ईद मुबारक !!!!!
सभी मित्रों एवं शुभचिंतकों को ईद की बहुत-बहुत मुबारकबाद। अल्लाह से दुआ है कि यह ईद ना केवल हिंदुस्तान में बल्कि पूरे आलम में चैन-अमन एवं खुशियां लेकर आए……. आमीन!
इस दिन की तमन्ना और सेवेईयों की मिठास,
मुकद्दस और मुबारक हो रमज़ान की सौगात,
आएं गले मिलें और प्यार बांटते चलें,
रोज़ों की रहमतें हों और ईद मुबारक हो!
वैसे तो ईद का मतलब त्यौहार होता है और इस लिहाज़ से हर त्यौहार ईद ही कहलाएगा। चाहे वह यौम-ए-आज़ादी (स्वतत्रंता दिवस) हो अथवा दीपावली। मतलब अरबी में दीपों के त्यौहार को ईद-उल-दिवाली कहा जाएगा!
इस ईद है इसका नाम है ईद-उल-फित्र, यानी रमज़ान के पवित्र महीने के सभी रोज़े रखने की ख़ुशी मानाने का त्यौहार। यह ईद माह-ए-रमज़ान के बाद आती है और रोज़ेदारो के लिए तोहफा होती है। रमज़ान के महीने में रोज़े रखे जाते हैं जिनके द्वारा धैर्य, विन्रमता और अध्यात्म को आत्मसात किया जाता है।
ईद रमज़ान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर उसके अगले दिन चांद की पहली तारीख़ को मनाई जाती है। ईद मनाने का ख़ास मकसद रमज़ान मुबारक के दिन सभी आसमानी किताबो के नाज़िल होने और सभी महीने से ज्यादा फज़ीलत रखने की वजह से है। ईद के दिन मुसलमान भाई नए कपड़े पहनकर सुबह मस्ज़िद में ईद की नमाज़ अदा करते हैं। नमाज पढ़ने के बाद खजूर और दूध से अपना मुंह मीठा करते हैं और अल्लाह का शुक्र अदा कर करते हैं। यह कितना मुकद्दस महीना है यह बात इससे भी साबित होती है कि पंद्रह दिन के रोजों के बाद यह महसूस ही नही होता कि आगे के रोजे कैसे बीत गए। इस तरह से एक तरफ मुसलमानों को ईद की खुशी होती है और दूसरी तरफ यह मलाल भी होता है कि इतनी बरकत और फज़ीलतों का दिन कितनी जल्दी बीत गया। ईद बेहद खुशियों का दिन होता है। इस दिन सात समंदर पार के भाई रिश्तेदार भी एक जगह इकट्ठे होते हैं। ईद की नमाज़ अदा करने के बाद सभी एक दूसरे के गले लगते हैं और सिवईंयों से मुंह मीठा करते हुए ईद की दिली मुबारकबाद देते हैं।

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