हिमांशु शांगरी जी, सादर नमस्कार…
महोदय उक्त विषय पर आपका इमेल प्राप्त हुआ…
(These articles are my original works and they are published on my website www.astrologerpanditji.com and publishing them on your blogs without my consent is a clear Violation and Infringement of my Copyright content. Kindly remove all of my articles from your blogs within a period of 7 days to avoid any legal complications and lawsuits which may lead to heavy financial Compensations, banning of your blogs and other serious consequences.
Regards ..
Himanshu Shangari)
आपके इमेल के आभार/धन्यवाद/साधुवाद…
आपने मुझे ध्यान दिलवाया की उपरोक्त लेख आपके स्वरचित हें..ख़ुशी हुयी जानकर…
आपके आदेश/निर्देश अनुसार मेने– मिडिया क्लब ऑफ़ इण्डिया तथा मेरे ब्लॉग ” विनायक वास्तु टाईम्स” से उल्ट लेख हटा दिए/डिलीट कर दिए हे…
वेब दुनिया पर भी हटाने का प्रयास कर रहा हूँ जी..किन्तु सर्वर बहुत धीरे चल रहा हें/खुल नहीं रहा हें जी…
मेरा प्रयास होगा की में उसे आज ही यहाँ से हटा दूँ …
मुझे ख़ुशी होगी यदि मेरे किसी एनी ब्लॉग पर भी यदि आपका कोई लेख हो तो उसे भी हटा दिया जाये…
महोदय हे ब्लॉग मेने किसी नाम/प्रचार..या अन्य किसी लाभ हेतु नहीं बनाये हें…
केवल ज्योतिष/वास्तु/वेड विद्या/हस्तरेखा के प्रचार -प्रसार हेतु ही ये सब कुछ किया हें…
वेसे में एक वेद विद्यालय का सञ्चालन/मार्गदर्शन करता हूँ..जो की वर्न्दावन (उत्तर प्रदेश) में..यदि कभी आप वहां पधारें हो तो…अटल्ला चुंगी के निकट ही गोधुली पुरम में” संस्कृत छात्रावास” के नाम से हें..वहां पर श्री बनवारी लाला जी गोड़ बच्चो को दिशा निर्देश देते हें ..में तो केवल धन/फंड की व्यवस्था करता हूँ…यहाँ पर वेदों की शिक्षा निशुल की जाती हें…
मेने ३६ दफा रक्त दान किया हें..इस बार मोक्ष प्राप्त कर मुक्ति हेतु इश्वर से प्रार्थना करता रहता हूँ…
श्री मान जी, मेने यह कार्य एक मल्टी नेशनल मोबाईल कंपनी की नोकरी छोड़कर समाज सेवा के उद्देश्य से शुरू किया था..भगवान ने भी इस पुण्य कार्य में मेरी मदद/सहायता की …
आज मेरे भी स्वरचित लेख ( जिनको में हमारे ऋषि-मुनियों की झूटन मनाता हु..क्योकि असली कार्य तो उन्ही ने किया था…उन्ही लोगो ने..गृह;नक्षत्र.आदि विधी की जानकारी अनेक ग्रंथो के माध्यम से हमें दी )..कई पत्र-पत्रिकाओ में पिछले काफी समय से प्रकाशित हो रहे हें..मेने भी दिल्ली/जयपुर/इन्दोर ..कई स्थानों से प्रकाशित पत्र-पत्रिकाओ का संपादन/मार्ग दर्शन किया हें/कर रहा हूँ..
भगवान की दया से मेरे भी २-३ अख़बार प्रकाशित हो रहे हें…
महोदय यदि आप मेरे ब्लोग्स को ध्यान से देखेंगे तो..वहां मेने “संकलन” शब्द का प्रयोग किया हुआ हें..—- जेसे–
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स्वागत हे आप सभी का…इस ब्लॉग “विनायक वास्तु टाईम्स “में…..यहाँ आप पढ़ सकते हे …संकलन —वास्तु..लालकिताब..ज्योतिष…हस्तरेखा …कर्मकांड और मंत्र-तंत्र-यन्त्र …जेसे विषयों पर लेख ..जिन्हें कई विद्वान् और अनुभवी विभूतियों ने लिखा हे…आइये आपना ज्ञान बढाकर …समाज कल्याण कर पुण्य कमाइए…. (कृपया ध्यान दे–यहाँ प्रकाशित सभी लेख/रचनाएँ@कॉपी राईट के अंतर्गत आती हे..@सर्वाधिकार सुरक्षित हे )
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आप इस ब्लॉग””वास्तु प्रज्ञा”” पर वास्तु से सम्बंधित लेख ,वास्तु की भ्रांतियां और निवारण एवं साथ ही पढ़ पाएंगे…उपाय ,टोटके आदि की जानकारी!!!!आपकी समस्याओं ( मकान;दुकान फेक्ट्री;स्कुल.आदि की समस्या ) के निवारण हेतु सरल और आसन उपाय भी आपको यहाँ पर पढ़ने को मिलेंगे…यह एक प्रकार का संकलन हे अनेक विद्वान् वास्तुविदों के शोध और अनुभवों का..
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आप इस ब्लॉग””ज्योतिष प्रज्ञा”” पर आधुनिक एवं पुरातन ज्योतिष का मिला जुला संगम देख और साथ ही पढ़ पाएंगे..उपाय,टोटके,मन्त्र आदि की जानकारी!!!!आपकी समस्याओं (विवाह बाधा / देरी,नोकरी,व्यवसाय,परिवार,पति-पत्नी,पढाई,करियर आदि) के निवारण हेतु सरल और आसन उपाय भी आपको यहाँ पर पढ़ने को मिलेंगे…यह एक प्रकार का संकलन हे अनेक विद्वान् ज्योतिर्विदों के शोध और अनुभवों का..
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सभी ब्लोग्स के निचे/अंत में स्पष्टीकरण भी दिया हुआ हें की ये एक संकलन हें …अनेक विद्वानों का…यदि किसी को आपत्ति हो तो सूचित करें जेसा की आपने किया…आपका पुनः..आभार धन्यवाद..यदि मेरे किसी और अन्य ब्लॉग पर भी आपकी कोई सामग्री प्रकाशित हो तो सुचत करें उसे भी हटा दिया जायेगा…
### महोदय इस विद्या में माध्यम से जो भी धन/पैसा में कमाता हूँ वह सर–वृन्दावन के उस वेद विद्यालय को जाता हें..मेरे सभी ब्लोग्स/फेसबुक/ऑरकुट ..अन्य सभी जगह के खतों पर मेरे प्रोफाईल के साथ मेरी फ़ीस/दक्षिणा ..भी लिखी हुयी हें…
## मेरा आपसे निवेदन हें की यदि आप भी इस नेक/पुण्य कार्य मेरी किसी प्रकार की सहायता कर सकें तो आपका आभारी/ऋणी/कृतग्य रहूँगा….
## एक और निवेदन हें की आप मेरे लेख यदि कही प्रयोग करना चाहे ..तो आप जेसे चाहें उन्हें उस/प्रयोग कर सकते हें..
क्यों की उनमे तो मेरा तो कुछ भी योगदान नहीं हें न…मेने जो कुछ भी बुक्स /किताबों में पढ़ा ( साधू-संतों और अन्य विद्वानों का लिखा हुआ..जिसे पढ़कर मेने थोडा -बहुत ज्ञान प्राप्त किया ..उसे में अपना तो नहीं कह/बता सकता हूँ न..!!!! ———————————————————————————–
आपका पुनः आभार/धन्यवाद/साधुवाद की आपने मुझे ध्यान दिलाकर आपके स्वरचित/कोपी राईट लेखो की तरफ ध्यान दिलवाया..दो जगह से हटा चूका हूँ आप देख लीजियेगा….
अन्य लिंक भी सलग्न हे..अन्य किसी स्थान पर गड़बड़/त्रुटी हो तो आदेश करें…
आपके सहयोग की प्रतीक्षा में—
पंडित दयानन्द शास्त्री…
I am Vedic Astrologer,Vastu Expert and Palmist. According to Pt. Dayananda Shastri::–
astrology is a way to reduce the adverse effects of planet in our future life with the help of Jap , Tap , Mantra , Donations , Wearing Gemstones and other such charitable measures . Remedies performed with the deep devotion and faith will certainly help to reduce the adverse effects of a planet and will attract piousness and prosperity in life . Planetes According to us are the representatives of god and are created to purify the jeevatama (human being )by way of giving suffering/enjoyment according to their previous deeds . To reduce the bad effects of planets in our life we must consult a learned astrologer who has the knowledge to remedies to satisfy a particular planet. One can perform the remedies as advised by a vedic astrologer to avoid any problem in future .——-
कैसा होगा आपका जीवन साथी? घर कब तक बनेगा? नौकरी कब लगेगी? संतान प्राप्ति कब तक?, प्रेम विवाह होगा या नहीं?वास्तु परिक्षण , वास्तु एवं ज्योतिषीय सामग्री जैसे रत्न, यन्त्र के साथ साथ हस्तरेखा परामर्श सेवाएं भी उपलब्ध हें.
ज्योतिष समबन्धी समस्या, वार्ता, समाधान या परामर्श के लिये मिले अथवा संपर्क करें :-
प. दयानंद शास्त्री,
मोब.-.97.160179.,
-.(RAJ.),
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Contact No. : . .
Postal / Communication Address :
Pt. Dayananda Shastri,
(Editor- Vinayak Vastu Times )
(R.N.I. No.:- RAJHIN/.008/25671)
Vinayak vastu Astro Shodha Sansthan,
Near Old Power House, Kasera Bazar,
JHALRAPATAN CITY (RAJ.) .26023 INDIA
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पंडित दयानंद शास्त्री,
इन्डियन एस्ट्रो वास्तु सेण्टर,
6226/1, गली नंबर-4, अग्रवाल पेठे वाले के पास में,
इस्ट रोहताश नगर ,
शाहदरा, दिल्ली-110032
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E-Maii:- vastushastri08@gmail.com;vastushastri08hotmail.com;
-dayanandashastri@yahoo.com; vastushastri08@rediffmail.com;
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My Blogs & Websites—-Blogs– 1.- http://vinayakvaastutimes.apnimaati.com/?m=1/;;;;
— 2.- https://vinayakvaastutimes.wordpress.com/?m=1//;;;
— 3.-
http://vinayakvaastutimes.mywebdunia.com/?m=1/;;;;
—4.- http://www.mediaclubofindia.com/profile/PtDAYANANDASHASTRI ;;;;;///
—5.–http://vaastupragya.blogspot.com/?m=1
—6.–http://jyoteeshpragya.blogspot.com/?m=1…;;;
—7.—http://vinayak.merabhavishya.in/..;;;
—8.—http://www.vinayakvastutimes.webs.com/…;;;;..;;;;
प्रिय मित्रो. आप सभी मेरे ब्लोग्स पर जाकर/ फोलो करके – शेयर करके – जानकारी प्राप्त कर सकते हे—- नए लेख आदि भी पढ़ सकते हे….. धन्यवाद…प्रतीक्षारत.
पंडित दयानंद शास्त्री जी
आपके दान पूण्य से जन कल्याण हो यहं एक आनंद एवं प्रसन्नता की बात हैं।
आपश्री .-. अखबार के प्रकाशक हैं, व अन्य पत्र-पत्रिकाओ का संपादन/मार्ग दर्शन करते आरहे हैं।
लेकिन जन कल्याण एवं समाज सेवा का तरीका उचित या अनुचित हैं। उस पर गौर करना अनिवार्य हैं।
किसी लेखक द्वारा लिखा गया लेख चाहें वहं विद्वान ॠषि-मुनियों द्वारा प्राप्त ज्ञान का हिस्सा हो। उस लेख को लिखने में लेखक का बहुमूल्य समय, श्रम, अर्थ इत्यादि का भी योगदान होता हैं। उस लेखक के बहुमूल्य समय, श्रम, अर्थ की अवहेलना कर उस लेख को अपने नाम से प्रकाशित करना यहं कहां की लोकसेवा, जनसेवा, समाज कल्याण हैं?, यहं एक सभ्य एवं आदर्श समाज, वैदिक सभ्य संस्कृति में यहं पूर्णतः अनुचित एवं नीम्न श्रेणीका कार्य सिद्ध हो सकता हैं।
अतः आपके इस पूण्य कार्य लोकसेवा, जनसेवा, समाज कल्याण करने हेतु जिस लेखक का यहं लेख हो, जहां से लेख लिया जाये उस लेख को उस लेखक के नाम के साथ जहां से लेख लिया हैं उस लिंक का स्त्रोत प्रकाशित करना चाहिए। जिस्से आपत्ति-विपत्ति की संभावना नगण्य रहा जाए।
धन्यवाद
यदि लेखके नाम व जहां से लेख प्राप्त किया गया हो उस स्त्रोत (Link) को भी प्रकासित करने के मेरें मत/विचार से यदि आपको आपत्ति हो तो पूनः सूचित करें। मेरा प्रयास आपका पूर्ण मार्गदर्शन करने का रहेगा।