तुझे प्यार होने लगा हें..!!!!!!!!!!!
मुझे देख तेरे गालो का रंग क्यूँ बदलने लगा है…!
तुझे भी शायेद धीरे-धीरे प्यार “विशाल” मुझसे होने लगा है…!!
तुझे भी शायेद धीरे-धीरे प्यार “विशाल” मुझसे होने लगा है…!!
कहें सखियाँ तेरी मेरा सुन तू होल से मुस्क़ुराती है…!
प्यार का पहला इशारा उनसे यूँ मुझे “विशाल” मिलने लगा है…!!
प्यार का पहला इशारा उनसे यूँ मुझे “विशाल” मिलने लगा है…!!
ये जो हल्का-हल्का-सा खुमार तुझ पे छाया है…!
तेरे इश्क़ की कहानी दुनिया को “विशाल” सुनाने लगा है…!!
तेरे इश्क़ की कहानी दुनिया को “विशाल” सुनाने लगा है…!!
मेरी गली से गुज़रे तो क्यूँ मेरे घर को ताकती…!
खोया इधर सब कुछ तुझे भी “विशाल” एहसास होने लगा है…!!
खोया इधर सब कुछ तुझे भी “विशाल” एहसास होने लगा है…!!
क्या करोगी सरे रहा कोई छेड़ देगा मेरे नाम से…!
संभाल खुद को, “विशाल” क्यूँ रुसवा जहाँ मे होने लगा है…!!
संभाल खुद को, “विशाल” क्यूँ रुसवा जहाँ मे होने लगा है…!!
आप का अपना —
—-पंडित दयानन्द शास्त्री”विशाल”
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—-पंडित दयानन्द शास्त्री”विशाल”
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