क्या होगा यदि ईशान कोण में हें वास्तु दोष आपका घर में ????–
स्त्री हो या पुरुष आज के भौतिक युग में एक फैशन सा हो गया है कि लोग उन्हे जाने, पहचाने, मान दे, सम्मान दें अर्थात् हर व्यक्ति चाहता है एक यथोचित प्रसिद्धि।
लोगों मे योग्यता भी होती है, अवसर भी मिलते हैं, प्रयास भी किए जाते हैं परन्तु सबके बावजू़द सफलता नही मिल पाती या कम मिलती है इस कारण कभी-कभी लोग निराश भी हो जाते हैं, कि पूरी मेहनत के बाद भी यथोचित उपलब्धि क्यों नही मिल पा रही है, इन अड़चनो को और मार्ग की बाधाओं को सरल बनाता है घर में वास्तु के अनुसार थोड़ा-बहुत हेर-फेर ।
यदि कोई व्यक्ति भारतीय वास्तुशास्त्र के नीचे लिखे नियमों का पालन अपने निवास स्थान, व्यवसाय स्थल या आफीस मे करे तो वह अपने जीवन मे यथोचित प्रसिद्धि पा सकता है—-
## निवास एवं व्यवसाय स्थल की उत्तर, पूर्व एवं ईशान दिशा का दबी, कटी एवं गोल होना काफी अशुभ होता है जबकि इसका बड़ा होना बहुत शुभ होता है। अतः यदि दबी, कटी या गोल हो तो इन्हे ठीक करवाकर समकोण करना चाहिये।
## भवन के उत्तर, पूर्व एवं ईशान में भुमिगत पानी की टंकी, कुआ या बोर होना बहुत शुभ होता है। इससे आर्थिक सम्पन्नता के साथ-साथ प्रसिद्धि भी मिलती है।
उपरोक्त दिशाओं के अलावा अन्य किसी भी दिशा में होना अशुभ होता है। भवन के मध्य मे तो किसी भी प्रकार का गढ्ढा, कुआ, बोरींग इत्यादि होने से गृहस्वामी पर भयंकर आर्थिक संकट एवं अपयश मिलता है। अतः इसको जितना जल्दी हो सके भर देना चाहिये।
##यदि आप ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में बेडरूम बनाएंगे तो इस कमरे में सोने वाला कम से कम आठ-दस घंटे तो यहां बिताएगा ही।
## किसी भी व्यक्ति के लिए ऊर्जा से परिपूर्ण इस क्षेत्र में इतने लंबे समय तक रहने का मतलब है खुद का नुकसान। क्योंकि इस जगह पर किसी को भी इतनी देर नहीं रहना चाहिए।
## यदि आपने यह कमरा अपने बेटे को दिया है तो संभव है उस पर मोटापा हावी हो जाए। जिसके परिणामस्वरूप वह सुस्त और ढीला हो जाएगा। इससे उसमें हीन भावना आ जाएगी।
## अगर बेटी को यह कमरा दिया गया है तो वह चिड़चिड़े स्वभाव की और झगड़ालू हो जाएगी। इतना ही नहीं, उसे कम उम्र में ही स्त्री रोगों से जुड़ी समस्याएं भी झेलना पड़ सकती हैं।
## किसी दंपत्ति का बेडरूम बनाने के लिए ईशान कोण अशुभ फलदायी जगह है। किसी नव विवाहित दंपत्ति को तो भूलकर भी ईशान कोण में अपना बेडरूम नहीं बनाना चाहिए।
## नवविवाहिता अगर ईशान कोण पर बने बेडरूम में रहती है तो यह निश्चित है कि या तो वह गर्भधारण ही नहीं कर पाएगी या उसे बार-बार गर्भपात का शिकार होना पड़ेगा।
## ईशान कोण पर बने बेडरूम में सोने वाले दंपतियों को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक तरह की कठिनाइयां झेलना पड़ सकती हैं।
##आवासीय भवन में ड्रांइग रूम के लिए पूर्व , उत्तर एंव ईशान कोण का क्षेत्र उचित है। ईशान कोण में अधिक से अधिक स्थान खाली रखें। अन्यथा पूर्व और उत्तर दिशा के क्षेत्र को खाली या हल्के रखें। उत्तर एंव पूर्व दिशा की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि के लिए इन दिशाओं में बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ अथवा स्लाइडिंग दरवाजों का प्रावधान रखें।
## निवास एवं व्यवसाय स्थल का उत्तर, ईशान व पूर्व का भाग दक्षिण, नैऋत्य व पश्चिम के मुकाबले नीचा होना चाहिये।
## निवास एवं व्यवसाय स्थल के मुख्य द्वार के सामने द्वार वैध नही होना चाहिये जैसे बिजली का खम्बा, स्तम्भ, वृक्ष, खुली नाली या कोई सामने के भवन का धारदार कोना इत्यादि।
## व्यक्ति को अफीस या घर मे कही पर भी लटकती बीम या टँाट के नीचे बैठना या लेटना नहीं चाहिये।
## ईशान कोण मे टायलेट होने से पैसा फ्लश होता है स्वास्थ्य खराब होता है और अपयश मिलता है।
## ईशान क्षेत्र में कभी भी बच्चों का बेडरूम न बनाएं। अगर आप ने यहां पूजा घर नहीं बनाया है तो यहां बच्चों के लिए स्टडी रूम बना सकते हैं।
Sapne me hira milte dekha kya matlab hi
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-पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री.
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Sapne me chhakko ke sat khana khans ka kya matlab h krapya much bataye