इन उपायों से होगा आपका जीवन सुखी/खुशहाल— 
वैवाहिक सुख के लिए :—
  कन्या का विवाह हो जाने के बाद उसके घर से विदा होते समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
पति पत्नी में कलेश दूर करने के लिए
   .. श्री गणेश जी और शक्ति की उपासना करे.
   .. सोते समय पूर्व की और सिरहाना होना चाहिए.
   .. चींटियों को शक्कर डालना चाहिए.
   4. भोजपत्र पर लाल कलम से पति का नाम लिख कर तथा ” हं हनुमंते नमः ” का 21 बार उच्चारण करे उसे शहद में अच्छी तरह से बंद कर के घर के किसी कोने में रख दे जहाँ पर किसी की दृष्टि न पढ़े द्य

धीरे धीरे कलहपूर्ण वातावरण दूर होगा.—
  कुछ परिवारों में सब कुछ होते हुए भी छोटी छोटी बातो में गृह कलेश होता रहता है द्य निम्न मंत्र का जाप पति या पत्नी में से कोई करे तो किसी एक को बुधि आ जायेगी और घर में शांति का वातावरण बनेगा —
  मंत्र –
   धं धिं धुम धुर्जते द्य पत्नी वां वीं बूम वाग्धिश्वरि द्य क्रं क्रीं क्रूं कालिका देवी द्य शं षीम शूं में शुभम कुरु.


यदि लड़की यह प्रयोग कर रही है तो पत्नी की जगह पति शब्द का उलेख़ करे.

   . प्रातः स्नान कर के काली या माँ दुर्गा के चित्र पर लाल पुष्प चढाये.

 घर की कलह को समाप्त करने का उपाय—-
     रोजाना सुबह जागकर अपने स्वर को देखना चाहिये, नाक के बायें स्वर से जागने पर फौरन बिस्तर छोड कर अपने काम में लग जाना चाहिये, अगर नाक से दाहिना स्वर चल रहा है तो दाहिनी तरफ बगल के नीचे तकिया लगाकर दुबारा से सो जाना चाहिये, कुछ समय में बायां स्वर चलने लगेगा, सही तरीके से चलने पर बिस्तर छोड देना चाहिये।
पति-पत्नी के बीच वैमनस्यता को दूर करने हेतु :—–
       . रात को सोते समय पत्नी पति के तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और पति पत्नी के तकिये में कपूर की २ टिकियां रख दें। प्रातः होते ही सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर फेंक दें तथा कपूर को निकाल कर उस कमरे जला दें।
पति को वश में करने के लिए :—
     1- यह प्रयोग शुक्ल में पक्ष करना चाहिए ! एक पान का पत्ता लें ! उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें ! फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें ! पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें ! और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय ! यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय ! पान का पता रोज नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो ! रोज प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें ! 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें ! शीघ्र समस्या का समाधान होगा !
    2- शनिवार की रात्रि में ७ लौंग लेकर उस पर २१ बार जिस व्यक्ति को वश में करना हो उसका नाम लेकर फूंक मारें और अगले रविवार को इनको आग में जला दें। यह प्रयोग लगातार ७ बार करने से अभीष्ट व्यक्ति का वशीकरण होता है।
    3- अगर आपके पति किसी अन्य स्त्री पर आसक्त हैं और आप से लड़ाई-झगड़ा इत्यादि करते हैं। तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत कारगर है, प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें। धूनी करने से पहले उस स्त्री का नाम लें और यह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्र ही छूट जाएं। श्रद्धा-विश्वास के साथ करने से निश्चिय ही आपको लाभ मिलेगा।
   4- शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर अपने पूजन स्थल पर आएं। एक थाली में केसर से स्वस्तिक बनाकर गंगाजल से धुला हुआ मोती शंख स्थापित करें और गंध, अक्षत पुष्पादि से इसका पूजन करें। पूजन के समय गोघृत का दीपक जलाएं और निम्नलिखित मंत्र का 1 माला जप स्फटिक की माला पर करें। श्रद्धा-विश्वास पूर्वक 1 महीने जप करने से किसी भी व्यक्ति विशेष का मोहन-वशीकरण एवं आकर्षण होता है। जिस व्यक्ति का नाम, ध्यान करते हुए जप किया जाए वह व्यक्ति साधक का हर प्रकार से मंगल करता है। यह प्रयोग निश्चय ही कारगर सिद्ध होता है।  

     मंत्र :- ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।श्श्
  5- जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल में फंस गये हों या आपस में प्रेम नहीं रखते हों, लड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूल बनाया जा सकता है।

  गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में १२ बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा।

ससुराल में सुखी रहने के लिए :—
    1- कन्या अपने हाथ से हल्दी की 7 साबुत गांठें, पीतल का एक टुकड़ा और थोड़ा-सा गुड़ ससुराल की तरफ फेंके, ससुराल में सुरक्षित और सुखी रहेगी।
    2- सवा पाव मेहंदी के तीन पैकेट (लगभग सौ ग्राम प्रति पैकेट) बनाएं और तीनों पैकेट लेकर काली मंदिर या शस्त्र धारण किए हुए किसी देवी की मूर्ति वाले मंदिर में जाएं। वहां दक्षिणा, पत्र, पुष्प, फल, मिठाई, सिंदूर तथा वस्त्र के साथ मेहंदी के उक्त तीनों पैकेट चढ़ा दें। फिर भगवती से कष्ट निवारण की प्रार्थना करें और एक फल तथा मेहंदी के दो पैकेट वापस लेकर कुछ धन के साथ किसी भिखारिन या अपने घर के आसपास सफाई करने वाली को दें। फिर उससे मेहंदी का एक पैकेट वापस ले लें और उसे घोलकर पीड़ित महिला के हाथों एवं पैरों में लगा दें। पीड़िता की पीड़ा मेहंदी के रंग उतरने के साथ-साथ धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी।

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