वास्तु और स्टोर रूम ( Vastu Shastra and Store Room )—
पुराने जमाने में भवन में पूरे साल के लिए अनाज संग्रह किया जाता था अथवा जरूरत का सामान हिफाजत से रखा जाता था। उसके लिए अलग कक्ष होता था। किन्तु आज के समय में जगह की कमी के कारण रसोई घर में ही भण्डारण की व्यवस्था कर ली जाती है। वास्तु के अनुसार रसोई घर में अनाज का भण्डारण ईशान व आग्नेय कोण के मध्य पूर्वी दीवार के सहारे होना चाहिए।यदि आपके घर में स्थान की सुविधा है, तो घर के ईशान व आग्नेय कोण के मध्य पूर्व में स्टोर रूम का निर्माण करना वास्तु के अनुसार श्रेष्ठ माना गया हें।हर घर में स्टोर रूम यानि भंडार गृह एक जरूरी स्थान होता है। चाहे हम शहर में रहें या गांव में हमें अपने घर के आनाज एवं रोजमर्रा की जरूरतों को संग्रह करने के लिए स्टोर रूम की सबसे बड़ी आवश्यकता होती है। स्टोर रूम में राशन पानी के अलावा और भी कई वस्तुएं रखी जाती हैं, जो हमारे दैनिक जीवन में काम आने वाली आवश्यक वस्तुएं मानी जाती हैं। आपके घर में स्टोर रूम कहां पर हो और किस स्थान पर हो और किससे घर में रहने वालों की आर्थिक मानसिक एवं शारीरिक स्थिति क्या हो सकती है। आइए जांए—
—–पूर्व दिशा: पूर्व दिशा में अगर स्टोर रूम हो, तो उस घर के मुखिया को अपनी आजीविका के लिए ज्यादा यात्रा करनी पड़ती है। वह अक्षर घर के बाहर ही दिखाई पड़ता है ।
—-आग्नेय कोण यानि दक्षिण पूर्व: आग्नेय कोण में अगर स्टोर रूम हो तो घर के मुखिया की आमदनी घर के खर्च के बराबर नहीं हो पाती। अभिप्राय यह है कि घर में खर्चा बढ़ जाता है। खानपान की वस्तुएं ज्यादा महंगी और कीमती आने लगती हैं, उस अनुपात में घर में काम करने वालों की आमदनी नहीं बढ़ पाती।
—-दक्षिण में अगर स्टोर रूम हो, तो इस दिशा में घर का वातावरण कुछ गलमफहमी और आपसी मतभेद से भरा हुआ होता है। अगर खाने-पीने का सामान स्टोर रूम में रखा जाए तो भाईयों या पति-पत्नी अथवा घर के वरिष्ठ एवं छोटे सदस्यों के बीच में कलहबाजी होती रहती है।
—-नैर्ऋत्य यानी दक्षिण पश्चिम में स्टोर रूम बनाकर आनाज जमा किया जाए तो अनाज पर जल्दी ही कीड़े लगने लगते हैं। भोजन भी ज्यादा पौष्टिक नहीं रहता। घर का मुखिया कितना ही कमाए, कम ही पड़ता है। घर के बुजुर्ग शीत रोग और गैस रोग से ग्रस्त रहते हैं। आए दिन दवा दारू का खर्च बढ़ जाता है।
—-पश्चिम दिशा में अगर स्टोर रूम हो और यहां पर खाद्यान का संग्रह किया जाए तो घर के बच्चे यात्रा से संबंधित कार्यक्षेत्र में या व्यापारिक सौदों से लाभ पाते हैं। घर का मुखिया बुद्धिमान होता है, किन्तु घर का मुखिया दुर्घटनावश अपनी पत्नी के होते हुए भी किसी अन्य स्त्री के आकर्षण में फंस जाता है। दिखने में वह आदमी अनभिज्ञ और अज्ञानी नजर आता है, पर वस्तुतः वह ज्यादा यात्रा करने के कारण बहुत बुद्धिमान और सफल होता है।
—-वायत्य यानि उत्तर पश्चिम: यहां अनाज का भंडारण किया जाए तो यह दिशा बहुत ही शुभ होती है। यदि स्टोर रूम में ही पूजा का स्थान हो, तो बहुत ही शुभ होता है। वहां रहने वाला परिवार आर्थिक रूप से सम्पन्न होकर मान-सम्मान प्राप्त करता है। ऐसे घर का मुखिया यात्रा का शौकीन होता है, किन्तु मन में अशांति रहती है और किसी स्त्री के साथ संबंधों के कारण बदनामी भी होती है।
—-उत्तर दिशा — यहां पर स्टोर रूम हो और यहां अनाज रखा जाए तो यह दर्शाता है कि घर का मुखिया बुद्धिमान और रोमैंटिक मिज़ाज का है, लेकिन ऐसे मुखिया को स्त्री एवं पुरूष मित्रों से मित्रता के कारण बदनामी का सामना भी करना पड़ता है। पत्नी में कोई दोष हो सकता है, जिस कारण उसे गर्भधारण में दिक्कत आती है।
—ईशान दिशा(उत्तर पूर्व)— यदि यहां पर स्टोर रूम हो, तो ऐसे घर का मुखिया घूमने का शौकीन होता है एवं माता पक्ष के लोग धार्मिक और दान पुण्य करने वाले होते हैं।
उपर्युक्त दिशाओं में बने स्टोर रूम के अलावा घर के अन्य कमरों की स्थिति का भी प्रभाव घर के मुखिया व अन्य सदस्यों पर पड़ता है जो इस प्रकार है—
—- यदि घर के अगले भाग के दाएं हाथ की खिड़की वाले कमरे को स्टोर रूम बना रखा हो, तो उस घर के मुखिया का पिता या एक बेटा समाज के लोगों द्वारा पसंद किया जाता है, परंतु साथ ही वह आरामपरस्त और धीरे-धीरे काम करने वाला आदमी होता है। ऐसा आदमी सरकारी नौकर हो सकता है या सरकार से लाभ पा सकता है ।
—– यदि घर के अगले भाग के बाएं हाथ वाले कमरे में रोशनी मध्यम रहती हो और वहां घर का अनाज राशन का सामान रखा रहता हो, तो ऐसे घर-परिवार में गलतफहमियों के कारण आपसी लड़ाई-झगड़े चलते रहते हैं।
—- यदि घर की रसोई के अंदर या उससे जुड़े स्टोर रूम में अनाज रखे जाएं, तो उस परिवार को अपने करियर प्रफेशन और धंधे में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें कमाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है और सारी कमाई खर्च हो जाती है। भविष्य के लिए बचत नहीं हो पाती।
—- यदि घर के हॉल के अंदर ही घर का खाद्यान रखा जाए या स्टोर रूम हॉल से जुड़ा हुआ हो, तो उस घर के लोग बुद्धिमान और अक्लमंद होते हैं, लेखक होते हैं और व्यापार में लाभ होता है। ऐसे घर का मुखिया बहुत ही सात्विक, गुणी और भला व्यक्ति होता है और महिला मित्रों से ज्यादा सहयोग प्राप्त करता है।
—- स्टोर रूम पूजाघर के एकदम सामने हो या उससे जुड़ा हो या पूजाघर में ही स्टोर रूम या स्टोर रूम में ही पूजाघर हो, तो उस घर का मुखिया बुद्धिमान होता है और ईमानदारी से पैसा कमाता है।
—- यदि स्टोर रूम का रास्ता बेडरूम से होकर जाता हो या बेडरूम के साथ ही स्टोर रूम हो या स्टोर रूम ही बेडरूम के रूप में उपयोग किया जाता हो तो ऐसे घर की पत्नी बहुत ही भाग्यशाली होती है। ऐसे घर के मुखिया की तरक्की भी शादी के बाद जब पत्नी आती है तब ही शुरू होती है।
—– घर के खाद्यान रखने के कमरे में यदि घर के गहने-कपड़े इत्यादि रखे जाएं या यह सामान रखने का ही एक भाग हो, तो ऐसे घर के लोग पैसे उधार देने का काम करते हैं या लग्ज़री आइटम या बड़े सौदों से पैसा कमाते हैं।
—- यदि स्टोर रूम जरूरत से ज्यादा बड़ा हो अर्थात घर के अन्य कमरों से भी बड़ा हो और वहां अंधेरा भी रहता हो, तो उस घर का मुखिया गलत तरीके से धन कमाता है, लोगों को ठगता है। इस तरह वह कई लोगों को अपना शत्रु बनाता है।
—- यदि स्टोर रूम किसी गलियारे में हो, संकरा हो या वहां बाथरूम हो, नाली हो, मोरी हो या पास में ही सब हो तो यह दर्शाता है कि उस घर का मुखिया निश्चित ही मेहनत करके खूब कमाता है, परंतु वह अशांत और नाखुश रहता है।
—स्टोर रूम दक्षिण दिशा या आग्नेय कोण में बनाया जा सकता है, बशर्तें वहां किचन के उपयोग की सामग्री रखी जाए।
Please observe the above image, the store room is at Nairuthi Block, this place is very best for Store all the things.
In vastu shastra Store room plays a vital role. Grains and provisions are stored in the house for their ready availability and use in emergency. Northwest is the best direction for storing grains. There will never be any shortage of grains or provisions, if stored in the northwest. For storing grains, mezzanine floor can be constructed in south or west or southwest of the storeroom. Cupboards or racks should be placed in the heavy directions. Sacks containing annual provisions should be stored in the southwest direction while sacks containing provisions of daily use should be stored in the northwest. Always leave eastern side vacant in the store room.The storage areas should be located in the northwest part of the building, but not in the north or east. The storage room door should not be on the southwest side of the room. Storage cabinets should be located on the west or north sides of the room. Butter, ghee, oil and cooking gas should be kept in the southeast corner.
Keep pitcher or vessel filled with drinking water in the northeast. Water vessels should never be empty. Store kerosene, cooking gas cylinder or other fuel used for cooking purposes in the southeast. Oil, butter and ghee should be stored in between the south and southeast. Sunlight and solar heat will keep them pure. Store milk and curd in between the north and northeast. (This matter is from www.subhavaastu.com)This is the coolest area having refrigerator like natural qualities. Your door should preferably be in the north or east direction. There should be no door in the southwest direction. Place a window in the north, east or west direction. White, blue or yellow are the desirable colours of the tiles and the walls. Place a photo of Lakshmi Narayana on the east wall. He is the lord deity of survival. Food is essential for our survival. East is the direction of new life. Food bestows new life to all living beings. Empty containers are not auspicious in the store room. Dispose off empty containers or fill up them with some grains or other material. Remove all the cobwebs from the granary. Avoid taking out any provisions from the granary. Avoid taking out any provisions from the granary in the twilight period. Sleeping in the granary at night is never recommended. Your can’t enjoy a sound sleep here. Different thoughts will start haunting your mind.
Lumber Room (Waste Storage Room)—–
As far as possible, there should be no waste in the house. Waste articles create tamas and make the inhabitants inactive and lethargic. Whenever necessary, lumber room should be built in the southwest corner of the open space around the main building. It may have support of the south and west walls of the paishacha zone. If space in the paishacha zone is not feasible, lumber room should be placed in the southwest zone of the building.
The space for storage of waste should have minimum floor area. It should remain as heavy as possible. It is the ideal place for storing heavy material. The door of the lumber room should be in the north or east direction. It should be made of one shutter. Lumber room door can be of lesser height than other doors of the building. Though windows in the lumber room are not much required; it will be better to have one in the west direction.
Use dark grey or blue colour as wall paint. Grey colour represents earth element. We want articles stored here stable like earth. Avoid sing white and yellow colour. (This matter is from www.subhavaastu.com)These colours energize the room. Lumber is the place full of tamas energy. Energizing colours are required for places full of rajas energy. Avoid storing any watery element in this area. There should not be any dampness or cracks in the walls. The flooring should be even throughout. Uneven flooring is inauspicious. Any construction defect should be immediately repaired.
Lumber room is meant for storing dead articles. It is not a place for living, sleeping or such like other activities. Lumber rooms in the southwest accumulate negative energies of solar rays. People occupying this place during the daytime become quarrelsome, demonic and troublesome in the long run. Ultimately, benefits are lesser than he problems created. If sick persons are kept in this room death draws nearer. This area is full of tamas energy of Rahu, the sarpa. Avoid visiting lumber room in the afternoon, evening or night. (This matter is from www.subhavaastu.com) Heavy breathing in the lumber room may cause heaviness in the chest and uncomfortable feeling. Don’t keep your important documents, cash or jewellery in this room. No photographs or idols of gods are recommended here. Don’t burn any incense here. This is not the place for doing any auspicious work. Gossiping, laughing or talking loudly while standing in this room should be avoided. Such acts will curtail your happiness in life. There should not be any basement in this portion.
नमस्ते अगर मुख्य द्वार दक्षिण मे हो तो क्या करे।
आपके प्रश्न का समय मिलने पर में स्वयं उत्तेर देने का प्रयास करूँगा…
यह सुविधा सशुल्क हें…
आप चाहे तो मुझसे फेसबुक./ट्विटर/गूगल प्लस/लिंक्डइन पर भी संपर्क/ बातचीत कर सकते हे..
—-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री मेरा कोंटेक्ट नंबर हे–
– मोबाइल–.9669.90067 ,
–वाट्स अप -090.9390067 ,
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मेरा ईमेल एड्रेस हे..—-
– vastushastri08@gmail.com,
–vastushastri08@hotmail.com;
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Consultation Fee—
सलाह/परामर्श शुल्क—
For Kundali-2.00/- for 1 Person……..
For Kundali-5100/- for a Family…..
For Vastu 11000/-(1000 squre feet) + extra-travling,boarding/food..etc…
For Palm Reading/ Hastrekha–2500/-
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(A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—PUNB0419000;;; MIRC CODE—325024002
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(B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- 29960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH IFSC CODE—BARBOJHALRA;;; MIRC CODE—326012101
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Pt. DAYANAND SHASTRI, LIG- 2/217,
INDRA NAGAR ( NEAR TEMPO STAND),
AGAR ROAD, UJJAIN –M.P.–456006 –
– मोबाइल–09669290067 ,
–वाट्स अप -09039390067 ,