यदि चाहिए  आपको यश, कीर्ति और विजय तो घर में/के ऊपर  झंडा या पताका लगाये – —


सभी समुदाय में झंडा या पताका लगाने का विधान है पताका यश, कीर्ति, विजय एवं पराक्रम का प्रतीक है।जिस जगह पताका या झंडा फहरता है उसके वेग से नकरात्मक उर्जा दूर चली जाती है , हिन्दू समाज में अगर सभी घरो में स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ झंडा फहरेगा तो हिन्दू समाज का यश, कीर्ति, विजय एवं पराक्रम
दूर दूर तक फैलेगा , इसीलिए पहले के जमाने में जब युद्ध में या किसी अन्य कार्य में विजय प्राप्त होती थी तो ध्वजा फहराई जाती थी। ध्वजा का जहां सनातन धर्म में विशेष महत्व एवं आस्थ रही है वहीं ध्वज की छत्र छाया में हो रहे पर्यावरण की शुद्धिकरण से सभी को लाभ मिलेगा। शास्त्रों में भी ध्वजारोहण का विशेष महत्व बताया गया है झंडे या पताका आयताकार या तिकोना होता है जिस पर कुछ विशिष्ट धर्मो के चिन्ह बने होते हैं तथा जो किसी जाति, दल, राष्ट्र, संप्रदाय या समाज का प्रतीक चिन्ह होता है तथा जो भवनों, मंदिरों, आदि पर फहराया जाता है सभी का अपना -अपना पह्त्व है , घर पर ध्वजा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश तो होता ही है साथ ही घर को बुरी नजर भी नहीं लगती है। सभी हिन्दू घरो में अगर वायव्य कोण यानी उत्तर पश्चिम दिशा में झंडा या ध्वजा जरूर लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उत्तर-पश्चिम कोण यानी वायव्य कोण में राहु का निवास माना गया है। ध्वजा या झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर की सुख व समृद्धि बढ़ती है।
अतः सभी हिन्दू घरो में पीला, सिंदूरी , लाल या केशरिया रंग के कपडे पर स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ झंडा अवश्य लगाना चाहिए . आकार कोई मानशिक रूप से बीमार है तो मंदिर के ऊपर लहराता हुआ झंडा देखे . कई प्रकार के रोग का शमन  हो जाता है…

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