहस अपने मुद्दों का सामना करना पड़ेगा. आठवें घर मुसीबत एक तरह से या अन्य हमारे संलग्नक के लिए हमें राहत मिल जाएगी, या तो दर्द या आसानी से. एक व्यक्ति की गहरी गलतियों और अंधेरी रहस्य यहां देखा जा सकता है. अंततः हम कैसे संभाल आठवें घर से पता चलता है कि कितना हम जीवन में बड़े होते हैं – हम कितना परिपक्व – और कितना हमारे व्यक्तिगत दर्शन ज्ञान और अंतर्दृष्टि द्वारा सूचित किया जाएगा.
कई मायनों में इस घर के अन्य लोगों के आसपास हमारे परिपक्वता का भंडार है. यह मौत और उन्हें खोने के आसपास हमारे परिपक्वता को दर्शाता. यह रिश्तों और छाया मुद्दों उठता है कि हमारे चारों ओर परिपक्वता को दर्शाता, ऐसे ईर्ष्या के रूप में, डर. इससे पता चलता है कि कैसे हम इन कमजोरियों के रूप में अच्छी तरह से प्रतिक्रिया. उदाहरण के लिए – छल, झूठ बोल रही है और विश्वासघात, हत्या और हमारे मानस के गहरे भागों के कई आठवें घर में उनके वंश मूल है.
हम में से कई के लिए, हमारी गहरी भ्रम अन्य लोगों के माध्यम से आया, सप्तम. उन भ्रम आठवें घर में बिखर रहे हैं. इस स्तर पर बचकाना शेष बहुत महंगा हो सकता है.
वास्तव में आप कैसे जवाब देंगे जब भागीदारी के भ्रम बंद पहनने या अन्य लोगों का भ्रम “आप बचत” खराब होना? सवाल यह है कि 8 मार्च घर में जवाब दे दिया है.
विकासवादी प्रक्रिया:
“परिहार से, इनकार और भावनात्मक अराजकता के लिए अपने भय को नियंत्रित करने के प्रयासों को, गलतियों और आग्रह हम उन पर है, एक मापा और यथार्थवादी अन्वेषण कि ज्ञान और अंतर्दृष्टि मर्मज्ञ की ओर ले आठवें घर की विकासवादी प्रक्रिया है। “
आठवें घर में ग्रहों के प्रभाव को:
The सूर्य आठवें घर में पता चलता है की खोज के जीवन के गहरे रहस्यों पर केंद्रित प्रयास की एक बहुत हो जाएगा. इस मनोगत गतिविधियों में ब्याज की एक बहुत बनाता है, और मन और मनोविज्ञान की प्रकृति को समझने. और इस तरह के रूप में hypnotherapy तौर-तरीकों पर गहरी के अन्य प्रकार, खोजपूर्ण काम दिखाया जा सकता है. इस नियुक्ति के साथ एक आरोग्य होने के लिए एक महान क्षमता है.
The चंद्रमा आठवें घर में देशी के मन में मनोवैज्ञानिक भय का एक बहुत लाने के लिए जाता है. अचानक और अप्रत्याशित घाटा अक्सर चंद्रमा के लिए बेहद कठिन हैं, जगह है जहाँ हम सबसे आसानी से चोट लगी है और सबसे कमजोर के साथ शुरू करने के लिए लग रहा है. अक्सर वहाँ इन मूल निवासी के साथ मां के साथ एक मुश्किल रिश्ता है, और भय की एक उम्मीद और अंतरंगता के साथ अराजकता. तथापि, इन कठिनाइयों अक्सर एक व्यक्ति के लिए बाध्य मनोगत में एक गहरी रुचि है और अक्सर चिकित्सकों रहे हैं, ज्योतिषियों, आदि.
मंगल ग्रह आठवें घर में सबसे खतरनाक प्लेसमेंट में से एक हो सकता है, के रूप में मंगल ग्रह लापरवाह है और आठवें घर जहां गलतियों गंभीर परिणाम हो सकता है. व्यक्ति इस नियुक्ति के साथ बहुत सावधान रहना है और धीमा करने के लिए सीखना चाहिए. उसके परे, ऊर्जा का एक बहुत हमारी भावनात्मक कमजोरियों और कमजोरियों को मजबूत बनाने की ओर marshaled हो जाएगा. मार्शल आर्ट, खेल और प्रतिस्पर्धा अक्सर इस नियुक्ति के साथ देखा जाता है.
पारा आठवें घर में एक मर्मज्ञ विचारक और लेखक के लिए विशेष रूप से कर सकते हैं. बुध की लचीली प्रकृति आठवें घर के परिवर्तन का समर्थन कर सकते हैं. सामान्य रूप में, बुध परिवर्तन और बदलाव का एक ग्रह है, और इतने आठवें घर है. अभी तक, 8 घर दर्दनाक परिवर्तन है और बुध लचीलापन और परिवर्तनकारी आसानी के बारे में है. स्व-अभिव्यक्ति इस मामले में बहुत महत्वपूर्ण है.
बृहस्पति आठवें घर में सही मायने अवसर पर उगता है, अच्छे संस्कार लाने, नैतिकता और आचरण भय के इस जगह में. आठवें घर दर्शन और एक गहरी जांच प्रकृति की ओर जाता है, बृहस्पति दर्शन का ग्रह है. आठवें घर बृहस्पति के साथ एक व्यक्ति को संभावित एक महान शिक्षक और मनोगत मामलों में गाइड हो गया है.
शुक्र आठवें घर में अक्सर नहीं की तुलना में अधिक समस्याग्रस्त है. विशेष रूप से, यौन शोषण के लिए और हमारी इच्छाओं के लिए क्षमता एक बहुत अधिक कीमत पर आने के लिए, संभव है. वीनस की इच्छाओं को आम तौर पर गलतियों में हमें सीसा, और आठवें घर परिणामों के उच्च और अक्सर दर्दनाक हैं. जब विकसित, यह एक बहुत ही प्यारी और सेवा उन्मुख नियुक्ति के लिए नेतृत्व कर सकते हैं, या एक यौन आरोग्य (उदाहरण के लिए), लेकिन इच्छाओं को प्रबंधित किया जाना चाहिए.
शनि ग्रह आठवें घर में एक सावधान लाता है, जीवन के इस खतरनाक क्षेत्र में सतर्क प्रकृति. बेशक, किस अर्थ में, शनि की मदद से हमें समस्याओं से बचने के लिए काफी अच्छा है. इसके अतिरिक्त, आठवें घर हमें चुनौती है और हमें डराने के लिए जा रहा है, और शनि अपने भय का ग्रह है. इस एक भयभीत नियुक्ति को बनाना. तथापि, शनि व्यावहारिक होने के बारे में भी है, असली और स्वीकार क्या. यह आठ घर का एक बड़ा हिस्सा है, जिस तरह से बातें कर रहे हैं के साथ शांति बनाने, बल्कि हम क्या उम्मीद के बारे में अपरिपक्व शेष से, हम जो चाहते हैं, आदि. जीवन की दर्दनाक वास्तविकताओं सच है कि दर्दनाक नहीं हैं, एक बार जब हम उन लोगों के साथ शांति बनाने. यह शनि के स्वभाव है.
शांति आठवें घर में एक खतरनाक स्थापन हो सकता है. मंगल ग्रह के लिए इसी प्रकार, राहु जहां हम जल्दबाजी के साथ और एक कल्पनातीत तरह से कार्य करता है. आठवें घर में इस प्रमुख आपदाओं और परिणाम हो सकता है. एक सावधान रहना है और आठवें घर में राहु के साथ धीमा करने की जरूरत है, खासकर जब व्यथित. तथापि, एक जुनून छिपा खत्म हो जाएगा, इस नियुक्ति के साथ जीवन के मनोगत क्षेत्रों. इस प्रकार, काफी आध्यात्मिक ब्याज की एक बहुत दिखाया हो जाएगा.
यहां आठवें घर में एक अराजकता और जीवन के खतरे से वापस लेने से पता चलता है, एक अधिक स्थिर पसंद करते हैं, सामग्री अस्तित्व. अक्सर वहाँ एक अराजक बचपन या अतीत था. वहाँ जीवन की कमजोरी के बारे में जागरूकता है, स्थिरता और संरचना की खेती में अभी तक अधिक ब्याज.
मकान का अवलोकन 5-8
आठ के माध्यम से मकान पाँच हमारी भावनात्मक स्वयं के विकास के लिए एक ढांचा प्रदान करते हैं, मुख्य रूप से दूसरों के लिए रिश्ते में. दूसरों के लिए और हमारी रचनात्मक स्व के साथ हमारे संबंधों का उच्चतम सच्चाई यह बच्चों और रचनात्मकता के पांचवें घर के माध्यम से आता है. इस काम का एक बहुत पैदा करता है और छह घर के गहन प्रयासों की आवश्यकता है. उन चीजों को हम प्यार करते हैं हम रिश्तों को और व्यापार में सातवें घर के उच्चतम इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं की सेवा करने की इच्छा पर आधारित. उन गहरी इच्छाओं और अपने भय में दूसरों के परिणामों के साथ उलझनों, असुरक्षा, ईर्ष्या और आठवें घर का घाटा, जो भी विकास के अगले चरण की ओर जाता है, हमारी चेतना सार्वभौमिक.
एक स्वयं विकसित हो रहा है / खुद को सही प्रक्रिया आठ के माध्यम से घरों में पांच से आगे ले जाता है, लेकिन यह भी घरों से पीछे और आठ पाँच के माध्यम से. बातें हम सबसे ज्यादा प्यार (पंचम) सबसे अधिक काम बनाने के लिए और सबसे अधिक बलिदान और प्रयास की आवश्यकता (छह घर). कि काम करने के लिए हमारी इच्छा को हम लोगों की इच्छा के साथ हमें जोड़ता है (सप्तम). इन सप्तम बातचीत की तीव्र आपसी जरूरतों हमारे गहरी आशंका जगाने, कमजोरियों और आठवें घर के तनावों. इस तरह के भय और असुरक्षा का सामना कर रही, हमें सवाल और अन्य लोगों के साथ शामिल होने से पहले संकोच करता है (सप्तम). यह झिझक हमें ताकतों लड़ाई में और अधिक सावधान और अधिक जीत के बजाय सेवा करने के लिए तैयार रहना होगा (सप्तम). सेवा करने के लिए इस इच्छा को जो हम दूसरों के संबंध में कर रहे हैं की एक उच्च भावना उदाहरण भी देते हैं, और हम सभी को दिखा भगवान के बच्चों के होने की (5वें घर).
आठ के माध्यम से पांच की यह विकासवादी प्रक्रिया हमारे जीवन भर में जारी, हम अपनी भावनाओं और दूसरों के साथ जागरूकता के गहरे और गहरे स्तरों के रूप में प्रकट करना.

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