प्रत्येक दिन में शुभ अशुभ दोनों ही समय आते है । यदि हमें इसके बारे में पूर्व में ही जानकारी मिल जाये, हम शुभ समय का पूरा उपयोग कर लें और अशुभ समय में अपना कोई भी महत्वपूर्ण, नया कार्य शुरू ना करें, उस समय थोड़ी सी सावधानी रखें, तो हमें निश्चित ही अपने कर्मों के सुखद फल प्राप्त होंगे।जो हमारे दैनिक कार्य है या जिन कार्यों के बीच में शुभ अशुभ समय आता है उसकी मान्यता नहीं मानी जाती है।
आज ( .5 अक्टूबर..14 ) बुधवार के शुभ मुहूर्त —-
आज का अभिजित मुहूर्त (शुभ समय)—
अभिजित मुहूर्त दिन का आठवां मुहूर्त होता है और यह मघ्याह्न ( दोपहर लगभग 12 बजे ) के समय आता है। और इसके 24 मिनट पहले और 24 मिनट बाद में (अर्थात 48 मिनट) इसका प्रारम्भ और अंत माना जाता है।अर्थात 11..6 से 12.24 तक |
आज का गुलीक काल (शुभ समय)—–
बुधवार —– प्रातः 10.30 से 12 बजे तक
आज की दिन की शुभ चौघड़िया ——
दिन की लाभ चौघड़िया —– प्रात: काल 6.00 AM To 7.30 AM
दिन की अमृत चौघड़िया — प्रात: काल 7.30 AM To 9.00 AM
दिन की शुभ चौघड़िया —- प्रात: काल 10.30 AM To 12.00 PM
दिन की लाभ चौघड़िया —— सायं काल 4.30 PM To 6.00 PM
आज की रात्रि की शुभ चौघड़िया—–
शुभ चौघड़िया —— रात्रि 7.30 PM To 9.00 PM —
अमृत चौघड़िया —- रात्रि 9.00 PM To 10.30 PM
लाभ चौघड़िया —– मध्य रात्रि 3.30 AM To 4.30 AM
आज के अशुभ मुहूर्त—–
आज का राहु काल (अशुभ समय) ——
बुधवार —- दिन -12.00 से 01.30 तक।
आज की दिन की अशुभ चौघड़िया ———
दिन की काल चौघड़िया —– प्रात: काल 9.00 AM 10.30 AM
दिन की रोग चौघड़िया —- मध्यान 12.00 PM 1.30 PM अपराह्न
दिन की उद्बेग चौघड़िया —– अपराह्न 1.30 AM 3.00 AM
आज की रात्रि की अशुभ चौघड़िया ——-
रात्रि की उद्बेग चौघड़िया —– सायं काल 6.00 PM 7.30 PM
रात्रि की रोग चौघड़िया —– मध्य रात्रि 12.00 AM 1.30 AM
रात्रि की काल चौघड़िया —— मध्य रात्रि 1.30 AM 3.00 AM
रात्रि की उद्बेग चौघड़िया —– प्रात: काल 4.30 AM 6.00 AM
ईश्वर पर पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए बस अपने कार्यों को बतलाये गए समय के हिसाब से करने कि कोशिश करें आपको अवश्य ही अपने कार्यों के उचित परिणाम प्राप्त होंगे ।
आज बुधवार है और आज भगवान श्री गणेश को पूजा जाता है। हिन्दू धर्म के मुताबिक भगवान श्री गणेश को सिद्धि और मंगलकारी शक्तियों का स्वरूप माना जाता है। इसीलिए हर शुभ काम की शुरुआत भगवान श्री गणेश की आरती के साथ किया जाता है।
आज के दिन श्री गणेश की उपासना करने से सुखी सांसारिक जीवन की मनोकामना पूरी होती है। इसके लिए वेदो में एक मन्त्र भी बताया गया है।
जानिए क्या है वो मन्त्र जिससे आज कर सकते है श्री गणेश की उपासना—-
ॐ गणानां त्वा गणपति(गुँ) हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपति(गुँ) हवामहे, निधीनां त्वा निधिपति(गुँ) हवामहे व्वसो मम।
शास्त्रो में बुधवार को श्री गणेश की स्तुति करना बहुत शुभ माना जाता है. आज के दिन विशेष मंत्रों से श्री गणेश की पूजा करने से अच्छा फल मिलता है. आज अच्छा और मन चाहा फल प्राप्त करने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले जागें और स्नान करें. श्री गणेश की पूजा घर या मंदिर में करते समय पीले वस्त्र पहने और सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, सुंगधित फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, मौसमी फल व लड्डू का भोग लगाए. पूजा करने के बाद इस गणेश गायत्री मंत्र का जाप करे:-
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
आज के दिन सुबह या शाम के वक्त इस मंत्र का ध्यान श्री गणेश को सिंदूर, अक्षत, दूर्वा चढ़ाकर व यथाशक्ति लड्डुओं का भोग लगाकर कार्यसिद्धि की कामनाओं के साथ करें व धूप व दीप आरती करें। इस मन्त्र में भगवान श्री गणेश और ऋद्धि-सिद्धि का स्मरण है, जिससे जीवन में अपार सुख-समृद्धि आती है।
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले महूर्त का ध्यान रखा जाता है। शास्त्रो में बताया गया है कि सुबह शुभ महूर्त में उठने से सुंदरता, लक्ष्मी, बुद्धि, स्वास्थ्य, आयु आदि की प्राप्ति होती है। इसलिए सुबह जल्दी उठना दिनचर्या का सबसे पहला और महत्वपूर्ण हिस्सा मन जाता है।
हमें सुबह प्रात: 4 से 5.30 बजे के बीच उठना चाहिए क्यों कि यह ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है। इससे शरीर स्वस्थ रहता है व दिन भर स्फूर्ति बनी रहती है।
वैज्ञानिको के अनुसार सुबह के समय वातावरण में आक्सीजन 41 प्रतिशत, करीब 55 प्रतिशत नाइट्रोजन और 4 प्रतिशत कार्बन डाईआक्साइड गैस रहती है। शास्त्रों में इसे प्राणवायु कहा गया है। इसलिए सुबह के समय खुली हवा में साँस लेने से शरीर स्वस्थ रहता है।
सुबह जल्दी उठने से दिनभर के कार्यों और योजनाओं के बारे में सोचने का समय मिल जाता है। इससे व्यक्ति सफल, सुखी और समृद्ध होता है।
जानिए की बुधवार को क्या काम करें—-
इसकी प्रकृति चर और सौम्य मानी गई है।
मंत्रणा, मंथन और लेखन कार्य के लिए भी यह दिन उचित है। ज्योतिष, शेयर, दलाली जैसे कार्यों के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है।गणित, लेखनादि, बौद्धिक कार्य, बैंक, वकालत, तकनीकी हुनर, ज्योतिष, विज्ञान, वाहनादि चलाना सीखना, नवीन वस्त्र धारण, नवीन आभूषण धारण, तेल लगाना विशेष शुभ, हजामत, नया जूता पहनना, मुकदमा दायर करना शुभ है।
क्या हो सफर/यात्रा की दिशा..???
पूर्व, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में यात्रा कर सकते हैं लेकिन उत्तर, पश्चिम और ईशान में दिशाशूल रहता है। यात्रा के लिए यह दिन उचित है।
व्यापार संबंधित ——
कृषि एवं व्यापारिक वस्तुओं का क्रय-विक्रय, शेयरों का क्रय, पुस्तक, लेखन प्रकाशन, लेखा कार्य, शिक्षण, वकालत, शिल्प एवं संपादन कार्य वाहन क्रय-विक्रय।बुधवार को धन का लेन-देन नहीं करना चाहिए बल्की धन को जमा करना चाहिए। इस दिन जमा किए गए धन में बरकत रहती है।
किसी कार्य में बाधा आ रही हो तो बुधवार को उत्पन्न सन्तान से कार्य कराएं तो बन जाएगा।
!!जय गणेश!!!!जय गजानन !!!
कल्याण हो….शुभम भवतु….
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==पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री