मेरे विचार…ज्योतिष,शिक्षा और प्यार के बारे में —-
|
” विचार “
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरू सुधारि !
बरनऊ रघुबर विमल जसु , जो दायकु फल चारि !! बुद्धिहीन तनु जानिके , सुमिरौ पवन कुमार ! बल बुद्धि विद्या देहु मोहि , हरहु कलेश विकार !! ” धर्म – ग्रंथ , जाति – वर्ग ! ” किसी पर भी मेरा कोई हस्तेक्षेप नही हैं और ना ही किसी आस्था या भावना को ठेस पहुचाने का प्रयास हैं . ये मेरे व्यक्तिगत/निजी विचार हैं . यदि फिर भी किसी को मेरे विचारो से कोई पीडा होती हैं या अपमान लगता हैं तो मुझे क्षमा करे !
धन्यवाद !
आज समाज में ज्योतिष का ज्ञान केवल अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने का माध्यम बन गया हैं . उसका कारण हैं , प्रत्येक व्यक्ति अत्याधिक महत्वकांक्षी होना . आज हर व्यक्ति किसी भी तरह अपनी अन्नत इच्छाओ की पुर्ति के लिये कोई भी मार्ग अपनाने को तैयार हैं . जिसका परिणाम ये हैं कि हम अत्याधिक आधुनिकता का आवरण धारण करने वाले बेहद डरपोक और निगेटिवविटी को धारण करने वाले बन गये हैं . सफलता के चक्कर में अंधविश्वास से घिरते जा रहे हैं . मेरा थोडा सा प्रयास ये हैं कि हम वास्तिवकता को समझे और साथ ही ये भी जाने की कोई भी ज्ञान या विद्या व्यर्थ नही होती हैं . बस हमे उसे ठीक से समझने और जानने का संपूर्ण प्रयास करना चाहिये .
आज की युवा नवयुवक – युवतियां हमारे पूर्वजो के संपूर्ण ज्ञान और विद्या को अंधविश्वास कहते हैं तो उसके जिम्मेदार हम सब हैं क्योकि कोई व्यक्ति , वस्तु या स्थितीया अचानक नही बदलती हैं , वो क्रम – बद्ध तरीके से परिवर्तित होती हैं लेकिन हम जब अचानक किसी चीज को बदलने की कल्पना करते हैं तो वहा अंधविश्वास का जन्म हो जाता हैं . आज ज्योतिष विज्ञान को लेकर अपने लाभ के लिये लोग इस विद्या का गलत प्रयोग कर रहे हैं . हम अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने के प्रयास में हम तंत्र – जादू – टोना एवं अनेक अकल्पनीय साधनो का सहारा लेना शुरू करते हैं और खुद ही परेशानियो और दुखो को धारण करते हैं . दुसरो के बारे में बुरा सोचना या करना ये ही दुखो की जड हैं . यदि कोई विद्या या साधन दुसरो को परेशान करने के लिये प्रयोग की जाती हैं तो वह स्वयं गलत सिद्ध हो हाती हैं . ज्योतिष विज्ञान हैं , प्रायोगिक हैं क्योकि ये ईश्वर की शक्ति प्रकृति के संचालन की गणना हैं . ना की अंधविश्वास या चमत्कार . हम जिस तरह प्रत्येक सुबह होते ही समय निर्धारित करते हैं कि संपूर्ण दिन में हम क्या कार्य किस समय करेंगे और हम अपना पूरा दिन अपने सभी कार्यो को पूरा करते हुये अच्छे से बिता लेते हैं . उसी प्रकार यदि हम अपने जीवन काल की उचित आयु अर्थात किस उम्र के समय में हमे किन बातो पर विशेष ध्यान देना चाहिये तो शायद अपने जीवन को आयु और सफलता के साथ आंनद ले सकते हैं क्योकि परिवर्तन का ज्ञान ही हमे सुरक्षा और सफलता दिला सकता हैं . उदाहरण के लिये यदि आप को केवल वर्ष का ज्ञान हो , दिन – सप्ताह या माह का ज्ञान ना हो तो क्या आप मौसम के बारे में या कब और क्या करना चाहिये ये जान पायेंगे , नही ना . अगर अचानक गर्मी की मौसम में तेज बारिश में ठंड लगे तो क्या आप मई – जून को दिसंबर – जनवरी समझेंगे , नही ना ये पल भर का परिवर्तन हैं . चमत्कार बस इतना ही होता हैं कि जिससे हम किसी भी अप्रकृति माध्यम से थोडी देर के लिये प्राप्त कर सकते हैं जो अवास्तविक काल्पनिक और धोखा देने वाला हैं . आज – कल तंत्र – जादू – टोना ज्योतिष में ही धोखा धाडी चल रही हैं . ” ग्रह ” का प्रभाव पृथ्वी और हमारे शरीर एवं जीवन पर समान रूप से पडता हैं क्योकि पृथ्वी और जीवो के शरीर का निर्माण पांच समान तत्वो से हुआ हैं. पृथ्वी भी सात रंगो से प्रभावित हैं और हमारा शरीर भी . ग्रह प्रभाव भी सात रंगो का होता हैं . हमारे ब्रह्मांड में सब कुछ गोलाकार हैं और घूम रहा हैं एवं सबको मालूम हैं कि जो भी वस्तु गोलाकार हो और घुमती हैं , उससे कुछ ना कुछ शक्ति अवश्य पैदा होती हैं और वो शक्ति हमे प्रभावित करती हैं . उस शक्ति का प्रभाव हमारी किस आयु में कितना पडता हैं और हम उस ग्रह शक्ति की पाजटिव एवं निगेटिव उर्जा का सही प्रयोग करके हम अच्छे और खराब समय को सही डंग से संचालन करके अपनी समस्याओ या दुखो को कम से कम करके या अधिक से अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं और हम सफलता उचित मार्ग दर्शन से ही प्राप्त कर सकते हैं . मेरा विचार हैं कि ज्योतिष केवल मार्ग दर्शन हैं , ना की निर्धारण . ज्योतिष के माध्यम से ही भविष्य जानना उचित नही हैं , क्योकि यदि आप की कल्पना के अनुसार नही हुआ तो आप में निगेटिव उर्जा पैदा करके आपको आलसी बनायेगा . यदि अकाल्प्निक हैं तो भय पैदा करके अवसाद/डिप्रेशन में ले जायेगा . अतः मेरा विचार हैं की :— ज्योतिष विद्या का प्रयोग हमे भूत या भविष्य के लिये ना करके वर्तमान की समस्याओ एवं सफलता के लिये करना चाहिये , इसलिये हम वर्तमान को ही सुधार/परफेक्ट कर सकते हैं क्योकि हम भूत काल में जा कर बीते हुए वक़्त को ठीक नही कर सकते हैं तो उसको जानने का क्या लाभ..???
इसी प्रकार हम भविष्य में पहुचेंगे या नही ..??? तो फिर भविष्य को जानने से क्या लाभ होगा ???. हम अपना संपूर्ण ज्ञान – सुविधा और साधनो का प्रयोग वर्तमान में करे , क्योकि प्रत्येक दिन वर्तमान बन कर हमे सफलता के लिये प्रेरित करता हैं . ” हम जितना भी समय – आयु अपने जीवन में पाते हैं वो वर्तमान ” , ” जो निकाल जाता हैं वो भूत काल ” , और ” जो आने वाला हैं वो कल्पना अर्थात भविष्य हम उसमे कुछ नही कर सकते हैं . ” लेकिन इसका मतलब ये नही है कि आप अपने लिए योजना ना बनाये , सपने ना देखे . ज्योतिष का अध्यातम वर्तमान के विज्ञान को जोड़ कर भविष्य के सपनो को अर्थात योजनाओ को सफल बनाने का मार्ग दर्शन है . मैंने आप को पहले बताया है कि हम प्रतिदिन समय के अनुसार कार्य करके अपने वर्तमान अर्थात उस दिन का अच्छा सा परिणाम ला सकते है . उसी प्रकार यदि आप अपने आयु के वर्ष के उपयोग को जान ले तो आप अपने पूर्ण जीवन का जो भी ईश्वर ने आप को आप के कर्मोनुसार दिया हो , सफलता प्राप्त कर सकते है . हम यही पर भूल कर बैठते है क्योकि हम इस अवस्था में ये नहीं समझ पाते है कि हम हमेशा इसी अवस्था में ही अनेक गलतिया करते है . उसका कारण भी प्राकृतिक है क्योकि इस अवस्था में हमारे शरीर में अनेक परिवर्तन आते है , सोच बदलती है और आजादी बढ जाती है तथा विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण पैदा होता है . हम इस सब से प्रभावित होते है और उसका आनंद लेना चाहते है . इस आनंद और आकर्षण से हम इतना प्रभावित हो जाते है कि हमारी शिक्षा पर इसका ख़राब असर पड़ने लगता है , जिसके कारण हमारा कैरियर प्रभावित होने लगता है . यही वो समय है जिसमे हमें सबसे ज्यादा गाइड लाइन की जरुरत होती है . हमें गाइड भी किया जाता है लेकिन केवल शिक्षा और व्यवसाय के बारे में . लेकिन इस उम्र का सबसे बड़ा आकर्षण दोस्ती अर्थात फ्रेंडशिप है जो की बढते – बढते प्यार , शादी और आत्महत्या या चरित्र हत्या या भाग कर विवाह करने तक पहुच जाता है . ” प्यार , दोस्ती और विश्वास का अटूट बंधन है , जिसका परिणाम फलतः शादी है .” इस युवा अवस्था में यदि इस व्यवहार को भी उचित गाइड लाइन के माध्यम से किया जाये तो आप निश्चित सफलता के उच्च शिखर को छू सकते है . ” प्यार डर के , छिपा कर केवल शारीरिक इच्छाओ के लिए किया जाये तो पाप होता है , इससे चरित्र हनन होता है तथा कैरियर और भविष्य दोनों ही बरबाद हो जाता है .
युवाओ को आमंत्रण है और उनका स्वागत है कि मेरे ब्लॉग पर आये . दोस्ती , प्यार , शादी और शिक्षा जैसे विषय पर ज्योतिष विज्ञान , अध्यात्म और दर्शन शास्त्र के माध्यम से अपनी समस्याओ का समाधान एवं मार्ग दर्शन प्राप्त करे और अपना कैरियर एवं भविष्य सुरक्षित करे . ” प्यार और दोस्ती , विश्वास है , पूजा – भक्ति एवं भगवान है .”
धन्यवाद !”इति शुभम भवतु” सभी का कल्याण हो ..!!!
सदेव आपका अपना—
पंडित दयानन्द शास्त्री…
(मोब. नंबर–. ..एवं . ..तथा . )
|