(घर के दरवाजे के साथ खुलता है आपका भाग्य)
घर के दरवाजे सुंदर और आकर्षक होने चाहिए। इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों की कारण मौजूद हैं। दरवाजे ही हमारे घर की वास्तविक स्थिति बता देते हैं। यदि किसी व्यक्ति के घर के दरवाजे टूटे हुए हैं तो अधिकांश परिस्थितियों में ऐसा होता है कि उस घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं रहती है। टूटे दरवाजे नकारात्मक ऊर्जा को अधिक सक्रिय कर देते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रोक देते हैं। ऐसे घर में रहने वाले लोगों के विचार भी नेगेटिव ही रहते हैं।
ऐसे दरवाजे की वजह से किसी भी कार्य को करने से पहले उस कार्य में असफलता का ख्याल पहले हमारे दिमाग में आता है। जिससे आत्मविश्वास में कमी आती है और कार्य बिगडऩे की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। झालरापाटन के प्रसिद्द वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की वास्तु के अनुसार भी टूटे दरवाजे वास्तु दोष उत्पन्न करते हैं। धर्म के अनुसार देखा जाए तो महालक्ष्मी उसी घर में सदैव निवास करती हैं जिस घर में साफ-सफाई, स्वच्छता के साथ ही सुंदरता भी हो। यदि घर में प्रवेश कराने वाला दरवाजा ही टूटा हुआ होगा तो ऐसे घर में महालक्ष्मी की कृपा की कमी रहती है। इन्हीं कारणों के चलते हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर के सभी दरवाजे सुंदर और व्यवस्थित रहें।आपको अपना पैसा प्यारा है तो घर के दरवाजे पर ध्यान देना जरूरी है वरना धीरे-धीरे आपके घर से पैसा खत्म होने लगेगा। घर में बरकत नहीं होगी।
——-पूर्व दिशा में घर का दरवाजा है तो ऐसा व्यक्ति कर्ज में डुब जाता है। इसके लिए सोमवार को रुद्राक्ष घर के दरवाजे के मध्य लटका दें और पहले सोमवार को हवन करें। रुद्राक्ष व शिव की आराधना करने से आपके समस्त कार्य सफल होंगे।
———–पश्विम दिशा में दरवाजा होने से घर की बरकत खत्म होती है। ऐसे दरवाजे से दोष उत्पन्न होने पर रविवार को सूर्योदय से पूर्व दरवाजे के सामने नारियल के साथ कुछ सिक्के रखकर दबा दें। किसी लाल कपड़े में बांध कर लटका दें। सूर्य के मंत्र से हवन करें। द्वार दोष दूर होगा।
———–वास्तु के अनुसार उत्तर का दरवाजा हमेशा लाभकारी होता है। यदि द्वार दोष उत्पन्न होता है, तो भगवान विष्णु की आराधना करें। पीले फूले की माला दरवाजे पर लगाएं। लाभ होगा।
——-दक्षिण दिशा में घर कर मेन गेट शुभ नहीं हैं तथा इसके कारण घर में लगातार आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिउ बुधवार या गुरुवार को नींबु या सात कौडिय़ां धागे में बांधकर लटका देना चाहिए।
—– विपरीत दिशा में दो मुख्य द्वार नहीं बनाना चाहिए।
—– मुख्य दीवार, जिसमें आपको दरवाजा लगाना है। उसे नौ बराबर भागों में बाँटिए। दाएँ से पाँच भाग छोड़कर तथा बाएँ से तीन भाग छोड़कर बीच में बचे खाली भाग में दरवाजा लगाएँ।
—– मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की प्रतिमा या धर्म संबंधी शुभ संकेत लगाना वास्तु के अनुसार शुभ माना जाता है।
—– घर के सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊँचाई पर होने चाहिए।
—– दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए।
—– किसी मंदिर में चारों दिशाओं में आप दरवाजे लगा सकते हैं।
—-घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए।
—- सीढ़ियों के दरवाजे का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
——दरवाजे के वास्तु दोष को दूर कर ने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि इस पर कोर् इ शुभ चिन्ह लगा दिया जाए । शुभ चिन्ह जैसे गणेशजी का चित्र, स्वस्तक, आदि बनवाए जा सकते है। ऐसा करने पर कुछ समय मे घर के सभी सदस्यों के भाग्य को बल मिलेगा और समस् याएँ दूर होगी ।