रखें शादी के समय इन बातों का ध्यान—
जानें किस लड़की से करें शादी, जो रहेगी आपके लिए लकी—
क्या आप यकीन करेंगे कि कोई लड़की आपके लिए लकी है और उससे शादी करके आपकी किस्मत खुल जाएगी? जी हां ऐसा हो सकता है र्सिफ ज्योतिष की सहायता से।
ज्योतिष की सहायता से आपकी राशि और लड़की राशि में मित्रता और भाग्य का विचार किया जाता है और मित्रता का विचार कर के अगर शादी की जाए तो वो लड़की आपके लिए लकी होगी और शादी के बाद आपकी किस्मत बदल जाएगी।
ज्योतिष की सहायता से आपकी राशि और लड़की राशि में मित्रता और भाग्य का विचार किया जाता है और मित्रता का विचार कर के अगर शादी की जाए तो वो लड़की आपके लिए लकी होगी और शादी के बाद आपकी किस्मत बदल जाएगी।
मेष- इस राशि के लड़कों की प्रकृति कुछ उग्रता लिए होती है। ये कुछ जिद्दी स्वभाव के होते हैं। इसलिए इस राशि के लिए तुला राशि की जीवन संगिनी सबसे अच्छी होती है।
वृष- वृष राशि वाले शांत प्रकृति के होते हैं। इनकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अच्छी होती है इसलिए इनके लिए वृश्चिक राशि की महिलाएं लकी होती हैं
मिथुन- धनु राशि की महिलाएं मिथुन राशि वालों को गलत रास्ते पर जाने से रोकती हैं। धनु राशि की लड़कियां इस राशि वालों से हमेशा सच्चा रिश्ता निभाती हैं।
कर्क- कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है और इस राशि के लड़के अच्छा और मीठा बोलने वाले होते हैं। मकर राशि की महिलाएं और लड़कियां कर्क राशि के लड़कों से बहुत अच्छी तरह रिश्ते निभाती हैं इस राशि की महिलाएं हमेशा सच्चे दिल और दिमाग के साथ रिश्ते निभाती हैं।
सिंह- इस राशि के लड़के आत्मविश्वास से भरे होते हैं लेकिन इन्हें बहुत गुस्सा आता है। इनके जीवन में कुंभ राशि की महिलाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये इनके लिए लकी होती है।
कन्या- कन्या राशि वालों के लिए वृष राशि की महिलाएं और लड़कियां शुभ होती है। इस राशि के लोगों को वृष राशि की लड़कियों और महिलाओं से अच्छा सहयोग तो मिलता ही है साथ ही इस राशि की महिलाओं से कन्या राशि वाले लोग भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं।
तुला- तुला राशि वाले लड़के मेष राशि की लड़कियों से प्रभावित होते हैं। इस राशि के लड़के सम मस्तिष्क वाले होते हैं और मेष राशि की महिलाएं-लड़कियां खुद को बदल कर इस राशि वालो को सहयोग करती हैं।
वृश्चिक- वृश्चिक राशि के लोगों में आत्मविश्वास कुछ कम होता है क्योंकि वृश्चिक राशि वालों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ होता है। वृष राशि वालों के लिए चंद्रमा शुभ फल देने वाला होता है इसलिए वृष राशि की महिलाएं अपने शुभ चंद्र प्रभाव से मां, भाभी, बहन या एक अच्छी दोस्त क रूप में इस राशि वालों का मनोबल और विश्वास बढ़ाती हैं।
धनु- इस राशि के लोग स्त्री पक्ष को अधिक महत्व देने वाले होते है। जीवन के प्रति धनु राशि और मिथुन राशि वालों का नजरीया एक जैसा होता है। इस राशि के लोगों को मिथुन राशि की महिलाएं बहुत सहयोग करती है।
मकर- मकर राशि वाले स्वभाव से कुछ कठोर होते हैं। मकर राशि वालों को भावनात्मक सहयोग और मानसिक सहयोग कर्क राशि की महिलाएं देती हैं। कर्क राशि की महिलाएं जीवन की हर परिस्थिति में इस राशि वालों का साथ देती हैं।
कुंभ- सिंह राशि की महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में इस राशि वालों के साथ रहती हैं। सिंह राशि की महिलाएं अपने भाग्य से इस राशि वालों का भाग्योदय भी करती हैं।
मीन- मीन राशि वालों के जीवन में कन्या राशि की महिलाएं बहुत ही महत्वपूर्ण होती है कन्या राशि की महिलाएं इस राशि वालों के लिए लकी साबित होती है।
वृष- वृष राशि वाले शांत प्रकृति के होते हैं। इनकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अच्छी होती है इसलिए इनके लिए वृश्चिक राशि की महिलाएं लकी होती हैं
मिथुन- धनु राशि की महिलाएं मिथुन राशि वालों को गलत रास्ते पर जाने से रोकती हैं। धनु राशि की लड़कियां इस राशि वालों से हमेशा सच्चा रिश्ता निभाती हैं।
कर्क- कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है और इस राशि के लड़के अच्छा और मीठा बोलने वाले होते हैं। मकर राशि की महिलाएं और लड़कियां कर्क राशि के लड़कों से बहुत अच्छी तरह रिश्ते निभाती हैं इस राशि की महिलाएं हमेशा सच्चे दिल और दिमाग के साथ रिश्ते निभाती हैं।
सिंह- इस राशि के लड़के आत्मविश्वास से भरे होते हैं लेकिन इन्हें बहुत गुस्सा आता है। इनके जीवन में कुंभ राशि की महिलाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये इनके लिए लकी होती है।
कन्या- कन्या राशि वालों के लिए वृष राशि की महिलाएं और लड़कियां शुभ होती है। इस राशि के लोगों को वृष राशि की लड़कियों और महिलाओं से अच्छा सहयोग तो मिलता ही है साथ ही इस राशि की महिलाओं से कन्या राशि वाले लोग भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं।
तुला- तुला राशि वाले लड़के मेष राशि की लड़कियों से प्रभावित होते हैं। इस राशि के लड़के सम मस्तिष्क वाले होते हैं और मेष राशि की महिलाएं-लड़कियां खुद को बदल कर इस राशि वालो को सहयोग करती हैं।
वृश्चिक- वृश्चिक राशि के लोगों में आत्मविश्वास कुछ कम होता है क्योंकि वृश्चिक राशि वालों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ होता है। वृष राशि वालों के लिए चंद्रमा शुभ फल देने वाला होता है इसलिए वृष राशि की महिलाएं अपने शुभ चंद्र प्रभाव से मां, भाभी, बहन या एक अच्छी दोस्त क रूप में इस राशि वालों का मनोबल और विश्वास बढ़ाती हैं।
धनु- इस राशि के लोग स्त्री पक्ष को अधिक महत्व देने वाले होते है। जीवन के प्रति धनु राशि और मिथुन राशि वालों का नजरीया एक जैसा होता है। इस राशि के लोगों को मिथुन राशि की महिलाएं बहुत सहयोग करती है।
मकर- मकर राशि वाले स्वभाव से कुछ कठोर होते हैं। मकर राशि वालों को भावनात्मक सहयोग और मानसिक सहयोग कर्क राशि की महिलाएं देती हैं। कर्क राशि की महिलाएं जीवन की हर परिस्थिति में इस राशि वालों का साथ देती हैं।
कुंभ- सिंह राशि की महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में इस राशि वालों के साथ रहती हैं। सिंह राशि की महिलाएं अपने भाग्य से इस राशि वालों का भाग्योदय भी करती हैं।
मीन- मीन राशि वालों के जीवन में कन्या राशि की महिलाएं बहुत ही महत्वपूर्ण होती है कन्या राशि की महिलाएं इस राशि वालों के लिए लकी साबित होती है।
ना करें ..ऐसी सुंदर लड़की से शादी ,क्योंकि…—–
विवाह या शादी को जीवन का महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। सामान्यत: हर इंसान का विवाह अवश्य होता है। विवाह के बाद वर-वधु के साथ दोनों के परिवारों का जीवन बदलता है। इसी वजह से शादी किससे की जाए, इस संबंध में सावधानी अवश्य रखी जाती है।
कैसी लड़की से विवाह करना चाहिए और कैसी लड़की से नहीं, इस संबंध में आचार्य चाणक्य बताया है कि-
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।
आचार्य चाणक्य कहते हैं समझदार मनुष्य वही है जो विवाह के लिए नारी की बाहरी सुंदरता न देखते हुए मन की सुंदरता देखे। यदि कोई उच्च कुल की कुरूप कन्या सुंस्कारी हो तो उससे विवाह कर लेना चाहिए। जबकि कोई सुंदर कन्या यदि संस्कारी न हो, अधार्मिक हो, नीच कुल की हो, जिसका चरित्र ठीक न हो तो उससे किसी भी परिस्थिति में विवाह नहीं करना चाहिए। विवाह हमेशा समान कुल में शुभ रहता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार समझदार और श्रेष्ठ मनुष्य वही है जो उच्चकुल में जन्म लेने वाली सुसंस्कारी कुरूप कन्या से विवाह कर लेता है। विवाह के बाद कन्या के गुण ही परिवार को आगे बढ़ाते हैं। जबकि सुंदर नीच कुल में पैदा होने वाली कन्या विवाह के बाद परिवार को तोड़ देती है। ऐसे लड़कियों का स्वभाव व आचरण निम्न ही रहता है। जबकि धार्मिक और ईश्वर में आस्था रखने वाली संस्कारी कन्या के आचार-विचार भी शुद्ध होंगे जो एक श्रेष्ठ परिवार का निर्माण करने में सक्षम रहती है।
कौन है आचार्य चाणक्य?
आचार्य चाणक्य तक्षशिला के गुरुकुल में अर्थशास्त्र के आचार्य थे लेकिन उनकी राजनीति में गहरी पकड़ थी। संभवत: पहली बार कूटनीति का प्रयोग आचार्य चाणक्य द्वारा ही किया गया था। जब उन्होंने सम्राट सिकंदर को भारत छोडऩे पर मजबूर कर दिया। इसके अतिरिक्त कूटनीति से ही उन्होंने चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट भी बनाया। आचार्य चाणक्य द्वारा श्रेष्ठ जीवन के लिए चाणक्य नीति ग्रंथ रचा गया है। इसमें दी गई नीतियों का पालन करने पर जीवन में सफलाएं अवश्य प्राप्त होती हैं।
कैसी लड़की से विवाह करना चाहिए और कैसी लड़की से नहीं, इस संबंध में आचार्य चाणक्य बताया है कि-
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।
आचार्य चाणक्य कहते हैं समझदार मनुष्य वही है जो विवाह के लिए नारी की बाहरी सुंदरता न देखते हुए मन की सुंदरता देखे। यदि कोई उच्च कुल की कुरूप कन्या सुंस्कारी हो तो उससे विवाह कर लेना चाहिए। जबकि कोई सुंदर कन्या यदि संस्कारी न हो, अधार्मिक हो, नीच कुल की हो, जिसका चरित्र ठीक न हो तो उससे किसी भी परिस्थिति में विवाह नहीं करना चाहिए। विवाह हमेशा समान कुल में शुभ रहता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार समझदार और श्रेष्ठ मनुष्य वही है जो उच्चकुल में जन्म लेने वाली सुसंस्कारी कुरूप कन्या से विवाह कर लेता है। विवाह के बाद कन्या के गुण ही परिवार को आगे बढ़ाते हैं। जबकि सुंदर नीच कुल में पैदा होने वाली कन्या विवाह के बाद परिवार को तोड़ देती है। ऐसे लड़कियों का स्वभाव व आचरण निम्न ही रहता है। जबकि धार्मिक और ईश्वर में आस्था रखने वाली संस्कारी कन्या के आचार-विचार भी शुद्ध होंगे जो एक श्रेष्ठ परिवार का निर्माण करने में सक्षम रहती है।
कौन है आचार्य चाणक्य?
आचार्य चाणक्य तक्षशिला के गुरुकुल में अर्थशास्त्र के आचार्य थे लेकिन उनकी राजनीति में गहरी पकड़ थी। संभवत: पहली बार कूटनीति का प्रयोग आचार्य चाणक्य द्वारा ही किया गया था। जब उन्होंने सम्राट सिकंदर को भारत छोडऩे पर मजबूर कर दिया। इसके अतिरिक्त कूटनीति से ही उन्होंने चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट भी बनाया। आचार्य चाणक्य द्वारा श्रेष्ठ जीवन के लिए चाणक्य नीति ग्रंथ रचा गया है। इसमें दी गई नीतियों का पालन करने पर जीवन में सफलाएं अवश्य प्राप्त होती हैं।
जिनकी पत्नी ऐसी हो, उस पति का जीवन स्वर्ग है…–
विवाह या शादी एक अनिवार्य संस्कार है। सामान्यत: सभी के जीवन में यह अवसर अवश्य ही आता है। इस अवसर के बाद केवल दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। विवाह के बाद का जीवन कैसा रहेगा? यह बताना काफी मुश्किल होता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की पत्नी आज्ञाकारी है, सर्वगुण संपन्न है, अपने पति और परिवार का ध्यान रखने वाली है, ईश्वर में श्रद्धा रखने वाली है तब तो उसका जीवन स्वर्ग के समान ही रहेगा।
वहीं यदि व्यक्ति की पत्नी पति की सही बात भी न मानते हुए खुद की बातें मनवाती है, जो स्त्री अपने ससुराल के सदस्यों का मान-सम्मान नहीं करती है, जो पत्नी गृह कार्य में दक्ष नहीं है वहां अक्सर क्लेश और कलह का वातावरण रहता है। इसके अलावा जो स्त्रियां धर्म से विमुख हैं उस घर में सुख नहीं रहता है। ऐसी पत्नी के पति का जीवन नर्क के समान ही होता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की पत्नी आज्ञाकारी है, सर्वगुण संपन्न है, अपने पति और परिवार का ध्यान रखने वाली है, ईश्वर में श्रद्धा रखने वाली है तब तो उसका जीवन स्वर्ग के समान ही रहेगा।
वहीं यदि व्यक्ति की पत्नी पति की सही बात भी न मानते हुए खुद की बातें मनवाती है, जो स्त्री अपने ससुराल के सदस्यों का मान-सम्मान नहीं करती है, जो पत्नी गृह कार्य में दक्ष नहीं है वहां अक्सर क्लेश और कलह का वातावरण रहता है। इसके अलावा जो स्त्रियां धर्म से विमुख हैं उस घर में सुख नहीं रहता है। ऐसी पत्नी के पति का जीवन नर्क के समान ही होता है।
उपाय ये भी हें—लड़का हो या लड़की एक चुटकी हल्दी जल्दी करा सकती है शादी, क्योंकि……
शादी को लड़के और लड़की के लिए दूसरा जन्म माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार विवाह एक अनिवार्य संस्कार है। मनुष्य जीवन के .6 मुख्य संस्कार माने गए हैं, इनमें से विवाह सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है। वैसे तो काफी लोगों के जीवन में विवाह का समय अवश्य ही आता है लेकिन कुछ लोगों को इसके लिए काफी इंतजार करना पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार विवाह के संबंध में कारक ग्रह गुरु को माना गया है। गुरु की स्थिति के अनुसार व्यक्ति का विवाह जल्दी या देर से होता है। यदि किसी लड़के या लड़की की शादी में विलंब हो रहा है और इसकी वजह कुंडली में गुरु की अशुभ स्थिति है तो यह उपाय अपनाएं।
गुरु के दोषों को दूर करने के लिए लड़का हो या लड़की दोनों को प्रति गुरुवार नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करना चाहिए। ऐसा प्रति गुरुवार किया जाना चाहिए। इस उपाय से गुरु के दोष समाप्त होने लगते हैं। गुरु दोष समाप्त होने के बाद जल्दी ही विवाह के योग बनते हैं। रिश्ते आना शुरू हो जाते हैं और जल्दी ही विवाह भी हो जाता है। गुरु ग्रह के दोष दूर करने के लिए हल्दी के उपाय सटीक माने गए हैं।
ज्योतिष के अनुसार विवाह के संबंध में कारक ग्रह गुरु को माना गया है। गुरु की स्थिति के अनुसार व्यक्ति का विवाह जल्दी या देर से होता है। यदि किसी लड़के या लड़की की शादी में विलंब हो रहा है और इसकी वजह कुंडली में गुरु की अशुभ स्थिति है तो यह उपाय अपनाएं।
गुरु के दोषों को दूर करने के लिए लड़का हो या लड़की दोनों को प्रति गुरुवार नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करना चाहिए। ऐसा प्रति गुरुवार किया जाना चाहिए। इस उपाय से गुरु के दोष समाप्त होने लगते हैं। गुरु दोष समाप्त होने के बाद जल्दी ही विवाह के योग बनते हैं। रिश्ते आना शुरू हो जाते हैं और जल्दी ही विवाह भी हो जाता है। गुरु ग्रह के दोष दूर करने के लिए हल्दी के उपाय सटीक माने गए हैं।