कुंडली के सभी भावों में शनि का प्रभाव और उपाय एवं टोटके …
शनि ऐसा ग्रह है जिसके प्रति सभी का डर सदैव बना रहता है। आपकी कुंडली में शनि किस भाव में है, इससे आपके पूरे जीवन की दिशा, सुख, दुख आदि सभी बात निर्धारित हो जाती है।शनि को कष्टप्रदाता के रूप में अधिक जाना जाता है। किसी ज्योतिषाचार्य से अपना अन्य प्रश्न पूछने के पहले व्यक्ति यह अवश्य पूछता है कि शनि उस पर भारी तो नहीं। भारतीय ज्योतिष में शनि को नैसर्गिक अशुभ ग्रह माना गया है। शनि कुंडली के त्रिक (6, 8, ..) भावों का कारक है। पाश्चात्य ज्योतिष भी है। अगर व्यक्ति धार्मिक हो, उसके कर्म अच्छे हों तो शनि से उसे अनिष्ट फल कभी नहीं मिलेगा। शनि से अधर्मियों व अनाचारियों को ही दंड स्वरूप कष्ट मिलते हैं। मत्स्य पुराण के अनुसार शनि की कांति इंद्रनीलमणि जैसी है। कौआ उसका वाहन है। उसके हाथों में धनुष बाण, त्रिशूल और वरमुद्रा हैं। शनि का विकराल रूप भयानक है। वह पापियों के संहार के लिए उद्यत रहता है।
शास्त्रों में वर्णन है कि शनि वृद्ध, तीक्ष्ण, आलसी, वायु प्रधान, नपुंसक, तमोगुणी और पुरुष प्रधान ग्रह है। इसका वाहन गिद्ध है। शनिवार इसका दिन है। स्वाद कसैला तथा प्रिय वस्तु लोहा है। शनि राजदूत, सेवक, पैर के दर्द तथा कानून और शिल्प, दर्शन, तंत्र, मंत्र और यंत्र विद्याओं का कारक है। ऊसर भूमि इसका वासस्थान है। इसका रंग काला है। यह जातक के स्नायु तंत्र को प्रभावित करता है। यह मकर और कुंभ राशियों का स्वामी तथा मृत्यु का देवता है। यह ब्रह्म ज्ञान का भी कारक है, इसीलिए शनि प्रधान लोग संन्यास ग्रहण कर लेते हैं।
शनि सूर्य का पुत्र है। इसकी माता छाया एवं मित्र राहु और बुध हैं। शनि के दोष को राहु और बुध दूर करते हैं।
शनि दंडाधिकारी भी है। यही कारण है कि यह साढ़े साती के विभिन्न चरणों में जातक को कर्मानुकूल फल देकर
उसकी उन्नति व समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। कृषक, मजदूर एवं न्याय विभाग पर भी शनि का अधिकार होता है। जब गोचर में शनि बली होता है तो इससे संबद्ध लोगों की उन्नति होती है।
शनि भाव ., 6,1., या 11 में शुभ प्रभाव प्रदान करता है। प्रथम, द्वितीय, पंचम या सप्तम भाव में हो तो अरिष्टकर होता है। चतुर्थ, अष्टम या द्वादश भाव में होने पर प्रबल अरिष्टकारक होता है। यदि जातक का जन्म शुक्ल पक्ष की रात्रि में हुआ हो और उस समय शनि वक्री रहा हो तो शनिभाव बलवान होने के कारण शुभ फल प्रदान करता है। शनि सूर्य के साथ 15 अंश के भीतर रहने पर अधिक बलवान होता है। जातक की 36 एवं 42 वर्ष की उम्र में अति बलवान होकर शुभ फल प्रदान करता है। उक्त अवधि में शनि की महादशा एवं अंतर्दशा कल्याणकारी होती है।
शनि किस भाव में है और उसके क्या फल है, जानिएं…
प्रथम भाव/लग्न में शनि हो तो…
जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि प्रथम भाव में हो वह व्यक्ति राजा के समान जीवन जीने वाला होता है। यदि शनि अशुभ फल देने वाला है तो व्यक्ति रोगी, गरीब और बुरे कार्य करने वाला होता है।
जिन जातकों के जन्म काल में शनि वक्री होता है वे भाग्यवादी होते हैं। उनके क्रिया-कलाप किसी अदृश्य शक्ति से प्रभावित होते हैं। वे एकांतवासी होकर प्रायः साधना में लगे रहते हैं।धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि में शनि वक्री होकर लग्न में स्थित हो तो जातक राजा या गांव का मुखिया होता है और राजतुल्य वैभव पाता है।
—————————————————————————-
जिस जातक की कुंडली में दुसरे घर में शनिहो , वह लकड़ी संबंधी व्यापार ,कोयला एवंलोहे के व्यापार में धन अर्जित करता हैं । उसे निंदित कार्यो तथा साधनों से प्रचुरसंपाति प्राप्त होती हैं । वह श्रेष्ठ व बिना स्वीकारी जाने वाली विधाओ का अध्यनकरता हैं ।
2. भृगु सूत्र के अनुसार दूसरे भाव में शनि से जातक निर्धनहोता हैं । आंखो की बीमारियाँ उसे कष्ट देती रहेगी । ऐसे जातक के दो विवहा भी होसकते हैं । जातक किसी धार्मिक स्थान का कर्ता – धर्ता होता हैं । और स्त्री वर्गको मूर्ख बनाकर धन इकट्टा कर्ता हैं ।
3. जातक को राजकीयअनुकंपा भी मिलती हैं ।
4. दूसरे भाव में शनि जातक को परिवार से दूर कर्ता हैं । ऐसाजातक सुख साधन – समार्धी की खोज में दूर देश – विदेश की यात्रा कर्ता हैं ।
उसकाभाग्योद्ये पैत्रक निवास से दूर होता हैं ।
5. जातक झूठ बोलने बाला , चंचल , बातूनी तथा दूसरों को मूर्ख बनाने में अच्छाहोता हैं ।
6. ऐसा जातक पिता के साथ रहा कर धन कभी अर्जित कभी नहीं करसकता ।
7. यदि शनि दूसरे घर में होतो जातक का चेहरा अच्छा न होगा ।
8. ऐसा जातक को किसी न किसी प्रकार के नशे(पान , सिगरेट , शराब आदि ) की आदत होती हैं ।
——————————————————————————-
अगर कुंडली में तीसरे भाव में शनि होतो जातक बुद्धिमान औरउदार होता हैं , तथा इसे स्त्री का सुख भी प्राप्त होता हैं , किंतु वह आलस्य से भरपूर मलिन देह वाला , नीचप्रवर्ती का होता हैं । चित में हमेशअशांति ऐसे शनि के प्रभाव हैं ।तृतीय भाव का वक्री शनि जातक को गूढ़ विद्याओं का ज्ञाता बनाता है, लेकिन माता के लिए अच्छा नहीं होता है।
2. आपने लोगो से संघर्षपूर्ण स्थितियो और कठोर परिश्रम के बादभी मिलने वाली असफलता जातक को परेशान करती हैं ।
3. सोभाग्य के उदय में विभिन्न बधाये प्रकट होती हैं ।
4. अनेक लोग अवलंबित रहते हैं । भाइयो से तनावपूर्ण संबंध रहतेहैं और कलेश प्राप्त होता हैं ।
5. तीसरे भाव क शनि कुंडली जब होते हैं तब जातक को माता पितासे मात्र आशीर्वाद क अलावा और कुछ प्राप्त नहीं होता ।
6. पुरुष राशि में शनि तीसरे भाव में संतान जल्दी होती हैं , परंतुगर्भपात की समभावनए प्रबल रहती हैं ।
7. पाप ग्रह युक्त शनि से भइयो का अहित करता हैं ।पापयुक्तशनि से भाई जातक से दुएष रखने वाले होगे ।
——————————————————————-
यदि जन्म कुंडली में शनि चतुर्थ भाव में होतो जातक गृहहीन औरमाता नहीं होती या उसको कष्ट होता हैं । ऐसाव्यक्ति बचपन में रोगी भी रहता है । यह भाव सुख का भाव माना जाता हैं । अतः इधर शनिबैठ कर सुख को नष्ट करता है । इसी कारण जातक सदा दुखी रहता है ।
चतुर्थ भावस्थ शनि मातृ हीन, भवन हीन बनाता है। ऐसा व्यक्ति घर-गृहस्थी की जिम्मेदारी नहीं निभाता और अंत में संन्यासी बन जाता है। लेकिन, चतुर्थ में शनि तुला, मकर या कुंभ राशि का हो तो जातक को पूर्वजों की संपत्ति प्राप्त होती है।
2. जातक तथा उसके माता – पिता के मध्य हमेशा कलह रहती हैं । जातकबंधु विरोध तथा झूठे आरोपो से दुखी रहता है ।
3. चौथे भाव में शनि पित्त तथा वायु विकार से ग्रस्त रखता है ।
4. चौथे घर में शनि से अनुमान लगाया जाता है की माता की म्रत्युपिता से पहले होती है ।
5. अभिभावक से जातक के विचार और सोच एक दूसरे से विरुद्ध होते है ।
6. मेष , व्रष , सिंह , तुला , धनु , व्रश्चिक , मीन और मिथुन वालों को सरकारी सेवाए प्रदान करता है ।
7. जातक की रुचि वैज्ञानिकविषयों में होती हैं ।
8. जातक को व्यापार के प्रारम्भ में अनेक घोर संकट प्रकट होते है।
9. जातक का 36वें तथा 56वें वर्ष उत्तम होते है ।
10. पश्चिम दिशा प्रगति के अनुकूल होती है ।
11. शनि अपनी राशि या अपनीउच्च राशि पर होतो दोषो का परिहार हो जाता है ।
पेत्रक स्थान त्यागने पर भीजातक की दुर्भाग्य से मुक्ति नहीं मिल पाती ।
—————————————————————————
पंचम भाव में शनि का प्रभाव….
पंचम भाव का वक्री शनि प्रेम संबंध देता है।लेकिन जातक प्रेमी को धोखा देता है। वह पत्नी एवं बच्चे की भी परवाह नहीं करता है।
1. पांचवे भाव में शनि के बारे फलदीपिका में बताया गया है कीऐसा जातक शैतान और दुष्ट बुद्धि वाला होता है । तथा ज्ञान , सुत , धन तथा हर्ष इन चारों से रहित होता है अर्थात इनके सुख में कमी करता है ।
2. ऐसा जातक भ्रमण करता है अथवा उसकी बुद्धि भ्रमित रहती है ।
3. अगर पंचम भाव में शनि हो तो वह आदमी ईश्वर में विश्वास नहींकरता और मित्रों से द्रोह करता है तथा पेट पीड़ा से परेशान , घूमनेवाला , आलसी और चतुर होता है ।
4. जिनके पंचम भाव में शनि होता है , उसकादिमाग फिजूल विचारों से ग्रस्त रहता है ।
5. व्यर्थ की बातों में वह अधिक दिमाग खपाता है एवं मंदमती होताहै । आय से ज्यादा खर्च अधिक करता है ।
6. यदि शनि उच्च का होकर पंचम हो तो जातक के पैरों में कमजोरी लादेता है ।
7. पीड़ित शनि लॉटरी , जुआ , सट्टा , अथवा रेस के माध्यम से धन की हानि करता हैं ।
8. मेष , सिंह , धनु राशि का शनि, जातक में अहम का उदय करता है । जातक अपने विचारों को गोपनीयरखता है ।
9. अनिश्चित वार्तालाप का आदी होता है । जातक किसी प्रकार की स्वार्थसिद्धिमें कुशल होता है ।
10. ऐसे जातक बैंक , जिला परिषद , सामाजिकसंस्था , विधानसभा , संसद एवं रेलवे आदिमें अधिकारी होते है ।
—————————————————————————–
षष्ठ भाव में शनि हो तो…..
जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि छठे भाव में हो तो वह कामी, सुंदर, शूरवीर, अधिक खाने वाला, कुटिल स्वभाव, बहुत शत्रुओं को जीतने वाला होता है।षष्ठ भाव का वक्री शनियदि निर्बल हो तो रोग, शत्रु एवं ऋण कारक होता है।
सप्तम भाव में शनि हो तो……
सप्तम भाव का शनि होने पर व्यक्ति रोग, गरीब, कामी, खराब वेशभूषा वाला, पापी, नीच होता है।सप्तम भाव का वक्री शनि पति या पत्नी वियोग देता है।यदि शनि मिथुन, कन्या, धनु या मीन का हो तो एक से अधिक विवाहों अथवा विवाहेतर संबंधों का कारक होता
अष्टम भाव में शनि हो तो…..
अष्टम भाव में शनि होने पर व्यक्ति कुष्ट या भगंदर रोग से पीडि़त, दुखी, अल्पायु, हर कार्य को करने में अक्षम होता है।अष्टम भाव में शनि हो तो जातक ज्योतिषी दैवज्ञ, दार्शनिक एवं वक्ता होता है। ऐसा व्यक्ति तांत्रिक, भूतविद्या,काला जादू आदि से धन कमाता है।
नवम भाव में शनि हो तो…..
ऐसा व्यक्ति जिसकी कुंडली में नवम भाव में शनि हो वह अधार्मिक, गरीब, पुत्रहीन, दुखी होता है।नवमस्थ वक्री शनि जातक की पूर्वजों से प्राप्त धन में वृद्धि करता है। उसे धर्म परायण एवं आर्थिक संकट आने पर धैर्यवान बनाता है।
दशम भाव में शनि हो तो…..
दशम भाव का शनि होने पर व्यक्ति धनी, धार्मिक, राज्यमंत्री या उच्चपद पर आसीन होता है।दशमस्थ शनि वक्री हो तो जातक वकील, न्यायाधीश,बैरिस्टर, मुखिया, मंत्री या दंडाधिकारी होता है।
एकादश भाव में शनि हो तो….
जिस व्यक्ति की कुंडली में ग्याहरवें भाव में शनि हो वह लंबी आयु वाला, धनी, कल्पनाशील, निरोग, सभी सुख प्राप्त करने वाला होता है।एकादश भाव का शनि जातक को चापलूस बनाता है। व्यय भावस्थ वक्री शनि निर्दयी एवं आलसी बनाता है।
द्वादश भाव में शनि हो तो…..
बाहरवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति अशांत मन वाला, पतित, बकवादी, कुटिल दृष्टि, निर्दय, निर्लज, खर्च करने वाला होता है।
———————————————————————————–
लाल किताब के अनुसार कुंडली के सभी भावों के शनि कष्ट निवारण के उपाय /टोटके…
. प्रथम भाव मैं शनि होतो ।
· अपने ललाटपर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए ।
· शनिवार केदिन न तो तेल लगाए और न हे तेल खाए ।
· तांबे केबने हुए चार साँप शनिवार के दिन नदी में प्रवाहित करे ।
· भगवानशनिदेव या हनुमान जी के मंदिर में जाकर यह प्रथना करे की प्रभु !
हमसे जो पाप हुएहैं , उनके लिए हमे क्षमा करो , हमारा कल्याण करो ।
· जब भी आपकोसमय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करे ।
दूसरे भाव में शनि होतो ।
· शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे ।
· साँपो को दूध पिलाए कभी भी साँपो को परेशान न करे , न हीमारे ।
· दो रंग वाली गाए / भैस कभी भी न पालें ।
· अपने ललाट पर दूध / दही का तिलक करे
· रोज शनिवार को कडवे तेल का दान करें ।
· शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटाडाले ।
· सोते समय दूध का सेवन न करें ।
· शनिवार के दिन सिर पर तेल न लगाएं ।
तीसरे भाव में होतो ।
· आपके घर का मुख्य दरबाजा यदि दक्षिण दिशा की ओर हो तो उसेबंद करवा दे ।
· रोज शनि चालीसापढ़ें तथा दूसरों को भी शनि चालीसा भेंट करें ।
· शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे ।
· गले में शनि यंत्र धारण करें ।
· मकान के आखिर में एक अंधेरा कमरा बनवाएँ ।
· अपने घर पर एक काला कुत्ता पाले तथा उस का ध्यान रखें ।
· घर क अंदर कभी हैंडपम्प न लगवाएँ ।
चतुर्थ भाव में शनि होतो ।
· रात में दूध न पिये ।
· पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि न बनाएँ ।
· कौवों को दना खिलाएँ ।
· सर्प को दूध पिलाएँ
· काली भैस पालें ।
· कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें ।
· एक बोतल शराब शनिवार के दिन बहती नदी में प्रवाहित करें ।
पंचम भाव में शनि होतो ।
· पुत्र के जन्मदिन पर नमकीन वस्तुएं बांटनी चाहिए । मिठाईआदि नहीं ।
· माँस और शराब का सेवन न करें ।
· काला कुत्ता पालें और उसका पूरा ध्यान रखें ।
· शनि यंत्र धारण करें ।
· शनिदेव की पुजा करें ।
· शनिवार के दिन अपने भार के दसवें हिस्से के बराबर वजन करके , बादामनदी में प्रवाहित करने का कार्य करें ।
छठवाँ भावमें शनि होतो ।
· चमड़े के जूते , बैग , अटैची आदि काप्रयोग न करें ।
· शनिवार का व्रत करें ।
· चार नारियल बहते पनि में प्रवाहित करें ।
ध्यान रहे , गंदेनाले मे नहीं करें , परिणाम बिल्कुल उल्टा होगा ।
· हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमितरूप से खिलाएँ ।
· शनि यंत्र धारण करें ।
सप्तमभाव में शनि होतो ।
· पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि न बनाएँ ।
· हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमितरूप से खिलाएँ ।
· शनि यंत्र धारण करें ।
· मिट्टी के पात्र में शहद भरकर खेत में मिट्टी के नीचे दबाएँ।
खेत की जगह बगीचे में भी दबा सकते हैं ।
· अपने हाथ में घोड़े की नाल का शनि छल्ला धारण करें ।
अष्टम भाव में शनि होतो ।
· गले में चाँदी की चेन धारण करें ।
· शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे ।
· शनिवार के दिन आठ किलो उड़द बहती नदी में प्रवाहित करें ।
उड़द काले कपड़े में बांध कर ले जाएँ और बंधन खोल कर ही प्रबहित करें ।
· सोमवार के दिन चावल का दान करना आपके लिए उत्तम हैं ।
· काला कुत्ता पालें और उसका पूरा ध्यान रखें ।
नवम भाव में शनि हो तो ।
· पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें ।
· साबुत मूंग मिट्टी के बर्तन में भरकर नदी में प्रवाहित करें।
· साव 6 रत्ती का पुखराज गुरुवार को धारण करें ।
· कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें ।
· हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमितरूप से खिलाएँ ।
· शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटाडाले ।
दशम भाव में शनि होतो ।
· पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें ।
· आप अपने कमरे के पर्दे , बिस्तर का कवर , दीवारों का रंग आदि पीला रंग की करवाएँ यह
आप के लिए उत्तम रहेगा ।
· पीले लड्डू गुरुवार के दिन बाँटे ।
· आपने नाम से मकान न बनवाएँ ।
· अपने ललाटपर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए ।
· शनि यंत्र धारण करें ।
· जब भी आपकोसमय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करे ।
एकादश भाव में शनि होतो ।
· शराब और माँस से दूर रहें ।
· मित्र के वेश मे छुपे शत्रुओ से सावधान रहें ।
· सूर्योदय से पूर्व शराब और कड़वा तेल मुख्य दरवाजे के पास भूमिपर गिराएँ ।
· परस्त्री गमन न करें ।
· शनि यंत्र धारण करें ।
· कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें ।
· कौवों को दना खिलाएँ ।
बारह भाव मेंशनि होतो ।
· प्रथम जातक झूठ न बोले ।
· शराब और माँस से दूर रहें ।
· चार सूखे नारियल बहते पनि में परवाहित करें ।
· शनि यंत्र धारण करें ।
· शनिवार के दिन काले कुत्ते ओर गाय को रोटी खिलाएँ ।
· शनिवार को कडवे तेल , काले उड़द का दान करे ।
· सर्प को दूध पिलाएँ
———————————————————–
जानिए बारह राशियों पर शनि का प्रभाव…..
कुछ ग्रहों के साथ शनिदेव शुभ होते हैं और कुछ के साथ अशुभ फलदायी, उसी प्रकार 12 राशियों में से कुछ में शनि लाभदायक तो कुछ में हानिकारक होते हैं। जिन जातक को शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है। जानिए, आपकी कुंडली में शनि किस राशि में हैं और यह आपको किस प्रकार से प्रभावित करेंगे :-
मेष राशि :
राशिचक्र में सबसे पहला स्थान मेष राशि का है। इस राशि में शनि नीच का होता है। शनि नीच होने से यह अशुभ फलदायी होता है। इस राशि शनि की स्थिति से व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है। इस राशि में जिनके शनि होता है शनि उन्हें हठी और क्रोधी बनाता है। यह व्यक्ति को बुरी आदतों की ओर ले जाता है। मेष राशि में जब शनि की महादशा चलती है उस समय रिश्तेदारों एवं मित्रों के साथ विरोध उत्पन्न होता है। इस समय संबंधों में दूरियां भी बढ़ जाती हैं।
वृषभ राशि :
वृष राशि राशिचक्र में दूसरी राशि है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि इस राशि में होता है वह व्यक्ति असत्य भाषण करने वाला होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ऐसा व्यक्ति विश्वासपात्र नहीं होता यह अपने स्वार्थ के लिए किसी को धोखा दे सकता है। यह काफी चतुर और शक्तिशाली होता है। काम की भावना इनमें अधिक रहती है।
मिथुन राशि :
मिथुन तीसरी राशि है। इस राशि में शनि का होने पर यह व्यक्ति को दुःसाहसी बनाता है। व्यक्ति चतुर और धूर्त प्रकृति का होता है। राजनीति एवं कुटनीतिक क्षेत्र में इन्हें विशेष सफलता मिलती है। इनमें दया और सद्भावना की कमी होती है। संतान की दृष्टि से यह स्थिति बहुत अच्छी नहीं होती है, क्योंकि यह अल्प संतान का योग निर्मित करता है। साहित्य, संगीत एवं सौन्दर्य के प्रति व्यक्ति में विशेष लगाव रहता है।
कर्क राशि :
राशि चक्र की चौथी राशि है कर्क राशि। जिस व्यक्ति की कुंडली में चतुर्थ भाव में शनि होता है वह व्यक्ति जिद्दी और दूसरों से ईर्ष्या करने वाला होता है। स्वार्थ की भावना इनमें प्रबल रहती है। मातृ पक्ष से इन्हें सुख की कमी महसूस होती है। जब शनि की महादशा कर्क राशि में होती है उस समय इन्हें विशेष कष्ट होता है। शनि की महादशा में पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल, मानसिक अशांति, अस्वस्थता मिलती है।
सिंह राशि :
सिंह राशि राशि चक्र में पांचवीं राशि है। इस राशि में शनि के होने से शनि व्यक्ति को गंभीर और चिंतनशील बनाता है। व्यक्ति अपने कार्य में निपुण और परिश्रमी होता है। इस राशि में शनि से प्रभावित व्यक्ति अपनी बातों पर अडिग रहने वाला होता है। गोचर में इस राशि में जब शनि की महादशा चलती है, उस समय इन्हें अत्यधिक परिश्रम करना होता है। अनावश्यक रूप से धन की हानि होती है और मन में निराशात्मक विचार आते रहते हैं।
कन्या राशि :
जिनकी कुंडली में कन्या राशि में शनि होता है वे परोपकारी और गुणवान होते हैं। इस राशि में जिनके शनि होता है वे धनवान और शक्तिशाली होते हैं। कम बोलने वाले और लेखन एवं गंभीर विषयों में रुचि रखने वाले होते हैं। ये सामाजिक कार्यों में शामिल रहते हैं। पारंपारिकता एवं पुराने विचारों में यकीन रखने वाले होते हैं। इस राशि में शनि की महादशा में इन्हें यश और लाभ मिलता है।
तुला राशि :
तुला राशि में शनि उत्तम फल देने वाला होता है। यह व्यक्ति को स्वाभिमानी, महत्वाकांक्षी और भाषण कला में निपुण बनाता है। यह व्यक्ति को स्वतंत्र विचारों वाला और चतुर बनाता है। आर्थिक रूप से मजबूत और कुशल मानसिक क्षमता प्रदान करता है।
वृश्चिक राशि :
शनिदेव जिनकी कुंडली में वृश्चिक राशि में होते हैं वह व्यक्ति जोशीला और क्रोधी होता है। इनमें अभिमान और वैराग्य की भावना रहती है। इनका स्वभाव गंभीर और ईष्यालु होता है। इस राशि में शनि की महादशा जब चलती है तब आर्थिक क्षति और मान-सम्मान की हानि होती है।
धनु राशि :
राशिचक्र में शनि का स्थान नवम है। इस राशि में शनि होने पर यह व्यक्ति को व्यावहारिक और ज्ञानवान बनाता है। व्यक्ति परिश्रमी और नेक विचारों वाला होता है। चतुराई और अक्लमंदी से काम करने वाला एवं दूसरों के उपकार को मानने वाला होता है। इस राशि में जब शनि की महादशा चलती है उस समय व्यक्ति को सुख और उत्तम फल प्राप्त होता है। शिक्षा के क्षेत्र में महादशा के दौरान सफलता मिलती है।
मकर राशि :
राशि चक्र की दसवीं राशि यानी मकर राशि में शनि व्यक्ति को परिश्रमी और ईश्वर के प्रति आस्थावान बनाता है। कारोबार में प्रगति, आर्थिक लाभ, जमीन जायदाद का लाभ यह शनि दिलाता है। शनि इनकी प्रकृति शंकालु बनाता है। लालच और स्वार्थ की भावना भी इनके अंदर रहती है।
कुंभ राशि :
जिनकी कुंडली में शनि दशम भाव यानी कुंभ राशि में होता है वह व्यक्ति अहंकारी होता है। आर्थिक रूप से सामान्य रहते हैं। कूटनीतिक क्षेत्र में सफल और बुद्धिमान होते हैं। नेत्र रोग से पीडि़त होते हैं। व्यवहार कुशल और भाग्य के धनी होते हैं।
मीन राशि :
मीन राशिचक्र की 12वीं राशि है। मीन राशि में शनि स्थित होने पर यह व्यक्ति को गंभीर बनाता है। व्यक्ति दूसरों से ईर्ष्या रखने वाला व महत्वाकांक्षी होता है। इस राशि में शनि के होने पर व्यक्ति उदार और समाज में प्रतिष्ठित होता है। शनि इनकी आर्थिक स्थिति भी सामान्य बनाए रखता है।
—————————————————————————————
गोचर के शनि का प्रभाव एवं उपाय….
जब गोचर शनि चंद्र लग्न से चैथे, सातवें और दसवें स्थान में जाता है, तो उसे कंटक शनि कहते है तब साधारण रूप से कंटक शनि मानसिक दुःख की वृद्धि करता है, जीवन को अव्यवस्थित बनाता है और इस कारण नाना प्रकार के दुःखों का सामना करवाता है।
जब गोचर का शनि चंद्र लग्न से चैथे स्थान में होता है, तब जातक के निवास स्थान में अवश्य ही परिवर्तन होता है और उसका स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है। चंद्र लग्न से जब गोचर का शनि सातवें स्थान में होता है, तब जातक का परदेश वास होता है और यदि वह सप्तम स्थान पर चर राशि का हो, तो यह फल अवश्य ही होता है।
चंद्र लग्न से यदि गोचर का शनि दसवें स्थान में होता है, तब जातक के व्यवसाय एवं नौकरी आदि में गड़बड़ी होती है और असफलताएं मिलती हैं। इस प्रकार कुंडली में स्थित अशुभ शनि के प्रभाव, गोचर शनि के दुष्प्रभाव तथा दशा-अंतर्दशाओं में ग्रह पीड़ा के निवारण हेतु जातक को चाहिए कि वह, श्रद्धा से युक्त, पवित्र और एकाग्र चित्त हो कर, शनि की लौह प्रतिमा का शमी पत्रों से पूजन करे, तिल मिश्रित उड़द भात, लोहा, काली गौ, या बैल ब्राह्मण को दान करे तथा शनिवार के दिन निम्न स्तोत्र का पाठ करे——
नमः कृष्णाय नीलाय शितिकंठनिभाय च। नमः कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नमः।।
नमो निर्मांसदेहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च। नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।
नमः पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णे च वै पुनः। नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोअस्तु ते।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नमः। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय करालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोअसतु ते। सूर्यपुत्र नमस्तेअस्तु भास्करेअभयदाय च।।
अधोदृष्टे नमस्तेअस्तु संवर्तक नमोअस्तु ते। नमो मंदगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोअस्तु ते।।
तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च। नमो नित्थं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नमः।।
ज्ञान चक्षुर्नमतेअस्तु कश्यपात्मजसूनवे। तुष्टो ददासि वै राज्यं रूष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्धविद्याधरोरगाः। त्वया विलोकिताः सर्वे नाशं यान्ति समूलतः।।
प्रसाद कुरू मे देव वरार्होअहमुपागतः।।
शनिवार को सवेरे उठ कर इस स्तोत्र का पाठ जो भी करता है तथा पाठ होते समय जो श्रद्धापूर्वक इसे सुनता है, उसके लिए शनि की पीड़ा कम होगी तथा पाप से शीघ्र मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।
कुछ अन्य उपाय / टोटके….
शनि प्रदत्त कष्टों के निवारण के उपाय साढ़ेसाती अथवा ढैया के समय शिव आराधना तथा ¬ नमः शिवाय मंत्र के यथा शक्ति जप से शनि जन्य कष्टों का निवारण होता है। शनि प्रदत्त कष्टों के निवारण हेतु हनुमान जी की आराधना भी विशेष लाभकारी है।
पद्मपुराण में वर्णित दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ उत्तम उपाय माना गया है।
बृहत पाराशर होराशास्त्र में उल्लेख है कि जिस समय जो ग्रह प्रतिकूल हो उस समय जातक उस ग्रह का यत्नपूर्वक पूजन करे, क्योंकि ब्रह्मा ने ग्रहों को आदेश दिया है कि जो व्यक्ति उनकी पूजा करे, उसका वे कल्याण करें। इसलिए शनि के कष्टकारक होने पर शनिवार को प्रातः नहा धोकर शनि मंदिर में प्रतिमा का काले तिल के तेल से तैलाभिषेक करें, फिर नीले फूल तथा काली साबुत उड़द, काले तिल, लोहा व गुड़ आदि चढ़ाकार पूजन करें।
फिर रुद्राक्ष की माला पर ॐ शं शनैश्चराय नमः अथवा ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंत्र का 23,000 जप कर उसके दशांश का शमी की समिधा, देसी घी व काले तिल से हवन करना चाहिए।
शनिवार को सायंकाल पीपल की जड़ में तिल के तेल का दीपक जलाने से भी शनि प्रदत्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। जिनका शनि शुभ हो तथा उसकी दशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती, ढैया आदि नहीं भी चल रही हों, उन्हें भी सुनहरे भविष्य के लिए शनि की उपासना, उसके मंत्रों का जप तथा स्तोत्र का पाठ करते रहना चाहिए।
ध्यान रहे कि शनि पीड़ा का पूर्ण निवारण संभव नहीं है, उसे केवल कम किया जा सकता है। इस हेतु पूजा अर्चना के साथ धर्मानुकूल आचरण बनाए रखना भी जरूरी है।
क्योंकि शनि क्रूर नहीं न्यायाधीश है। इसलिये यदि आचरण अच्छा रखेंगे तो शनि आपको कष्ट नहीं बल्कि शुभ फल ही देंगे।
———————————————————–
शनि निम्नवर्गीय लोगों को लाभ देने वाला एवं उनकीउन्नति का कारक है……
शनि हस्त कला, दास कर्म, लौह कर्म, प्लास्टिक उद्योग, रबर उद्योग, ऊन उद्योग, कालीन निर्माण, वस्त्र निर्माण, लघु उद्योग, चिकित्सा, पुस्तकालय, जिल्दसाजी, शस्त्र निर्माण, कागज उद्योग, पशुपालन, भवन निर्माण, विज्ञान, शिकार आदि से जुड़े लोगों की सहायता करता है। यह कारीगरों, कुलियों, डाकियों, जेल अधिकारियों, वाहन चालकों आदि को लाभ पहुंचाता है तथा वन्य जन्तुओं की रक्षा करता है।

1 COMMENT

  1. प्रणाम मेरी जन्मतिथि ../22 फ.1979 को रात 12:45:5. Am sindrabad.bulandshar है शुक्र और चंद्रमा 2 स्थान गुरू 9. राहू शनि10, बाकी सब4th.मैं
    सरकारी नौकरी नही मिलगी.भग्योदय कब

        • आपके प्रश्न का समय मिलने पर में स्वयं उत्तेर देने का प्रयास करूँगा…
          यह सुविधा सशुल्क हें…
          आप चाहे तो मुझसे फेसबुक./ट्विटर/गूगल प्लस/लिंक्डइन पर भी संपर्क/ बातचीत कर सकते हे..
          —-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री मेरा कोंटेक्ट नंबर हे–
          – मोबाइल–.9669.90067 ,
          –वाट्स अप -090.9390067 ,
          —————————————————
          मेरा ईमेल एड्रेस हे..—-
          vastushastri08@gmail.com,
          –vastushastri08@hotmail.com;
          —————————————————
          Consultation Fee—
          सलाह/परामर्श शुल्क—
          For Kundali-2.00/- for 1 Person……..
          For Kundali-5100/- for a Family…..
          For Vastu 11000/-(1000 squre feet) + extra-travling,boarding/food..etc…
          For Palm Reading/ Hastrekha–2500/-
          ——————————————
          (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—PUNB0419000;;; MIRC CODE—325024002
          ======================================
          (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- 29960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—BARBOJHALRA;;; MIRC CODE—326012101
          ————————————————————-
          Pt. DAYANAND SHASTRI, LIG- 2/217,
          INDRA NAGAR ( NEAR TEMPO STAND),
          AGAR ROAD, UJJAIN –M.P.–456006 –
          – मोबाइल–09669290067 ,
          –वाट्स अप -09039390067 ,

    • आपके प्रश्न का समय मिलने पर में स्वयं उत्तेर देने का प्रयास करूँगा…
      यह सुविधा सशुल्क हें…
      आप चाहे तो मुझसे फेसबुक./ऑरकुट पर भी संपर्क/ बातचीत कर सकते हे..
      —-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री मेरा कोंटेक्ट नंबर हे
      —- MOB.—-
      —-.09.-09669.90067(MADHYAPRADESH),
      —–0091-090.9390067(MADHYAPRADESH),
      —————————————————
      मेरा ईमेल एड्रेस हे..—-
      vastushastri08@gmail.com,
      –vastushastri08@hotmail.com;
      —————————————————
      Consultation Fee—
      सलाह/परामर्श शुल्क—
      For Kundali-2100/- for 1 Person……..
      For Kundali-5100/- for a Family…..
      For Vastu 11000/-(1000 squre feet) + extra-travling,boarding/food..etc…
      For Palm Reading/ Hastrekha–2500/-
      ——————————————
      (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—PUNB0419000;;; MIRC CODE—325024002
      ======================================
      (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- 29960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—BARBOJHALRA;;; MIRC CODE—326012101
      ————————————————————-
      Pt. DAYANAND SHASTRI, LIG- 2/217,
      INDRA NAGAR ( NEAR TEMPO STAND),
      AGAR ROAD, UJJAIN –M.P.–456006 –
      —- MOB.—-
      —-0091-09669290067(MADHYAPRADESH),
      —–0091-09039390067(MADHYAPRADESH),

      • Sir plzzz suggest me about this kundali…
        Moon in 5th house in meen lagan Jupiter in 6th house in meen lagan Venes and ketu in ..th house Satern in 7th house

        • आपके प्रश्न का समय मिलने पर में स्वयं उत्तेर देने का प्रयास करूँगा…
          यह सुविधा सशुल्क हें…
          आप चाहे तो मुझसे फेसबुक./ट्विटर/गूगल प्लस/लिंक्डइन पर भी संपर्क/ बातचीत कर सकते हे..
          —-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री मेरा कोंटेक्ट नंबर हे–
          – मोबाइल–.9669.90067 ,
          –वाट्स अप -090.9390067 ,
          —————————————————
          मेरा ईमेल एड्रेस हे..—-
          vastushastri08@gmail.com,
          –vastushastri08@hotmail.com;
          —————————————————
          Consultation Fee—
          सलाह/परामर्श शुल्क—
          For Kundali-2.00/- for 1 Person……..
          For Kundali-5100/- for a Family…..
          For Vastu 11000/-(1000 squre feet) + extra-travling,boarding/food..etc…
          For Palm Reading/ Hastrekha–2500/-
          ——————————————
          (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—PUNB0419000;;; MIRC CODE—325024002
          ======================================
          (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- 29960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—BARBOJHALRA;;; MIRC CODE—326012101
          ————————————————————-
          Pt. DAYANAND SHASTRI, LIG- 2/217,
          INDRA NAGAR ( NEAR TEMPO STAND),
          AGAR ROAD, UJJAIN –M.P.–456006 –
          – मोबाइल–09669290067 ,
          –वाट्स अप -09039390067 ,

    • आपके प्रश्न का समय मिलने पर में स्वयं उत्तेर देने का प्रयास करूँगा…
      यह सुविधा सशुल्क हें…
      आप चाहे तो मुझसे फेसबुक./ट्विटर/गूगल प्लस/लिंक्डइन पर भी संपर्क/ बातचीत कर सकते हे..
      —-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री मेरा कोंटेक्ट नंबर हे–
      – मोबाइल–.9669.90067 ,
      –वाट्स अप -090.9390067 ,
      —————————————————
      मेरा ईमेल एड्रेस हे..—-
      vastushastri08@gmail.com,
      –vastushastri08@hotmail.com;
      —————————————————
      Consultation Fee—
      सलाह/परामर्श शुल्क—
      For Kundali-2.00/- for 1 Person……..
      For Kundali-5100/- for a Family…..
      For Vastu 11000/-(1000 squre feet) + extra-travling,boarding/food..etc…
      For Palm Reading/ Hastrekha–2500/-
      ——————————————
      (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—PUNB0419000;;; MIRC CODE—325024002
      ======================================
      (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- 29960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—BARBOJHALRA;;; MIRC CODE—326012101
      ————————————————————-
      Pt. DAYANAND SHASTRI, LIG- 2/217,
      INDRA NAGAR ( NEAR TEMPO STAND),
      AGAR ROAD, UJJAIN –M.P.–456006 –
      – मोबाइल–09669290067 ,
      –वाट्स अप -09039390067 ,

    • आपके प्रश्न का समय मिलने पर में स्वयं उत्तेर देने का प्रयास करूँगा…
      यह सुविधा सशुल्क हें…
      आप चाहे तो मुझसे फेसबुक./ऑरकुट पर भी संपर्क/ बातचीत कर सकते हे..
      —-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री मेरा कोंटेक्ट नंबर हे
      —- MOB.—-
      —-.09.-09669.90067(MADHYAPRADESH),
      —–0091-090.9390067(MADHYAPRADESH),
      —————————————————
      मेरा ईमेल एड्रेस हे..—-
      vastushastri08@gmail.com,
      –vastushastri08@hotmail.com;
      —————————————————
      Consultation Fee—
      सलाह/परामर्श शुल्क—
      For Kundali-2100/- for 1 Person……..
      For Kundali-5100/- for a Family…..
      For Vastu 11000/-(1000 squre feet) + extra-travling,boarding/food..etc…
      For Palm Reading/ Hastrekha–2500/-
      ——————————————
      (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—PUNB0419000;;; MIRC CODE—325024002
      ======================================
      (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- 29960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—BARBOJHALRA;;; MIRC CODE—326012101
      ————————————————————-
      Pt. DAYANAND SHASTRI, LIG- 2/217,
      INDRA NAGAR ( NEAR TEMPO STAND),
      AGAR ROAD, UJJAIN –M.P.–456006 –
      —- MOB.—-
      —-0091-09669290067(MADHYAPRADESH),
      —–0091-09039390067(MADHYAPRADESH),

    • आपके प्रश्न का समय मिलने पर में स्वयं उत्तेर देने का प्रयास करूँगा…
      यह सुविधा सशुल्क हें…
      आप चाहे तो मुझसे फेसबुक./ट्विटर/गूगल प्लस/लिंक्डइन पर भी संपर्क/ बातचीत कर सकते हे..
      —-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री मेरा कोंटेक्ट नंबर हे–
      – मोबाइल–.9669.90067 ,
      –वाट्स अप -090.9390067 ,
      —————————————————
      मेरा ईमेल एड्रेस हे..—-
      vastushastri08@gmail.com,
      –vastushastri08@hotmail.com;
      —————————————————
      Consultation Fee—
      सलाह/परामर्श शुल्क—
      For Kundali-2.00/- for 1 Person……..
      For Kundali-5100/- for a Family…..
      For Vastu 11000/-(1000 squre feet) + extra-travling,boarding/food..etc…
      For Palm Reading/ Hastrekha–2500/-
      ——————————————
      (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—PUNB0419000;;; MIRC CODE—325024002
      ======================================
      (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- 29960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—BARBOJHALRA;;; MIRC CODE—326012101
      ————————————————————-
      Pt. DAYANAND SHASTRI, LIG- 2/217,
      INDRA NAGAR ( NEAR TEMPO STAND),
      AGAR ROAD, UJJAIN –M.P.–456006 –
      – मोबाइल–09669290067 ,
      –वाट्स अप -09039390067 ,

  2. Pranam guru ji meri dob ../12/1985 subah 6:.5 a.m jabalpur m.p hai meri govt job kab tak lag jayegi ya mujhe buisness karna chaiye

    • आपके प्रश्न का समय मिलने पर में स्वयं उत्तेर देने का प्रयास करूँगा…
      यह सुविधा सशुल्क हें…
      आप चाहे तो मुझसे फेसबुक./ट्विटर/गूगल प्लस/लिंक्डइन पर भी संपर्क/ बातचीत कर सकते हे..
      —-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री मेरा कोंटेक्ट नंबर हे–
      – मोबाइल–.9669.90067 ,
      –वाट्स अप -090.9390067 ,
      —————————————————
      मेरा ईमेल एड्रेस हे..—-
      vastushastri08@gmail.com,
      –vastushastri08@hotmail.com;
      —————————————————
      Consultation Fee—
      सलाह/परामर्श शुल्क—
      For Kundali-2.00/- for 1 Person……..
      For Kundali-5100/- for a Family…..
      For Vastu 11000/-(1000 squre feet) + extra-travling,boarding/food..etc…
      For Palm Reading/ Hastrekha–2500/-
      ——————————————
      (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—PUNB0419000;;; MIRC CODE—325024002
      ======================================
      (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- 29960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—BARBOJHALRA;;; MIRC CODE—326012101
      ————————————————————-
      Pt. DAYANAND SHASTRI, LIG- 2/217,
      INDRA NAGAR ( NEAR TEMPO STAND),
      AGAR ROAD, UJJAIN –M.P.–456006 –
      – मोबाइल–09669290067 ,
      –वाट्स अप -09039390067 ,

  3. pranam sir mera janam .1.5.1979 ko ratri 1:.5 me asansol (wb) me hua hai meri kundli kumbh lagan ke satwe bhaw me shani and rahu hai . to kya me nilam dharan kar sakta hu

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here